*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग कर्मों की दौलत*
««« *आज का पञ्चांग* »»»
कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि…………………………..उत्तरायण
मास…………………………………चैत्र
पक्ष……………………………….कृष्ण
तिथी…………………………….चतुर्थी
रात्रि 10.09 पर्यंत पश्चात पंचमी
सूर्योदय…….प्रातः 06.33.48 पर
सूर्यास्त……..संध्या 06.37.01 पर
सूर्य राशि………………………..मीन
चन्द्र राशि……………………….तुला
गुरु राशि……………………….वृषभ
नक्षत्र…………………………..स्वाति
संध्या 05.45 पर्यंत पश्चात विशाखा
योग…………………………..व्याघात
दोप 04.38 पर्यंत पश्चात हर्षण
करण………………………………बव
प्रातः 08.51 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………(तपस्य) बसंत
*दिन……………………..मंगलवार*
* राष्ट्रीय सौर फाल्गुन, दिनांक २७*
*शके १९४६ ( तपस्यमास ) !*
* आंग्ल मतानुसार दिनांक*
*१८ मार्च सन् २०२५ ईस्वी !*
*अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.10 से 12.58 तक ।
*राहुकाल :-*
दोप 03.34 से 05.03 तक ।
*उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मीन*
06:25:12 07:56:10
*मेष*
07:56:10 09:36:55
*वृषभ*
09:36:55 11:35:35
*मिथुन*
11:35:35 13:49:17
*कर्क*
13:49:17 16:05:27
*सिंह*
16:05:27 18:17:16
*कन्या*
18:17:16 20:27:55
*तुला*
20:27:55 22:42:33
*वृश्चिक*
22:42:33 24:58:43
*धनु*
24:58:43 27:04:19
*मकर*
27:04:19 28:51:25
*कुम्भ*
28:51:25 30:25:12
*दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
शुभ अंक………………..2
शुभ रंग………………..लाल
*चौघडिया* :-
प्रात: 09.34 से 11.04 तक चंचल
प्रात: 11.04 से 12.34 तक लाभ
दोप. 12.34 से 02.03 तक अमृत
दोप. 03.33 से 05.02 तक शुभ
रात्रि 08.02 से 09.33 तक लाभ ।
*आज का मंत्र* :-
॥ ॐ आंजनेय नमः॥
*संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (एकादशोऽध्यायः – विश्वरूपदर्शनयोग:) -*
नमः पुरस्तादथ पृष्ठतस्ते नमोऽस्तु ते सर्वत एव सर्व ।
अनन्तवीर्यामितविक्रमस्त्वं सर्वं समाप्नोषि ततोऽसि सर्वः ॥११- ४०॥
अर्थात :
हे अनन्त सामर्थ्यवाले! आपके लिए आगे से और पीछे से भी नमस्कार! हे सर्वात्मन्! आपके लिए सब ओर से ही नमस्कार हो, क्योंकि अनन्त पराक्रमशाली आप समस्त संसार को व्याप्त किए हुए हैं, इससे आप ही सर्वरूप हैं॥40॥
*आरोग्यं :*-
*लिवर का रामबाण इलाज -*
*5. लिकोरिस चाय -*
लिवर के इलाज करने के लिए आयुर्वेदिक में लिकोरिस का उपयोग बहुत ही किया जाता है। लिकोरिस चाय बनाने के लिए, लीकोरिस रूट को पीसकर उसे उबलते पानी में डालें और कुछ मिनटों के लिए इसे छोड़ दें। लिवर की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए दिन में दो बार इस चाय का सेवन करें।
*6. अलसी का बीज -*
अलसी के बीज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इसमें ओमेगा-3 एसिड पाया जाता है, जो कि कई रोगों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। अलसी का बीज लिवर पर तनाव को कम कर सकता है। फाइबर के गुणों से भरपूर अलसी को अपनी आहार में शामिल करने आपका लिवर स्वस्थ रहता है।
. *आज का राशिफल*
*राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि तथा उन्नति मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। यात्रा की योजना बनेगी। घर-बाहर कुछ तनाव रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
*राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। काम में मन लगेगा। शेयर मार्केट में लाभ रहेगा। नौकरी में सुविधाएं बढ़ सकती हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।
*राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
दु:खद सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। लाभ होगा।
*राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
भूले-बिसरे साथी तथा आगंतुकों के स्वागत तथा सम्मान पर व्यय होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार के सदस्यों की उन्नति के समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग बना रहेगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं, लाभ होगा।
*राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
घर-बाहर प्रसन्नतादायक वातावरण रहेगा। नौकरी में चैन महसूस होगा। व्यापार से संतुष्टि रहेगी। संतान की चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्वी तथा शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। मित्रों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा की योजना बनेगी। प्रसन्नता रहेगी।
*राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। काम में लगन तथा उत्साह बने रहेंगे। मित्रों के साथ प्रसन्नतापूर्वक समय बीतेगा।
*राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते कामों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेवजह लोगों से मनमुटाव हो सकता है। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। जल्दबाजी न करें।
*राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सुकून रहेगा। जल्दबाजी में कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। कानूनी अड़चन आ सकती है। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।
*राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
नई योजना लागू करने का श्रेष्ठ समय है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। सफलता के साधन जुटेंगे। जोखिम न उठाएं।
*राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
किसी जानकार प्रबुद्ध व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होने के योग हैं। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। किसी राजनयिक का सहयोग मिल सकता है। लाभ के दरवाजे खुलेंगे। चोट व दुर्घटना से बचें। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। विवाद से बचें। धन प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें।
*राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चोट व दुर्घटना से बचें। आय में कमी रह सकती है। घर-बाहर असहयोग व अशांति का वातावरण रहेगा। अपनी बात लोगों को समझा नहीं पाएंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। हितैषी सहयोग करेंगे। धनार्जन संभव है।
*राशि फलादेश मीन :-*
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। परिवार के लोग अनुकूल व्यवहार करेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। नए लोगों से संपर्क होगा। आय में वृद्धि तथा आरोग्य रहेगा। चिंता में कमी होगी। जल्दबाजी न करें।
*
हं हनुमते नमः
*
*आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या ०७.०० बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें !*
* आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो
*
. * शुभम भवतु
*
. * जयतु भारती
*
. *भारत माता की जय*
*जय श्री रामचन्द्र जी
*
* कर्मों की दोलत
*
एक राजा था जिसने ने अपने राज्य में क्रूरता से बहुत सी दौलत इकट्ठा करके (एक तरह का शाही खजाना) आबादी से बाहर जंगल में एक सुनसान जगह पर बनाए तहखाने में सारे खजाने को खुफिया तौर पर छुपा दिया था।
.
खजाने की सिर्फ दो चाबियां थी एक चाबी राजा के पास और एक उसके एक खास मंत्री के पास थी।
.
इन दोनों के अलावा किसी को भी उस खुफिया खजाने का राज मालूम ना था..
.
एक रोज़ किसी को बताए बगैर राजा अकेले अपने खजाने को देखने निकला, तहखाने का दरवाजा खोल कर अंदर दाखिल हो गया और अपने खजाने को देख देख कर खुश हो रहा था, और खजाने की चमक से सुकून पा रहा था।
.
उसी वक्त मंत्री भी उस इलाके से निकला और उसने देखा की खजाने का दरवाजा खुला है..
.
वो हैरान हो गया और ख्याल किया कि कही कल रात जब मैं खजाना देखने आया तब शायद खजाना का दरवाजा खुला रह गया होगा…
.
उसने जल्दी जल्दी खजाने का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और वहां से चला गया।
.
उधर खजाने को निहारने के बाद राजा जब संतुष्ट हुआ, और दरवाजे के पास आया तो ये क्या… दरवाजा तो बाहर से बंद हो गया था…
.
उसने जोर जोर से दरवाजा पीटना शुरू किया पर वहां उनकी आवाज सुननेवाला उस जंगल में कोई ना था।
.
राजा चिल्लाता रहा, पर अफसोस कोई ना आया.. वो थक हार के खजाने को देखता रहा..
.
अब राजा भूख और पानी की प्यास से बेहाल हो रहा था, पागलों सा हो गया.. वो रेंगता रेंगता हीरों के संदूक के पास गया और बोला ए दुनिया के नायाब हीरों मुझे एक गिलास पानी दे दो..
.
फिर मोती सोने चांदी के पास गया और बोला ए मोती चांदी सोने के खजाने मुझे एक वक़्त का खाना दे दो..
.
राजा को ऐसा लगा की हीरे मोती उसे बोल रहे हो कि तेरे सारी ज़िन्दगी की कमाई तुझे एक गिलास पानी और एक समय का खाना नही दे सकती..
.
राजा भूख से बेहोश हो के गिर गया। जब राजा को होश आया तो सारे मोती हीरे बिखेर के दीवार के पास अपना बिस्तर बनाया और उस पर लेट गया…
.
वो दुनिया को एक पैगाम देना चाहता था लेकिन उसके पास कागज़ और कलम नही था।
.
राजा ने पत्थर से अपनी उंगली फोड़ी और बहते हुए खून से दीवार पर कुछ लिख दिया…
.
उधर मंत्री और पूरी सेना लापता राजा को ढूंढते रहे पर बहुत दिनों तक राजा ना मिला तो मंत्री राजा के खजाने को देखने आया…
.
उसने देखा कि राजा हीरे जवाहरात के बिस्तर पर मरा पड़ा है, और उसकी लाश को कीड़े मकोड़े खा रहे थे..
.
राजा ने दीवार पर खून से लिखा हुआ था… ये सारी दौलत एक घूंट पानी ओर एक निवाला नही दे सकी…
.
यही अंतिम सच है… आखिरी समय आपके साथ आपके कर्मो की दौलत जाएगी…
.
चाहे आप कितने भी हीरे पैसा सोना चांदी इकट्ठा कर लो सब यही रह जाएगा…
.
इसीलिए जो जीवन आपको प्रभु ने उपहार स्वरूप दिया है, उसमें अच्छे कर्म लोगों की भलाई के काम कीजिए.. बिना किसी स्वार्थ के ओर अर्जित कीजिए अच्छे कर्मो की अनमोल दौलत.. जो आपके सदैव काम आएगी.
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।