धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -घड़ी की सुइयां*


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-27/02/2024, मंगलवार*
*तृतीया, कृष्ण पक्ष,*
*फाल्गुन*
(समाप्ति काल)

तिथि———– तृतीया 25:52:35 तक
पक्ष———————– कृष्ण
नक्षत्र———– हस्त 31:31:59
योग————– शूल 16:23:38
करण———– वणिज 12:34:54
करण——- विष्टि भद्र 25:52:35
वार———————– मंगलवार
माह———————- फाल्गुन
चन्द्र राशि——————– कन्या
सूर्य राशि—————— कुम्भ
रितु————————- वसंत
आयन——————–उत्तरायण
संवत्सर—————— शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)—————– पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत——————-1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 06:47:32
सूर्यास्त—————- 18:16:48
दिन काल————- 11:29:15
रात्री काल———— 12:29:45
चंद्रास्त————— 08:13:42
चंद्रोदय—————- 20:46:15
लग्न—- कुम्भ 13°44′ , 313°44′
सूर्य नक्षत्र—————- शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र——————- हस्त
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

पू—- हस्त 11:15:59

ष—- हस्त 18:01:54

ण—- हस्त 24:47:16

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कुम्भ 13:10, शतभिषा 3 सी
चन्द्र=कन्या 11:30 , हस्त 1 टे
बुध =कुम्भ 12:53′ शतभिषा 2 सा
शु क्र= मकर 18°05, श्रवण ‘ 2 खू
मंगल=मकर 16°30 ‘ श्रवण’ 2 खू
गुरु=मेष 16°30 भरणी , 1 ली
शनि=कुम्भ 15°20 ‘ शतभिषा ,3 सी
राहू=(व) मीन 23°45 रेवती , 3 च
केतु=(व) कन्या 23°45 चित्रा , 1 पे

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 15:24 – 16:51 अशुभ
यम घंटा 09:40 – 11:06 अशुभ
गुली काल 12:32 – 13: 58अशुभ
अभिजित 12:09 – 12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 09:05 – 09:51 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:17 – 24:03* अशुभ
वर्ज्यम 13:58 – 15:47 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
रोग 06:48 – 08:14 अशुभ
उद्वेग 08:14 – 09:40 अशुभ
चर 09:40 – 11:06 शुभ
लाभ 11:06 – 12:32 शुभ
अमृत 12:32 – 13:58 शुभ
काल 13:58 – 15:24 अशुभ
शुभ 15:24 – 16:51 शुभ
रोग 16:51 – 18:17 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
काल 18:17 – 19:51 अशुभ
लाभ 19:51 – 21:24 शुभ
उद्वेग 21:24 – 22:58 अशुभ
शुभ 22:58 – 24:32* शुभ
अमृत 24:32* – 26:05* शुभ
चर 26:05* – 27:39* शुभ
रोग 27:39* – 29:13* अशुभ
काल 29:13* – 30:47* अशुभ

💮होरा, दिन
मंगल 06:48 – 07:45
सूर्य 07:45 – 08:42
शुक्र 08:42 – 09:40
बुध 09:40 – 10:37
चन्द्र 10:37 – 11:35
शनि 11:35 – 12:32
बृहस्पति 12:32 – 13:30
मंगल 13:30 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:24
शुक्र 15:24 – 16:22
बुध 16:22 – 17:19
चन्द्र 17:19 – 18:17

🚩होरा, रात
शनि 18:17 – 19:19
बृहस्पति 19:19 – 20:22
मंगल 20:22 – 21:24
सूर्य 21:24 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:29
बुध 23:29 – 24:32
चन्द्र 24:32* – 25:34
शनि 25:34* – 26:37
बृहस्पति 26:37* – 27:39
मंगल 27:39* – 28:42
सूर्य 28:42* – 29:44
शुक्र 29:44* – 30:47

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मकर > 03:16 से 05:22 तक
कुम्भ > 05:22 से 06:44 तक
मीन > 06:44 से 08:04 तक
मेष > 08:04 से 09:56 तक
वृषभ > 09:56 से 11:50 तक
मिथुन > 11:50 से 14:02 तक
कर्क > 14:02 से 16:26 तक
सिंह > 16:26 से 18:34 तक
कन्या > 18:34 से 20:50 तक
तुला > 20:50 से 22:46 तक
वृश्चिक > 22:46 से 01:02 तक
धनु > 01:02 से 03:12 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 4 + 3 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यू लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

