धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- मित्रता का अर्थ*


📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5125
विक्रम संवत्……………………2080
शक संवत्……………………..1945
रवि………………………….उत्तरायण
मास………………………………माघ
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी……………………………चतुर्थी
दोप 02.46 पर्यंत पश्चात पंचमी
सूर्योदय…..प्रातः 07.00.00 पर
सूर्यास्त ….संध्या 06.22.01 पर
सूर्य राशि………………………..मकर
चन्द्र राशि………………………..मीन
गुरु राशि………………………….मेष
नक्षत्र…………………..उत्तराभाद्रपद
दोप 12.30 पर्यंत पश्चात रेवती
योग…………………………….साध्य
रात्रि 11.01 पर्यंत पश्चात शुभ
करण……………………………विष्टि
दोप 02.46 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु…………………….(तप:) शिशिर
दिन………………………….मंगलवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
13 फरवरी सन 2024 ईस्वी ।

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त* :-
दोप 12.18 से 01.03 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोप 03.29 से 04.53 तक ।

☸ शुभ अंक………………..3
🔯 शुभ रंग……………….लाल

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मकर*
05:17:21 06:56:59
*कुम्भ*
06:56:59 08:38:14
*मीन*
08:38:14 10:09:13
*मेष*
10:09:13 11:49:57
*वृषभ*
11:49:57 13:48:36
*मिथुन*
13:48:36 16:02:19
*कर्क*
16:02:19 18:18:29
*सिंह*
18:18:29 20:30:17
*कन्या*
20:30:17 22:40:57
*तुला*
22:40:57 24:55:35
*वृश्चिक*
24:55:35 27:11:45
*धनु*
27:11:45 29:17:21

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 09.51 से 11.15 तक चंचल
प्रात: 11.15 से 12.40 तक लाभ
दोप. 12.40 से 02.04 तक अमृत
दोप. 03.28 से 04.52 तक शुभ
रात्रि 07.52 से 09.28 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ आंजनेय नमः ।।

📯 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (चतुर्थोऽध्यायः – ज्ञानकर्मसंन्यासयोगः) -*
यथैधांसि समिद्धोऽग्नि- र्भस्मसात् कुरुतेऽर्जुन।
ज्ञानाग्निः सर्वकर्माणि भस्मसात्कुरुते तथा॥४-३७॥
अर्थात :
हे अर्जुन! जिस प्रकार अग्नि लकड़ियों को जला देती है, उसी प्रकार ज्ञानरूप अग्नि सम्पूर्ण कर्मों को जला देती है॥37॥

🍃 *आरोग्यं :*-
*कोलेस्ट्रोल को कम करने के कुछ घरेलू उपचार -*

– कच्ची लहसुन रोज सुबह खाली पेट खाने से कोलेस्ट्रोल कम होता है।
– रोज 50 ग्राम कच्चा ग्वारपाठा खाली पेट खाने से खून में कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है।
– अंकुरित दालें भी खानी आरंभ करें।
– सोयाबीन का तेल अवश्य प्रयोग करें यह भी उपचार है।
– लहसुन, प्याज, इसके रस उपयोगी हैं।
– नींबू, आंवला जैसे भी ठीक लगे, प्रतिदिन लें।
– शराब या कोई नशा मत करें, बचें।
– इसबगोल के बीजों का तेल आधा चम्मच दिन में दो बार।
– दूध पीते हैं तो उसमे जरा सी दालचीनी डाल दो, कोलेस्ट्रोल कण्ट्रोल होगा।
– रात के समय धनिया के दो चम्मच एक गिलास पानी में भिगो दें। प्रात: हिलाकर पानी पी लें। धनिया भी चबाकर निगल जाएं।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में संतोष रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विरोध होगा। विवाद से क्लेश होगा, इससे बचें। पुराना रोग उभर सकता है। परिवार की चिंता रहेगी। जल्दबाजी न करें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
शत्रु सक्रिय रहेंगे। शारीरिक कष्‍ट संभव है। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश मनोनुकूल लाभ देगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बात बढ़ सकती है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्‍थ्य की चिंता रहेगी। तनाव रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी व्यक्ति की बातों में न आएं। महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें, लाभ होगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
धनहानि संभव है, सावधानी रखें। किसी व्यक्ति के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद से बचें। शत्रु शांत रहेंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
कष्ट, तनाव व चिंता का वातावरण बन सकता है। शत्रु पस्त होंगे। धन प्राप्ति सुगम तरीके से होगी। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने में रुझान रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा।

