उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -माता-पिता का प्रेम*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 16/12/2024, सोमवार*
*प्रतिपदा, कृष्ण पक्ष,*
*पौष*
(समाप्ति काल)

तिथि——- प्रतिपदा 12:26:47 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र———- आर्द्रा 25:12:37
योग———– शुक्ल 23:21:24
करण———– कौलव 12:26:47
करण———- तैतुल 23:36:33
वार———————- सोमवार
माह———————— पौष
चन्द्र राशि—————- मिथुन
सूर्य राशि——————- धनु
रितु———————— हेमंत
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर (उत्तर)———— कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2081
शक संवत—————- 1946
कलि संवत————— 5125
सूर्योदय————- 07:04:10
सूर्यास्त————– 17:25:54
दिन काल———— 10:21:43
रात्री काल————- 13:38:51
चंद्रोदय————– 18:18:16
चंद्रास्त————— 31:23:22
लग्न—– धनु 0°23′ , 240°23′
सूर्य नक्षत्र—————— मूल
चन्द्र नक्षत्र—————— आर्द्रा
नक्षत्र पाया—————— रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

कु—- आर्द्रा 07:59:26

घ—- आर्द्रा 13:41:44

ङ—- आर्द्रा 19:26:05

छ—- आर्द्रा 25:12:37

के—- पुनर्वसु 31:01:29

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= वृश्चिक 00°45, ज्येष्ठा 4 यू
चन्द्र=मिथुन 09°30 , आर्द्रा 3 नू
बुध =वृश्चिक 12°52 ‘ अनुराधा 3 नू
शु क्र= मकर 15°05, श्रवण’ 2 खू
मंगल=कर्क 11°30 ‘ पुष्य ‘ 3 हो
गुरु=वृषभ 20°30 रोहिणी, 4 वू
शनि=कुम्भ 19°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 08°10 उo भा o, 2 थ
केतु= (व)कन्या 08°10 उ o फा o 4 पी

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 08:22 – 09:40 अशुभ
यम घंटा 10:57 – 12:15 अशुभ
गुली काल 13:33 – 14: 50अशुभ
अभिजित 11:54 – 12:36 शुभ
दूर मुहूर्त 12:36 – 13:17 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:40 – 15:22 अशुभ
वर्ज्यम 10:16 – 11:47 अशुभ
प्रदोष 17:26 – 20:12 शुभ

💮चोघडिया, दिन
अमृत 07:04 – 08:22 शुभ
काल 08:22 – 09:40 अशुभ
शुभ 09:40 – 10:57 शुभ
रोग 10:57 – 12:15 अशुभ
उद्वेग 12:15 – 13:33 अशुभ
चर 13:33 – 14:50 शुभ
लाभ 14:50 – 16:08 शुभ
अमृत 16:08 – 17:26 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 17:26 – 19:08 शुभ
रोग 19:08 – 20:51 अशुभ
काल 20:51 – 22:33 अशुभ
लाभ 22:33 – 24:15* शुभ
उद्वेग 24:15* – 25:58* अशुभ
शुभ 25:58* – 27:40* शुभ
अमृत 27:40* – 29:22* शुभ
चर 29:22* – 31:05* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 07:04 – 07:56
शनि 07:56 – 08:48
बृहस्पति 08:48 – 09:40
मंगल 09:40 – 10:31
सूर्य 10:31 – 11:23
शुक्र 11:23 – 12:15
बुध 12:15 – 13:07
चन्द्र 13:07 – 13:59
शनि 13:59 – 14:50
बृहस्पति 14:50 – 15:42
मंगल 15:42 – 16:34
सूर्य 16:34 – 17:26

🚩होरा, रात
शुक्र 17:26 – 18:34
बुध 18:34 – 19:42
चन्द्र 19:42 – 20:51
शनि 20:51 – 21:59
बृहस्पति 21:59 – 23:07
मंगल 23:07 – 24:15
सूर्य 24:15* – 25:24
शुक्र 25:24* – 26:32
बुध 26:32* – 27:40
चन्द्र 27:40* – 28:48
शनि 28:48* – 29:57
बृहस्पति 29:57* – 31:05

