*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -शेर और व्यक्ति*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 20/03/2025, गुरुवार*
*षष्ठी, कृष्ण पक्ष,*
*चैत्र*
(समाप्ति काल)
तिथि————- षष्ठी 26:44:48 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र——— अनुराधा 23:30:37
योग————- वज्र 18:18:24
करण————– गर 13:43:43
करण———- वणिज 26:44:48
वार———————– गुरूवार
माह———————— चैत्र
चन्द्र राशि—————- वृश्चिक
सूर्य राशि—————– मीन
रितु———————— वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2081
शक संवत——————1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————– 06:24:21
सूर्यास्त————— 18:29:10
दिन काल———— 12:04:49
रात्री काल————- 11:54:03
चंद्रास्त————– 09:32:40
चंद्रोदय—————- 24:02:19
लग्न—- मीन 5°27′ , 335°27′
सूर्य नक्षत्र——– उत्तरा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र————– अनुराधा
नक्षत्र पाया—————— रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
नी—- अनुराधा 10:12:39
नू—-अनुराधा 16:52:24
ने—- अनुराधा 23:30:37
नो—- ज्येष्ठा 30:07:07
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मीन 05°40, उ oभाo 1 दू
चन्द्र= वृश्चिक 08°30 , अनुराधा 2 नी
बुध =मीन 13°52 ‘ उ o भा o 4 ञ
शु क्र= मीन 10°05, उ o फाo’ 3 झ
मंगल=मिथुन 25°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 2 को
गुरु=वृषभ 20°30 रोहिणी, 4 वु
शनि=कुम्भ 28°28 ‘ पू o भा o , 3 दा
राहू=(व) मीन 03°10 उo भा o, 1 दू
केतु= (व)कन्या 03°10 उ oफा o 3 पा
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 13:57 – 15:28 अशुभ
यम घंटा 06:24 – 07:55 अशुभ
गुली काल 09:26 – 10: 56अशुभ
अभिजित 12:03 – 12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 10:26 – 11:14 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:16 – 16:04 अशुभ
वर्ज्यम 29:41* – 31:26* अशुभ
प्रदोष 18:29 – 20:54 शुभ
🚩गंड मूल 23:31 – अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
शुभ 06:24 – 07:55 शुभ
रोग 07:55 – 09:26 अशुभ
उद्वेग 09:26 – 10:56 अशुभ
चर 10:56 – 12:27 शुभ
लाभ 12:27 – 13:57 शुभ
अमृत 13:57 – 15:28 शुभ
काल 15:28 – 16:59 अशुभ
शुभ 16:59 – 18:29 शुभ
🚩चोघडिया, रात
अमृत 18:29 – 19:58 शुभ
चर 19:58 – 21:28 शुभ
रोग 21:28 – 22:57 अशुभ
काल 22:57 – 24:26* अशुभ
लाभ 24:26* – 25:55* शुभ
उद्वेग 25:55* – 27:25* अशुभ
शुभ 27:25* – 28:54* शुभ
अमृत 28:54* – 30:23* शुभ
💮होरा, दिन
बृहस्पति 06:24 – 07:25
मंगल 07:25 – 08:25
सूर्य 08:25 – 09:26
शुक्र 09:26 – 10:26
बुध 10:26 – 11:26
चन्द्र 11:26 – 12:27
शनि 12:27 – 13:27
बृहस्पति 13:27 – 14:28
मंगल 14:28 – 15:28
सूर्य 15:28 – 16:28
शुक्र 16:28 – 17:29
बुध 17:29 – 18:29
🚩होरा, रात
चन्द्र 18:29 – 19:29
शनि 19:29 – 20:28
बृहस्पति 20:28 – 21:28
मंगल 21:28 – 22:27
सूर्य 22:27 – 23:27
शुक्र 23:27 – 24:26
बुध 24:26* – 25:26
चन्द्र 25:26* – 26:25
शनि 26:25* – 27:25
बृहस्पति 27:25* – 28:24
मंगल 28:24* – 29:24
सूर्य 29:24* – 30:23
*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मीन > 06:10 से 07:36 तक
मेष > 07:36 से 09:14 तक
वृषभ > 09:14 से 11:12 तक
मिथुन > 11:12 से 13:30 तक
कर्क > 13:30 से 15:46 तक
सिंह > 15:46 से 17:58 तक
कन्या > 17:58 से 20:16 तक
तुला > 20:16 से 22:30 तक
वृश्चिक > 22:30 से 00:52 तक
धनु > 00:52 से 03:08 तक
मकर > 02:08 से 04:42 तक
कुम्भ > 04:42 से 06:06 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 6 + 5 + 1 = 27 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
21 + 21 + 5 = 47 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
रात्रि 26:45 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*शुक्रास्त पश्चिम 07:20*
*सर्वार्थ सिद्धि योग 23:31 तक*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
गूढमैथुनचारित्वं काले काले च संग्रहम् ।
अप्रमत्तमविश्वासं पञ्च शिक्षेच्च वायसात् ।।
।। चा o नी o।।