💁‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी साधु-संत का आशीवार्द मिल सकता है। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेंगे। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। प्रमाद न करें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
पुराना रोग उभर सकता है। दूर से दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। किसी व्यक्ति के व्यवहार से अप्रसन्नता रहेगी। अपेक्षित कार्य विलंब से होंगे। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। किसी व्यक्ति विशेष की नाराजी झेलना पड़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। नौकरी में शांति रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग रहेगा। कार्य समय पर पूर्ण होंगे।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
जल्दबाजी न करें। कोई समस्या खड़ी हो सकती है। शरीर शिथिल हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेगे। प्रमाद न करें।

🏹 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्‍थ्य प्रभावित होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न उठाएं।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
जल्दबाजी से चोट लग सकती है। दूर से शोक समाचार मिल सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। थकान व कमजोरी रह सकती है। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। नौकरी में कार्यभार रहेगा। भागदौड़ रहेगी। आय होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बेचैनी रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

*!! मित्रता का अर्थ !!*
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एक बहुत बड़ा सरोवर था। उसके तट पर मोर रहता था और वहीं पास में एक मोरनी भी रहती थी। एक दिन मोर ने मोरनी से प्रस्ताव रखा कि- “हम तुम विवाह कर लें, तो कैसा अच्छा रहे?”

मोरनी ने पूछा- “तुम्हारे मित्र कितने हैं ?” मोर ने कहा उसका कोई मित्र नहीं है। तो मोरनी ने विवाह से इनकार कर दिया।

मोर सोचने लगा सुखपूर्वक रहने के लिए मित्र बनाना भी आवश्यक है। उसने एक सिंह से.., एक कछुए से.., और सिंह के लिए शिकार का पता लगाने वाली टिटहरी से.., दोस्ती कर ली।

जब उसने यह समाचार मोरनी को सुनाया, तो वह तुरंत विवाह के लिए तैयार हो गई। पेड़ पर घोंसला बनाया और उसमें अंडे दिए और भी कितने ही पक्षी उस पेड़ पर रहते थे।

एक दिन शिकारी आए। दिन भर कहीं शिकार न मिला तो वे उसी पेड़ की छाया में ठहर गए और सोचने लगे, पेड़ पर चढ़कर अंडे- बच्चों से भूख बुझाई जाए।

मोर दंपत्ति को भारी चिंता हुई मोर “मित्रों” के पास सहायता के लिए दौड़ा। बस फिर क्या था.., टिटहरी ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया। सिंह समझ गया कोई शिकार है। वह उसी पेड़ के नीचे चला गया.., जहाँ शिकारी बैठे थे। इतने में कछुआ भी पानी से निकलकर बाहर आ गया। सिंह से डरकर भागते हुए शिकारियों ने कछुए को ले चलने की बात सोची, जैसे ही हाथ बढ़ाया कछुआ पानी में खिसक गया।

शिकारियों के पैर दलदल में फँस गए। इतने में सिंह आ पहुँचा और उन्हें ठिकाने लगा दिया।

मोरनी ने कहा- “मैंने विवाह से पूर्व मित्रों की संख्या पूछी थी, सो बात काम की निकली न, यदि मित्र न होते, तो आज हम सबकी खैर न थी।”

*शिक्षा:-*
मित्रता सभी रिश्तों में अनोखा और आदर्श रिश्ता होता है। परिवार और मित्र किसी भी व्यक्ति की अनमोल पूँजी होते हैं।

*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
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