18 + 18 + = ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = संताप कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 12:34 से रात्रि 25:53 तक

पाताल लोक =धनलाभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*फाल्गुन तृतीया*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

यस्मिन रुष्टे भयं नास्ति तुष्टे नैव धनागमः ।
निग्रहाऽनुग्रहोनास्ति स रुष्टः किं करिष्यति ।।
।। चा o नी o।।

जिसके डाटने से सामने वाले के मन में डर नहीं पैदा होता और प्रसन्न होने के बाद जो सामने वाले को कुछ देता नहीं है. वो ना किसी की रक्षा कर सकता है ना किसी को नियंत्रित कर सकता है. ऐसा आदमी भला क्या कर सकता है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: ज्ञानकर्मसन्यास योग अo-04

एवं परम्पराप्राप्तमिमं राजर्षयो विदुः ।,
स कालेनेह महता योगो नष्टः परन्तप ॥,

हे परन्तप अर्जुन! इस प्रकार परम्परा से प्राप्त इस योग को राजर्षियों ने जाना, किन्तु उसके बाद वह योग बहुत काल से इस पृथ्वी लोक में लुप्तप्राय हो गया॥,2॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐂मेष
किसी वरिष्ठ व्यक्ति के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। परिवार के लोग अनुकूल व्यवहार करेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। नए लोगों से संपर्क होगा। आय में वृद्धि तथा आरोग्य रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। चिंता में कमी होगी। जल्दबाजी न करें।

🐏वृष
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि तथा उन्नति मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। यात्रा की योजना बनेगी। घर-बाहर कुछ तनाव रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

👫मिथुन
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चोट व दुर्घटना से बचें। आय में कमी रह सकती है। घर-बाहर असहयोग व अशांति का वातावरण रहेगा। अपनी बात लोगों को समझा नहीं पाएंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। हितैषी सहयोग करेंगे। धनार्जन संभव है।

🦀कर्क
किसी जानकार प्रबुद्ध व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होने के योग हैं। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। किसी राजनयिक का सहयोग मिल सकता है। लाभ के दरवाजे खुलेंगे। चोट व दुर्घटना से बचें। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। विवाद से बचें। धन प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें।

🐅सिंह
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। काम में मन लगेगा। शेयर मार्केट में लाभ रहेगा। नौकरी में सुविधाएं बढ़ सकती हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।

🙍‍♀️कन्या
दु:खद सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। लाभ होगा।

⚖️तुला
भूले-बिसरे साथी तथा आगंतुकों के स्वागत तथा सम्मान पर व्यय होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार के सदस्यों की उन्नति के समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग बना रहेगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं, लाभ होगा।

🦂वृश्चिक
यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। काम में लगन तथा उत्साह बने रहेंगे। मित्रों के साथ प्रसन्नतापूर्वक समय बीतेगा।

🏹धनु
घर-बाहर प्रसन्नतादायक वातावरण रहेगा। नौकरी में चैन महसूस होगा। व्यापार से संतुष्टि रहेगी। संतान की चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्वी तथा शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। मित्रों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा की योजना बनेगी। प्रसन्नता रहेगी।

🐊मकर
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सुकून रहेगा। जल्दबाजी में कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। कानूनी अड़चन आ सकती है। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।

🍯कुंभ
नई योजना लागू करने का श्रेष्ठ समय है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। सफलता के साधन जुटेंगे। जोखिम न उठाएं।

🐟मीन
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते कामों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेवजह लोगों से मनमुटाव हो सकता है। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। जल्दबाजी न करें।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*……घड़ी की सुइयां……*

रामु अपने छोटे से कमरे में गहरी नींद में सोया हुआ था। कमरे के शांत वातावरण में केवल घडी की टिक-टिक की आवाज गूंज रही थी।

टेबल पर रखी घड़ी की बड़ी सुई जैसे ही छोटी सुई से आकर मिली, उसने पूछा-“अरी कैसी हो छोटी सुई?”

“ठीक हूँ बहन, तुम कैसी हो?” अंगड़ाई लेकर छोटी सुई बोली।

“मैं तो चलते-चलते तंग आ गयी हैं। एक पल के लिये भी मुझे आराम नहीं मिलता। एक ही दायरे में घूमते-घूमते में तो अब ऊब गई हु। रामू का कुत्ता कालू तक सो रहा है, मगर हमें आराम नहीं ।”

“तुम ठीक कहती हो बहन। रामू को देखो, वह भी कैसे घोड़े बेचकर सो रहा है। खुद को सुबह उठाने का काम तक हमें सौंप रखा है। सुबह पाँच बजे जब हम अलार्म बजायेंगी, तब कहीं जाकर उठेगा क्या फायदा ऐसी जिन्दगी से ?”

