उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- मित्रता की ताकत*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 03/02/2025, सोमवार*
*षष्ठी, शुक्ल पक्ष,*
*माघ*
(समाप्ति काल)

तिथि———— षष्ठी 28:36:41 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———– रेवती 23:15:49
योग———— साध्य 27:01:23
करण———- कौलव 17:43:28
करण———- तैतुल 28:36:41
वार——————– सोमवार
माह———————– माघ
चन्द्र राशि——–मीन 23:15:49
चन्द्र राशि—————– मेष
सूर्य राशि—————– मकर
रितु———————– शिशिर
आयन——————उत्तरायण
संवत्सर (उत्तर) ————-कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2081
शक संवत—————–1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————– 07:07:14
सूर्यास्त————— 18:14:33
दिन काल———— 11:07:18
रात्री काल————-12:52:13
चंद्रोदय————– 10:16:56
चंद्रास्त————— 23:16:33
लग्न—-मकर 20°16′ , 290°16′
सूर्य नक्षत्र—————– श्रवण
चन्द्र नक्षत्र—————– रेवती
नक्षत्र पाया—————— स्वर्ण

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

दो—- रेवती 12:02:42

च—- रेवती 17:39:01

ची—- रेवती 23:15:49

चु—- अश्विनी 28:53:08

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मकर 20°40, श्रवण 4 खो
चन्द्र= मीन 20°30 , रेवती 2 दो
बुध =धनु 15°52 ‘ श्रवण 2 खू
शु क्र= मीन 04°05, उ o फाo’ 1 दू
मंगल=मिथुन 25°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 2 को
गुरु=वृषभ 17°30 रोहिणी, 3 वी
शनि=कुम्भ 23°28 ‘ पू o भा o , 2 सो
राहू=(व) मीन 05°35 उo भा o, 1 दू
केतु= (व)कन्या 05°35 उ oफा o 3 पा

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 08:31 – 09:54 अशुभ
यम घंटा 11:17 – 12:41 अशुभ
गुली काल 14:04 – 15: 28अशुभ
अभिजित 12:19 – 13:03 शुभ
दूर मुहूर्त 13:03 – 13:48 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:17 – 16:01 अशुभ
वर्ज्यम 12:03 – 13:32 अशुभ
प्रदोष 18:15 – 20:50 शुभ

💮गंड मूल अहोरात्र. अशुभ

🚩पंचक ⁵ 07:07 – 23:16 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
अमृत 07:07 – 08:31 शुभ
काल 08:31 – 09:54 अशुभ
शुभ 09:54 – 11:17 शुभ
रोग 11:17 – 12:41 अशुभ
उद्वेग 12:41 – 14:04 अशुभ
चर 14:04 – 15:28 शुभ
लाभ 15:28 – 16:51 शुभ
अमृत 16:51 – 18:15 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 18:15 – 19:51 शुभ
रोग 19:51 – 21:28 अशुभ
काल 21:28 – 23:04 अशुभ
लाभ 23:04 – 24:41* शुभ
उद्वेग 24:41* – 26:17* अशुभ
शुभ 26:17* – 27:54* शुभ
अमृत 27:54* – 29:30* शुभ
चर 29:30* – 31:07* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 07:07 – 08:03
शनि 08:03 – 08:58
बृहस्पति 08:58 – 09:54
मंगल 09:54 – 10:50
सूर्य 10:50 – 11:45
शुक्र 11:45 – 12:41
बुध 12:41 – 13:37
चन्द्र 13:37 – 14:32
शनि 14:32 – 15:28
बृहस्पति 15:28 – 16:23
मंगल 16:23 – 17:19
सूर्य 17:19 – 18:15

🚩होरा, रात
शुक्र 18:15 – 19:19
बुध 19:19 – 20:23
चन्द्र 20:23 – 21:28
शनि 21:28 – 22:32
बृहस्पति 22:32 – 23:36
मंगल 23:36 – 24:41
सूर्य 24:41* – 25:45
शुक्र 25:45* – 26:49
बुध 26:49* – 27:54
चन्द्र 27:54* – 28:58
शनि 28:58* – 30:02
बृहस्पति 30:02* – 31:07

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मकर > 04:58 से 06: 44 तक
कुम्भ > 06:44 से 08:16 तक
मीन > 08:16 से 10:46 तक
मेष > 10:46 से 11:26 तक
वृषभ > 11:26 से 13:24 तक
मिथुन > 13:24 से 15:36 तक
कर्क > 15:36 से 17:58 तक
सिंह > 17:58 से 20:12 तक
कन्या > 20:12 से 22:34 तक
तुला > 22:34 से 00:38 तक
वृश्चिक > 00:38 से 03:48 तक
धनु > 03:48 से 05:02 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

