*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- आस्था की कमी*
*आज का पञ्चांग*
*दिनाँक:-26/01/2024, शुक्रवार*
प्रतिपदा, कृष्ण पक्ष,
माघ
(समाप्ति काल)
तिथि———- प्रतिपदा 25:19:05 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र———— पुष्य 10:27:18
योग————– प्रीति 07:40:38
करण———– बालव 12:18:15
करण———– कौलव 25:19:05
वार———————– शुक्रवार
माह———————— माघ
चन्द्र राशि——————- कर्क
सूर्य राशि—————– मकर
रितु———————— शिशिर
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————— शोभकृत
संवत्सर (उत्तर) ——————पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 07:09:59
सूर्यास्त————— 17:53:31
दिन काल————- 10:43:32
रात्री काल————- 13:16:05
चंद्रोदय————— 18:27:31
चंद्रास्त—————- 31:29:11
लग्न—- मकर 11°23′ , 281°23′
सूर्य नक्षत्र—————— श्रवण
चन्द्र नक्षत्र——————- पुष्य
नक्षत्र पाया——————- रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
ड—- पुष्य 10:27:18
डी—- आश्लेषा 17:03:37
डू—- आश्लेषा 23:41:14
डे—- आश्लेषा 30:20:07
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मकर 11:10, श्रवण 1 खी
चन्द्र=कर्क 15:30 , पुष्य 4 ड
बुध =धनु 20:53′ पू o षाo 3 फा
शु क्र=धनु 09°05, मूल ‘ 3 भा
मंगल=धनु 21 °30 ‘ पू oषाo’ 3 फा
गुरु=मेष 12°30 अश्विनी , 4 ला
शनि=कुम्भ 11°40 ‘ शतभिषा ,2 सा
राहू=(व) मीन 25°20 रेवती , 3 च
केतु=(व) कन्या 25°20 चित्रा , 1 पे
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 11:11 – 12:32 अशुभ
यम घंटा 15:13 – 16:33 अशुभ
गुली काल 08:30 – 09: 51अशुभ
अभिजित 12:10 – 12:53 शुभ
दूर मुहूर्त 09:19 – 10:02 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:53 – 13:36 अशुभ
वर्ज्यम 24:34* – 26:21* अशुभ
🚩गंड मूल 10:27 – अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
चर 07:10 – 08:30 शुभ
लाभ 08:30 – 09:51 शुभ
अमृत 09:51 – 11:11 शुभ
काल 11:11 – 12:32 अशुभ
शुभ 12:32 – 13:52 शुभ
रोग 13:52 – 15:13 अशुभ
उद्वेग 15:13 – 16:33 अशुभ
चर 16:33 – 17:54 शुभ
🚩चोघडिया, रात
रोग 17:54 – 19:33 अशुभ
काल 19:33 – 21:13 अशुभ
लाभ 21:13 – 22:52 शुभ
उद्वेग 22:52 – 24:32* अशुभ
शुभ 24:32* – 26:11* शुभ
अमृत 26:11* – 27:51* शुभ
चर 27:51* – 29:30* शुभ
रोग 29:30* – 31:10* अशुभ
💮होरा, दिन
बृहस्पति 07:10 – 08:04
मंगल 08:04 – 08:57
सूर्य 08:57 – 09:51
शुक्र 09:51 – 10:44
बुध 10:44 – 11:38
चन्द्र 11:38 – 12:32
शनि 12:32 – 13:25
बृहस्पति 13:25 – 14:19
मंगल 14:19 – 15:12
सूर्य 15:12 – 16:06
शुक्र 16:06 – 16:59
बुध 16:59 – 17:53
🚩होरा, रात
चन्द्र 17:53 – 18:59
शनि 18:59 – 20:06
बृहस्पति 20:06 – 21:12
मंगल 21:12 – 22:18
सूर्य 22:18 – 23:25
शुक्र 23:25 – 24:31
बुध 24:31* – 25:38
चन्द्र 25:38* – 26:44
शनि 26:44* – 27:51
बृहस्पति 27:51* – 28:57
मंगल 28:57* – 30:04
सूर्य 30:04* – 31:10
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मकर > 05:32 से 07:30 तक
कुम्भ > 07:30 से 08:48 तक
मीन > 08:48 से 10:18 तक
मेष > 10:18 से 12:00 तक
वृषभ > 12:00 से 13:58 तक
मिथुन > 13:58 से 16:10 तक
कर्क > 16:10 से 18:30 तक
सिंह > 18:30 से 20:42 तक
कन्या > 20:42 से 22:58 तक
तुला > 22:58 से 01:02 तक
वृश्चिक > 01:02 से 03:14 तक
धनु > 03:14 से 05:30 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 1 + 6 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
चन्द्र ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
16 + 16 + 5 = 37 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ = शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*गणतंत्र दिवस
*गणराज्य दिवस
*अंतरराष्ट्रीय कस्टमर दिवस
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
विप्रो वृक्षस्तस्य मूलं च सन्ध्या
वेदाः शाखा धर्मकर्माणि पत्रम् ।
तस्मात् मूलं यत्नो रक्षणीयम्
छिन्ने मूले नैव शाखा न पत्रम् ।।
।। चा o नी o।।
ब्राह्मण एक वृक्ष के समान है. उसकी प्रार्थना ही उसका मूल है. वह जो वेदों का गान करता है वही उसकी शाखाए है. वह जो पुण्य कर्म करता है वही उसके पत्ते है. इसीलिए उसने अपने मूल को बचाना चाहिए. यदि मूल नष्ट हो जाता है तो शाखाये भी ना रहेगी और पत्ते भी.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: कर्मयोग अo-03
इष्टान्भोगान्हि वो देवा दास्यन्ते यज्ञभाविताः ।,
तैर्दत्तानप्रदायैभ्यो यो भुंक्ते स्तेन एव सः ॥,
यज्ञ द्वारा बढ़ाए हुए देवता तुम लोगों को बिना माँगे ही इच्छित भोग निश्चय ही देते रहेंगे।, इस प्रकार उन देवताओं द्वारा दिए हुए भोगों को जो पुरुष उनको बिना दिए स्वयं भोगता है, वह चोर ही है॥,12॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बेचैनी रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🐂वृष
यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य प्रभावित होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न उठाएं।