“हाँ बहन.क्यों न हम भी चलना बन्द कर दें?” बड़ी सुई ने अपना सुझाव दिया।

छोटी सुई को भी बड़ी सुई का यह सुझाव पसन्द आ गया और दोनों चुपचाप जहां की तहाँ ठहर गयीं।
सुबह जब रामू की आंख खुलीं तो कमरे में धूप देखकर वह चौंक उठा। टेबल पर रखी घड़ी की ओर देखा तो उसमें अभी तक दो ही बज रहे थे।

रामू घबराकर बोला-“ओह आज तो इस घड़ी ने मुझे धोखा दे दिया। कितनी देर हो गयी उठने में? अब कैसे पढ़ाई पूरी होगी?” घड़ी को कोसता हुआ रामू कुछ ही देर में कमरे से चला गया ।

उसे इस तरह बड़बड़ाता और गुस्से क कारण कमरे से बाहर जाता देख छोटी सुई हँसकर बोली-“आज पता चलेगा बच्चू को हमारा महत्व क्या है?”

रामू के पिता ने जब घड़ी को बन्द देखा तो वे उसे उठाकर घड़ीसाज़ के पास ले गये।

घड़ीसाज़ ने उसे खोलकर अन्दर बारीकी से निरीक्षण किया। लेकिन उसे कुछ समझ नहीं आया ।

और कुछ देर तक घड़ी को सही करने के प्रयास के बाद वह रामू के पिता से बोला-“श्रीमान जी, इस घड़ी में खराबी तो कोई नज़र नहीं आ रही। शायद यह बहुत पुरानी हो गयी है। अब आप इसे आराम करने दीजिये।”

रामू के पिता उसे वापस ले आये और उन्होंने उसे कबाड़े के बक्से में डाल दिया।

फिर उन्होंने बक्से को बन्द कर दिया और बाहर आ गये। बक्से में अन्य टूटी-फूटी वस्तुएं पड़ी थीं।

बक्सा बन्द होते ही छोटी सुई घबरा गयी। वह बोली-“बहन! यह हम कहाँ आ गये हैं? यहाँ तो बहत अंधेरा है ।”

अरी मेरा तो दम ही घुट रहा है।”. बड़ी सुई कराहती हुई बोली-“ये किस कैद खाने में बन्द हो गये हम? कोई हमें खुली हवा में ले जाये ।”

किन्तु उनकी बात को सुनने वाला कोई नहीं था।

अब दोनों को वह समय याद आ रहा था जब वे राजू के खुले हवादार कमरे में टेबल पर बिछे मेजपोश के ऊपर शान से इतराया करती थीं।

पास ही गुलदस्ते में ताजे फूल सजे होते थे। चलते रहने के कारण उनके शरीर में चुस्ती फुर्ती बनी रहा करती थी। कितनी कद्र थी उनकी आते जाते सब उनकी ओर देखते थे।

रामू बड़े प्यार से अपने रूमाल से घड़ी साफ किया करता था। अब दोनों सुइयाँ टिक-टिक करके चलने लगी थीं। क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि कुछ ना करने से बेहतर है, कुछ करते रहना।

निकम्मों और आलसियों को दुनिया में कोई काम नहीं।

अब दोनों अपने किये पर पछता रही थीं और इस आशा में चल रही थीं कि शायद कोई इधर आये हमारी टिक-टिक की आवाज सुने और हमें इस कैद से निकालकर फिर मेज पर सजा दे।

*💐💐शिक्षा💐💐*

मित्रों“ चलना ही जिन्दगी है।” यानी जब तक आप क्रियाशील हैं तभी तक आपकी उपयोगिता बनी हुई है। तभी आपका जीवन सफल माना जायेगा और स्वयं भी आपको उस जीवन का आनन्द आयेगा। जिस प्रकार घड़ी की सुइयाँ बन्द हो गयीं तो उनके मालिक ने उन्हें व्यर्थ समझकर बॉक्स में बन्द कर दिया और फिर वे अपनी करनी पर कितनी पछताईं। अतः किसी को भी अपने जीवन को स्थिर नहीं रखना चाहिए

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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