6 + 2 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

बुध ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

6 + 6 + 5 = 17 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*पंचक समाप्त 23:16 पर*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

सा भार्या या शुचिर्दक्षा सा भार्या या पतिव्रता ।
सा भार्या या पतिप्रीता साभार्या सत्यवादिनो ।।
।। चा o नी o।।

वही अच्छी पत्नी है जो शुचिपूर्ण है, पारंगत है, शुद्ध है, पति को प्रसन्न करने वाली है और सत्यवादी है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविभागयोग अo-13

अनादित्वान्निर्गुणत्वात्परमात्मायमव्ययः ।,
शरीरस्थोऽपि कौन्तेय न करोति न लिप्यते ॥,

हे अर्जुन! अनादि होने से और निर्गुण होने से यह अविनाशी परमात्मा शरीर में स्थित होने पर भी वास्तव में न तो कुछ करता है और न लिप्त ही होता है॥,31॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। भूमि व भवन की खरीद-फरो्ख्‍त की योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। निवेश शुभ रहेगा। लंबी यात्रा का मन बनेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। भय रहेगा। चोट व रोग से बचें।

🐂वृष
प्रभावशाली व्यक्तियों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। आय में वृद्धि होगी। रुके कार्यों में गति आएगी। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। शत्रु पस्त होंगे। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है।

👫मिथुन
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। क्रोध व उत्तेजना से बाधा उत्पन्न होगी। नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। दूसरों के काम में दखल न दें। व्यवसाय ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। काम में मन नहीं लगेगा। विवाद से बचें।

🦀कर्क
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पठन-पाठन व लेखन आदि में मन लगेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। राजभय है। जल्दबाजी न करें। वाणी में संयम रखें।

🐅सिंह
देव-दर्शन का कार्यक्रम बनेगा। अध्यात्म में रुचि रहेगी। वरिष्ठजनों का सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। प्रभावशालीव व्यक्तियों से परिचय बढ़ेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। निवेश शुभ रहेगा। परिवार के साथ समय अच्छा गुजरेगा।

🙍‍♀️कन्या
किसी अपरिचित की बातों में न आएं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था में अधिक प्रयास करना पड़ेंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी झगड़े में न पड़ें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कुसंगति से हानि होगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

⚖️तुला
भागदौड़ रहेगी। किसी व्यक्ति के व्यवहार से दिल को ठेस पहुंच सकती है। बनते काम बिगड़ सकते हैं, धैर्य रखें। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। बुद्धि का प्रयोग करें। किसी के उकसावे में न आएं। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। दु:खद समाचार मिल सकता है।

🦂वृश्चिक
घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आत्मविश्वास बना रहेगा। नौकरी व व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देंगे। कोई अनहोनी होने की आशंका रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा।

🏹धनु
सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। यात्रा की योजना बनेगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। मातहतों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। प्रयास सफल रहेंगे।

🐊मकर
प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक लाभ बढ़ेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। विरोध करने का अवसर दूसरों को न दें। प्रसन्नता बनी रहेगी।

🍯कुंभ
यात्रा मनोरंजक रहेगी। सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। व्यस्तता के चलते थकान महसूस होगी। विवेक से कार्य करें। लाभार्जन सहज होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें।

🐟मीन
यात्रा मनोरंजक रहेगी। नई योजना बनेगी। व्यवसाय में वृद्धि के लिए सभी ओर से सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। धन प्र‍ाप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से बचें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*🛕जय श्री राम🙏*

*💐मित्रता की ताकत💐*

एक बार की बात है कि बनगिरी के घने जंगल में एक उन्मुत्त हाथी ने भारी उत्पात मचा रखा था। वह अपनी ताकत के नशे में चूर होने के कारण किसी को कुछ नहीं समझता था। बनगिरी में ही एक पेड़ पर एक चिड़िया व चिडे का छोटा-सा सुखी संसार था। चिडिया अंडों पर बैठी नन्हें नन्हें प्यारे बच्चों के निकलने के सुनहरे सपने देखती रहती। एक दिन क्रूर हाथी गरजता, चिंघाडता पेडों को तोडता-मरोडता उसी ओर आया। देखते ही देखते उसने चिडिया के घोंसले वाला पेड भी तोड डाला। घोंसला नीचे आ गिरा, अंडे टूट गए और ऊपर से हाथी का पैर उस पर पडा। चिडिया और चिडा चीखने चिल्लाने के सिवा और कुछ न कर सके। हाथी के जाने के बाद चिडिया छाती पीट-पीटकर रोने लगी। तभी वहां कठफोठवी आई, वह चिडिया की अच्छी मित्र थी। कठफोडवी ने उनके रोने का कारण पूछा तो चिडिया ने अपनी सारी कहानी कह डाली। कठफोडवी बोली इस प्रकार गम में डूबे रहने से कुछ नहीं होगा उस हाथी को सबक सिखाने के लिए हमें कुछ करना होगा। चिडिया ने निराशा दिखाई। हम छोटे-मोटे जीव उस बलशाली हाथी से कैसे टक्कर ले सकते हैं?

