*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- उपकार का महत्व*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 27/01/2025, सोमवार*
*त्रयोदशी, कृष्ण पक्ष,*
*माघ*
(समाप्ति काल)
तिथि———-त्रयोदशी 20:34:08 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र————- मूल 09:01:14
योग———— हर्शण 25:55:58
करण————- गर 08:49:22
करण———– वणिज 20:34:08
वार———————- सोमवार
माह———————— माघ
चन्द्र राशि—————— धनु
सूर्य राशि—————– मकर
रितु———————— शिशिर
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत—————– 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————– 07:09:18
सूर्यास्त————— 17:54:56
दिन काल———— 10:45:37
रात्री काल————- 13:13:57
चंद्रास्त————– 15:37:39
चंद्रोदय—————- 30:17:01
लग्न—- मकर 13°9′ , 283°9′
सूर्य नक्षत्र—————– श्रवण
चन्द्र नक्षत्र——————- मूल
नक्षत्र पाया——————- ताम्र
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
भी—- मूल 09:01:14
भू—- पूर्वाषाढा 15:03:52
धा—- पूर्वाषाढा 21:04:04
फा—- पूर्वाषाढा 27:01:56
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मकर 13°40, श्रवण 1 खी
चन्द्र=धनु 12°30 , मूल 4 भी
बुध =धनु 4°52 ‘ उ o षाo 3 जा
शु क्र= कुम्भ 29°05, पू o फाo’ 3 दा
मंगल=मिथुन 27°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 3 हा
गुरु=वृषभ 17°30 रोहिणी, 3 वी
शनि=कुम्भ 22°28 ‘ पू o भा o , 1 से
राहू=(व) मीन 05°55 उo भा o, 1 दू
केतु= (व)कन्या 05°55 उ oफा o 3 पा
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 08:30 – 09:51 अशुभ
यम घंटा 11:11 – 12:32 अशुभ
गुली काल 13:53 – 15: 14अशुभ
अभिजित 12:11 – 12:54 शुभ
दूर मुहूर्त 12:54 – 13:37 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:03 – 15:46 अशुभ
वर्ज्यम 07:24 – 09:01 अशुभ
प्रदोष 17:55 – 20:36 शुभ
गंड मूल 07:09 – 09:01 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 07:09 – 08:30 शुभ
काल 08:30 – 09:51 अशुभ
शुभ 09:51 – 11:11 शुभ
रोग 11:11 – 12:32 अशुभ
उद्वेग 12:32 – 13:53 अशुभ
चर 13:53 – 15:14 शुभ
लाभ 15:14 – 16:34 शुभ
अमृत 16:34 – 17:55 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 17:55 – 19:34 शुभ
रोग 19:34 – 21:13 अशुभ
काल 21:13 – 22:53 अशुभ
लाभ 22:53 – 24:32* शुभ
उद्वेग 24:32* – 26:11* अशुभ
शुभ 26:11* – 27:50* शुभ
अमृत 27:50* – 29:30* शुभ
चर 29:30* – 31:09* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 07:09 – 08:03
शनि 08:03 – 08:57
बृहस्पति 08:57 – 09:51
मंगल 09:51 – 10:45
सूर्य 10:45 – 11:38
शुक्र 11:38 – 12:32
बुध 12:32 – 13:26
चन्द्र 13:26 – 14:20
शनि 14:20 – 15:14
बृहस्पति 15:14 – 16:07
मंगल 16:07 – 17:01
सूर्य 17:01 – 17:55
🚩होरा, रात
शुक्र 17:55 – 19:01
बुध 19:01 – 20:07
चन्द्र 20:07 – 21:13
शनि 21:13 – 22:20
बृहस्पति 22:20 – 23:26
मंगल 23:26 – 24:32
सूर्य 24:32* – 25:38
शुक्र 25:38* – 26:44
बुध 26:44* – 27:50
चन्द्र 27:50* – 28:57
शनि 28:57* – 30:03
बृहस्पति 30:03* – 31:09
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मकर > 05:26 से 07: 12 तक
कुम्भ > 07:12 से 08:44 तक
मीन > 08:44 से 10:14 तक
मेष > 10:14 से 11:54 तक
वृषभ > 11:54 से 13:52 तक
मिथुन > 13:52 से 16:04 तक
कर्क > 16:04 से 18:26 तक
सिंह > 18:26 से 20:40 तक
कन्या > 20:40 से 23:02 तक
तुला > 23:02 से 01:02 तक
वृश्चिक > 01:02 से 04:16 तक
धनु > 04:16 से 05:26 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 13 + 2 + 1 = 31 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