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

वृश्चिक > 03:34 से 06:12 तक
धनु > 06:12 से 08:24 तक
मकर > 08:24 से 09:52 तक
कुम्भ > 09:52 से 11:24 तक
मीन > 11:24 से 12:54 तक
मेष > 12:54 से 14:34 तक
वृषभ > 14:34 से 16:32 तक
मिथुन > 16:32 से 18:44 तक
कर्क > 18:44 से 21:02 तक
सिंह > 21:02 से 23:12 तक
कन्या > 23:12 से 01:38 तक
तुला > 01:38 से 03:40 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 1 + 2 + 1 = 19 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चन्द्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

16 + 16 + 5 = 37 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*खर मास प्रारम्भ*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी ।
विभवे यश्च सन्तुष्टस्तस्य स्वर्ग इहैव हि ।।
।। चा o नी o।।

३. उस व्यक्ति ने धरती पर ही स्वर्ग को पा लिया :
१. जिसका पुत्र आज्ञांकारी है,
२. जिसकी पत्नी उसकी इच्छा के अनुरूप व्यव्हार करती है,
३. जिसे अपने धन पर संतोष है।

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: भक्तियोग अo-12

एवं सततयुक्ता ये भक्तास्त्वां पर्युपासते ।,
ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः ॥,

अर्जुन बोले- जो अनन्य प्रेमी भक्तजन पूर्वोक्त प्रकार से निरन्तर आपके भजन-ध्यान में लगे रहकर आप सगुण रूप परमेश्वर को और दूसरे जो केवल अविनाशी सच्चिदानन्दघन निराकार ब्रह्म को ही अतिश्रेष्ठ भाव से भजते हैं- उन दोनों प्रकार के उपासकों में अति उत्तम योगवेत्ता कौन हैं?॥,1॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
किसी लंबे मनोरंजक प्रवास का कार्यक्रम बन सकता है। आंखों का विशेष ध्यान रखें। चोट व रोग से बचें। सुख के साधन जुटेंगे। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। सरकारी कामकाज में अनुकूलता रहेगी। स्थिति नियंत्रण में रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। जोखिम न उठाएं।

🐂वृष
कोई पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। शारीरिक हानि की आशंका बनती है। किसी व्यक्ति के व्यवहार से दिल को ठेस पहुंच सकती है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। आय में निश्चितता रहेगी, धैर्य रखें।

👫मिथुन
गृहस्थ जीवन में आनंद का वातावरण रहेगा। जीवनसाथी को भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। किसी अनहोनी की आशंका रह सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लापरवाही न करें। कोर्ट व कचहरी तथा सरकारी कामों में अनुकूलता रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रमाद न करें।

🦀कर्क
आर्थिक वृद्धि के लिए नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यकारी नए अनुबंध हो सकते हैं। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। शारीरिक शिथिलता रहेगी।

🐅सिंह
पहले किसी व्यक्ति को दिए गए कर्ज की वसूली हो सकती है। व्यावसायिक प्रवास सफल रहेगा। धन प्राप्ति सु्गम होगी। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। कोई नई समस्या आ सकती है। शारीरिक कष्ट भी आशंका है, लापरवाही न करें। नौकरी में चैन रहेगा। उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।

🙍‍♀️कन्या
जीवनसाथी के स्वास्थ्य संबंधी चिंता बनी रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। व्यावसायिक प्रवास हो सकता है। काम में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति हो सकती है। पार्टनरों से सहयोग मिलेगा। लाभ होगा।

⚖️तुला
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। कार्य के प्रति उत्साह रहेगा। जल्दबाजी न करें। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना सफल रहेगी। बड़ा लाभ हो सकता है। प्रमाद न करें। कुबुद्धि हावी रह सकती है इसलिए कोई भी निर्णय सोम-समझकर करें।

🦂वृश्चिक
कोई बड़ा खर्च अचानक सामने आ सकता है। व्यवस्था में मुश्किल होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। गुस्से पर काबू रखें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। धनहानि की आशंका बन सकती है। व्यापार ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।

🏹धनु
पहले किए गए प्रयास का लाभ अब मिलेगा। समय पर कर्ज चुका पाएंगे। प्रतिस्पर्धियों पर विजय प्राप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देंगे। निवेश शुभ फल देगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। खोई हुई वस्तु मिल सकती है। प्रमाद न करें।

🐊मकर
कामकाज में अधिक ध्यान देगा पड़ेगा। दूर से दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। समय पर काम नहीं होने से तनाव रहेगा। गुस्से पर काबू रखें। व्यापार-व्यवसाय में उतार-चढ़ाव रहेगा। नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं।

