धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -पति पत्नी का एक खूबसूरत संवाद*


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-02/12/2023, शनिवार*
*पंचमी, कृष्ण पक्ष,*
*मार्गशीर्ष*
(समाप्ति काल )

तिथि———– पंचमी 17:13:32 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र———— पुष्य 18:53:07
योग————– ब्रह्म 20:17:23
करण———– तैतुल 17:13:32
करण————– गर 30:16:49
वार———————– शनिवार
माह———————- मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि—————— कर्क
सूर्य राशि—————— वृश्चिक
रितु————————– हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————– पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 06:54:03
सूर्यास्त—————- 17:22:47
दिन काल————- 10:28:43
रात्री काल————- 13:32:01
चंद्रास्त————— 11:11:03
चंद्रोदय—————- 21:51:08
लग्न—-वृश्चिक 15°24′ , 225°24′
सूर्य नक्षत्र—————– अनुराधा
चन्द्र नक्षत्र——————- पुष्य
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

हो—- पुष्य 12:16:44

ड—- पुष्य 18:53:07

डी—- आश्लेषा 25:31:17

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= वृश्चिक 14:30, अनुराधा 4 ने
चन्द्र= कर्क 05:30 , पुनर्वसु 1 हु
बुध =धनु 05:53′ मूल 2 यो
शु क्र=तुला 02°05, चित्रा’ 3 रा
मंगल=वृश्चिक 10°30 ‘ अनुराधा’ 3 नू
गुरु=मेष 12°30 ‘ अश्विनी , 4 ला
शनि=कुम्भ 07°50 ‘ शतभिषा ,1 गो
राहू=(व) मीन 28°20 वी रेवती , 4 ची
केतु=(व) कन्या 28°20 चित्रा , 2 पो

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 09:31 – 10:50 अशुभ
यम घंटा 13:27 – 14:46 अशुभ
गुली काल 06:54 – 08: 13अशुभ
अभिजित 11:47 – 12:29 शुभ
दूर मुहूर्त 08:18 – 08:59 अशुभ

🚩गंड मूल 18:53 – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
काल 06:54 – 08:13 अशुभ
शुभ 08:13 – 09:31 शुभ
रोग 09:31 – 10:50 अशुभ
उद्वेग 10:50 – 12:08 अशुभ
चर 12:08 – 13:27 शुभ
लाभ 13:27 – 14:46 शुभ
अमृत 14:46 – 16:04 शुभ
काल 16:04 – 17:23 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
लाभ 17:23 – 19:04 शुभ
उद्वेग 19:04 – 20:46 अशुभ
शुभ 20:46 – 22:27 शुभ
अमृत 22:27 – 24:09* शुभ
चर 24:09* – 25:50* शुभ
रोग 25:50* – 27:32* अशुभ
काल 27:32* – 29:13* अशुभ
लाभ 29:13* – 30:55* शुभ

💮होरा, दिन
शनि 06:54 – 07:46
बृहस्पति 07:46 – 08:39
मंगल 08:39 – 09:31
सूर्य 09:31 – 10:24
शुक्र 10:24 – 11:16
बुध 11:16 – 12:08
चन्द्र 12:08 – 13:01
शनि 13:01 – 13:53
बृहस्पति 13:53 – 14:46
मंगल 14:46 – 15:38
सूर्य 15:38 – 16:30
शुक्र 16:30 – 17:23

🚩होरा, रात
बुध 17:23 – 18:30
चन्द्र 18:30 – 19:38
शनि 19:38 – 20:46
बृहस्पति 20:46 – 21:53
मंगल 21:53 – 23:01
सूर्य 23:01 – 24:09
शुक्र 24:09* – 25:16
बुध 25:16* – 26:24
चन्द्र 26:24* – 27:32
शनि 27:32* – 28:39
बृहस्पति 28:39* – 29:47
मंगल 29:47* – 30:55

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

वृश्चिक > 04:40 से 07:00 तक
धनु > 07:00 से 09:06 तक
मकर > 09:06 से 10:52 तक
कुम्भ > 10:52 से 12:20 तक
मीन > 12:20 से 13:52 तक
मेष > 13:52 से 15:32 तक
वृषभ > 15:32 से 17:32 तक
मिथुन > 17:32 से 19:44 तक
कर्क > 19:44 से 22:00 तक
सिंह > 22:00 से 00:14 तक
कन्या > 00:14 से 02:24 तक
तुला > 02:24 से 04:40 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 5 + 7 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*श्री व्यास पंचमी*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

उद्योगे नास्ति दारिद्र्य जपतो नास्ति पातकम् ।
मौनेनकलहोनास्ति नास्ति जागरितो भयम् ।।
।। चा o नी o।।

जो उद्यमशील हैं, वे गरीब नहीं हो सकते,
जो हरदम भगवान को याद करते है उनहे पाप नहीं छू सकता.
जो मौन रहते है वो झगड़ों मे नहीं पड़ते.
जो जागृत रहते है वो िनभरय होते है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: सांख्ययोग अo-02

अव्यक्तादीनि भूतानि व्यक्तमध्यानि भारत ।,
अव्यक्तनिधनान्येव तत्र का परिदेवना ॥,

हे अर्जुन! सम्पूर्ण प्राणी जन्म से पहले अप्रकट थे और मरने के बाद भी अप्रकट हो जाने वाले हैं, केवल बीच में ही प्रकट हैं, फिर ऐसी स्थिति में क्या शोक करना है?॥,28॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
धनार्जन होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।

