*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- चार मोमबत्तियां*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 06/12/2024, शुक्रवार*
पंचमी, शुक्ल पक्ष,
मार्गशीर्ष
(समाप्ति काल)
तिथि———– पंचमी 12:07:14 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———– श्रवण 17:17:25
योग————- ध्रुव 10:41:52
करण———- बालव 12:07:14
करण———- कौलव 23:38:50
वार———————- शुक्रवार
माह——————— मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि—— मकर29:05:55
चन्द्र राशि—————- कुम्भ
सूर्य राशि—————- वृश्चिक
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————– 06:57:34
सूर्यास्त————— 17:23:11
दिन काल———— 10:25:37
रात्री काल————–13:35:05
चंद्रोदय————– 11:12:44
चंद्रास्त—————- 22:11:41
लग्न—वृश्चिक 20°13′ , 230°13′
सूर्य नक्षत्र—————– ज्येष्ठा
चन्द्र नक्षत्र—————— श्रवण
नक्षत्र पाया——————- ताम्र
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
खे—- श्रवण 11:21:20
खो—- श्रवण 17:17:25
गा—- धनिष्ठा 23:12:16
गी—- धनिष्ठा 29:05:55
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= वृश्चिक 20°45, ज्येष्ठा 2 या
चन्द्र=मकर 17°30 , श्रवण 3 खे
बुध =वृश्चिक 20°52 ‘ ज्येष्ठा 2 या
शु क्र= मकर 04°05, उ oषा०’ 3 जा
मंगल=कर्क 11°30 ‘ पुष्य ‘ 3 हो
गुरु=वृषभ 22°30 रोहिणी, 4 वू
शनि=कुम्भ 18°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 08°45 उo भा o, 2 थ
केतु= (व)कन्या 08°45 उ o फा o 4 पी
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 10:52 – 12:10 अशुभ
यम घंटा 14:47 – 16:05 अशुभ
गुली काल 08:16 – 09: 34अशुभ
अभिजित 11:50 – 12:31 शुभ
दूर मुहूर्त 09:03 – 09:44 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:31 – 13:13 अशुभ
वर्ज्यम 21:14 – 22:49 अशुभ
प्रदोष 17:23 – 20:09 शुभ
🚩पंचक ¹ 29:06* – अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
चर 06:58 – 08:16 शुभ
लाभ 08:16 – 09:34 शुभ
अमृत 09:34 – 10:52 शुभ
काल 10:52 – 12:10 अशुभ
शुभ 12:10 – 13:29 शुभ
रोग 13:29 – 14:47 अशुभ
उद्वेग 14:47 – 16:05 अशुभ
चर 16:05 – 17:23 शुभ
🚩चोघडिया, रात
रोग 17:23 – 19:05 अशुभ
काल 19:05 – 20:47 अशुभ
लाभ 20:47 – 22:29 शुभ
उद्वेग 22:29 – 24:11* अशुभ
शुभ 24:11* – 25:53* शुभ
अमृत 25:53* – 27:35* शुभ
चर 27:35* – 29:16* शुभ
रोग 29:16* – 30:58* अशुभ
💮होरा, दिन
शुक्र 06:58 – 07:50
बुध 07:50 – 08:42
चन्द्र 08:42 – 09:34
शनि 09:34 – 10:26
बृहस्पति 10:26 – 11:18
मंगल 11:18 – 12:10
सूर्य 12:10 – 13:03
शुक्र 13:03 – 13:55
बुध 13:55 – 14:47
चन्द्र 14:47 – 15:39
शनि 15:39 – 16:31
बृहस्पति 16:31 – 17:23
🚩होरा, रात
मंगल 17:23 – 18:31
सूर्य 18:31 – 19:39
शुक्र 19:39 – 20:47
बुध 20:47 – 21:55
चन्द्र 21:55 – 23:03
शनि 23:03 – 24:11
बृहस्पति 24:11* – 25:19
मंगल 25:19* – 26:27
सूर्य 26:27* – 27:35
शुक्र 27:35* – 28:42
बुध 28:42* – 29:50
चन्द्र 29:50* – 30:58
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
वृश्चिक > 04:14 से 06:52 तक
धनु > 06:52 से 09:04 तक
मकर > 09:04 से 11:52 तक
कुम्भ > 11:52 से 12: 24 तक
मीन > 12:24 से 13:56 तक
मेष > 13:56 से 15:20 तक
वृषभ > 15:20 से 17:28 तक
मिथुन > 17:28 से 19:36 तक
कर्क > 19:36 से 22:04 तक
सिंह > 22:04 से 23:58 तक
कन्या > 23:58 से 02:14 तक
तुला > 02:14 से 04:24 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
