उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- राजा ने महात्मा से पूछा भगवान का काम*


⚜️««« *आज का पंचांग* »»»⚜️

कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि…………………………दक्षिणायन
मास…………………………………पौष
पक्ष……………………………….शुक्ल
तिथी……………………………..अष्टमी
दोप 04.26 पर्यंत पश्चात नवमी
सूर्योदय…….प्रातः 07.08.30 पर
सूर्यास्त……..संध्या 05.57.22 पर
सूर्य राशि………………………….धनु
चन्द्र राशि…………………………मीन
गुरु राशि………………………..वृषभ
नक्षत्र……………………………रेवती
प्रातः 06.46 पर्यंत पश्चात अश्विनी
योग……………………………….शिव
रात्रि 11.08 पर्यंत पश्चात सिद्ध
करण………………………………बव
दोप 04.26 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु………………….(सहस्य) हेमंत
दिन………………………….मंगलवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
07 जनवरी सन 2025 ईस्वी ।

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.11 से 12.54 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
दोप 03.15 से 04.33 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*धनु*
05:41:59 08:27:49
*मकर*
08:27:49 09:29:31
*कुम्भ*
09:29:31 10:56:30
*मीन*
10:56:30 12:21:44
*मेष*
12:21:44 13:57:14
*वृषभ*
13:57:14 15:53:07
*मिथुन*
15:53:07 18:08:07
*कर्क*
18:08:07 20:28:50
*सिंह*
20:28:50 22:46:30
*कन्या*
22:46:30 25:03:10
*तुला*
25:03:10 27:23:03
*वृश्चिक*
27:23:03 29:41:59

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक………………..7
🔯 शुभ रंग………………..लाल

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 09.51 से 11.12 तक चंचल
प्रात: 11.12 से 12.32 तक लाभ
दोप. 12.32 से 01.52 तक अमृत
दोप. 03.12 से 04.32 तक शुभ
रात्रि 07.32 से 09.12 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
॥ ॐ महावीराय नमः॥

📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (एकादशोऽध्यायः – विश्वरूपदर्शनयोग:) -*
अनेकबाहूदरवक्त्रनेत्रं पश्यामि त्वां सर्वतोऽनन्तरूपम् ।
नान्तं न मध्यं न पुनस्तवादिं पश्यामि विश्वेश्वर विश्वरूप ॥११- १६॥
अर्थात :
हे सम्पूर्ण विश्व के स्वामिन्! आपको अनेक भुजा, पेट, मुख और नेत्रों से युक्त तथा सब ओर से अनन्त रूपों वाला देखता हूँ। हे विश्वरूप! मैं आपके न अन्त को देखता हूँ, न मध्य को और न आदि को ही॥16॥

🍃 *आरोग्यं :*-
*आंखों की देखभाल एवं घरेलु नुस्खे :-*

*6. सेब का सिरका -*
सेब के सिरके में मौजूद कैल्शियम, पोसोडियम, टैशियम, क्लोरीन तथा आयरन आदि तत्व त्वचा के पोषण के लिए अति आवश्यक होते हैं। आंखों की देखभाल एवं घरेलु नुस्खे में सेब का सिरका भी शामिल है। यह उपाय संक्रमण के कारण होने वाली आंखों में दर्द से तत्काल राहत दे सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एसीवी या सेब का सिरका में मैलिक एसिड होता है, जो आंखों को प्रभावित करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक होता है। इसके लिए आप दो बड़े चम्मच पानी में एक बड़ा चम्मच सेब का सिरका मिलाएं। फिर इसमें कॉटन बॉल को डुबोएं और 10 से 15 मिनट के लिए इसे अपने पलको पर रखें। इसे दिन में एक या दो बार जरूर करें।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
आज आपको किसी प्रभावशाली वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। शारीरिक कष्ट संभव है। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। प्रसन्नता रहेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। आय में वृद्धि होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। निवेशादि लाभदायक रहेंगे। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। दुष्टजनों से सावधान रहें। हानि पहुंचा सकते हैं। प्रमाद न करें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधानी आवश्यक है।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्‍य की चिंता रहेगी। दौड़धूप होगी। विवाद से क्लेश होगा। किसी व्यक्ति के व्यवहार से मन को ठेस पहुंच सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धनहानि की आशंका बनती है। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त होगा, धैर्य रखें। आय बनी रहेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन व्यापार-व्यवसाय में अधिक लाभदायक रहेगा।। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय हो सकता है।

💁‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
पारिवारिक मित्र व संबंधी अतिथियों के रूप में घर आ सकते हैं। वाणी पर नियंत्रण रखें। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। कारोबार ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। बुरे लोगों की पहचान जरूरी है। उनसे दूर रहें। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आपको व्यापार में अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। जुए, सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। किसी बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लंबी हो सकती है।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
व्यापार ठीक चलेगा। मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। कुसंगति से बचें। धनहानि हो सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। जल्दबाजी में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
धनागम होगा। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मित्रों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। अज्ञात भय सताएगा। व्यापार ठीक चलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बेवजह चिड़चिड़ापन रह सकता है। प्रमाद न करें।

