*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -भगवान् के दर्शन*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 21/01/2025, मंगलवार*
*सप्तमी, कृष्ण पक्ष,*
*पौष*
(समाप्ति काल)
तिथि———–सप्तमी 12:39:13 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र———— चित्रा 23:35:40
योग————–धृति 27:48:13
करण————- बव 12:39:13
करण———– बालव 25:59:48
वार——————— मंगलवार
माह————————- माघ
चन्द्र राशि—- कन्या 10:02:30
चन्द्र राशि—————– तुला
सूर्य राशि—————– मकर
रितु———————– शिशिर
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2081
शक संवत—————- 1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————– 07:11:17
सूर्यास्त—————- 17:50:05
दिन काल———— 10:38:48
रात्री काल————- 13:20:55
चंद्रास्त————– 11:19:42
चंद्रोदय—————- 24:37:43
लग्न—- मकर 7°3′ , 277°3′
सूर्य नक्षत्र———— उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र—————— चित्रा
नक्षत्र पाया—————— रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
पो—- चित्रा 10:02:30
रा—- चित्रा 16:49:14
री—- चित्रा 23:35:40
रू—- स्वाति 30:21:31
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मकर 07°40, उ o षा o 3 जा
चन्द्र=कन्या 28°30 , चित्रा 2 पो
बुध =धनु 24°52 ‘ पू o षाo 4 ढा
शु क्र= कुम्भ 23°05, पू o फाo’ 2 सो
मंगल=कर्क 00°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 4 ही
गुरु=वृषभ 17°30 रोहिणी, 3 वी
शनि=कुम्भ 22°28 ‘ पू o भा o , 1 से
राहू=(व) मीन 06°15 उo भा o, 1 दू
केतु= (व)कन्या 06°15 उ oफा o 3 पा
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 15:10 – 16:30 अशुभ
यम घंटा 09:51 – 11:11 अशुभ
गुली काल 12:31 – 13: 51अशुभ
अभिजित 12:09 – 12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 09:19 – 10:02 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:11 – 23:53 अशुभ
वर्ज्यम 29:54* – 31:43* अशुभ
प्रदोष 17:50 – 20:33 शुभ
💮चोघडिया, दिन
रोग 07:11 – 08:31 अशुभ
उद्वेग 08:31 – 09:51 अशुभ
चर 09:51 – 11:11 शुभ
लाभ 11:11 – 12:31 शुभ
अमृत 12:31 – 13:51 शुभ
काल 13:51 – 15:10 अशुभ
शुभ 15:10 – 16:30 शुभ
रोग 16:30 – 17:50 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
काल 17:50 – 19:30 अशुभ
लाभ 19:30 – 21:10 शुभ
उद्वेग 21:10 – 22:50 अशुभ
शुभ 22:50 – 24:31* शुभ
अमृत 24:31* – 26:11* शुभ
चर 26:11* – 27:51* शुभ
रोग 27:51* – 29:31* अशुभ
काल 29:31* – 31:11* अशुभ
💮होरा, दिन
मंगल 07:11 – 08:05
सूर्य 08:05 – 08:58
शुक्र 08:58 – 09:51
बुध 09:51 – 10:44
चन्द्र 10:44 – 11:37
शनि 11:37 – 12:31
बृहस्पति 12:31 – 13:24
मंगल 13:24 – 14:17
सूर्य 14:17 – 15:10
शुक्र 15:10 – 16:04
बुध 16:04 – 16:57
चन्द्र 16:57 – 17:50
🚩होरा, रात
शनि 17:50 – 18:57
बृहस्पति 18:57 – 20:04
मंगल 20:04 – 21:10
सूर्य 21:10 – 22:17
शुक्र 22:17 – 23:24
बुध 23:24 – 24:31
चन्द्र 24:31* – 25:37
शनि 25:37* – 26:44
बृहस्पति 26:44* – 27:51
मंगल 27:51* – 28:58
सूर्य 28:58* – 30:04
शुक्र 30:04* – 31:11
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मकर > 05:42 से 07:32 तक
कुम्भ > 07:32 से 09:04 तक
मीन > 09:04 से 10:34 तक
मेष > 10:34 से 12:14 तक
वृषभ > 12:14 से 14:12 तक
मिथुन > 14:12 से 16:24 तक
कर्क > 16:24 से 18:46 तक
सिंह > 18:46 से 21:00 तक
कन्या > 21:00 से 23:22 तक
तुला > 23:22 से 01:22 तक
वृश्चिक > 01:22 से 04:36 तक
धनु > 04:36 से 05:46 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 7 + 3 + 1 = 26 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
22 + 22 + 5 = 49 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*श्री रामानंदाचार्य जयंती*
*भारतीय माद्यारंभ दिवस*
*कालाष्टमी*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
मूर्खा यत्र न पुज्यन्ते धान्यं यत्र सुसञ्चितम् ।
दाम्पत्ये कलहो नास्ति तत्र श्रीः स्वयमागता ।।
।। चा o नीo।।
धन की देवी लक्ष्मी स्वयं वहां चली आती है जहाँ …
१. मूर्खो का सम्मान नहीं होता.
