*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- हार मत मानो*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 17/03/2025, सोमवार*
*तृतीया, कृष्ण पक्ष,*
*चैत्र*
(समाप्ति काल)
तिथि———– तृतीया 19:32:32 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र———— चित्रा 14:46:08
योग————– ध्रुव 15:43:57
करण——- विष्टि भद्र 19:32:32
वार———————–सोमवार
माह————————- चैत्र
चन्द्र राशि—————— तुला
सूर्य राशि—————— मीन
रितु———————— वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————–कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2081
शक संवत——————1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————– 06:27:42
सूर्यास्त————— 18:27:35
दिन काल———— 11:59:52
रात्री काल————- 11:59:00
चंद्रास्त————– 07:49:45
चंद्रोदय—————- 21:14:13
लग्न—- मीन 2°28′ , 332°28′
सूर्य नक्षत्र———–पूर्वा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र—————— चित्रा
नक्षत्र पाया—————— रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
रा—- चित्रा 08:00:05
री—- चित्रा 14:46:08
रू—- स्वाति 21:32:22
रे—- स्वाति 28:18:39
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मीन 02°40, पू oभाo 4 दी
चन्द्र= तुला 02°30 , चित्रा 2 रा
बुध =मीन 15°52 ‘ उ o भा o 4 ञ
शु क्र= मीन 12°05, उ o फाo’ 3 झ
मंगल=मिथुन 25°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 2 को
गुरु=वृषभ 19°30 रोहिणी, 3 वी
शनि=कुम्भ 28°28 ‘ पू o भा o , 3 दा
राहू=(व) मीन 03°25 उo भा o, 1 दू
केतु= (व)कन्या 03°25 उ oफा o 3 पा
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 07:58 – 09:28 अशुभ
यम घंटा 10:58 – 12:28 अशुभ
गुली काल 13:58 – 15: 28अशुभ
अभिजित 12:04 – 12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 12:52 – 13:40 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:16 – 16:04 अशुभ
वर्ज्यम 21:05 – 22:54 अशुभ
प्रदोष 18:28 – 20:53 शुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:28 – 07:58 शुभ
काल 07:58 – 09:28 अशुभ
शुभ 09:28 – 10:58 शुभ
रोग 10:58 – 12:28 अशुभ
उद्वेग 12:28 – 13:58 अशुभ
चर 13:58 – 15:28 शुभ
लाभ 15:28 – 16:58 शुभ
अमृत 16:58 – 18:28 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 18:28 – 19:57 शुभ
रोग 19:57 – 21:27 अशुभ
काल 21:27 – 22:57 अशुभ
लाभ 22:57 – 24:27* शुभ
उद्वेग 24:27* – 25:57* अशुभ
शुभ 25:57* – 27:27* शुभ
अमृत 27:27* – 28:57* शुभ
चर 28:57* – 30:27* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 06:28 – 07:28
शनि 07:28 – 08:28
बृहस्पति 08:28 – 09:28
मंगल 09:28 – 10:28
सूर्य 10:28 – 11:28
शुक्र 11:28 – 12:28
बुध 12:28 – 13:28
चन्द्र 13:28 – 14:28
शनि 14:28 – 15:28
बृहस्पति 15:28 – 16:28
मंगल 16:28 – 17:28
सूर्य 17:28 – 18:28
🚩होरा, रात
शुक्र 18:28 – 19:28
बुध 19:28 – 20:27
चन्द्र 20:27 – 21:27
शनि 21:27 – 22:27
बृहस्पति 22:27 – 23:27
मंगल 23:27 – 24:27
सूर्य 24:27* – 25:27
शुक्र 25:27* – 26:27
बुध 26:27* – 27:27
चन्द्र 27:27* – 28:27
शनि 28:27* – 29:27
बृहस्पति 29:27* – 30:27
*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मीन > 06:22 से 07:48 तक
मेष > 07:48 से 09:26 तक
वृषभ > 09:26 से 11:20 तक
मिथुन > 11:20 से 13:38 तक
कर्क > 13:38 से 15:54 तक
सिंह > 15:54 से 18:10 तक
कन्या > 18:10 से 20:24 तक
तुला > 20:24 से 22:38 तक
वृश्चिक > 22:38 से 01:00 तक
