*नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइशन के 43वें सम्मेलन का एम्स ऋषिकेश में हुआ आयोजन*
देव भूमि जे के न्यूज ऋषिकेश,24/02/2024-
नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइशन के 43वें सम्मेलन में देशभर से जुटे मेडिकल विशेषज्ञों ने मेडिकल हेल्थ व इंटीग्रेटेड हेल्थ पर व्यापक चर्चा की। कहा गया है कि स्वस्थ समाज व स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए उपचार की सभी पद्धतियों को उपयोग में लाने की आवश्यकता है।
एम्स,ऋषिकेश के मुख्य सभागार में शनिवार को देशभर के 130 मेडिकल कॉलेजों की छात्र छात्राएं तथा चिकित्सा विशेषज्ञों ने स्वस्थ भारत की मजबूती के लिए अपने विचारों व अनुभवों को साझा करते हुए एकीकृत स्वास्थ्य प्रणाली पर जोर दिया। साइंटिफिक सेशन में मेडिकल के विद्यार्थियों ने सर्वाइकल कैंसर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, संक्रामक बीमारियों आदि पर अपने विचार रखे।
अधिवेशन के तहत डिजिटल हेल्थ आधारित सत्र में एम्स, ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने डिजिटल हेल्थ को समय की आवश्यकता बताते हुए ई-संजीवनी, टेलीकंसल्ट्रेशन व टेलीमेडिसिन आदि तकनीक आधारित स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ गिनाए। कहा कि जब पूरे देश में कोविडकाल के दौरान लॉकडाउन लगा था तब टेलीमेडिसिन के माध्यम से ही जरुरतमंद रोगियों को स्वास्थ्य परामर्श देकर उनका उपचार किया गया था। उन्होंने ऋषिकेश से पूर्व पीजीआई चंडीगढ़ में दी गई सेवाओं के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि टेली एजुकेशन वर्तमान की वह स्वास्थ्य सुविधा है, जिसके माध्यम से फैकल्टी सदस्य आपस में जुड़कर टीचिंग कोर्स संचालित कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने अस्पतालों में पेशेंट ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में जीपीआरएस प्रणाली के लाभ भी बताए।
डॉ. सुजीत धर ओरिएशन सत्र के दौरान कोविड वैक्सीन का आविष्कार करने वाली टीम में शामिल रहे वैज्ञानिक व चिकित्सा विशेषज्ञ एम्स, दिल्ली के काडियोलॉजी विभागाध्यक्ष पद्मश्री प्रो. बलराम भार्गव ने कोरोनाकाल के दौरान देश के हालात और कोविड वैक्सीन के निर्माण के समय की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए उसके विभिन्न चरणों और सफलता तक की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने 27 जनवरी 2020 को देश में कोविड संक्रमण का पहला मामला सामने आने से लेकर गांव- गांव कोविड टीकाकरण अभियान संचालित करने में आई दुश्वारियां भी बताई।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार देश के चिकित्सा विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों ने दिन- रात अथक मेहनत करते हुए वैक्सीन तैयार करने में सफलता प्राप्त की, साथ ही उन्होंने 24 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक भारत सरकार द्वारा विशेषतौर से संचालित की गई लाइफ लाइन उड़ान का जिक्र किया और कहा कि देश में कोविड संक्रमण रोकने के साथ साथ यह भी जरुरी था कि विदेशों में फंसे भारतीयों को कैसा वापस लाया जाए। डॉ. भार्गव ने विश्वगुरु की ओर बढ़ते भारत के बारे में कहा कि 1947 में हमें कनाडा से दवाइयां लेनी पड़ती थी, लेकिन 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने कनाडा सहित विश्व के 100 देशों को कोविड वैक्सीन सप्लाई की।
इंटिग्रेटेड मेडिसिन सत्र में डॉ. वाईके गुप्ता ने कहा कि इलाज की सभी पद्धतियों का उद्देश्य मरीज को स्वस्थ करना होता है, लिहाजा वर्तमान समय में हमें उपचार की सभी पद्धतियों में समन्वय बनाकर इनका उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि प्रत्येक दवा लाभ भले ही पहुंचाती है, मगर उसके कुछ न कुछ साइड इफेक्ट भी जरुर होता है। उन्होंने बताया कि योगा और आयुर्वेद में हजारों वर्षों का ज्ञान समाहित है, हमें उपचार की इन पद्धतियों को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
कॉर्डियोलॉजिस्ट प्रो.मोहित गुप्ता ने योग और मेडिटेशन की समन्वयता पर जोर दिया और कहा कि चिकित्सकीय पेशे में डॉक्टरों को चाहिए कि मरीज को इलाज के लिए दवा लिखने के साथ साथ रोगी को तनाव मु्क्त रहने के टिप्स भी दें। उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में तनाव अनेक बीमारियों की जड़ है। उन्होंने मन और मस्तिष्क को भी स्वच्छ व सकारात्मक रखने पर भी जोर दिया।
परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती ने बताया कि रोगों से लड़ने के लिए शरीर की इम्युनिटी का मजबूत होना जरुरी है। उन्होंने कहा कि इम्युनिटी तभी मजबूत होगी जब हम योग व ध्यान को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे। साथ ही कहा कि स्वस्थ रहने के लिए हमारे आसपास का पर्यावरण भी स्वच्छ रखा जाना अनिवार्य है।
आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सलाहकार डॉ. अशोक वार्ष्णेय ने प्रकृति आधारित दिनचर्या को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने व्याख्यान में विभिन्न उदाहरण देते हुए समझाया कि दौड़धूप भरी इस दिनचर्या में स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर ही हम स्वस्थ व निरोगी रह सकते हैं। कहा कि हमें विरुद्ध आहार को त्यागकर मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा।
अधिवेशन के दौरान एनएमओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अशोक खंडेलवाल, एम्स दिल्ली के निदेशक डा. एम. श्रीनिवास, एनएमओ के उत्तराखंड अध्यक्ष डॉ. आरके जैन, अधिवेशन के आयोजन अध्यक्ष पंकज शर्मा, आयोजन सचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह, हिमालयन हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डॉ. अशोक देवरानी, उप निदेशक प्रशासन ले. कर्नल अमित परासर, प्रो. मनोज गुप्ता, डॉ. मीनाक्षी धर, प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह आदि मौजूद थे।