*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- इत्र की महक*
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कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि………………………..दक्षिणायन
मास………………………………..पौष
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी…………………………….नवमी
दोप 02.25 पर्यंत पश्चात दशमी
सूर्योदय ………….प्रातः 07.09.00 पर
सूर्यास्त …………….संध्या 05.58.03 पर
सूर्य राशि………………………..धनु
चन्द्र राशि……………………….मेष
गुरु राशि………………………वृषभ
नक्षत्र………………………..अश्विनी
दोप 04.28 पर्यंत पश्चात भरणी
योग…………………………….सिद्ध
रात्रि 08.15 पर्यंत पश्चात साध्य
करण………………………..कौलव
दोप 02.25 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु………………..(सहस्य) हेमंत
दिन………………………….बुधवार
💮 *आंग्ल मतानुसार* :-
08 जनवरी सन 2025 ईस्वी ।
👁🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.33 से 01.53 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*धनु*
05:38:02 08:36:50
*मकर*
08:36:50 09:25:30
*कुम्भ*
09:25:30 10:52:33
*मीन*
10:52:33 12:17:48
*मेष*
12:17:48 13:53:18
*वृषभ*
13:53:18 15:49:11
*मिथुन*
15:49:11 18:04:11
*कर्क*
18:04:11 20:24:53
*सिंह*
20:24:53 22:42:33
*कन्या*
22:42:33 24:59:13
*तुला*
24:59:13 27:19:06
*वृश्चिक*
27:19:06 29:38:02
🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक……………………8
🔯 शुभ रंग……………………..हरा
💮 *चौघडिया :-*
प्रात: 08.32 से 09.52 तक अमृत
प्रात: 11.12 से 12.32 तक शुभ
दोप 03.12 से 04.33 तक चंचल
सायं 04.33 से 05.53 तक लाभ
रात्रि 07.33 से 09.13 तक शुभ ।
💮 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ एकदंताय नम: ।।
*संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः – विभूतियोग:) -*
किरीटिनं गदिनं चक्रिणं च तेजोराशिं सर्वतो दीप्तिमन्तम् ।
पश्यामि त्वां दुर्निरीक्ष्यं समन्ता-द्दीप्तानलार्कद्युतिमप्रमेयम् ॥११- १७॥
अर्थात :
आपको मैं मुकुटयुक्त, गदायुक्त और चक्रयुक्त तथा सब ओर से प्रकाशमान तेज के पुंज, प्रज्वलित अग्नि और सूर्य के सदृश ज्योतियुक्त, कठिनता से देखे जाने योग्य और सब ओर से अप्रमेयस्वरूप देखता हूँ॥17॥
🍃 *आरोग्यं :*-
*वजन को कम करने के लिए पियें ये ड्रिंक्स -*
*1. पानी -*
वजन घटाने के लिए जल वास्तव में सहायक हो सकता है। यह 100 फीसदी कैलोरी-मुक्त है, इससे आपको अधिक कैलोरी बर्न करने में सहायता मिलती है। वजन घटाने के लिए आपको खाना खाने से आधा घंटा पहले और खाना खाने के एक घंटा बाद खूब पानी पीना चाहिए। इसके अलावा आप दिन में कभी भी पानी पीजिए। इससे आप ओवरईटिंग से भी बचेंगे।
*2. नारियल पानी -*
नारियल का पानी फलों में प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाला फल है। इसमें 94 फीसदी पानी और बहुत कम वसा होता है। नारियल पानी भी वजन कम करने में मदद करता है। यह फैट फ्री ड्रिंक कोलेस्ट्रॉतल के एलडीएल को कम करता है और जमी चर्बी को जलाता है।
*3. ग्रीन टी -*
ग्रीन टी एंटीऑक्सिडेंट और पोषक तत्वों के साथ भरी हुई है, जो शरीर पर शक्तिशाली प्रभाव डालता है। यह शरीर का वसा कम करने में मदद करता है। एक शोध में माना की ग्रीन टी में विशेष प्रकार के पोलीफेनॉल्स पाए जाते हैं जिससे शरीर में फैट्स को बर्न करने में मदद मिलती है।
*4. नींबू पानी -*