28 + 28 + 5 = 61 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेला = कष्ट कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
रात्रि 20:34 से प्रारम्भ
पाताल लोक = धनलाभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*शिव प्रदोष (शिव पूजन)*
*मास शिवरात्रि*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
एकोऽपि गुणवान् पुत्रो निर्गुणैश्च शतैर्वरः ।
एकश्चन्द्रस्तमो हन्ति न च ताराः सहस्त्रशः ।।
।। चा o नी o।।
सैकड़ों गुणरहित पुत्रों से अच्छा एक गुणी पुत्र है क्योंकि एक चन्द्रमा ही रात्रि के अन्धकार को भगाता है, असंख्य तारे यह काम नहीं करते.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग अo-13
ध्यानेनात्मनि पश्यन्ति केचिदात्मानमात्मना ।,
अन्ये साङ्ख्येन योगेन कर्मयोगेन चापरे ॥,
उस परमात्मा को कितने ही मनुष्य तो शुद्ध हुई सूक्ष्म बुद्धि से ध्यान (जिसका वर्णन गीता अध्याय 6 में श्लोक 11 से 32 तक विस्तारपूर्वक किया है) द्वारा हृदय में देखते हैं, अन्य कितने ही ज्ञानयोग (जिसका वर्णन गीता अध्याय 2 में श्लोक 11 से 30 तक विस्तारपूर्वक किया है) द्वारा और दूसरे कितने ही कर्मयोग (जिसका वर्णन गीता अध्याय 2 में श्लोक 40 से अध्याय समाप्तिपर्यन्त विस्तारपूर्वक किया है) द्वारा देखते हैं अर्थात प्राप्त करते हैं॥,24॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
दूर से अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें। यात्रा मनोरंजक रहेगी। सामाजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। व्यापार ठीक चलेगा। परिवार के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।
🐂वृष
वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कानूनी अड़चन दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मनोरंजन के साधन प्राप्त होंगे। तीर्थदर्शन की योजना बनेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। परिवार के साथ रहने का अवसर प्राप्त होगा। लाभ होगा।
👫मिथुन
चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। जल्दबाजी व लापरवाही भारी पड़ सकती है। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। हल्की हंसी-मजाक न करें। विवाद हो सकता है। किसी व्यक्ति की नाराजी से मन खराब होगा। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। मनोरंजन होगा।
🦀कर्क
बुद्धि का प्रयोग किसी भी समस्या का निवारण कर सकता है, यह याद रखें। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मित्रों का सहयोग व साथ मिलेगा। भाइयों से मतभेद दूर होंगे। व्यापार ठीक चलेगा। समय सुखमय व्यतीत होगा।
🐅सिंह
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल है। कोई आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। मित्रों के साथ समय मनोरंजक बीतेगा।
🙍♀️कन्या
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। तनाव रहेगा। व्यापार ठीक चलेगा। यात्रा में विशेष सावधानी रखें। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी मनोरंजक कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं।
⚖️तुला
बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। बाहर जाने की योजना बनेगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार के साथ समय मनोरंजन में व्यतीत होगा। आय होगी। व्यापार ठीक चलेगा।
🦂वृश्चिक
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। मनोरंजन का समय मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। कारोबारी वृद्धि की योजना बनेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। समय की अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से कोई भी कार्य न करें। विवाद में न पड़ें।