कौवे से ये पाच बाते सीखे… १. अपनी पत्नी के साथ एकांत में प्रणय करे. २. नीडरता ३. उपयोगी वस्तुओ का संचय करे. ४. सभी ओर दृष्टी घुमाये. ५. दुसरो पर आसानी से विश्वास ना करे.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: पुरुषोत्तमयोग :- अo-15
द्वाविमौ पुरुषौ लोके क्षरश्चाक्षर एव च ।,
क्षरः सर्वाणि भूतानि कूटस्थोऽक्षर उच्यते ॥,
इस संसार में नाशवान और अविनाशी भी ये दो प्रकार (गीता अध्याय 7 श्लोक 4-5 में जो अपरा और परा प्रकृति के नाम से कहे गए हैं तथा अध्याय 13 श्लोक 1 में जो क्षेत्र और क्षेत्रज्ञ के नाम से कहे गए हैं, उन्हीं दोनों का यहाँ क्षर और अक्षर के नाम से वर्णन किया है) के पुरुष हैं।, इनमें सम्पूर्ण भूतप्राणियों के शरीर तो नाशवान और जीवात्मा अविनाशी कहा जाता है॥,16।।
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। परिश्रम का अनुकूल फल मिलेगा। परिजनों के स्वास्थ्य और सुविधाओं की ओर ध्यान दें।
🐂वृष
विवाद से क्लेश होगा। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग परेशान कर सकता है। जोखिम न लें। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता प्राप्ति के योग हैं। सावधानी व सतर्कता से व्यापारिक अनुबंध करें। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा।
👫मिथुन
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ संभव है। जोखिम न लें। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति जीवन में आनंद का संचार करेगी। कई दिनों से रुका पैसा मिल सकेगा।
🦀कर्क
चोट व रोग से बचें। कानूनी अड़चन दूर होगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। क्रय-विक्रय के कार्यों में लाभ होगा। योजनाएं बनेंगी। उच्च और बौद्धिक वर्ग में विशेष सम्मान प्राप्त होगा। भाइयों से अनबन हो सकती है। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें।
🐅सिंह
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। जायदाद संबंधी समस्या सुलझने के आसार बनेंगे। अनुकूल समाचार मिलेंगे तथा दिन आनंदपूर्वक व्यतीत होगा। नए संबंध लाभदायी सिद्ध होंगे।
🙍♀️कन्या
मेहनत का फल मिलेगा। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। संतान की शिक्षा की चिंता समाप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। महत्व के कार्य को समय पर करें। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा।
⚖️तुला
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न उठाएं। आज का दिन आपके लिए शुभ रहने की संभावना है। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर मिलेंगे। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा।
🦂वृश्चिक
मेहनत का फल मिलेगा। योजना फलीभूत होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कर्ज से दूर रहना चाहिए। खर्च में कमी होगी। कानूनी विवादों का निपटारा आपके पक्ष में होने की संभावना है। प्रतिष्ठितजनों से मेल-जोल बढ़ेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🏹धनु
कुसंगति से हानि होगी। वाहन मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें, जोखिम न लें। परेशानियों का मुकाबला करके भी लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। व्यापारिक लाभ होगा। संतान के प्रति झुकाव बढ़ेगा। शिक्षा व ज्ञान में वृद्धि होगी।
🐊मकर
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ होगा। धन संचय की बात बनेगी। परिवार के कार्यों पर ध्यान देना जरूरी है। रुका कार्य होने से प्रसन्नाता होगी। आर्थिक सलाह उपयोगी रहेगी। कर्ज की चिंता कम होगी।
🍯कुंभ
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। धैर्य एवं शांति से वाद-विवादों से निपट सकेंगे। दुस्साहस न करें। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। स्वयं की प्रतिष्ठा व सम्मान के अनुरूप कार्य हो सकेंगे।
🐟मीन
बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। थकान रहेगी। व्यापार-व्यवसाय संतोषप्रद रहेगा। आपसी संबंधों को महत्व दें। अल्प परिश्रम से ही लाभ होने की संभावना है। खर्चों में कमी करने का प्रयास करें। अति व्यस्तता रहेगी।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
!! *शेर और व्यक्ति* !!