नींबू पानी एक ऐसा पेय पदार्थ है, जिसका आनंद किसी भी मौसम में लिया जा सकता है। इसे पीने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। जिसमें पाचन शक्ति को बढ़ाना, फोकस बढ़ाना और ऊर्जा के स्तर क बढ़ाना शामिल है। इसके अलावा इससे वजन घटाने में भी मदद मिलती है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
आज निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। लाभ होगा। भाग्य की अनुकूलता रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कोर्ट व कचहरी के काम से छुटकारा मिल सकता है। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
कारोबार में लंबे समय से रुके कार्य पूर्ण होने के योग हैं। बड़ा लाभ हो सकता है। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। शत्रुओं से सावधानी आवश्यक है। हानि पहुंचाने के प्रयास करेंगे। प्रसन्नता रहेगी। स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त हो सकती है। आज प्रमाद न करें।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
नौकरी में कोई नया काम कर पाएंगे। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त हो सकता है। निवेश में जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। दुष्टजन हानि पहुंचाने का प्रयत्न करेंगे। प्रसन्नता रहेगी।
🦀*राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
आय होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। बेवजह नकारात्मकता रहेगी। आलस्य हावी रहेगा। कोई बड़ी परेशानी आ सकती है। भागदौड़ अधिक होगी। शोक समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। वरिष्ठ व्यक्तियों का मार्गदर्शन लाभ में वृद्धि करेगा। निवेशादि मनोनुकूल रहेंगे। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी।
🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभदायक रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। आत्मसम्मान बना रहेगा। कोई बड़ा काम तथा बाहर जाने का मन बनेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। धनागम होगा।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
व्यापारिक यात्रा सफल रहेगी। कोई बड़ा काम हो सकता है। भेंट व उपहार की प्राप्ति हो सकती है। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड आदि में सोच-समझकर निवेश करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
परिवार के साथ जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। व्ययवृद्धि होगी। विवाद को बढ़ावा न दें। दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी भी निर्णय को लेने में विवेक का प्रयोग करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
आज आपको पत्नी के भाग्य का साथ मिलेगा। रुका हुआ पैसा मिलने के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। राजकीय सहयोग मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। आशंका-कुशंका रहेगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। आलस्य न करें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
लंबे समय से रुके कार्य पूर्ण होने के योग हैं, प्रयास करते रहें। आय में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी न करें। आर्थिक उन्नति के लिए नई नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पार्टनरों से सहयोग प्राप्त होगा। निवेश लाभदायक रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी साधु-संत की सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। भाग्य का साथ मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि हो सकती है। भ्रम की स्थिति बन सकती है। किसी व्यक्ति के व्यवहार से मन को ठेस पहुंच सकती है। जल्दबाजी न करें। विवाद की स्थिति नहीं बनने दें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। आलस्य हावी रहेगा।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