🐂वृष
संतान के कार्यों पर नजर रखें। पूंजी निवेश बढ़ेगा। प्रचार-प्रसार से दूर रहें। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से सहयोग मिलेगा।

👫मिथुन
जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी।

🦀कर्क
भौतिक विकास के कार्यों को बल मिलेगा। फालतू खर्च होगा। भागीदारी के प्रस्ताव आएंगे। दिनचर्या नियमित रहेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम न लें। झंझटों में न पड़ें। आय में कमी होगी।

🐅सिंह
प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।

🙎‍♀️कन्या
मान बढ़ेगा। मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।

⚖️तुला
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है।

🦂वृश्चिक
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें।

🏹धनु
उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🐊मकर
धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी।

🍯कुंभ
समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी।

🐟मीन
रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें। नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी।

*जरूर पढ़े,एक रोचक एवं ज्ञानवर्धक प्रसंग*
🙋🏻‍♀ *पति पत्नी का* 🙋🏻‍♂ *★ एक खूबसूरत संवाद ★*

प्रेषक: विपिन कुमार रॉय (ग्रुप सदस्य🌟🌟🌟🔰)

मैंने एक दिन अपनी पत्नी से पूछा ~क्या तुम्हें बुरा नहीं लगता,मैं बार-बार तुमको बोल देता हूँ, डाँट देता हूँ , फिर भी तुम पति भक्ति में लगी रहती हो, जबकि मैं कभी पत्नी भक्त बनने का प्रयास नहीं करता ?
मैं वेद का विद्यार्थी और मेरी पत्नी विज्ञान की, परन्तु उसकी आध्यात्मिक शक्तियाँ मुझसे कई गुना ज्यादा हैं , क्योकि मैं केवल पढता हूँ और वो जीवन में उसका पालन करती है.मेरे प्रश्न पर, जरा वो हँसी, और गिलास में पानी देते हुए बोली ~ये बताइए, एक पुत्र यदि माता की भक्ति करता है, तो उसे मातृ भक्त कहा जाता है, परन्तु माता यदि पुत्र की कितनी भी सेवा करे, उसे पुत्र भक्त तो नहीं कहा जा सकता न! मैं सोच रहा था,आज पुनः ये मुझे निरुत्तर करेगी. मैंने प्रश्न किया ~ ये बताओ ..जब जीवन का प्रारम्भ हुआ, तो पुरुष और स्त्री समान था,फिर पुरुष बड़ा कैसे हो गया, जबकि स्त्री तो शक्ति का स्वरूप होती है ?मुस्काते हुए उसने कहा ~आपको थोड़ी विज्ञान भी पढ़नी चाहिए थी.
मैं झेंप गया. उसने कहना प्रारम्भ किया ~दुनिया मात्र दो वस्तु से निर्मित है …◆ ऊर्जा और पदार्थ, ◆पुरुष –> ऊर्जा का प्रतीक है, और स्त्री –> पदार्थ की.पदार्थ को यदि विकसित होना हो, तो वह ऊर्जा का आधान करता है, ना की ऊर्जा पदार्थ का.ठीक इसी प्रकार … जब एक स्त्री एक पुरुष का आधान करती है, तो शक्ति स्वरूप हो जाती है, और आने वाली पीढ़ियों अर्थात् अपनी संतानों के लिए प्रथम पूज्या हो जाती है, क्योंकि वह पदार्थ और ऊर्जा दोनों की स्वामिनी होती है,जबकि पुरुष मात्र ऊर्जा का ही अंश रह जाता है. मैंने पुनः कहा ~तब तो तुम मेरी भी पूज्य हो गई न, क्योंकि तुम तो ऊर्जा और पदार्थ दोनों की स्वामिनी हो ?अब उसने झेंपते हुए कहा ~ आप भी पढ़े लिखे मूर्खो जैसे बात करते हैं.आपकी ऊर्जा का अंश मैंने ग्रहण किया और शक्तिशाली हो गई, तो क्या उस शक्ति का प्रयोग आप पर ही करूँ ?ये तो कृतघ्नता हो जाएगी. मैंने कहा ~ मैं तो तुम पर शक्ति का प्रयोग करता हूँ ,फिर तुम क्यों नहीं? उसका उत्तर सुन … मेरी आँखों में आँसू आ गए.उसने कहा ~ जिसके संसर्ग मात्र से मुझमें जीवन उत्पन्न करने की क्षमता आ गई, और ईश्वर से भी ऊँचा जो पद आपने मुझे प्रदान किया, जिसे माता कहते हैं ★उसके साथ मैं विद्रोह नहीं कर सकती. फिर मुझे चिढ़ाते हुए उसने कहा ~ यदि शक्ति प्रयोग करना भी होगा, तो मुझे क्या आवश्यकता ?
👉 मैं तो माता सीता की भाँति लव कुश तैयार कर दूँगी,
जो आपसे मेरा हिसाब किताब कर लेंगे. 👈
🙏 *नमन है … सभी मातृ शक्तियों को जिन्होंने अपने प्रेम और मर्यादा में समस्त सृष्टि को बाँध रखा है.*
💗😍💗

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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