5 + 6 + 1 = 12 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
5 + 5 + 5 = 15 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*बिहार पंचमी
*श्रीराम जानकी विवाहोत्सव
*श्री बांके बिहारी जी प्राकट्योत्सव
*सर्वार्थ सिद्धि योग 17:17 तक
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
धनिकः श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पञ्चमः ।
पञ्च यत्र न विद्यन्ते न तत्र दिवसं वसेत् ।।
।। चा o नी o।।
ऐसे जगह एक दिन भी निवास न करें जहाँ निम्नलिखित पांच ना हो:
एक धनवान व्यक्ति ,
एक ब्राह्मण जो वैदिक शास्त्रों में निपुण हो,
एक राजा,
एक नदी ,
और एक चिकित्सक
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
किरीटिनं गदिनं चक्रहस्त
मिच्छामि त्वां द्रष्टुमहं तथैव।,
तेनैव रूपेण चतुर्भुजेन
सहस्रबाहो भव विश्वमूर्ते॥,
मैं वैसे ही आपको मुकुट धारण किए हुए तथा गदा और चक्र हाथ में लिए हुए देखना चाहता हूँ।, इसलिए हे विश्वस्वरूप! हे सहस्रबाहो! आप उसी चतुर्भुज रूप से प्रकट होइए॥,46॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्ययवृद्धि होगी। तनाव रहेगा। अपरिचितों पर विश्वास न करें। प्रयास में आलस्य व विलंब नहीं करना चाहिए। रुके हुए काम समय पर होने की संभावना है। विरोधी परास्त होंगे। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। धैर्य एवं संयम बना रहेगा।
🐂वृष
कोर्ट-कचहरी में अनुकूलता रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। झंझटों में न पड़ें। उधार दिया धन मिलने से राहत हो सकती है। जीवनसाथी का सहयोग उलझे मामले सुलझाने में सहायक हो सकेगा। वाहन सावधानी से चलाएँ।
👫मिथुन
बेरोजगारी दूर होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जोखिम न लें। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। सत्कार्य में रुचि बढ़ेगी। प्रियजनों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक चिंताएँ दूर होंगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
🦀कर्क
भूमि व भवन संबंधी कार्य लाभ देंगे। रोजगार मिलेगा। शत्रु भय रहेगा। निवेश व नौकरी लाभ देंगे। व्यापार अच्छा चलेगा। कार्य के विस्तार की योजनाएँ बनेंगी। रोजगार में उन्नति एवं लाभ की संभावना है। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। लाभदायक समाचार मिलेंगे।
🐅सिंह
उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। शोक समाचार मिल सकता है। थकान महसूस होगी। व्यावसायिक चिंता रहेगी। संतान के व्यवहार से कष्ट होगा। सहयोगी मदद नहीं करेंगे। व्ययों में कटौती करने का प्रयास करें। वाहन चलाते समय सावधानी रखें।
🙎♀️कन्या
अतिथियों का आवागमन रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बना रहेगा। नई योजनाओं की शुरुआत होगी। संतान की प्रगति संभव है। भूमि व संपत्ति संबंधी कार्य होंगे। पूर्व कर्म फलीभूत होंगे। परिवार में सुखद वातावरण रहेगा। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।
🙎♀️तुला
चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से हानि होगी। अपने काम से काम रखें। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। आवास संबंधी समस्या हल होगी। आलस्य न करें। सोचे काम समय पर नहीं हो पाएँगे।
🦂वृश्चिक
राजकीय बाधा दूर होकर लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। क्रोध पर नियंत्रण रखें। लाभ होगा। रुके हुए काम समय पर पूरे होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। परिवार की समस्याओं का समाधान हो सकेगा। व्यापार में नई योजनाएँ बनेंगी। व्यापार अच्छा चलेगा।
