*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -संयम और साहस*
*आज का राशिफल*
*29 मार्च 2025 , शनिवार*
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका का दिन सामान्य रहेगा। संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिलने से मन प्रसन्न रहेगा तथा मनोरंजन संबंधी कार्यक्रम भी बनेंगे। पारिवारिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने में आपका विशेष योगदान रहेगा और आप उसमें कामयाब भी रहेंगे। जीवनसाथी की भावनाओं को समझ मधुरता स्थापित करेंगे। किसी कार्यवश बाहर गमन हो सकता है। स्वास्थ्य सुधार होगा।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
आज आपका दिन बेहतर रहेगा । कार्यक्षेत्र में आज कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। परंतु कार्य संपन्न होने में कुछ व्यस्त रह सकते हैं। इस समय तनाव लेने की अपेक्षा धैर्य बनाकर रखना ज्यादा उचित रहेगा। युवा वर्ग तथा विद्यार्थियों को इस प्रतियोगी माहौल में अत्यधिक मेहनत की जरूरत है।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
अगर आप राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हैं, तो यह संपर्क आपके लिए कुछ अच्छे अवसर प्रदान करने वाले हैं। इसलिए अपने संपर्क सूत्रों को और अधिक मजबूत बनाकर रखें। प्रॉपर्टी संबंधी कोई रुका हुआ काम भी आज हल हो सकता है।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
कार्य क्षेत्र में इस समय सूझबूझ व समझदारी से आप किसी भी परेशानी को आसानी से हल कर पाएंगे। कर्मचारियों के साथ अच्छे संबंध बनाकर रखें, इससे उनका मनोबल बढ़ेगा तथा वे लोग कार्यों को मन लगाकर करेंगे। आय के स्रोतों में भी इजाफा होगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
रिस्क प्रवृत्ति के कार्यों से दूर रहें। वर्तमान समय में जैसा चल रहा है उसी पर अपना ध्यान केंद्रित रखें। अनजान लोगों के साथ किसी भी तरह का बिजनेस करते समय पूरी तरह चौकन्ना रहें। क्योंकि इस तरह की लापरवाही आपको नुकसान दे सकती है। किसी चाहते से बात करके मन प्रसन्न होगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आपका दिन मनोनुकूल रहेगा। धन प्राप्ति के योग हैं। सामाजिक सम्मान मिलैगा। घर के नवीनीकरण या सुधार जैसी योजनाओं पर कार्य करते समय वास्तुविद की सलाह अवश्य लें। इससे आपके घर में सकारात्मकता आएगी। साथ ही प्रत्येक कार्य को करने से पहले बजट का भी ध्यान रखना अति आवश्यक है।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आपका दिन सामान्य रहेगा। कार्य क्षेत्र में अत्यधिक व्यस्तता बनी रहेगी। ऑर्डर को समय पर पूरा करने से मार्केट में आपकी साख बनेगी। इस समय प्रतिद्वंद्वियों की गतिविधियों को नजरअंदाज ना करें। नौकरीपेशा लोगों को मेहनत से काम लेना है। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
इस समय व्यवसाय में आपके पक्ष में कुछ महत्वपूर्ण स्थितियां बन रही हैं, इसलिए पूरी गंभीरता के साथ अपने कार्यों को अंजाम दे। धीमी गति से चल रहे काम में अब सुधार आएगा। ऑफिस मे सहकर्मी ईर्ष्या तथा जलन की भावना से आपके कार्यों में कुछ नुकसान पहुंचा सकते हैं। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
पिछले कुछ समय से चल रही विपरीत परिस्थितियों में आज अचानक ही किसी अनुभवी व्यक्ति की मदद मिलेगी, जिससे आप अपनी समस्याओं से मुक्ति पा लेंगे। इस समय किसी भी अनुभवी व्यक्ति की सलाह की अवहेलना ना करके उस पर गंभीरता से विचार करें। स्वास्थ्य सही रहेगा।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
