धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -आलसी व्यक्ति*


📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द……………………..5125
विक्रम संवत्…………………….2080
शक संवत्……………………….1945
मास……………………………….माघ
पक्ष……………………………….शुक्ल
तिथी…………………………….नवमी
प्रातः 08.16 पर्यंत पश्चात दशमी
रवि…………………………..उत्तरायण
सूर्योदय ……प्रातः 06.57.54 पर
सूर्यास्त…………..संध्या 06.24.12 पर
सूर्य राशि………………………….कुम्भ
चन्द्र राशि…………………………वृषभ
गुरु राशि……………………………मेष
नक्षत्र……………………………रोहिणी
प्रातः 09.22 पर्यंत पश्चात मृगशीर्ष
योग……………………………….वैधृति
दोप 12.31 पर्यंत पश्चात विष्कुम्भ
करण…………………………….कौलव
प्रातः 08.16 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु……………………….(तप:) शिशिर
दिन………………………………रविवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
18 फरवरी सन 2024 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक………………………9
🔯 शुभ रंग…………………….नीला

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.18 से 01.03 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
संध्या 04.55 से 06.20 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कुम्भ*
06:44:42 08:18:16
*मीन*
08:18:16 09:49:30
*मेष*
09:49:30 11:30:15
*वृषभ*
11:30:15 13:28:54
*मिथुन*
13:28:54 15:42:36
*कर्क*
15:42:36 17:58:46
*सिंह*
17:58:46 20:10:34
*कन्या*
20:10:34 22:21:14
*तुला*
22:21:14 24:35:52
*वृश्चिक*
24:35:52 26:52:02
*धनु*
26:52:02 28:57:39
*मकर*
28:57:39 30:44:42

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.25 से 09.49 तक चंचल
प्रात: 09.49 से 11.14 तक लाभ
प्रात: 11.14 से 12.39 तक अमृत
दोप. 02.04 से 03.29 तक शुभ
सायं 06.19 से 07.54 तक शुभ
संध्या 07.51 से 09.29 तक अमृत
रात्रि 09.29 से 11.04 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ॥

 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (तृतीयोऽध्यायः – कर्मयोगः) -*
योगसंन्यस्तकर्माणं ज्ञानसंछिन्नसंशयम्।
आत्मवन्तं न कर्माणि निबध्नन्ति धनंजय॥४-४१॥
अर्थात :
हे धनंजय! (कर्म) योग से सभी कर्मों को परमात्मा में अर्पण करने वाले , विवेक द्वारा समस्त संशयों का नाश करने वाले और अपने वश में किए हुए अन्तःकरण वाले मनुष्य को कर्म नहीं बाँधते॥41॥

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
कुदरती पदार्थों से करें कब्ज का इलाज::

1. कब्ज का मूल कारण शरीर मे तरल की कमी होना है। पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। अत: कब्ज से परेशान रोगी को दिन मे २४ घंटे मे मौसम के मुताबिक ३ से ५ लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये। इससे कब्ज रोग निवारण मे बहुत मदद मिलती है।

2. भोजन में रेशे की मात्रा ज्यादा रखने से कब्ज निवारण होता है।हरी पत्तेदार सब्जियों और फ़लों में प्रचुर रेशा पाया जाता है। मेरा सुझाव है कि अपने भोजन मे करीब ७०० ग्राम हरी शाक या फ़ल या दोनो चीजे शामिल करें।

3. सूखा भोजन ना लें। अपने भोजन में तेल और घी की मात्रा का उचित स्तर बनाये रखें। चिकनाई वाले पदार्थ से दस्त साफ़ आती है।