*जनवरी 2025 के व्रत त्यौहार –
3 जनवरी 2025 – पौष विनायक चतुर्थी
6 जनवरी 2025 – गुरु गोबिंद सिंह जयंती
10 जनवरी 2025 – पौष पुत्रदा एकादशी
11 जनवरी 2025 – शनि प्रदोष व्रत
13 जनवरी 2025 – पौष पूर्णिमा व्रत, महाकुंभ शुरू, लोहड़ी
14 जनवरी 2025 – मकर संक्रांति, पोंगल, उत्तरायण
17 जनवरी 2025 – सकट चौथ
25 जनवरी 2025 – षटतिला एकादशी
27 जनवरी 2025 – मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
29 जनवरी 2025 – माघी अमावस्या, मौनी अमावस्या
*फरवरी 2025*
1 फरवरी 2025 – विनायक चतुर्थी
2 फरवरी 2025 – बसंत पंचमी
4 फरवरी 2025 – नर्मदा जयंती
8 फरवरी 2025 – जया एकादशी
9 फरवरी 2025 – प्रदोष व्रत
12 फरवरी 2025 – माघ पूर्णिमा व्रत, कुंभ संक्रांति, गुरु रविदास जयंती
13 फरवरी 2025 – फाल्गुन माह शुरू
16 फरवरी 2025 – द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
20 फरवरी 2025 – शबरी जयंती
21 फरवरी 2025 – जानकी जयंती
24 फरवरी 2025 – विजया एकादशी
25 फरवरी 2025 – प्रदोष व्रत
26 फरवरी 2025 – महाशिवरात्रि
27 फरवरी 2025 – फाल्गुन अमावस्या
*मार्च 2025*
1 मार्च 2025 – फुलैरा दूज, रामकृष्ण जयंती
3 मार्च 2025 – विनायक चतुर्थी
10 मार्च 2025 – आमलकी एकादशी
11 मार्च 2025 – प्रदोष व्रत
13 मार्च 2025 – होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
14 मार्च 2025 – होली, मीन संक्रांति, चंद्र ग्रहण
15 मार्च 2025 – चैत्र माह शुरू
16 मार्च 2025 – होली भाई दूज
17 मार्च 2025 – भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी
19 मार्च 2025 – रंग पंचमी
21 मार्च 2025 – शीतला सप्तमी
22 मार्च 2025 – शीतला अष्टमी, बसोडा
25 मार्च 2025 – पापमोचिनी एकादशी
27 मार्च 2025 – मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
29 मार्च 2025 – चैत्र अमावस्या, सूर्य ग्रहण
30 मार्च 2025 – हिंदू नववर्ष शुरू, चैत्र नवरात्रि, गुड़ी पड़वा
31 मार्च 2025 – गणगौर पूजा
*अप्रैल 2025*
1 अप्रैल 2025 – विनायक चतुर्थी
6 अप्रैल 2025 – राम नवमी, रवि पुष्य योग
8 अप्रैल 2025 – कामदा एकादशी
10 अप्रैल 2025 – प्रदोष व्रत
12 अप्रैल 2025 – हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत
13 अप्रैल 2025 – वैशाख शुरू
14 अप्रैल 2025 – मेष संक्रांति
16 अप्रैल 2025 – विकट संकष्टी चतुर्थी
24 अप्रैल 2025 – वरुथिनी एकादशी
25 अप्रैल 2025 – प्रदोष व्रत
26 अप्रैल 2025 – मासिक शिवरात्रि
27 अप्रैल 2025 – वैशाख अमावस्या
29 अप्रैल 2025 – परशुराम जयंती
30 अप्रैल 2025 – अक्षय तृतीया
*मई 2025*
1 मई 2025 – विनायक चतुर्थी
2 मई 2025 – शंकराचार्य जयंती, सूरदास जयंती, रामानुज जयंती
3 मई 2025 – गंगा सप्तमी
5 मई 2025 – सीता नवमी
8 मई 2025 – मोहिनी एकादशी
9 मई 2025 – प्रदोष व्रत
11 मई 2025 – नरसिंह जयंती
12 मई 2025 – बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख पूर्णिमा व्रत
13 मई 2025 – नारद जयंती, ज्येष्ठा माह सुरू
15 मई 2025 – वृषभ संक्रांति
16 मई 2025 – एकदंत संकष्टी चतुर्थी
23 मई 2025 – अपरा एकादशी
