*विश्वशांति हेतु 9th पंचांगनी साधना का विधि विधान के साथ हुआ शुभारंभ*
देव भूमि जे के न्यूज ऋषिकेश –
हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी स्वामी समर्पण आश्रम घुगतानी तपोवन मे १४ जनवरी से गुरुजी परमहंस अवधूत स्वामी समर्पणानंद सरस्वती महाराज जी द्वारा पंचाग्नि साधना की शुरुआत हुई, जिसका समापन लगभग 25 मई 2025 को आश्रम मे होगी | यह साधना ,साधक 4 अग्नि कुंड कि बीच मे बैठकर विषम कठिनाइयों की सहित निरंतर और नियंत्रण के साथ समाधि तपस्या में शिव तत्त्व में मिली जाता है | 5 अग्नि वाला सूर्य देवता को माना जाता है, जो की अग्र भाग के ऊपर आशीर्वाद स्वरूप सुरक्षा,समाधि एवं मोक्ष के मार्ग प्रसारित कराता है |यह साधना माँ भैरवी पार्वती जी ने शुरू की थी, भगवान भैरव शिव तत्व में मिल जाने के लिए और ब्रह्म ज्ञान की साक्षातकार होती है |
जीवात्मा की संसार से मुक्ति हो जाती है |
इस साधना का उल्लेख साधना छान्दोग्य उपनिषद, शैव दर्शन, अग्नि पुराण, तंत्र शास्त्र ,अघोरी विद्या में पाया गया है |
यह साधना दश महाविद्या की तंत्र गुप्त साधना में गिना जाता है | यह साधना अघोर विद्या भी माना जाता है |
पांच अग्नि को काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद्य के रुप मे माना जाता है | यह साधना में ईश पांच अग्नि को, साधना करते हुए, साधक अपने संयम कर के वशीभूत कराता है और सारे इन्दिय को अपने वशीभूत भी कराता है |
यह साधना विश्व की कल्याणार्थ के मार्ग को पुरुषार्थ कराता है | यह साधना सूर्य नारायण उत्तरायण से शुरू होकर दक्षिणायण 6माह के बाद समापन होगी। यह साधना सूर्य योग कहलाता है, सूर्य देवता की तेज़ से अंधकार रूपी अज्ञान को समाप्त कराके ,ज्योति की रुप ज्ञान को प्रकाश कराता है. यह साधना सारे प्राकृतिक नियमानुसार ही चलती है और प्राकृतिक नियम को संतुलित करने की सहयता कराता है.
सभी भक्तजन इस कार्य में भाग लिए। इस अवसर पर आश्रम मे मकर संक्रांति की खिचड़ी प्रसाद बांटा गया |
स्वामी औंकारआनंद, पंडित पुरुषोत्तम ,भावना, हरीश,ज्योति बर्थवाल ,भीम सिंह, राजीव योगाचार्य, कैरोलिना सहित तमाम लोग उपस्थित थे।