२. अनाज का अचछे से भणडारण किया जाता है.
३. पति, पत्नी मे आपस मे लड़ाई बखेड़ा नहीं होता है.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग अo-13
प्रकृतिं पुरुषं चैव विद्ध्यनादी उभावपि ।,
विकारांश्च गुणांश्चैव विद्धि प्रकृतिसम्भवान् ॥,
प्रकृति और पुरुष- इन दोनों को ही तू अनादि जान और राग-द्वेषादि विकारों को तथा त्रिगुणात्मक सम्पूर्ण पदार्थों को भी प्रकृति से ही उत्पन्न जान॥,19॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐂मेष
यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कारोबार से संतुष्टि रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। प्रयास सफल रहेंगे। बुद्धि का प्रयोग करें। प्रमाद न करें। निवेश से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा। व्यापार-व्यवसाय में उत्साह से काम कर पाएंगे। भाग्य अनुकूल है, जल्दबाजी न करें। प्रसन्नता रहेगी।
🐏वृष
किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा पाएंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। लेन-देन में सावधानी रखें। लाभ होगा।
👫मिथुन
आंखों का विशेष ध्यान रखें। चोट व रोग से बचाएं। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। आय बनी रहेगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। थकान महसूस होगी। सहकर्मी सहयोग नहीं करेंगे। चिंता रहेगी।
🦀कर्क
आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। बनते कामों में बाधा उत्पन्न होगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। काम में मन नहीं लगेगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश से लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेंगे।
🐅सिंह
आय में निश्चितता रहेगी। शत्रु शांत रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय से लाभ होगा। बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। दौड़धूप की अधिकता का स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा। थकान व कमजोरी रह सकती है। वाणी में कड़े शब्दों के इस्तेमाल से बचें। दूसरों की बातों में नहीं आएं।
🙍♀️कन्या
स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। मनपसंद रोजगार मिलेगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कर्ज समय पर चुका पाएंगे। बैंक-बैलेंस बढ़ेगा। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। शेयर मार्केट से लाभ होगा। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। तनाव रहेगा।
⚖️तुला
वाणी में शब्दों का प्रयोग सोच-समझकर करें। प्रतिद्वंद्विता में कमी होगी। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। व्यापार में वृद्धि होगी। स्त्री वर्ग से समयानुकूल सहायता प्राप्त होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🦂वृश्चिक
वाहन, मशीनरी व अग्नि के प्रयोग में सावधानी रखें। विशेषकर गृहिणियां लापरवाही न करें। आवश्यक वस्तुएं गुम हो सकती हैं। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे।
🏹धनु
धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश लाभ देगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जल्दबाजी से हानि संभव है।
🐊मकर