24 मई 2025 – शनि प्रदोष व्रत
25 मई 2025 – मासिक शिवरात्रि
26 मई 2025 – वट सावित्री व्रत
27 मई 2025 – शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या
30 मई 2025 – विनायक चतुर्थी
*जून 2025*
4 जून 2025 – महेश नवमी
5 जून 2025 – गंगा दशहरा
6 जून 2025 – निर्जला एकादशी
8 जून 2025 – प्रदोष व्रत
10 जून 2025 – व्रत सावित्री पूर्णिमा व्रत
11 जून 2025 – कबीरदास जयंती, ज्येष्ठ पूर्णिमा
12 जून 2025 – आषाढ़ माह शुरू
14 जून 2025 – कृष्ण पिंगल संकष्टी चतुर्थी
15 जून 2025 – मिथुन संक्रांति
21 जून 2025 – योगिनी एकादशी
23 जून 2025 – प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
25 जून 2025 – आषाढ़ अमावस्या
26 जून 2025 – आषाढ़ नवरात्रि
27 जून 2025 – जगन्नाथ रथ यात्रा
28 जून 2025 – विनायक चतुर्थी
*जुलाई 2025*
6 जुलाई 2025 – देवशयनी एकादशी
8 जुलाई 2025 – प्रदोष व्रत
10 जुलाई 2025 – कोकिला व्रत, गुरु पूर्णिमा व्रत, आषाढ़ पूर्णिमा
11 जुलाई 2025 – सावन शुरू
14 जुलाई 2025 – पहला सावन सोमवार, गजानन संकष्टी चतुर्थी
15 जुलाई 2025 – पहला मंगला गौरी व्रत
16 जुलाई 2025 – कर्क संक्रांति
21 जुलाई 2025 – दूसरा सावन सोमवार, कामिक एकादशी
22 जुलाई 2025 – प्रदोष व्रत
23 जुलाई 2025 – सावन शिवरात्रि
24 जुलाई 2025 – हरियाली अमावस्या, सावन अमावस्या, गुरु पुष्य योग
27 जुलाई 2025 – हरियाली तीज
28 जुलाई 2025 – सावन तीसरा सोमवार, विनायक चतुर्थी
29 जुलाई 2025 – नाग पंचमी
30 जुलाई 2025 – कल्कि जयंती
31 जुलाई 2025 – तुलसीदास जयंती
*अगस्त 2025*
4 अगस्त 2025 – चौथा सावन सोमवार व्रत
5 अगस्त 2025 – सावन पुत्रदा एकादशी
6 अगस्त 2025 – प्रदोष व्रत
8 अगस्त 2025 – हयग्रीव जयंती, वरलक्ष्मी व्रत
9 अगस्त 2025 – रक्षाबंधन, सावन पूर्णिमा व्रत
10 अगस्त 2025 – भाद्रपद शुरू
12 अगस्त 2025 – कजरी तीज, बहुला चौथ, संकष्टी चतुर्थी
15 अगस्त 2025 – जन्माष्टमी
16 अगस्त 2025 – दही हांडी
17 अगस्त 2025 – सिंह संक्रांति
19 अगस्त 2025 – अजा एकादशी
20 अगस्त 2025 – प्रदोष व्रत
21 अगस्त 2025 – पर्यूषण पर्व शुरू, गुरु पुष्य योग
23 अगस्त 2025 – भाद्रपद अमावस्या, पोला
25 अगस्त 2025 – वराह जयंती
26 अगस्त 2025 – हरतालिका तीज
27 अगस्त 2025 – गणेश चतुर्थी
28 अगस्त 2025 – ऋषि पंचमी
31 अगस्त 2025 – राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत शुरू
*सितंबर 2025*
3 सितंबर 2025 – परिवर्तिनी एकादशी
4 सितंबर 2025 – वामन जयंती
5 सितंबर 2025 – ओणम, प्रदोष व्रत
6 सितंबर 2025 – गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी
7 सितंबर 2025 – भाद्रपद पूर्णिमा व्रत, चंद्र ग्रहण
8 सितंबर 2025 – पितृ पक्ष शुरू
10 सितंबर 2025 – विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी
14 सितंबर 2025 – जीवित्पुत्रिका व्रत
17 सितंबर 2025 – एकादशी श्राद्ध, इंदिरा एकादशी, कन्या संक्रांति
18 सितंबर 2025 – गुरु पुष्य योग
19 सितंबर 2025 – मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
21 सितंबर 2025 – सर्व पितृ अमावस्या
22 सितंबर 2025 – शारदीय नवरात्रि शुरू, घटस्थापना
25 सितंबर 2025 – विनायक चतुर्थी
*अक्टूबर 2025*
2 अक्टूबर 2025 – दशहरा, विजयादशमी
3 अक्टूबर 2025 – पापांकुशा एकादशी
4 अक्टूबर 2025 – शनि प्रदोष व्रत
6 अक्टूबर 2025 – कोजागर पूजा, शरद पूर्णिमा
7 अक्टूबर 2025 – वाल्मीकि जयंती, मीराबाई जयंती
8 अक्टूबर 2025 – कार्तिक माह शुरू