👫मिथुन
जल्दबाजी से चोट लग सकती है। दूर से शोक समाचार मिल सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। थकान व कमजोरी रह सकती है। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। नौकरी में कार्यभार रहेगा। भागदौड़ रहेगी। आय होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।
🦀कर्क
कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। नौकरी में शांति रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग रहेगा। कार्य समय पर पूर्ण होंगे।
🐅सिंह
पुराना रोग उभर सकता है। दूर से दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। किसी व्यक्ति के व्यवहार से अप्रसन्नता रहेगी। अपेक्षित कार्य विलंब से होंगे। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। किसी व्यक्ति विशेष की नाराजी झेलना पड़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।
🙍♀️कन्या
जल्दबाजी न करें। कोई समस्या खड़ी हो सकती है। शरीर शिथिल हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेगे। प्रमाद न करें।
⚖️तुला
धनहानि संभव है, सावधानी रखें। किसी व्यक्ति के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद से बचें। शत्रु शांत रहेंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा।
🦂वृश्चिक
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बात बढ़ सकती है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। तनाव रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी व्यक्ति की बातों में न आएं। महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें, लाभ होगा।
🏹धनु
शत्रु सक्रिय रहेंगे। शारीरिक कष्ट संभव है। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश मनोनुकूल लाभ देगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
🐊मकर
धन प्राप्ति सुगम तरीके से होगी। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने में रुझान रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा। कष्ट, तनाव व चिंता का वातावरण बन सकता है। शत्रु पस्त होंगे।
🍯कुंभ
पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी साधु-संत का आशीवार्द मिल सकता है। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेंगे। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। प्रमाद न करें।
🐟मीन
घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में संतोष रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विरोध होगा। विवाद से क्लेश होगा, इससे बचें। पुराना रोग उभर सकता है। परिवार की चिंता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
*🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏*
2️⃣6️⃣❗0️⃣1️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣
*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*!! आस्था की कमी !!*
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एक दिन कॉलेज में प्रोफेसर ने विद्यर्थियों से पूछा, कि इस संसार में जो कुछ भी है उसे भगवान ने ही बनाया है न ? सभी ने कहा, हां भगवान ने ही बनाया है.
प्रोफेसर ने कहा, कि इसका अर्थ ये हुआ कि बुराई भी भगवान की बनाई हुई वस्तु ही है.
प्रोफेसर ने इतना कहा तो एक विद्यार्थी उठ खड़ा हुआ और उसने कहा, कि इतनी शीघ्रता से इस निष्कर्ष पर मत पहुंचिये सर.
प्रोफेसर ने कहा, क्यों? अभी तो सबने कहा है कि सबकुछ भगवान का ही बनाया हुआ है फिर तुम ऐसा क्यों कह रहे हो ?
विद्यार्थी ने कहा कि सर, मैं आपसे छोटे-छोटे दो प्रश्न पूछूंगा. उसके पश्चात् आपकी बात भी मान लूंगा. प्रोफेसर ने कहा, पूछिये.
विद्यार्थी ने पूछा , सर क्या संसार में ठंड का कोई अस्तित्व है ? प्रोफेसर ने कहा, बिल्कुल है. हम ठंड को महसूस करते हैं.
विद्यार्थी ने कहा, नहीं सर, ठंड कुछ है ही नहीं. ये वास्तव में गर्मी की अनुपस्थिति का आभास भर है. जहां गर्मी नहीं होती, वहां हम ठंड का आभास करते हैं. प्रोफेसर चुप रहे.
विद्यार्थी ने फिर पूछा, सर क्या अंधकार का कोई अस्तित्व है ? प्रोफेसर ने कहा, बिल्कुल है. रात को अंधकार होता है.
विद्यार्थी ने कहा, नहीं सर, अंधेरा कुछ होता ही नहीं. ये तो जहां रोशनी नहीं होती वहां अंधेरा होता है. प्रोफेसर ने कहा, तुम अपनी बात आगे बढ़ाओ.
विद्यार्थी ने फिर कहा, सर आप हमें केवल लाइट एंड हीट (प्रकाश और ताप) ही पढ़ाते हैं. आप हमें कभी डार्क एंड कोल्ड (अंधेरा और ठंड) नहीं पढ़ाते. फिजिक्स में ऐसा कोई विषय है ही नहीं. सर, ठीक इसी तरह परमात्मा ने केवल अच्छा-अच्छा बनाया है. अब जहां अच्छा नहीं होता, वहां हमें बुराई दिखाई पड़ती है. पर बुराई को ईश्वर ने नहीं बनाया. ये केवल अच्छाई की अनुपस्थिति भर है.
*शिक्षा:-*
वास्तव में सृष्टि में कहीं बुराई है ही नहीं. ये तो केवल प्यार, विश्वास और ईश्वर में हमारी आस्था की कमी का नाम है. इसलिए जब और जहां अवसर मिले अच्छाई बांटिए.
*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
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