🏹धनु
रोमांस में समय बीतेगा। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएँ रखें। धनार्जन होगा।
🐊मकर
दिन प्रेमभरा गुजरेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रुका हुआ धन मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। प्रियजनों से पूरी मदद मिलेगी। धन प्राप्ति के योग हैं। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएँगे। संतान के कार्यों में उन्नति के योग हैं।
🍯कुंभ
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें। सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी। आर्थिक अनुकूलता रहेगी। रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा। राज्यपक्ष से लाभ के योग हैं।
🐟मीन
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखें। कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ होगा।
*🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏*
*🌹!! चार मोमबत्तियां !!🌹*
*मित्रो, रात का समय था।*
*चारों ओर पूरा अंधेरा छाया हुआ था।*
*केवल एक ही कमरा प्रकाशित था।*
*वहाँ चार मोमबत्तियाँ जल रही थी।*
*चारों मोमबत्तियाँ एकांत देख आपस में बातें करने लगी।*
*पहली मोमबत्ती बोली..*
*“मैं शांति हूँ, जब मैं इस दुनिया को देखती हूँ, तो बहुत दु:खी होती हूँ।*
*चारों ओर आपा-धापी, लूट-खसोट और हिंसा का बोलबाला है।*
*ऐसे में यहाँ रहना बहुत मुश्किल है।*
*मैं अब यहाँ और नहीं रह सकती।*
*इतना कहकर मोमबत्ती बुझ गई।*
*दूसरी मोमबत्ती भी अपने मन की बात कहने लगी..*
*“मैं विश्वास हूँ, मुझे लगता है कि झूठ, धोखा, फरेब, बेईमानी मेरा वजूद ख़त्म करते जा रहे हैं।*
*ये जगह अब मेरे लायक नहीं रही।*
*मैं भी जा रही हूँ।*
*इतना कहकर दूसरी मोमबत्ती भी बुझ गई।*
*तीसरी मोमबत्ती भी दु:खी थी..*
*वह बोली, “मैं प्रेम हूँ..*
*मैं हर किसी के लिए हर पल जल सकती हूँ।*
*लेकिन अब किसी के पास मेरे लिए वक़्त नहीं बचा।*
*स्वार्थ और नफरत का भाव मेरा स्थान लेता जा रहा है।*
*लोगों के मन में अपनों के प्रति भी प्रेम-भावना नहीं बची।*
*अब ये सहना मेरे बस की बात नहीं।*
*मेरे लिए जाना ही ठीक होगा।*
*कहकर तीसरी मोमबत्ती भी बुझ गई।*
*तीसरी बत्ती बुझी ही थी कि कमरे में एक बालक ने प्रवेश किया।*
*मोमबत्तियों को बुझा हुआ देख उसे बहुत दुःख हुआ।*
*उसकी आँखों से आँसू बहने लगे।*
*दु:खी मन से वो बोला..*
*“इस तरह बीच में ही मेरे जीवन में अंधेरा कर कैसे जा सकती हो तुम..*
*तुम्हें तो अंत तक पूरा जलना था।*
*लेकिन तुमने मेरा साथ छोड़ दिया।*
*अब मैं क्या करूंगा?*
*बालक की बात सुन चौथी मोमबत्ती बोली..*
*“घबराओ नहीं बालक, मैं आशा हूँ..*
*और मैं तुम्हारे साथ हूँ।*
*जब तक मैं जल रही हूँ..*
*तुम मेरी लौ से दूसरी मोमबत्तियों को जला सकते हो।”*
*चौथी मोमबत्ती की बात सुनकर बालक का ढांढस बंध गया।*
*उसने आशा के साथ शांति, विश्वास और प्रेम को पुनः प्रकाशित कर लिया।*
*शिक्षा:-*
*जीवन में समय एक जैसा नहीं रहता।*
*कभी उजाला रहता है, तो कभी अँधेरा।*
*जब जीवन में अंधकार आये, मन अशांत हो जाये, विश्वास डगमगाने लगे और दुनिया पराई लगने लगे।*
*तब आशा का दीपक जला लेना।*
*जब तक आशा का दीपक जलता रहेगा।*
*जीवन में कभी अँधेरा नहीं हो सकता।*
*आशा के बल पर जीवन में सब कुछ पाया जा सकता है।*
*इसलिए आशा का साथ कभी ना छोड़ें।*
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।*
*जिसका मन मस्त है।* *उसके पास समस्त है।।*
*राष्ट्र सर्वोपरि..*
*भारत माता की जय*
*वंदे मातरम – जय हिंद*