🏹धनु
थकान व कमजोरी रह सकती है। खान-पान पर ध्यान दें। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। मित्रों की सहायता करने का मौका मिलेगा। समय अच्छा व्यतीत होगा। प्रसन्नता रहेगी।
🐊मकर
विवाद को बढ़ावा न दें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बनेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे। कोई बड़ा कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। कुसंगति से दूर रहें। हानि संभव है।
🍯कुंभ
उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा। व्यापार लाभदायक रहेगा। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में दखल न दें। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जल्दबाजी न करें।
🐟मीन
वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवेक से कार्य करें। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*🛕जय श्री राम🙏*
*💐उपकार का महत्व💐*
जंगल में शेर शेरनी अपने बच्चों को अकेला छोडकर शिकार के लिये दूर तक निकल गये
जब देर तक नही लौटे तो बच्चे भूख से छटपटाने लगे।
उसी समय एक बकरी आई उसे दया आई और उसने उन बच्चों को दूध पिलाया फिर बच्चे मस्ती करने लगे।
तभी शेर-शेरनी आये. बकरी को देख लाल पीले होकर शेर हमला करता,उससे पहले बच्चों ने कहा इसने हमें दूध पिलाकर बड़ा उपकार किया है नही तो हम मर जाते।
अब शेर खुश हुआ और उसने कृतज्ञता के भाव से कहा हम तुम्हारा उपकार कभी नही भूलेंगे, जाओ अब आजादी के साथ जंगल मे घूमो फिरो मौज करो
अब बकरी जंगल में निर्भयता के साथ रहने लगी यहाँ तक कि वह शेर के पीठ पर बैठकर भी कभी कभी पेडो के पत्ते खाती थी।
यह दृश्य चील ने देखा तो हैरानी से बकरी से पूछा तब उसे पता चला कि उपकार का कितना महत्व है।
चील ने यह सोचकर कि एक प्रयोग मैं भी करती हूँ, उसने देखा चूहों के छोटे छोटे बच्चे दलदल मे फंसे थे निकलने का प्रयास करते पर कोशिश बेकार चील ने उनको पकड पकड कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
बच्चे भीगे थे सर्दी से कांप रहे थे तब चील ने अपने पंखों में छुपाया, बच्चों को बेहद राहत मिली।
काफी समय बाद चील उडकर जाने लगी तो हैरान हो उठी चूहों के बच्चों ने उसके पंख कुतर डाले थे।
चील ने यह घटना बकरी को सुनाई तुमने भी उपकार किया और मैंने भी फिर हमें फल अलग अलग क्यों मिला।
बकरी हंसी फिर गंभीरता से कहा….
उपकार करो,तो शेरों पर करो चूहों पर नही।
इसका कारण है क्योंकि कायर कभी उपकार को याद नही रखते और बहादुर कभी उपकार नही भूलते…!!!
*Tarot Daddu कहते है कि इस कहानी से हमे ओर क्या सीखने को मिलता है👇🏻👇🏻*
इस कहानी से हमें निम्नलिखित शिक्षाएं मिलती हैं:
1. **उपकार का महत्व:** उपकार करना एक महान गुण है, लेकिन इसे सोच-समझकर सही व्यक्ति पर करना चाहिए, ताकि उसका सकारात्मक परिणाम मिले।
2. **आभार का मूल्य:** साहसी और दयालु लोग हमेशा दूसरों के उपकार को याद रखते हैं और उसका सम्मान करते हैं, जबकि स्वार्थी और कायर लोग उपकार का सम्मान नहीं करते।
3. **सही व्यक्ति का चयन:** मदद और दया दिखाने से पहले यह समझना जरूरी है कि सामने वाला व्यक्ति उस उपकार के योग्य है या नहीं।
4. **सतर्कता जरूरी है:** भले ही दया और उपकार हमारी प्रवृत्ति हो, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम उन स्थितियों और लोगों का आकलन करें, जो हमारे प्रयासों का सही सम्मान करेंगे।
यह कहानी हमें सिखाती है कि उपकार करना आवश्यक है, लेकिन विवेक और सावधानी के साथ।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*