४. पका हुआ बिल्व फ़ल कब्ज के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबालें। फ़िर मसलकर रस निकालकर नित्य ७ दिन तक पियें। कब्ज मिटेगी।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। नए विचार दिमाग में आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। दूसरे आपसे अधिक की अपेक्षा करेंगे व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
प्रयास सफल रहेंगे। पराक्रम वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। लाभ होगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। घर में अतिथियों का आगमन होगा। प्रसन्नता तथा उत्साह बने रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। आलस्य हावी रहेगा। प्रमाद न करें। विवेक का प्रयोग करें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश मनोनकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। किसी कार्य के प्रति चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। किसी भी अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगा। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई बड़ा काम करने की इच्‍छा जागृत होगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। प्रमाद न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। थकान रहेगी। किसी कार्य की चिंता रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़े काम की रुकावट दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
यात्रा में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। हंसी-मजाक में हल्कापन न हो, ध्यान रखें। कीमती वस्तुएं इधर-उधर हो सकती हैं, संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
धनहानि की आशंका है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है। व्यापार व व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य में राहत मिलेगी। चिंता दूर होगी। नौकरी में रुतबा बढ़ेगा।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

*💐💐आलसी व्यक्ति💐💐*

पुराने समय में एक व्यक्ति बहुत आलसी था। वह कोई काम नहीं करता, बस इधर-उधर से किसी तरह खाने की व्यवस्था कर लेता था। एक दिन वह जंगल में घूम रहा था। तभी उसने देखा कि एक लोमड़ी लंगड़ाकर चल रही है। उसका एक पैर टूट गया था। लोमड़ी की ये हालत देखकर आलसी व्यक्ति सोच रहा था कि इस जंगल में अभी तक ये लोमड़ी जीवित कैसे है? इसका किसी ने शिकार नहीं किया, इसे खाने के लिए मांस कैसे मिलता होगा?

वह व्यक्ति लोमड़ी के पीछे-पीछे चलने लगा, ताकि उसे मालूम हो सके कि इसके खाने की व्यवस्था कैसे होती है? तभी उस व्यक्ति को शेर की दहाड़ सुनाई दी। वह डर गया और तुरंत ही एक ऊंचे पेड़ पर चढ़कर छिप गया। कुछ ही देर वहां शेर पहुंच गया। उसने मुंह में शिकार पकड़ रखा था। जब शेर लोमड़ी के सामने पहुंचा तो शेर के शिकार में से मांस का एक टुकड़ा गिर गया। शेर वहां चला गया तो लोमड़ी ने मांस का टुकड़ा खा लिया।

आलसी व्यक्ति ये सब देख रहा था। वह सोचने लगा कि भगवान कितना दयालु है। एक लोमड़ी के खाने की व्यवस्था भी भगवान कर रहे हैं। मैं भी पूजा-पाठ करता हूं तो भगवान मेरे लिए भी खाने की व्यवस्था जरूर करेगा। ये सोचकर वह अपने घर आ गया। घर आकर आलसी व्यक्ति बैठ गया और इंतजार करने लगा कि भगवान की कृपा से उसे भी खाना मिल जाएगा। बैठे-बैठे तीन दिन गुजर गए, लेकिन उसके खाने की व्यवस्था नहीं हो सकी। खाना न मिलने की वजह से वह बहुत कमजोर हो गया था। तभी उसके घर की ओर एक संत पहुंचे। आलसी व्यक्ति तुरंत ही संत के पास पहुंचा।

व्यक्ति ने संत को पूरी बात बता दी। संत ने उससे कहा कि भगवान ने तुम्हें इस घटना के माध्यम से एक बहुत बड़ा संदेश दिया है। तुम एक लोमड़ी की तरह बनना चाहते हो, लेकिन भगवान तुम्हें शेर की तरह बनाना चाहता है। तुम दूसरों पर निर्भर रहना चाहते हो और भगवान तुम्हें दूसरों की मदद करने वाला इंसान बनाना चाहता है। आलसी व्यक्ति को संत की बात समझ आ गई और उसके बाद उसने आलस्य छोड़ दिया और कर्म करने लगा।

सीख- इस कथा की सीख यह है कि हमें दूसरों पर निर्भर रहने वाला नहीं, दूसरों की मदद करने वाला इंसान बनने की कोशिश करनी चाहिए। भगवान भी ऐसे लोगों की मदद करता है, जो दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

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