10 अक्टूबर 2025 – करवा चौथ, संकष्टी चतुर्थी
13 अक्टूबर 2025 – अहोई अष्टमी
17 अक्टूबर 2025 – रमा एकादशी, तुला संक्रांति
18 अक्टूबर 2025 – शनि प्रदोष व्रत, धनतेरस, यम दीपम
20 अक्टूबर 2025 – नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, दिवाली
21 अक्टूबर 2025 – कार्तिक अमावस्या
22 अक्टूबर 2025 – गोवर्धन पूजा
23 अक्टूबर 2025 – भाई दूज
25 अक्टूबर 2025 – विनायक चतुर्थी
27 अक्टूबर 2025 – छठ पूजा
31 अक्टूबर 2025 – अक्षय नवमरी
*नवंबर 2025*
1 नवंबर 2025 – देवउठनी एकादशी
2 नवंबर 2025 – तुलसी विवाह
3 नवंबर 2025 – प्रदोष व्रत
4 नवंबर 2025 – बैकुंठ चतुर्दशी, मणिकर्णिका स्नान
5 नवंबर 2025 – देव दिवाली, गुरु नानक जयंती, कार्तिक पूर्णिमा
6 नवंबर 2025 – मार्गशीर्ष माह शुरू
8 नवंबर 2025 – गणाधिप संकष्टी चतुर्थी
12 नवंबर 2025 – कालभैरव जयंती
15 नवंबर 2025 – उत्पन्ना एकादशी
16 नवंबर 2025 – वृश्चिक संक्रांति
17 नवंबर 2025 – प्रदोष व्रत
18 नवंबर 2025 – मासिक शिवरात्रि
20 नवंबर 2025 – मार्गशीर्ष अमावस्या
24 नवंबर 2025 – विनायक चतुर्थी
25 नवंबर 2025 – विवाह पंचमी
*दिसंबर 2025*
1 दिसंबर 2025 – मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती
2 दिसंबर 2025 – प्रदोष व्रत
4 दिसंबर 2025 – अन्नपूर्णा जयंती, दत्तात्रेय जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा
5 दिसंबर 2025 – पौष माह शुरू
7 दिसंबर 2025 – अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
15 दिसंबर 2025 – सफला एकादशी
16 दिसंबर 2025 – धनु संक्रांति
17 दिसंबर 2025 – प्रदोष व्रत
19 दिसंबर 2025 – पौष अमावस्या
24 दिसंबर 2025 – विनायक चतुर्थी
27 दिसंबर 2025 – गुरु गोविंद सिंह जयंती
30 दिसंबर 2025 – पौष पुत्रदा एकादशी
31 दिसंबर 2025 – बैकुंठ एकादशी
*🌳इत्र की महक🌳*
मथुरा में एक संत रहते थे। उनके बहुत से शिष्य थे। उन्हीं में से एक सेठ जगतराम भी थे।
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जगतराम का लंबा चौड़ा कारोबार था। वे कारोबार के सिलसिले में दूर दूर की यात्राएं किया करते थे।
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एक बार वे कारोबार के सिलसिले में कन्नौज गये। कन्नौज अपने खुश्बूदार इत्रों के लिये प्रसिद्ध है।
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उन्होंने इत्र की एक मंहगी शीशी संत को भेंट करने के लिये खरीदी।
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सेठ जगतराम कुछ दिनों बाद काम खत्म होने पर वापस मथुरा लौटे। अगले दिन वे संत की कुटिया पर उनसे मिलने गये।
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संत कुटिया में नहीं थे। पूछा तो जवाब मिला कि यमुना किनारे गये हैं, स्नान-ध्यान के लिये।
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जगतराम घाट की तरफ चल दिये। देखा कि संत घुटने भर पानी में खड़े यमुना नदी में कुछ देख रहे हैं और मुस्कुरा रहे हैं।
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तेज चाल से वे संत के नजदीक पहुंचे।
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प्रणाम करके बोले आपके लिये कन्नौज से इत्र की शीशी लाया हूँ।
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संत ने कहा लाओ दो। सेठ जगतराम ने इत्र की शीशी संत के हाथ में दे दी। संत ने तुरंत वह शीशी खोली और सारा इत्र यमुना में डाल दिया और मुस्कुराने लगे।
