*”जाते-जाते दे गए बुजुर्ग नेत्रदान का संदेश “*
देव भूमि जे के न्यूज –
नेत्रदान के प्रति समाज में जागरूकता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि आज जिम्मेदार नागरिक जीते जी यह कह जाते हैं कि “मेरी मृत्यु के बाद मेरे नेत्रदान करवा देना।” पहले यदि कोई व्यक्ति मृत्यु की बात करता था, तो घर में तनाव और लड़ाई हो जाती थी। लेकिन वर्तमान में लोग स्वयं अपनी मृत्यु के बाद नेत्रदान करने की इच्छा प्रकट करते हैं।
रुड़की निवासी 90 वर्षीय रंजीत राय मल्होत्रा के निधन पर किए गए नेत्रदान से उनके परिवार और समाज में जागरूकता का एक संदेश गया है। उनके इस कार्य से परिवार के करीबी सदस्य भी अपने नेत्रदान की इच्छा व्यक्त करने लगे हैं।
नेत्रदान कार्यकर्ता एवं लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के चार्टर अध्यक्ष गोपाल नारंग ने बताया कि रामनगर रुड़की निवासी स्वर्गीय रंजीत राय मल्होत्रा के निधन पर किए गए नेत्रदान से समाज में निश्चित रूप से जागरूकता आएगी। उनकी पत्नी श्रीमती विनोद मल्होत्रा ने उनके पोते प्रांशु मल्होत्रा को उनके दादा का नेत्रदान का संकल्प याद दिलाया और तुरंत ही नेत्रदान कराने के लिए प्रेरित किया।
प्रांशु मल्होत्रा की सूचना पर ऋषिकेश आई बैंक की नेत्रदान रेस्क्यू टीम, जिसमें पवन नेगी और डॉ. दीपा शामिल थे, ने रात में जाकर यह पुण्य कार्य संपन्न किया। नेत्रदान के इस कार्य के लिए भारत भूषण रावल, दिनेश अरोड़ा, राज अरोड़ा, राजीव खुराना, नवदीप नागलिया और राजेश रावल ने परिवार को बधाई और साधुवाद दिया।
लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के जनसंपर्क अधिकारी मनमोहन भोला के अनुसार, “नेत्रदान महादान हरिद्वार-ऋषिकेश” मिशन का यह 377वां सफल प्रयास है, जो भविष्य में भी जारी रहेगा।