एक गाँव था, उस गाँव के रास्ते में बहुत घना जंगल था। जंगल घना होने के कारण तरह तरह के पशु-पक्षी जंगल में रहते थे। एक शेर भी रहता था। शेर कभी-कभी गाँव में घुसकर काफी तहलका मचाता था। इसी वजह से गाँव वालों ने जंगल के रास्ते में एक पिंजड़ा रख दिया। रात हुई सभी अपने-अपने घरों के अन्दर हो गये। तभी शेर उसी रास्ते से गाँव की ओर जा रहा था। रास्ते में लगे पिंजड़े में उसका पैर फंसा और भारी शरीर होने के कारण शेर पिंजड़े में बंद हो गया। अब वह उस पिंजड़े में बुरी तरह से फंस चुका था। काफी कोशिश करने के बावजूद भी वह वहाँ से नहीं निकल पाया। पूरी रात शेर पिंजड़े में ही कैद रहा।
सुबह हुई कुछ समय बाद उसी रास्ते से गाँव में एक व्यक्ति जा रहा था। तभी शेर बोला – “ओ भाई! ओ भाई!” वह व्यक्ति शेर को पिंजड़े में देखकर डर गया। शेर को काफी तेज़ की भूख लगी थी।
शेर ने उस व्यक्ति से कहा – “मेरी सहायता करो. मुझे बहुत तेज़ प्यास लगी है , कृपया कुछ पानी पिला दो”।
व्यक्ति बोला – “नहीं! नहीं! मैं तुम्हारी सहायता नहीं कर सकता। तुम एक मांसाहारी जीव हो, अगर मुझे ही अपना शिकार बना लिए तो!” शेर बोला – “नहीं भाई! मैं ऐसा नहीं करूंगा.”
शेर की लाचारी देखकर उस व्यक्ति को शेर पर दया आ गयी और वह बगल के तालाब से पानी ले आया और शेर को पानी पिलाया। शेर ने पानी पी लिया उसके बाद फिर से उस व्यक्ति को बोला – “प्यास तो बुझ गयी अब पूरी रात से भूखा हूँ कुछ खाने को दे दो न.” वह व्यक्ति ने शेर के भोजन की व्यवस्था में जुट गया और कहीं कहीं से उसका भोजन ले आया. शेर ने भोजन भी किया।
शेर ने फिर से आवाज लगायी – “ओ भले इन्सान! मैं इस पिंजड़े में बुरी तरह से फंस चुका हूँ। कृपया इस पिंजड़े से मुझे आजाद करा दो.” वह व्यक्ति बोला – “नहीं! नहीं! मैं तुम्हारी और सहायता नहीं कर सकता. तुम एक मांसाहारी जीव हो. पिंजड़े के बाहर आते ही तु अपने रूप में आ जाएगा।
शेर बोला – “मैं तुम्हें कुछ नहीं करूंगा. तुम्हारे परिवार को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा.”
उस व्यक्ति ने उसकी बात मान कर पिंजड़े का दरवाजा खोल दिया और शेर बाहर आ गया. शेर बहार आते ही पहले चैन की साँस ली और बोला मेरी अभी तक भूख मिटी नहीं है और भोजन भी सामने है. सो भोजन तलाशने का भी जरुरत नही है. अब झट से तुझे अपना शिकार बना लेता हूँ।
इतना सुन वह व्यक्ति डर से काँपने लगा और बोला – “तुम बेईमानी नहीं कर सकते. तुमने पहले ही बोला था की मैं तुम्हें नहीं खाऊंगा और तुम्हारे परिवार को भी नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा, तो अब ऐसा क्यों कर रहे हो.”
शेर बोला – मैं प्राणी ही उसी तरह का हूँ. मुझे बहुत जोर से भूख लगी है तो अब कुछ नहीं. संयोग से ये सब घटना पास के एक पेड़ पर बैठा बन्दर देख रहा था। शेर और उस व्यक्ति में बहस चल ही रही थी तभी बीच में से बन्दर बोल पड़ा – “क्या बात है! क्या बहस हो रही है? उस व्यक्ति ने बन्दर को सारी बात बताई। बन्दर बोला – अच्छा! तो ये बात है। वैसे मुझे एक बात समझ नहीं आई इतना बड़ा शेर इस छोटे से पिंजड़े में कैसे आ सकता है? नहीं ! नहीं ! ये हो ही नहीं सकता!”
शेर को अपनी बेइज्जती होते देख रहा नहीं गया और शेर बोला – “ये व्यक्ति ठीक कह रहा है, मैं इस पिंजड़े में पूरी रात कैद था। ” बन्दर बोला – “मैं कैसे यकीन करूं?”
शेर बोला – “मैं अभी दिखा देता हूँ, इस पिंजड़े में फिर से जा कर.” और इतना कह शेर फिर से उस पिंजड़े में चला जाता है और पिंजड़ा का दरवाजा बंद हो जाता है और उसके बाद शेर बोला – “देखो मैं इसी तरह पिंजड़े में था.”
बन्दर उस व्यक्ति से बोला – “अब देख क्या रहे हो तुरंत अपनी जान बचा कर भाग लो!” और व्यक्ति वहाँ से भाग जाता है। शेर फिर से पिंजड़े में कैद हो जाता है.
*शिक्षा:-*
दोस्तों! विश्वास उसी पर करें जो सचमुच में विश्वास करने लायक हो। बहुत से लोग सच बोलने का दिखावा करते हैं और सामने वाला व्यक्ति उन पर पहली बार भरोसा कर लेता हैं। ऐसे दुष्ट लोगों से दूर रहने में ही भलाई है।
*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*