बिगड़े काम बनेंगे। निवेश मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। कोई पुराना रोग बाधा का कारण हो सकता है। सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। विरोध होगा। आर्थिक नीति में परिवर्तन होगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। तत्काल लाभ नहीं होगा।
🍯कुंभ
व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। रोजगार मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट मनोनुकूल लाभ देगा। बुद्धि का प्रयोग करें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। काम में मन नहीं लगेगा। विवाद न करें।
🐟मीन
जल्दबाजी व लापरवाही से हानि होगी। राजकीय कोप भुगतना पड़ सकता है। विवाद न करें। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। बिछड़े मित्र व संबंधी मिलेंगे। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में सहकर्मी सहयोग करेंगे। लाभ होगा। कोई अनहोनी होने की आशंका रहेगी।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*_🛕।।जय श्री राम।।🙏_*
*_🪴भगवान् के दर्शन 🪴_*
*_महर्षि रमण से कुछ भक्तों ने पूछा, ‘क्या हमें भगवान् के दर्शन हो सकते हैं ?’_*
*_’हां, क्यों नहीं हो सकते….? परंतु भगवान् को देखने के लिए उन्हें पहचानने वाली आंखें चाहिए होती हैं, “महर्षि रमण” ने भक्तों को बताया।_*
*_’एक सप्ताह तक चलने वाले समारोह के अंतिम दिन भगवान् आएंगे,उन्हें पहचानकर, उनके दर्शन कर तुम सब स्वयं को धन्य कर सकते हो,’ महर्षि ने कहा:_*
*_भगवान् के स्वयं आने की बात सुनकर भक्तों ने मंदिर को सजाया, अत्यंत सुदंर ढंग से भगवान् का श्रृंगार किया तथा संकीर्तन शुरू कर दिया।_*
*_महर्षि रमण भी समय-समय पर संकीर्तन में जाकर बैठ जाते।_*
*_सातवें दिन भंडारा करने का कार्यक्रम था। भगवान् के भोग के लिए तरह-तरह के व्यंजन बनाए गए थे।_*
*_भगवान् को भोग लगाने के बाद- उन व्यंजनों का प्रसाद स्वरूप वितरण शुरू हुआ।_*
*_मंदिर के ही सामने एक पेड़ था- जिसके नीचे मैले कपड़े पहने एक कोढ़ी खड़ा हुआ था।_*
*_वह एकटक देख रहा था- और इस आशा में था- कि शायद उसे भी कोई प्रसाद देने आए।_*
*_एक व्यक्ति दया करके साग-पूरी से भरा एक दोना- उसके लिए ले जाने लगा- तो एक ब्राह्मण ने उसे लताड़ते हुए कहा, ‘यह प्रसाद भक्तजनों के लिए हैं, किसी कंगाल कोढ़ी के लिए नहीं बनाया गया।’_*
*_ब्राह्मण की लताड़ सुनकर वह साग-पूरी से भरा दोना वापस ले गया।_*
*_महर्षि रमण मंदिर के प्रांगण में बैठे- यह दृश्य देख रहे थे।_*
*_भंडारा संम्पन्न होने पर भक्तों ने महर्षि से पूछा, “आज सातवां ” दिन है किंतु भगवान् तो नहीं आए!_*
*_’मंदिर के बाहर जो कोढ़ी खड़ा था, वे ही तो भगवान् थे। तुम्हारे चर्म चक्षुओं ने उन्हें कहां पहचाना….?_*
*_भंडारे के प्रसाद को बांटते समय भी- तुम्हें इंसानों में,अंतर नजर आता है,’ महर्षि ने कहा!_*
*_इतना सुनना था- कि भगवान् के दर्शनों के- इच्छुक लोगों का मुंह उतर गया!_*
*_ध्यान रखो! जब कभी खाना खाते समय कोई गरीब…भिखारी…कोढ़ी-कंगला ….तुमसे खाना खाने की लिये माँगे ..! तो उसे लताड़ो नही, फटकारो नही, बेशक तुम भूखे रह जाओ- लेकिन उसको अवश्य खाना खिलाओ- पता नही कौन किस रूप मेँ आ जाये ………!!_*
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*