कठफोडवी ने समझाया एक और एक मिलकर ग्यारह बनते हैं। हम अपनी शक्तियां जोडेंगे। कैसे, चिडिया ने पूछा। मेरा एक मित्र वींआख नामक भंवरा है, हमें उससे सलाह लेना चाहिए। चिडिया और कठफोडवी भंवरे से मिली। भंवरा गुनगुनाया, यह तो बहुत बुरा हुआ। मेरा एक मेंढक मित्र है आओ उससे सहायता मांगे।

अब तीनों उस सरोवर के किनारे पहुंचे, जहां वह मेढक रहता था। भंवरे ने सारी समस्या बताई। मेंढक भर्राये स्वर में बोला- आप लोग धैर्य से जरा यहीं मेरी प्रतीक्षा करें। मैं गहरे पानी में बैठकर सोचता हूं, ऐसा कहकर मेंढक जल में कूद गया। आधे घंटे बाद वह पानी से बाहर आया तो उसकी आंखे चमक रही थी। वह बोला दोस्तो उस हत्यारे हाथी को नष्ट करने की मेरे दिमाग में एक बड़ी अच्छी योजना आई है। उसमें सभी का योगदान होगा, मेंढक ने जैसे ही अपनी योजना बताई, सब खुशी से उछल पडे। योजना सचमुच ही अदभुत थी मेंढक ने दोबारा बारी-बारी सबको अपना-अपना रोल समझाया। कुछ ही दूर वह उन्मत्त हाथी तोडफोड मचाकर व पेट भरकर कोंपलों वाली शाखाएं खाकर मस्ती में खडा झूम रहा था। पहला काम भंवरे का था, वह हाथी के कानों के पास जाकर मधुर राग गुंजाने लगा। राग सुनकर हाथी मस्त होकर आंखें बंद करके झूमने लगा। तभी कठफोडवी ने अपना काम कर दिखाया। वह आई और अपनी सुई जैसी नुकीली चोंच से उसने तेजी से हाथी की दोनों आंखें बींध डाली। हाथी की आंखे फूट गईं। वह तडपता हुआ अंधा होकर इधर-उधर भागने लगा। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा था, हाथी का क्रोध बढता जा रहा था। आंखों से नजर न आने के कारण ठोकरों और टक्करों से शरीर जख्मी होता जा रहा था। जख्म उसे और चिल्लाने पर मजबूर कर रहे थे। चिडिया कृतज्ञ स्वर में मेढक से बोली, मैं आजीवन तुम्हारी आभारी रहूंगी। तुमने मेरी इतनी सहायता कर दी।

मेढक ने कहा आभार मानने की जरुरत नहीं। मित्र ही मित्रों के काम आते हैं। एक तो आंखों में जलन और ऊपर से चिल्लाते-चिंघाडते हाथी का गला सूख गया। उसे तेज प्यास लगने लगी। अब उसे एक ही चीज की तलाश थी पानी। मेढक ने अपने बहुत से बंधु-बांधवों को इकट्ठा किया और उन्हें ले जाकर दूर बहुत बड़े गड्ढे के किनारे बैठकर टर्राने के लिए कहा। सारे मेढक टर्राने लगे, मेढक की टर्राहट सुनकर हाथी के कान खडे हो गए। वह यह जानता था कि मेढक जल स्त्रोत के निकट ही वास करते हैं, वह उसी दिशा में चल पडा। टर्राहट और तेज होती जा रही थी। प्यासा हाथी और तेज भागने लगा। जैसे ही हाथी गड्ढे के निकट पहुंचा, मेढकों ने पूरा जोर लगाकर टर्राना शुरु किया। हाथी आगे बढा और विशाल पत्थर की तरह गड्ढे में गिर पडा, जहां उसके प्राण पखेरु उडते देर न लगे। इस प्रकार उस अहंकार में डूबे हाथी का अंत हुआ।

*💐शिक्षा:-💐*

एकता में बल है और अहंकारी का देर/ सबेर अंत होता ही हैं!!

*सदैव प्रसन्न रहिये।
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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