व्यवसाय में उत्पादन क्षमता में सुधार आना शुरू होगा। आर्थिक स्थितियां भी बेहतर होंगी। इस समय मार्केट से संबंधित कार्यों को निपटाने की कोशिश करें। तथा अपनी पुरानी पार्टियों के साथ भी पुनः संपर्क स्थापित करने से फायदा हो सकता है।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपका दिन बेहतर रहेगा । धार्मिक कार्यक्रम बनेंगे । धन धान्य से सम्पन्न होंगे। जिस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आप काफी समय से प्रयासरत थे, आज उसके उचित परिणाम हासिल करने का समय आ गया है। इसलिए प्रयासरत रहें और आशावादी बने रहें। परंतु अपनी दिनचर्या में अत्यधिक अनुशासन और मेहनत की आवश्यकता है।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपका दिन मिलाजुला रहेगा। कार्य क्षेत्र में अत्यधिक व्यस्तता बनी रहेगी। धर्म में रुचि बढेगी। इस समय प्रतिद्वंद्वियों की गतिविधियों को नजरअंदाज न करें। नौकरीपेशा लोगों को मेहनत व सावधानी से काम लेना है। धार्मिक आयोजन होगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
🔅 *_कृपया ध्यान दें👉_*
यद्यपि शुद्ध राशिफल की पूरी कोशिश रही है फिर भी इन राशिफलों में और आपकी कुंडली व राशि के ग्रहों के आधार पर आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में कुछ अन्तर हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप किसी ज्योतिषी से अवश्य सम्पर्क करें। किसी भी भिन्नता के लिए हम उत्तरदायी नहीं हैं।
🌷आपका दिन मंगलमय हो।🌷
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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*!! संयम और साहस !!*
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बहुत दिन पहले किसी गांव में एक नाई रहता था। वह बहुत आलसी था। सारा दिन वह आईने के सामने बैठा टूटे कंघे से बाल संवारते हुए गंवा देता। उसकी बूढ़ी मां उसके आलसीपन के लिए दिन-रात फटकारती थी, लेकिन उसके कानों पर जूं भी नहीं रेंगती थी। आखिरकार एक दिन मां ने गुस्से में उसकी पिटाई कर दी। जवान बेटे ने खुद को बहुत अपमानित महसूस किया और घर छोड़ कर चला गया। उसने कसम खाई कि जब तक कुछ धन जमा नहीं कर लेगा, वह घर नहीं लौटेगा। चलते-चलते वह जंगल पहुंचा। उसे कोई काम तो आता नहीं था इसलिए अब वो भगवान को मनाने बैठ गया। अभी वह प्रार्थना के लिए बैठता, उससे पहले ही उसका एक ब्रम्हराक्षस से सामना हो गया। ब्रम्हराक्षस नाई को देखकर खुश हुआ और खुशी मनाने के लिए लिए नाचने लगा। यह देख नाई के होश उड़ गए, पर अपने डर को जाहिर नहीं होने दिया। उसने साहस बटोरा और राक्षस के साथ नाचने लगा।
कुछ देर बाद उसने राक्षस से पूछा- तुम क्यों नाच रहे हो? तुम्हें किस बात की खुशी है? राक्षस हंसते हुए बोला, मैं तुम्हारे सवाल का इंताज़ार कर रहा था। तुम तो निरे उल्लू हो। तुम समझ नहीं पाओगे। मैं इसलिए नाच रहा हूं कि मुझे तुम्हारा नरम-नरम मांस खाने को मिलेगा। वैसे, तुम क्यों नाच रहे हो? नाई ने ठहाका लगाते हुए कहा, मेरे पास इससे भी बढ़िया कारण है। हमारा राजकुमार सख्त बीमार है। चिकित्सकों ने उसे एक सौ एक ब्रम्हराक्षसों के हृदय का रक्त पीने का उपचार बताया है। महाराज ने मुनादी करवाई है जो कोई यह दवा लाकर देगा, उसे वे अपना आधा राज्य देंगे और राजकुमारी का विवाह भी उससे कर देंगे। मैंने सौ ब्रम्हराक्षस तो पकड़ लिए हैं। अब तुम भी मेरी गिरफ्त में हो। यह कहते हुए उसने जेब से छोटा आईना उसकी आंखों के सामने किया। आतंकित राक्षस ने आईने में अपनी शक्ल देखी। चांदनी रात में उसे अपना प्रतिबिम्ब साफ नज़र आया। उसे लगा कि वह वाकई उसकी मुट्ठी में है। थर-थर कांपते हुए उसने नाई से विनती की कि उसे छोड़ दे, पर नाई राज़ी नहीं हुआ। तब राक्षस ने उसे सात रियासतों के खज़ाने के बराबर धन देने का लालच दिया। पर इस भेंट में नाई ने दिलचस्पी न लेने का नाटक करते हुए कहा- पर जिस धन का तुम वादा कर रहे हो, वह है कहां और इतनी रात में उस धन को और मुझे घर कौन पहुंचाएगा?
