*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- धुलेंडी क्यों और कैसे मनाई जाती है…….*
⚜️««« *आज का पंचांग* »»»⚜️
कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि…………………………..उत्तरायण
मास……………………………फाल्गुन
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी………………………..त्रयोदशी
प्रातः 09.13 पर्यंत पश्चात चतुर्दशी
सूर्योदय…….प्रातः 06.38.59 पर
सूर्यास्त……..संध्या 06.35.02 पर
सूर्य राशि………………………..कुम्भ
चन्द्र राशि………………………..सिंह
गुरु राशि………………………..वृषभ
नक्षत्र………………………………मघा
रात्रि 04.03 पर्यंत पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग……………………………..सुकर्मा
दोप 12.59 पर्यंत पश्चात धृति
करण……………………………तैतिल
प्रातः 09.13 पर्यंत पश्चात गरज
ऋतु………………..(तपस्य) शिशिर
दिन…………………………….बुधवार
💮 *आंग्ल मतानुसार* :-
12 मार्च सन 2025 ईस्वी ।
👁🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.36 से 02.05 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कुम्भ*
05:15:05 06:52:23
*मीन*
06:52:23 08:19:48
*मेष*
08:19:48 10:00:34
*वृषभ*
10:00:34 11:59:14
*मिथुन*
11:59:14 14:12:56
*कर्क*
14:12:56 16:29:06
*सिंह*
16:29:06 18:40:55
*कन्या*
18:40:55 20:51:35
*तुला*
20:51:35 23:06:12
*वृश्चिक*
23:06:12 25:22:22
*धनु*
25:22:22 27:27:59
*मकर*
27:27:59 29:15:05
🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक……………………3
🔯 शुभ रंग……………………..हरा
💮 *चौघडिया :-*
प्रात: 08.09 से 09.38 तक अमृत
प्रात: 11.07 से 12.35 तक शुभ
दोप 03.32 से 05.01 तक चंचल
सायं 05.01 से 06.30 तक लाभ
रात्रि 08.01 से 09.32 तक शुभ ।
💮 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ गजेशाय नम: ।।
*संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः – विभूतियोग:) -*
श्रीभगवानुवाच –
अर्जुन उवाच –
स्थाने हृषीकेश तव प्रकीर्त्या जगत्प्रहृष्यत्यनुरज्यते च ।
रक्षांसि भीतानि दिशो द्रवन्ति सर्वे नमस्यन्ति च सिद्धसंघाः ॥११- ३६॥
अर्थात :
अर्जुन बोले- हे अन्तर्यामिन्! यह योग्य ही है कि आपके नाम, गुण और प्रभाव के कीर्तन से जगत अति हर्षित हो रहा है और अनुराग को भी प्राप्त हो रहा है तथा भयभीत राक्षस लोग दिशाओं में भाग रहे हैं और सब सिद्धगणों के समुदाय नमस्कार कर रहे हैं॥36॥
🍃 *आरोग्यं :*-
*कपूर के फायदे :-*
*3. पेट दर्द से राहत -*
पेट दर्द होने पर एक गिलास पानी में एक चम्मच आजवाइन डाल के उबालें और जब वो पानी आधा रह जाता है, तो उसमें थोडा सा कपूर डाल लें फिर इस पानी का सेवन करें। इससे आप को पेट दर्द से राहत मिलती है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। थकान रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। पराक्रम बढ़ेगा। जीवनसाथी से आर्थिक मतभेद हो सकते हैं। कामकाज में आशानुरूप स्थिति बनेगी। संतान के व्यवहार पर नजर रखें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
बुरी खबर मिल सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से लाभ होगा। आपसी विचार-विमर्श लाभप्रद रहेगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
मेहनत का फल मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा सफल रहेगी। धनलाभ होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। वाहन सुख मिलेगा। संपत्ति के लेन-देन में सावधानी बरतें। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। संतान पर ध्यान दें।
🦀*राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
उत्साहवर्द्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बढ़ेगा। पुराने मित्र-संबंधी मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कार्य व व्यवसाय के क्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक तंगी रहेगी। पिछले कार्यों को टालें। व्यापार में हानि हो सकती है।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
जल्दबाजी व भागदौड़ से कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ। पारिवारिक तनाव से मन परेशान रहेगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ होगा। जोखिम बिलकुल न लें। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। व्यापार व नौकरी में हितकारकों की पूर्ण कृपा रहेगी। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें।
🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
गृह उपयोगी वस्तुएँ क्रय करेंगे। फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। कुसंगति से बचें। दूसरों पर भरोसा न करें। धैर्य रखें। पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। रुका पैसा मिलेगा। शत्रु आपकी छवि को धूमिल करने का प्रयास करेंगे। अतः सावधान रहें। व्यापार में सफलता मिलेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