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जगतराम यह दृश्य देख कर उदास हो गये और सोचा एक बार भी इत्र इस्तेमाल नहीं किया, सूंघा भी नहीं और पूरा इत्र यमुना में डाल दिया।
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वे कुछ न बोले और उदास मन घर वापस लौट गये।
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कई दिनों बाद जब उनकी उदासी कुछ कम हुई तो वे संत की कुटिया में उनके दर्शन के लिये गये।
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संत कुटिया में अकेले आंखे मूंदे बैठे थे और भजन गुनगुना रहे थे।
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आहट हुई तो सेठ को द्वार पर देखा। प्रसन्न होकर उन्हें पास बुलाया और कहा – ”उस दिन तुम्हारा इत्र बड़ा काम कर गया।
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सेठ ने आश्चर्य से संत की तरफ देखा और पूछा “मैं कुछ समझा नहीं।
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संत ने कहा- उस दिन यमुना में राधा जी और श्री कृष्ण की होली हो रही थी।
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श्रीराधा जी ने श्रीकृष्ण के ऊपर रंग डालने के लिये जैसे ही बर्तन में पिचकारी डाली उसी समय मैंने तुम्हारा लाया इत्र बर्तन में डाल दिया।
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सारा इत्र पिचकारी से रंग के साथ श्रीकृष्ण के शरीर पर चला गया और भगवान श्रीकृष्ण इत्र की महक से महकने लगे।
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तुम्हारे लाये इत्र ने श्रीकृष्ण और श्रीराधा रानी की होली में एक नया रंग भर दिया। तुम्हारी वजह से मुझे भी श्रीकृष्ण और श्रीराधा रानी की कृपा प्राप्त हुई।
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सेठ जगतराम आंखे फाड़े संत को देखते रहे। उनकी कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
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संत ने सेठ की आंखों में अविश्वास की झलक देखी तो कहा शायद तुम्हें मेरी कही बात पर विश्वास नहीं हो रहा।
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जाओ मथुरा के सभी श्रीकृष्ण राधा के मंदिरों के दर्शन कर आओ, फिर कुछ कहना।
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सेठ जगतराम मथुरा में स्थित सभी श्रीकृष्ण राधा के मंदिरों में गये। उन्हें सभी मंदिरों में श्रीकृष्णराधा की मूर्ति से अपने इत्र की महक आती प्रतीत हुयी।
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सेठ जगतराम का इत्र श्रीकृष्ण और श्रीराधा रानी ने स्वीकार कर लिया था।
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वे संत की कुटिया में वापस लौटे और संत के चरणों में गिर पड़े।
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सेठ की आंखों से आंसुओं की धार बह निकली। और उसे संत जी का अधिकार मालूम हुआ।
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संत की आंखें भी प्रभु श्रीकृष्ण की याद में गीली हो गयीं।
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इसलिए सदैव ध्यान रहे कि संत महात्मा भले ही हमारे जैसे दिखते हों, रहते हों लेकिन वे हर वक्त ईश्वर में मन लगाये रहते हैं।
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हम जैसों के लिये यह अधिकार तब प्राप्त होगा जब हमारी भक्ति बढ़े, नाम सिमरन बढ़े।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।