राक्षस ने कहा, खज़ाना तुम्हारे पीछे वाले पेड़ के नीचे गड़ा है। पहले तुम इसे अपनी आंखों से देख लो, फिर मैं तुम्हें और इस खज़ाने को पलक झपकाते ही तुम्हारे घर पहुंचा दूंगा। राक्षसों की शक्तियां तुमसे क्या छुपी है, कहने के साथ ही उसने पेड़ को जड़ समेत उखाड़ दिया और हीरे-मोतियों से भरे सोने के सात कलश बाहर निकाले। खज़ाने की चमक से नाई की आंखें चौंधिया गईं, पर अपनी भावनाओं को छुपाते हुए उसने रौब से उसे आदेश कि वह उसे और खज़ाने को उसके घर पहुंचा दे। राक्षस ने आदेश का पालन किया। राक्षस ने अपनी मुक्ति की याचना की, पर नाई उसकी सेवाओं से हाथ नहीं धोना चाहता था। इसलिए अगला काम फसल काटने का दे दिया। बेचारे राक्षस को यकीन था कि वह नाई के शिकंजे में है। सो उसे फसल तो काटनी ही पड़ेगी।
वह फसल काट ही रहा था कि वहां से दूसरा ब्रम्हराक्षस गुजरा। अपने दोस्त को इस हालत में देख वह पूछ बैठा। ब्रम्हराक्षस ने उसे आपबीती बताई और कहा कि, इसके अलावा कोई चारा नहीं है। दूसरे ने हंसते हुए कहा, पागल हो गए हो? राक्षस आदमी से कहीं शक्तिशाली और श्रेष्ठ होते हैं। तुम उस आदमी का घर मुझे दिखा सकते हो? हाँ, दिखा दूंगा, पर दूर से। धान की कटाई पूरी किए बिना उसके पास जाने की मेरी हिम्मत नहीं है। यह कहकर उसने उसे नाई का घर दूर से दिखा दिया।
वहीं अपनी कामयाबी के लिए नाई ने भोज का आयोजन किया। और एक बड़ी मछली भी लेकर आया। लेकिन एक बिल्ली टूटी खिड़की से रसोई में आकर ज्यादा मछली खा गई। गुस्से में नाई की बीवी बिल्ली को मारने के लिए झपटी, पर बिल्ली भाग गई। उसने सोचा, बिल्ली इसी रास्ते से वापस आएगी। सो वह मछली काटने की छुरी थामे खिड़की के पास खड़ी हो गई। उधर दूसरा राक्षस दबे पांव नाई के घर की ओर बढ़ा। उसी टूटी हुई खिड़की से वह घुसा। बिल्ली की ताक में खड़ी नाइन ने तेज़ी से चाकू का वार किया। निशाना सही नहीं बैठा, पर राक्षस की लम्बी नाक आगे से कट गई। दर्द से कराहते हुए वह भाग खड़ा हुआ। और शर्म के मारे अपने दोस्त के पास वो गया भी नहीं।
पहले राक्षस ने धीरज के साथ पूरी फसल काटी और अपनी मुक्ति के लिए नाई के पास गया। धूर्त नाई ने इस बार उल्टा शीशा दिखाया। राक्षस ने बड़े गौर से देखा। उसमें अपनी छवि न पाकर उसने राहत की सांस ली और नाचता-गुनगुनाता चला गया।
*शिक्षा:-*
धैर्य और संयम से बड़ी मुसीबतें भी टल जाती हैं। साहस से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती है..!!
*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*