🏹 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
किसी व्यक्ति के व्यवहार से लगेगा कि अपमान हुआ है। नई योजना बनेगी। कार्यस्‍थल पर परिवर्तन पर विचार हो सकता है। व्यापार ठीक चलेगा। घर-परिवार में सुख-शांति रहेगी। आंखों को चोट व रोग से बचाएं। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। स्वास्थ्‍य कमजोर रह सकता है।

*राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
धन प्राप्ति सुगम तरीके से होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। भाइयों से मतभेद दूर होकर स्थिति अनुकूल रहेगी। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा।

🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
आज कारोबार-व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। दूसरों पर भरोसा न करें। आशंका-कुशंका के चलते कोई बड़ी गलती हो सकती है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। जीवनसाथी के मन में नकारात्मकता रहेगी।

☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*♨️ आज की प्रेरणा प्रसंग ♨️*

*🌷 राजा ने महात्मा से पूछा भगवान का काम 🌷*

एक बार एक राजा ने अपने दरबारी मंत्रियों से पूछा, प्रजा के सारे काम मे करता हूँ, उनको अन्न में देता हूँ रोजगार में देता हूँ उनकी बेटियों के विवाह मैं कराता हूं सुरक्षा मैं देता हूँ हर काम मैं करता हूं, तो ये लोग आरती भगवान की क्यों करते है, मेरी पूजा मेरी आरती क्यों नही उतारते, फिर ऐसा और कौन सा काम है जो सिर्फ भगवान कर सकता है मैं नही कर सकता मुझे भगवान के काम बताओ, मंत्रियों ने कहा महाराज इस प्रश्न का उत्तर तो कोई साधु महात्मा ही दे सकता है उन्ही का भगवान से परिचय रहता है, राजा ने कहा तो जो किसी महात्मा को यहाँ दरबार मे ले कर आओ जो मेरे इस प्रश्न का उत्तर दे सके, पूरे राज्य में महात्माओ की खोज हुई राज्य की सीमा पर एक सिद्ध महात्मा की कुटिया थी, मंत्रियों ने जा कर महात्मा जी को राजा के प्रश्न का उत्तर पूछा महात्मा जी ने कहा में कल स्वयं दरबार मे आकर राजा को उत्तर दूंगा, मंत्रियों ने वापिस आकर राजा को सूचना दी कल महात्मा जी स्वयं दरबार मे पधारेंगे, अगले दिन महात्मा जी दरबार मे पहुँचे और राजा को देख कर 3 बार हाथ उठा कर सज़दा (प्रणाम) कर दिया ! राजा ने महात्मा जी से अपना प्रश्न पूछा, महात्मा जी ने कहा राजन आपके प्रश्न का उत्तर तो मैं दे दूं किंतु आपको पूछना तो आता नही, राजा ने कहा क्या मतलब, महात्मा जी बोले मतलब ये की जिससे ज्ञान लिया जाता है वो गुरु होता है, और गुरु को हमेशा उच्च आसन पर बैठाया जाता है पर यहाँ तो तू खुद ऊँचे आसान पर बैठा है पहले मुझे अपना आसान दे, राजा ने महात्मा जी को अपना आसान दे दिया, राजा बोला अब बताइए गुरु जी, महात्मा बोले इस अहंकार रूपी मुकुट को पहले उतार खाली हो तभी तो ज्ञान मिलेगा राजा ने मुकुट भी उतार कर महात्मा जी को दे दिया, राजा बोला अब बताइए, महात्मा जी ने कहा पहले गुरु जी को प्रणाम तो कर, राजा ने महात्मा जी को हाथ उठा कर 3 बार सज़दा (प्रणाम कर दिया), राजा ने कहा अब तो बता दीजिए…महात्मा जी ने कहा अब भी कुछ बताने को शेष बचा है क्या,,,,, तेरी समझ मे अभी तक नही आया, राजा बोला क्या मतलब, महात्मा जी ने कहा देख 2 मिनट पहले में तेरे दरबार मे आया था तो ऊँचे सिंघासन पर बैठा था मुकुट तेरे सिर पर था और मैं तुझे नीचे खड़े हो कर हाथ उठा कर प्रणाम कर रहा था, अब 2 मिनट बाद मैं सिंघासन पर बैठा हूँ मुकुट मेरे सिर पर है और तू नीचे खड़े हो कर मुझे प्रणाम कर रहा है, भगवान बस यही करता है,,,, *पल में राजा को रंक कर देता है और रंक को राजा कर देता है* ये काम सिर्फ भगवान कर सकता है तू नही!

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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