धनु > 01:00 से 03:16 तक
मकर > 02:16 से 04:50 तक
कुम्भ > 04:50 से 06:18 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 3 + 2 + 1 = 21 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
18 + 18 + 5 = 41 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
रात्रि 19:33 तक
पाताल लोक = धन लाभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय रात्रि 21:15*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
सिंहादेकं वकादेकं शिक्षेच्चत्वारि कुक्कुटात् ।
वायसात्पञ्च शिक्षेच्चष्ट् शुनस्त्रीणिगर्दभात् ।।
।। चा o नी o।।
शेर से एक बात सीखे. बगुले से एक. मुर्गे से चार. कौवे से पाच. कुत्ते से छह. और गधे से तीन.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: पुरुषोत्तमयोग :- अo-15
गामाविश्य च भूतानि धारयाम्यहमोजसा ।,
पुष्णामि चौषधीः सर्वाः सोमो भूत्वा रसात्मकः ॥,
और मैं ही पृथ्वी में प्रवेश करके अपनी शक्ति से सब भूतों को धारण करता हूँ और रसस्वरूप अर्थात अमृतमय चन्द्रमा होकर सम्पूर्ण ओषधियों को अर्थात वनस्पतियों को पुष्ट करता हूँ॥,13॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
धनार्जन होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।
🐂वृष
संतान के कार्यों पर नजर रखें। पूंजी निवेश बढ़ेगा। प्रचार-प्रसार से दूर रहें। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से सहयोग मिलेगा।
👫मिथुन
जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी।
🦀कर्क
भौतिक विकास के कार्यों को बल मिलेगा। फालतू खर्च होगा। भागीदारी के प्रस्ताव आएंगे। दिनचर्या नियमित रहेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम न लें। झंझटों में न पड़ें। आय में कमी होगी।
🐅सिंह
प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।
🙎♀️कन्या
मान बढ़ेगा। मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।
⚖️तुला
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है।
🦂वृश्चिक
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें।
🏹धनु
उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🐊मकर
धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी।
🍯कुंभ
समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी।
🐟मीन
रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें। नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*हार मत मानो*
*एक समय की बात है, प्रतापगढ़ के राजा की कोई संतान नहीं थी. लेकिन राज्य को आगे बढ़ाने के लिए एक उत्तराधिकारी की जरूरत थी. इसलिए राजा ने एक फैसला किया कि वह अपने ही राज्य से किसी एक बच्चे को चुनेगा जो उसका उत्तराधिकारी बनेगा….*
इस इरादे से राजा ने अपने राज्य के सभी बच्चों को बुलाकर यह घोषणा की कि वह इन बच्चों में से किसी एक को अपना उत्तराधिकारी चुनेगा…
*उसके बाद राजा ने उन बच्चो को एक एक थैली बंटवा दी और कहा….. कि आप सब लोगो को जो थैली दी गई है उसमे अलग-अलग फूलों का बीज हैं.. हर बच्चे को सिर्फ एक एक बीज ही दिया गया है… आपको इसे अपने घर ले जाकर एक गमले में लगाना है… और 6 महीने बाद हम फिर इस आप सब के इस गमले के साथ यहीं इकठ्ठा होंगे और उस समय मैं फैसला करूँगा की कौन इस राज्य का उत्तराधिकारी बनेगा…*