🍯कुंभ
आय में सुगमता रहेगी। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता बढ़ेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आनंद और उल्लास के साथ जीवन व्यतीत होगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। चोट व रोग से हानि संभव है।

🐟मीन
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। बेवजह विवाद हो सकता है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। उत्साह व प्रसन्नता से काम कर पाएंगे।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*🍁 माता-पिता का प्रेम 🍁*

*एक बार की बात है, एक गाँव में मोहन नाम का एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था।* उसका बेटा शहर में रहता था और वो काफी वर्षो से अपने बेटे से नहीं मिला था । वह अपने बेटे से मिलने एक लंबी यात्रा कर उस शहर में पहुँच गया, जहाँ उसका बेटा काम करता था। वह उस जगह पहुँच गया, जहाँ से उसे बहुत पहले बेटे के पत्र मिलते थे। उसने बड़े उत्साह और खुशी से वहाँ दरवाजा खटखटाया।

दुर्भाग्य से, दरवाजा किसी और ने खोला। मोहन ने पूछा, “मुझे लगा कि योगेश इस जगह रहता है?”

उस व्यक्ति ने कहा, “नहीं! योगेश अब यहाँ नहीं रहता, वह यहाँ से चला गया है और दूसरी जगह शिफ्ट हो गया है।”

मोहन निराश हो गया और बस यही सोचता रहा कि अपने बेटे से कैसे मिलूँ।

मोहन नजदीक गली में चलकर पड़ोसियों से पूछताछ करने लगा।

“क्या आप योगेश को ढूँढ रहे हैं?” एक पड़ोसी ने पूछा। मोहन ने सिर हिलाकर हाँ में जवाब दिया तो पड़ोसी ने योगेश का नए घर और कार्यालय का पता मोहन को दे दिया। मोहन ने उसे धन्यवाद दिया और पड़ोसी के बताए मार्ग की ओर चल पड़ा ।

मोहन बेटे के कार्यालय गया और रिसेप्शन काउंटर पर पूछा, “कृपया क्या आप मुझे बताएँगे कि इस कार्यालय में योगेश कहाँ मिलेगा ?”

रिसेप्शनिस्ट ने पूछा, “क्या मैं जान सकती हूँ कि आप उसे कैसे जानते हैं?”

मोहन ने विनम्रता से जवाब दिया, “मैं उसका पिता हूँ।”

रिसेप्शनिस्ट ने मोहन को कुछ देर रुकने के लिए कहा और योगेश को फोन कर उसके पिता के आगमन के बारे में बताया। योगेश चौंक गया और उसने रिसेप्शनिस्ट से कहा कि, “वह उसके पिता को तुरंत उसके केबिन में भेज दे।”

मोहन ने केबिन में प्रवेश किया और जब उन्होंने योगेश को देखा तो उनकी आँखों में आँसू आ गए। योगेश भी अपने पिता को देखकर प्रशन्न हुआ। उन्होंने थोड़ी देर के लिए औपचारिक बातचीत की और फिर मोहन ने योगेश से पूछा, “बेटा! तुम्हारी माँ तुमसे मिलना चाहती है। क्या तुम मेरे साथ घर चलोगे?”

योगेश ने जवाब दिया, “नहीं पिताजी। मैं घर नहीं आ सकता। मैं अपने प्रमोशन के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम करने में बहुत व्यस्त हूँ और अभी मुझे छुट्टी मिलनी बहुत मुश्किल है।”

मोहन ने मुस्कराते हुए कहा, “ठीक है! तुम अपने काम पर ध्यान दो। मैं आज शाम को अपने गाँव वापस जा रहा हूँ।”

योगेश ने पूछा, “आप मेरे साथ कुछ दिन रुक सकते हैं।”

एक पल की चुप्पी के बाद मोहन ने जवाब दिया, “बेटा, तुम अपने काम में व्यस्त रहते हो। मैं तुमको असहज नहीं करना चाहता या तुम पर बोझ नहीं बनना चाहता। मुझे कभी तुमसे दोबारा मिलने का अवसर मिला, तो मुझे खुशी होगी।” और यह कहकर वह वहाँ से चले गये।