रुका हुआ धन प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। पूँजी निवेश बढ़ेगा। साहित्यिक रुचि बढ़ेगी। आर्थिक योग शुभ हैं। यात्रा से व्यापारिक लाभ हो सकता है। सुसंगति से लाभ होगा।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
योजना फलीभूत होगी। नए अनुबंध होंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी व भागदौड़ से काम करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ। अच्छे मित्र से भेंट होगी। पराक्रम की वृद्धि होगी। समाज-परिवार में आदर मिलेगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। वरिष्ठजनों का सहयोग मिलेगा। कोर्ट व कचहरी के काम बनेंगे। कार्यसिद्धि होगी। आय-व्यय में संतुलन रहेगा। क्रोध पर संयम आवश्यक है। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। धर्म में रुचि बढ़ेगी। नई योजना से लाभ होगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यापार के विस्तार हेतु किए गए प्रयास सफल होंगे। संतान की ओर से अच्छे समाचार मिलेंगे। दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करें। परिवार की चिंता रहेगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रुभय रहेगा। लाभ होगा। पिछले कार्यों को टालना चाहिए क्योंकि उसमें असफलता का योग है। अनावश्यक विवाद होगा। व्यावसायिक योजनाएँ क्रियान्वित नहीं हो पाएँगी।
🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। खर्चों में वृद्धि से चिंता होगी। संतान के रोजगार की समस्या का समाधान संभव है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। कश्मकश दूर होगी। स्वजनों से भेंट होगी।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
*धुलेंडी क्यों और कैसे मनाई जाती है…….*
*प्राचीन समय में होली केवल फूलों से या फूलों से बने रंगों से खेली जाती थी इसे धूलिवंदन धुरखेल धुलेंडी व धुरड्डी भी कहा जाता है इस दिन एक दूसरे को रंग लगाया जाता है और ढोल इत्यादि बजाकर नाच गाना किया जाता है ये मौज मस्ती दोपहर तक चलती है फिर नहाकर शाम तक नये वस्त्र धारण करके एक दूसरे के घर जाकर पुराने गिले शिकवे भुलाकर मिठाई खिलाकर गले लगाकर भी इसे मनाया जाता है इसे फाल्गुनी भी कहा जाता है क्योंकि ये फाल्गुन मास में मनाया जाता है पहली बार बसंत पंचमी के दिन गुलाल उड़ाया जाता है इसी दिन से इसका आगमन हो जाता है बाग बगीचों में फूल छाने लगते हैं खेतों में सरसों आने लगती है तथा पेड़ पौधे पशु पक्षी भी हर्ष और उल्लास से खिल उठते हैैं बच्चे बूढ़े जवान सभी ढ़ोल नगाड़ों पे नाच उठते हैं।*
*क्यों मनाते हैं धुलेंडी ……..*
*1. कहते हैं कि त्रैतायुग के प्रारंभ में विष्णु ने धूलि वंदन किया था। इसकी याद में धुलेंडी मनाई जाती है। धूल वंदन अर्थात लोग एक दूसरे पर धूल लगाते हैं।*
*2. यह भी कहते हैं कि इस दिन से ब्रज में भगवान श्रीकृष्ण ने ‘रंग उत्सव’ मनाने की परंपरा का प्रारंभ किया था। तभी से इसका नाम फगवाह हो गया, क्योंकि यह फागुन माह में आती है। श्रीकृष्ण ने ही होली के त्योहार में रंग को जोड़ा था।*
*धुलेंडी को धुरड्डी, धुरखेल, धूलिवंदन और चैत बदी आदि नामों से जाना जाता है। होली के अगले दिन धुलेंडी को पानी में रंग मिलाकर होली खेली जाती है तो रंगपंचमी को सूखा रंग डालने की परंपरा रही है। कई जगह इसका उल्टा होता है। पुराने समय में धुलेंडी के दिन टेसू के फूलों का रंग और रंगपंचमी को गुलाल डाला जाता था। सूखा रंग उस घर के लोगों पर डाला जाता हैं जहां किसी की मौत हो चुकी होती है।*
*कैसे मनाते हैं धुलेंडी……..*
*1. होली के अगले दिन धुलेंडी के दिन सुबह के समय लोग एक दूसरे पर रंग, धूल लगाते हैं। पुराने समय में इसे धूल स्नान कहते थे, चिकनी मिट्टी की गारा का या मुलतानी मिट्टी को शरीर पर लगाया जाता था। शाम को लोग अबीर और गुलाल आदि रंग एक दूसरे पर डालते हैं। पुराने समय में धुलेंडी के दिन टेसू के फूलों का रंग बनाकर एक दूसरे पर लगाया जाता था।*
*2. ढोल बजा कर होली के गीत गाए जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं।*
*3. ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से मित्र बन जाते हैं। गले मिलकर एक दूसरे को मिठाइयां खिलाते हैं।*
*4. राग-रंग के बाद लोग भजिये या गुझिया बनाकर ठंडाई का मजा लेते हैं। गुझिया होली का प्रमुख पकवान है जो कि मावा (खोया) और मैदा से बनती है और मेवाओं से युक्त होती है इस दिन कांजी के बड़े खाने व खिलाने का भी प्रचलन है।*
*आप सभी साथियों को होली व धुलेंडी की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं।*