उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- जहाँ त्याग वहीँ होता है प्रेम*


⚜️««« *आज का पंचांग* »»»⚜️
कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि…………………………दक्षिणायन
मास…………………………………पौष
पक्ष……………………………….कृष्ण
तिथी…………………………..द्वितीया
प्रातः 10.59 पर्यंत पश्चात तृतीया
सूर्योदय…….प्रातः 07.00.19 पर
सूर्यास्त……..संध्या 05.45.35 पर
सूर्य राशि………………………….धनु
चन्द्र राशि……………………..मिथुन
गुरु राशि………………………..वृषभ
नक्षत्र…………………………..पुनर्वसु
रात्रि 12.45 पर्यंत पश्चात पुष्य
योग……………………………….ब्रह्मा
रात्रि 09.06 पर्यंत पश्चात इंद्र
करण……………………………..गरज
प्रातः 10.59 पर्यंत पश्चात वणिज
ऋतु………………….(सहस्य) हेमंत
दिन………………………….मंगलवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
17 दिसंबर सन 2024 ईस्वी ।

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.41 से 12.23 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
दोप 02.37 से 03.54 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*वृश्चिक*
04:45:15 07:01:13
*धनु*
07:01:13 09:07:01
*मकर*
09:07:01 10:54:08
*कुम्भ*
10:54:08 12:27:41
*मीन*
12:27:41 13:58:53
*मेष*
13:58:53 15:39:37
*वृषभ*
15:39:37 17:38:17
*मिथुन*
17:38:17 19:51:59
*कर्क*
19:51:59 22:08:09
*सिंह*
22:08:09 24:19:58
*कन्या*
24:19:58 26:30:37
*तुला*
26:30:37 28:45:15

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक………………..8
🔯 शुभ रंग………………..लाल

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 09.26 से 10.44 तक चंचल
प्रात: 10.44 से 12.01 तक लाभ
दोप. 12.01 से 01.19 तक अमृत
दोप. 02.36 से 03.53 तक शुभ
रात्रि 06.53 से 08.36 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
॥ ॐ अकाय नमः॥

📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (एकादशोऽध्यायः – विश्वरूपदर्शनयोग:) -*
अर्जुन उवाच –
मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम् ।
यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम ॥११- १॥
अर्थात :
अर्जुन बोले- मुझ पर अनुग्रह करने के लिए आपने जो परम गोपनीय अध्यात्म विषयक वचन अर्थात उपदेश कहा, उससे मेरा यह अज्ञान नष्ट हो गया है॥1॥

🍃 *आरोग्यं :*-
*गले के दर्द के लिए घरेलू उपचार :-*

*3. गले के दर्द में तुरंत आराम दे मसाला चाय :-*
लौंग, तुलसी, अदरक और काली मिर्च को पानी में मिलाकर उबालें और इसके बाद इसमें चाय पत्ती डालकर इसकी चाय बनाएं। इस मसाला चाय भी गले के लिए बहुत लाभदायक होती है, जिससे गले के दर्द में तुरंत आराम मिलता है और चाय को गरम ही पीएं।

*4. गले की दर्द और सूजन को दूर करे मुलेठी :-*
मुलेठी औषधीय गुणों से भरपूर होती है, जो घरों में आसानी से मिल जाती है। गले में दर्द से बचने के लिए आप दिन में मुलेठी का छोटा सा टुकड़ा मुंह में रखकर कुछ देर चबा सकते है। इससे आपके गले की दर्द और सूजन दोनों दूर होते है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि तथा उन्नति मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। यात्रा की योजना बनेगी। घर-बाहर कुछ तनाव रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। काम में मन लगेगा। शेयर मार्केट में लाभ रहेगा। नौकरी में सुविधाएं बढ़ सकती हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
दु:खद सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। लाभ होगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
भूले-बिसरे साथी तथा आगंतुकों के स्वागत तथा सम्मान पर व्यय होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार के सदस्यों की उन्नति के समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग बना रहेगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं, लाभ होगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
घर-बाहर प्रसन्नतादायक वातावरण रहेगा। नौकरी में चैन महसूस होगा। व्यापार से संतुष्टि रहेगी। संतान की चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्वी तथा शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। मित्रों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा की योजना बनेगी। प्रसन्नता रहेगी।

💁‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। काम में लगन तथा उत्साह बने रहेंगे। मित्रों के साथ प्रसन्नतापूर्वक समय बीतेगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते कामों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेवजह लोगों से मनमुटाव हो सकता है। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। जल्दबाजी न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सुकून रहेगा। जल्दबाजी में कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। कानूनी अड़चन आ सकती है। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
नई योजना लागू करने का श्रेष्ठ समय है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। सफलता के साधन जुटेंगे। जोखिम न उठाएं।

🏹 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
किसी जानकार प्रबुद्ध व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होने के योग हैं। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। किसी राजनयिक का सहयोग मिल सकता है। लाभ के दरवाजे खुलेंगे। चोट व दुर्घटना से बचें। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। विवाद से बचें। धन प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें।

*राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चोट व दुर्घटना से बचें। आय में कमी रह सकती है। घर-बाहर असहयोग व अशांति का वातावरण रहेगा। अपनी बात लोगों को समझा नहीं पाएंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। हितैषी सहयोग करेंगे। धनार्जन संभव है।

🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
आज प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता बनी रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति के सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। व्यापारिक कार्य की बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। परिवार के लोग अनुकूल व्यवहार करेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। नए लोगों से संपर्क होगा। आय में वृद्धि तथा आरोग्य रहेगा। चिंता में कमी होगी। जल्दबाजी न करें।

☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*जहाँ त्याग वहीँ होता है प्रेम*

शादी की वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर पति-पत्नी साथ में बैठे चाय की चुस्कियां ले रहे थे।

संसार की दृष्टि में वो एक आदर्श युगल था।

प्रेम भी बहुत था, दोनों में। लेकिन कुछ समय से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि संबंधों पर समय की धूल जम रही है। शिकायतें धीरे-धीरे बढ़ रही थीं।

बातें करते-करते अचानक पत्नी ने एक प्रस्ताव रखा कि मुझे तुमसे बहुत कुछ कहना होता है लेकिन हमारे पास समय ही नहीं होता एक-दूसरे के लिए।

इसलिए मैं दो डायरियाँ ले आती हूँ और हमारी जो भी शिकायत हो हम पूरा साल अपनी-अपनी डायरी में लिखेंगे।

अगले साल इसी दिन हम एक-दूसरे की डायरी पढ़ेंगे ताकि हमें पता चल सके कि हममें कौन सी कमियां हैं जिससे कि उसका पुनरावर्तन ना हो सके।

पति भी सहमत हो गया कि विचार तो अच्छा है।

डायरियाँ आ गईं और देखते ही देखते साल बीत गया।

अगले साल फिर विवाह की वर्षगांठ की पूर्वसंध्या पर दोनों साथ बैठे।

एक-दूसरे की डायरियाँ लीं। पहले आप, पहले आप की मनुहार हुई।

आखिर में महिला प्रथम की परिपाटी के आधार पर पत्नी की लिखी डायरी पति ने पढ़नी शुरू की।

पहला पन्ना…… दूसरा पन्ना…….. तीसरा पन्ना

….. आज शादी की वर्षगांठ पर मुझे ढंग का तोहफा नहीं दिया।

…….आज होटल में खाना खिलाने का वादा करके भी नहीं ले गए।

…….आज मेरे फेवरेट हीरो की पिक्चर दिखाने के लिए कहा तो जवाब मिला बहुत थक गया हूँ।

…….. आज मेरे मायके वाले आए तो उनसे ढंग से बात नहीं की

………. आज बरसों बाद मेरे लिए साड़ी लाए भी तो पुराने डिजाइन की।

ऐसी अनेक रोज़ की छोटी-छोटी फरियादें लिखी हुई थीं।

पढ़कर पति की आँखों में आँसू आ गए।

पूरा पढ़कर पति ने कहा कि मुझे पता ही नहीं था मेरी गल्तियों का। मैं ध्यान रखूँगा कि आगे से इनकी पुनरावृत्ति ना हो।

अब पत्नी ने पति की डायरी खोली … ये क्या !
पहला पन्ना……… कोरा
दूसरा पन्ना……… कोरा
तीसरा पन्ना ……… कोरा

अब दो-चार पन्ने साथ में पलटे वो भी कोरे।

फिर 50-100 पन्ने साथ में पलटे तो वो भी कोरे।

पत्नी ने कहा कि मुझे पता था कि तुम मेरी इतनी सी इच्छा भी पूरी नहीं कर सकोगे।

मैंने पूरा साल इतनी मेहनत से तुम्हारी सारी कमियां लिखीं ताकि तुम उन्हें सुधार सको और तुमसे इतना भी नहीं हुआ।

पति मुस्कुराया और कहा मैंने सब कुछ अंतिम पृष्ठ पर लिख दिया है।

पत्नी ने उत्सुकता से अंतिम पृष्ठ खोला। उसमें लिखा था :-

मैं तुम्हारे मुँह पर तुम्हारी जितनी भी शिकायत कर लूँ लेकिन तुमने जो मेरे और मेरे परिवार के लिए त्याग किए हैं और इतने वर्षों में जो असीमित प्रेम दिया है उसके सामने मैं इस डायरी में लिख सकूँ ऐसी कोई कमी मुझे तुममें दिखाई ही नहीं दी।
ऐसा नहीं है कि तुममें कोई कमी नहीं है लेकिन तुम्हारा प्रेम, तुम्हारा समर्पण, तुम्हारा त्याग उन सब कमियों से ऊपर है।

मेरी अनगिनत अक्षम्य भूलों के बाद भी तुमने जीवन के प्रत्येक चरण में छाया बनकर मेरा साथ निभाया है। अब अपनी ही छाया में कोई दोष कैसे दिखाई दे मुझे।

अब रोने की बारी पत्नी की थी।

उसने पति के हाथ से अपनी डायरी लेकर दोनों डायरियाँ अग्नि में स्वाहा कर दीं और साथ में सारे गिले-शिकवे भी।

फिर से उनका जीवन एक नवपरिणीत युगल की भाँति प्रेम से महक उठा ।

*जब जवानी का सूर्य अस्ताचल की ओर प्रयाण शुरू कर दे तब हम एक-दूसरे की कमियां या गल्तियां ढूँढने की बजाए अगर ये याद करें हमारे साथी ने हमारे लिए कितना त्याग किया है, उसने हमें कितना प्रेम दिया है, कैसे पग-पग पर हमारा साथ दिया है तो निश्चित ही जीवन में प्रेम फिर से पल्लवित हो जाएगा।*

*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।*

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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