कुछ हफ्तों के बाद, योगेश को अहसास हुआ कि उसके पिता इतने लंबे समय के बाद अकेले उससे मिलने क्यों आए। उसे अपने पिता के साथ सही तरह से व्यवहार नहीं करने के लिए ग्लानि भी हुई। उसने इसके लिए अपने आप को दोषी महसूस किया और कुछ दिनों के लिए कार्यालय से छुट्टी लेकर अपने पिता से मिलने के लिए अपने गाँव चला गया।

जब वह गाँव में उस स्थान पर गया जहाँ वह पैदा और बड़ा हुआ,तो उसने देखा कि उसके माता-पिता वहाँ नहीं थे। वह चौंक गया और पड़ोसियों से पूछा, “मेरे माता-पिता यहीं रहते थे,अब वे कहाँ गए?”

पड़ोसियों ने उसे उस जगह का पता दिया, जहाँ उसके माता-पिता रह रहे थे।

योगेश जब उस स्थान तक पहुँचा तो उसने दूर से देखा कि वह स्थान एक शमशान जैसी सुनसान जगह है। योगेश की आँखों में आँसू भर आए और वह धीरे-धीरे उस स्थान की ओर चलने लगा। उसके पिता मोहन ने योगेश को बहुत दूर से देख लिया और वे उसे जोर से पुकारने लगे। योगेश ने अपने पिता को देखा और दौड़कर उन्हें गले से लगा लिया।

मोहन ने पूछा, “तुम कैसे हैं? तुमको यहाँ देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ। मुझे उम्मीद नहीं थी कि तुम यहाँ पर आओगे।”

योगेश को शर्मिंदगी महसूस हुई और वो अपना सिर नीचे करके खड़ा रहा। मोहन ने कहा, “तुम्हें बुरा क्यों लग रहा है। क्या कुछ गलत हुआ है?” योगेश ने जवाब दिया, “नहीं पिताजी, मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मैं आपसे इस हालात में मिलूँगा।”

मोहन मुस्कुराया और कहा, “जब तुम अपनी कॉलेज शिक्षा के लिए शहर गए थे, तब मैंने एक ऋण लिया था। फिर जब तुमको एक नई कार चाहिए थी, तब भी मैंने एक कर्ज लिया। लेकिन खेती में नुकसान के कारण, मैं ऋण नहीं चुका पाया। तब मैंने तुमसे मदद के लिए संपर्क करने के बारे में सोचा, लेकिन तुम अपने काम में बहुत व्यस्त और तनावग्रस्त थे। मैं बस तुम पर इस समस्या का बोझ नहीं डालना चाहता था और चुप रहा और मुझे कर्ज चुकाने के लिए अपना मकान बेचना पड़ा।”

योगेश रूंघे गले से बोला, “आप मुझे पहले ये सब बता सकते थे। मैं बाहरी व्यक्ति नहीं हूँ।” मोहन ने कहा, “तुम बहुत व्यस्त थे और अपने काम के कारण तनावग्रस्त थे, जिस कारण मैं चुप रहा। हमें तो बस तुम्हारी खुशी चाहिए थी। इसलिए हम चुप रहे।”

योगेश रोने लगा और अपने पिता को फिर से गले लगा लिया। उसे अपने पिता से किये व्यवहार पर बहुत ग्लानि हुई और वो अपनी गलती के लिए माफ करने के लिए गिड़गिड़ाने लगा। मोहन मुस्कुराया और कहा, “इसकी कोई जरूरत नहीं है। मुझे अब जो मिला है, उससे मैं खुश हूँ। मैं बस इतना चाहता हूँ कि तुम हमारे लिए कुछ समय निकालो, हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं और इस बुढ़ापे में तुमसे मिलने के लिए यात्रा करना अब हमारे लिए मुश्किल है। ”

बच्चों के लिए माता-पिता ही सब कुछ होते हैं।

माता-पिता सदैव आपके साथ खड़े रहेंगे और आपको खुश करने के लिए वे सब कुछ करेंगे जो वे कर सकते हैं। हम उन्हें अक्सर तब तक हल्के में लेते हैं, जब तक बहुत देर नहीं हो जाती। वे हमारे लिए जो कुछ भी करते हैं, उसकी हम कद्र नहीं करते हैं। जब हम अपने जीवन में सफलता का मार्ग खोज कर आगे बढ़ रहे होते हैं, तब हमें अपने माता-पिता को पीछे नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि वे ही हमारी सफलता का असली कारण हैं।

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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