*उन लडकों में एक ध्रुव नाम का लड़का था,* बाकी बच्चो की तरह वो भी बीज लेकर ख़ुशी-ख़ुशी अपने घर वापस आ गया… उसी दिन घर जाकर उसने एक गमले में उस बीज को लगा दिया और उसकी अच्छे से देखभाल की… दिन बीतने लगे, *लेकिन कई हफ्ते बाद भी गमले में पौधे का कोई नामोनिशान नही आया…. वहीं आस पास के कुछ बच्चों के गमलों में पौधे दिखने लगे… लेकिन ध्रुव ने सोचा की हो सकता है की उसका बीज अलग हो… यह सोचकर वह पौधे की देखभाल पूरी लगन के साथ करता रहा… लेकिन लगभग तीन महीने बीत जाने के बाद भी उसका गमला खाली था…. जबकि दूसरे बच्चों के गमले में फूल भी खिलने लगे थे….*
ध्रुव का खाली गमला देखकर सभी उसका मजाक उड़ाने लगे….. पर इसके बावजूद भी *ध्रुव ने हार नही मानी और लगातार गमले की देखभाल करता रहा… देखते-देखते 5 महीने बीत गये , अब ध्रुव चिंतित था क्योंकि उसके गमले में कुछ नही निकला था ।* और अब उस गमले की देखभाल में उसकी रूचि कम हो गयी थी । *लेकिन उसकी माँ ने समझाया कि – बेटा नतीजा कुछ भी हो लेकिन तुम्हे इस गमले पर अब भी उतनी ही मेहनत और उतना ही समय देना है जितना तुम पहले देते थे ,फिर भले ही गमले के प्रति तुम्हारी ये मेहनत बेरुखी से भरी हो । क्योंकि ऐसा करने से तुम्हे भी एक तसल्ली होगी कि बे चाह और बेरुचि ही सही लेकिन तूने उस गमले के लिये आखिरी तक अपनी ड्यूटी और मेहनत दी। बाकी राजा जाने।* और फिर अंत में उसकी माँ ने उसे ये भी समझाया कि सोचो अगर राजा को ये पता चलेगा कि आखिरी में तुमने गमले के प्रति मेहनत और समय देना बन्द कर लिया था। तो हो सकता है राजा तुमसे गुस्सा करें । और ध्रुव माँ की ये सब बातें सुनकर , तो कभी राजा के डर को याद कर , बेरुखी और बेरुचि ही सही लेकिन पूरा समय और मेहनत देता रहा ।
*और 6 महीने पूरे हो गए उस तय हुए दिन सभी बच्चों को महल में इकठ्ठा किया गया सभी के गमलों में पौधे थे… बस ध्रुव का गमला खाली था… राजा बच्चों के बीच से होकर आगे बढ़ने लगे … और गमले में लगे सबके पौधों का निरिक्षण करते… सबके पौधे देखते-देखते राजा की नजर ध्रुव के गमले पर पड़ी… राजा ने ध्रुव से पूछा… क्या हुआ तुम्हारा गमला खाली क्यों है?*
*ध्रुव ने हिचकिचाहट के साथ जबाव दिया- जी मैंने तो इस गमले पर पूरे 6 महीने तक अपनी तरफ से पूरी मेहनत की और पूरा पूरा समय भी देता रहा लेकिन इसमें से कुछ भी नही निकला….*
राजा आगे बढ़े और सभी के गमले देखने के बाद सभी बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि – आप लोगों ने पौधा लगाने में बहुत मेहनत की ।ज्यादातर लोग किसी भी कीमत में राजा बनना चाहते हैं लेकिन एक लड़का यहाँ खाली हाथ आया… जिसका नाम है ध्रुव… राजा ने ध्रुव को अपने पास बुलाया । “राजा के इस तरह बुलाने पर ध्रुव को कुछ अजीब लगा..” ध्रुव धीरेे-धीरे राजा के पास पहुँचता है… जैसे ही राजा ध्रुव के उस खाली गमले को उठाकर सभी बच्चों को दिखता है…. सभी हंसने लगे….
राजा ने ऊँची आवाज में कहा- शांत हो जाओ । *6 महीने पहले मैंने आप सब को जो एक एक बीज दिये थे , वे सब बंजर थे जो कभी उग नही सकते थे…*. आप चाहे उसकी कितनी भी देख रेख कर ले उसमे से कुछ भी नही उग सकता था , लेकिन आप सब ने बीज बदल कर आसानी से उगने वाले दूसरे बीज़ ख़रीदे ताकि आप राजा बन सकें। लेकिन आप सब में सिर्फ ध्रुव ही है जो खाली हाथ आया है । *ध्रुव ने मेरे दिये उस बीज़ पर खूब मेहनत की और जब अंत में उसे लगा कि शायद बीज उगने का कोई चारा नही तो भी बेरुखी से ही सही* लेकिन उसने पूरे 6 महीनो तक उस गमले में हर रोज अपनी मेहनत और समय दिया । इसलिये मैं ध्रुव को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करता हूँ ।
*बेरुखी , बेरुचि या डर से ही सही, लेकिन पूरा समय lदेना चाहिए और हार नहीं मानना चाहिए*
*पता नही कब वो मालिक हमारी इस बेरुखी , बेरुचि और डर को प्रेम में बदल कर हमें जीत का सरताज पहना दे ।*