उत्तराखंड

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- ज्ञान भंडार*


📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द………………………5125
विक्रम संवत्……………………..2080
शक संवत्………………………..1945
मास………………………………..पौष
पक्ष………………………………..कृष्ण
तिथी……………………………..चतुर्थी
प्रातः 11.57 पर्यंत पश्चात पंचमी
रवि…………………………..दक्षिणायन
सूर्योदय …….प्रातः 07.06.26 पर
सूर्यास्त……………संध्या 05.52.06 पर
सूर्य राशि…………………………….धनु
चन्द्र राशि…………………………..सिंह
गुरु राशि…………………………….मेष
नक्षत्र……………………………….मघा
दुसरे दिन प्रातः 08.31 पर्यंत पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग………………………………..प्रीती
रात्रि 03.39 पर्यंत पश्चात आयुष्मान
करण……………………………..बालव
प्रातः 11.57 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु………………………(सहस्य) हेमंत
दिन………………………………रविवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
31 दिसम्बर सन 2023 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक………………………4
🔯 शुभ रंग…………………….नीला

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.08 से 12.50 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
संध्या 04.28 से 05.48 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*धनु*
06:12:30 08:17:12
*मकर*
08:17:12 09:59:23
*कुम्भ*
09:59:23 11:27:06
*मीन*
11:27:06 12:52:17
*मेष*
12:52:17 14:27:47
*वृषभ*
14:27:47 16:23:39
*मिथुन*
16:23:39 18:38:38
*कर्क*
18:38:38 20:59:21
*सिंह*
20:59:21 23:17:01
*कन्या*
23:17:01 25:33:41
*तुला*
25:33:41 27:53:34
*वृश्चिक*
27:53:34 30:12:30

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.29 से 09.49 तक चंचल
प्रात: 09.49 से 11.08 तक लाभ
प्रात: 11.08 से 12.28 तक अमृत
दोप. 01.48 से 03.08 तक शुभ
सायं 05.47 से 07.27 तक शुभ
संध्या 07.27 से 09.08 तक अमृत
रात्रि 09.08 से 10.48 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ आदित्याय नम: ॥

 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (तृतीयोऽध्यायः – कर्मयोगः) -*
निराशीर्यतचित्तात्मा त्यक्तसर्वपरिग्रहः।
शारीरं केवलं कर्म कुर्वन्नाप्नोति किल्बिषम्॥४-२१॥
अर्थात :
आशारहित, जीते हुए अंतःकरण वाला और सभी संग्रहों का त्याग करने वाला मनुष्य केवल शरीर-निर्वाह संबंधी कर्म करता हुआ भी पाप को प्राप्त नहीं होता॥21॥

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*मुँह के छालो का घरेलू उपचार -*

*1. त्रिफला -*
इसके राख को शहद में मिलाकर छाले वाले स्थान पर लगायें. मुँह में थूक भर जाने पर कुल्ला करें. इससे छालों से राहत मिलती है.

*2. नीम की छाल -*
दालचीनी, मुनक्का, नीम की छाल और इंद्र जौ को मिलाकर काढ़ा बना लें. इस काढ़े में शहद को मिलाकर पीने से छालों की समस्या में राहत मिलती है.

*3. अमृतधारा -*
अमृतधारा में तीन द्रव्य होते हैं- पेपरमिंट, सत अजवायन और कपूर को एक शीशे में डालकर धूप में रखें. यह पिघलकर अमृतधारा बन जाती है. मुँह के छालों में यह राहत देती है.

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
व्यवसाय ठीक-ठीक चलेगा। स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से बड़ा लाभ हो सकता है। पार्टनरों का सहयोग समय पर मिलने से प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। प्रतिद्वंद्विता रहेगी। आय में वृद्धि होगी। चोट व रोग से बाधा संभव है। दूसरों के काम में दखलंदाजी न करें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। कर्ज में कमी होगी। संतुष्टि रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। अपना प्रभाव बढ़ा पाएंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य न करें। प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्य की समस्याएं दूर होंगी।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
आय में निश्चितता रहेगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था नहीं होने से परेशानी रहेगी। व्यवसाय में कमी होगी। नौकरी में नोकझोंक हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। थकान महसूस होगी। अपेक्षित कार्यों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
व्यवसाय से संतुष्टि नहीं रहेगी। आय में कमी तथा नौकरी में कार्यभार रहेगा। बेवजह लोगों से कहासुनी हो सकती है। दु:खद समाचार मिलने से नकारात्मकता बढ़ेगी। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाज न करें। घर-बाहर अशांति रहेगी। कार्य में रुकावट होगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे। जीवनसाथी पर आपसी मेहरबानी रहेगी। जल्दबाजी में धनहानि हो सकती है। व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में सुकून रहेगा। निवेश लाभप्रद रहेगा। कार्य बनेंगे। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल रहेगी। मन की चंचलता पर नियंत्रण रखें।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। व्यवसाय में जल्दबाजी से काम न करें। चोट व दुर्घटना से बचें। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। घर-बाहर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। वस्तुएं संभालकर रखें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
भाग्य का साथ मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। जुए, सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
नौकरी में अनुकूलता रहेगी। पार्टी व पिकनिक की योजना बनेगी। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। मातहतों का सहयोग मिलेगा। पूजा-पाठ व सत्संग में मन लगेगा। आत्मशांति रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। जोखिम न लें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। पुराना रोग बाधा का कारण रहेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
मित्र व संबंधी सहायता करेंगे। आय बनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। छोटी सी गलती से समस्या बढ़ सकती है। किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। दूसरे के काम में दखल न दें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर सहयोग व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी। सामजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। नौकरी में वर्चस्व स्थापित होगा। आय के स्रोत बढ़ सकते हैं। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। बगैर मांगे किसी को सलाह न दें। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। धनार्जन होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। अज्ञात भय व चिंता रहेंगे।

*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳*

*💐💐ज्ञान भंडार💐💐*

एक बहुत ज्ञानी व्यक्ति था। वो अपनी पीठ पर ज्ञान का भंडार लाद कर चला करता था। सारी दुनिया उसकी जयकार करती थी। ज्ञानी अपने ज्ञान पर दंभ करता इतराता फिरता था। एक बार वो किसी पहाड़ी से गुजर रहा था, रास्ते में उसे भूख लग आई। उसने इधर-उधर देखा, कुछ दूरी पर नयासर गांव दिखा वहां एक बुढ़िया इमरती देवी पत्थरों के पीछे अपने लिए रोटी पका रही थी। ज्ञानी व्यक्ति उसके पास पहुंचा और उसने उससे अनुरोध किया कि क्या वो उसे भी एक रोटी खिला सकती है?
बुढ़िया ने कहा, “ज़रूर।”
आदमी ने कहा कि लेकिन उसके पास देने को कुछ नहीं है, हां ज्ञान है और वो चाहे तो उसे थोड़ा ज्ञान वो दे सकता है। बुढ़िया ने कहा कि ठीक है। तुम रोटी खा लो और मुझे मेरे एक सवाल का जवाब दे दो।
आदमी ने रोटी खाने के बाद बुढ़िया से कहा कि पूछो अपना सवाल। बुढ़िया ने पूछा, “तुमने अभी-अभी जो रोटी खाई है, उसे तुमने अतीत के मन से खाई है, वर्तमान के मन से खाई है या फिर भविष्य के मन से खाई है?”
आदमी अटक गया। उसने अपनी पीठ से ज्ञान की बोरी उतारी और उसमें बुढ़िया के सवाल का जवाब तलाशने लगा। हज़ारों पन्ने पलटने के बाद भी उसे उसके सवाल का जवाब नहीं मिला।
बहुत देर हो चुकी थी। बुढ़िया को लौटना था। आखिर में उसने उस ज्ञानी से कहा कि “तुम रहने दो। इस सवाल का जवाब इतना भी कठिन नहीं था। ज़िंदगी में हर सवाल के जवाब कठिन नहीं होते। इसका तो बहुत सीधा सा जवाब था कि आदमी रोटी मुंह से खाता है, न कि अतीत, वर्तमान या भविष्य के मन से। वो तो तुम ज्ञानी थे, बड़े आदमी थे, तुमने अपने ज्ञान के बूते खुद को दुरूह बना लिया है, इसलिए हर सवाल के जवाब तुम पीठ पर लदे ज्ञान के बोझ में तलाशते हो, वर्ना ज़िंदगी को सहज रूप में जीने के लिए तो सहज ज्ञान की ही दरकार होती है।

सहजता से बढ़ कर जीवन को जीने का कोई दूसरा मूलमंत्र नहीं है। जो आदमी सहज होता है नवनीत, वो संतोषी होता है। जीवन के सफर को सुखमय बनाने का यह सबसे आसान फॉर्मूला है। जो चीज जैसी है, उसे उसी तरह स्वीकार करने की कोशिश करनी चाहिए।

*💐💐शिक्षा💐💐*

लोग भले कहें कि जो हम पाएंगे, वही देंगे लेकिन आप इसकी जगह यह सोचना कि जो आप दोगे, वही पाओगे। जीवन में हर सवाल का जवाब ज्ञान की पीठ पर सवार नहीं होता।

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