*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- भय मृत्यु का*
*आज का पञ्चांग*
*दिनाँक:-08/03/2024, शुक्रवार*
*त्रयोदशी, कृष्ण पक्ष,*
*फाल्गुन*
(समाप्ति काल)
तिथि———-त्रयोदशी 21:57:15 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र———- श्रवण 10:39:52
योग————– शिव 24:44:38
करण————– गर 11:41:09
करण———– वणिज 21:57:15
वार———————– शुक्रवार
माह———————- फाल्गुन
चन्द्र राशि—— मकर 21:19:14
चन्द्र राशि—————– कुम्भ
सूर्य राशि——————- कुम्भ
रितु————————- वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————- शोभकृत
संवत्सर (उत्तर) ——————-पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 06:37:17
सूर्यास्त—————- 18:22:45
दिन काल————- 11:45:27
रात्री काल————- 12:13:27
चंद्रास्त—————- 16:11:31
चंद्रोदय—————- 29:55:16
लग्न—- कुम्भ 23°46′ , 323°46′
सूर्य नक्षत्र———— पूर्वा भाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र—————— श्रवण
नक्षत्र पाया——————– ताम्र
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
खो—- श्रवण 10:39:52
गा—- धनिष्ठा 16:00:13
गी—- धनिष्ठा 21:19:14
गु—- धनिष्ठा 26:37:07
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कुम्भ 23:10, पूoभाo 2 सो
चन्द्र=मकर 20:30 , श्रवण 4 खो
बुध =मीन 01:53′ पू oभा o 4 दी
शु क्र= कुम्भ 01°05, धनिष्ठा ‘ 3 गु
मंगल=मकर 24°30 ‘ धनिष्ठा’ 1 गा
गुरु=मेष 18°30 भरणी , 2 लू
शनि=कुम्भ 16°50 ‘ शतभिषा ,3 सी
राहू=(व) मीन 23°10 रेवती , 3 च
केतु=(व) कन्या 23°10 चित्रा , 1 पे
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 11:02 – 12:30 अशुभ
यम घंटा 15:26 – 16:55 अशुभ
गुली काल 08:05 – 09: 34अशुभ
अभिजित 12:07 – 12:54 शुभ
दूर मुहूर्त 08:58 – 09:45 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:54 – 13:41 अशुभ
वर्ज्यम 14:14 – 15:39 अशुभ
🚩पंचक 21:19 – अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
चर 06:37 – 08:05 शुभ
लाभ 08:05 – 09:34 शुभ
अमृत 09:34 – 11:02 शुभ
काल 11:02 – 12:30 अशुभ
शुभ 12:30 – 13:58 शुभ
रोग 13:58 – 15:26 अशुभ
उद्वेग 15:26 – 16:55 अशुभ
चर 16:55 – 18:23 शुभ
🚩चोघडिया, रात
रोग 18:23 – 19:54 अशुभ
काल 19:54 – 21:26 अशुभ
लाभ 21:26 – 22:58 शुभ
उद्वेग 22:58 – 24:29* अशुभ
शुभ 24:29* – 26:01* शुभ
अमृत 26:01* – 27:33* शुभ
चर 27:33* – 29:05* शुभ
रोग 29:05* – 30:36* अशुभ
💮होरा, दिन
शुक्र 06:37 – 07:36
बुध 07:36 – 08:35
चन्द्र 08:35 – 09:34
शनि 09:34 – 10:32
बृहस्पति 10:32 – 11:31
मंगल 11:31 – 12:30
सूर्य 12:30 – 13:29
शुक्र 13:29 – 14:28
बुध 14:28 – 15:26
चन्द्र 15:26 – 16:25
शनि 16:25 – 17:24
बृहस्पति 17:24 – 18:23
🚩होरा, रात
मंगल 18:23 – 19:24
सूर्य 19:24 – 20:25
शुक्र 20:25 – 21:26
बुध 21:26 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:28
शनि 23:28 – 24:29
बृहस्पति 24:29* – 25:31
मंगल 25:31* – 26:32
सूर्य 26:32* – 27:33
शुक्र 27:33* – 28:34
बुध 28:34* – 29:35
चन्द्र 29:35* – 30:36
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
कुम्भ > 04:28 से 06:04 तक
मीन > 06:04 से 07:24 तक
मेष > 07: 24 से 09:16 तक
वृषभ > 09:16 से 11:10 तक
मिथुन > 11:10 से 13:22 तक
कर्क > 13:22 से 15:46 तक
सिंह > 15:46 से 17:54 तक
कन्या > 17:54 से 20:10 तक
तुला > 20:10 से 22:06 तक
वृश्चिक > 22:06 से 00:26 तक
धनु > 00:26 से 02:26 तक
मकर > 02:26 से 04:22 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 13 + 6 + 1 = 35 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
28 + 28 + 5 = 61 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां= कष्ट कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
रात्रि 21:57 से प्रारम्भ
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशीनी
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*प्रदोष व्रत*
*महाशिव रात्रि व्रत*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा शास्त्रं तस्य करोति किम् ।
लोचनाभ्यां विहीनस्य दर्पणः किं करिष्यति ।।
।। चा o नी o।।
जिसे अपनी कोई अकल नहीं उसकी शास्त्र क्या भलाई करेंगे. एक अँधा आदमी आयने का क्या करेगा.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: ज्ञानकर्मसन्यास योग अo-04
ये यथा माँ प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम् ।,
मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः ॥,
हे अर्जुन! जो भक्त मुझे जिस प्रकार भजते हैं, मैं भी उनको उसी प्रकार भजता हूँ क्योंकि सभी मनुष्य सब प्रकार से मेरे ही मार्ग का अनुसरण करते हैं॥,11॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। बाहरी सहायता से कार्यों में गति आएगी। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। शारीरिक कष्ट की आशंका है, अत: लापरवाही से बचें। प्रसन्नता बनी रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी।
🐂वृष
चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि की आशंका है। विवाद को बढ़ावा न दें। अतिउत्साह हानिप्रद रहेगा। कुसंगति से बचें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी उलझन में फंस सकते हैं। विवेक से निर्णय लें। सार्वजनिक स्थान पर लोगों का ध्यान नहीं खींच पाएंगे। धैर्य रखें।
👫मिथुन
संबंधियों तथा मित्रों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से मनोनुकूल लाभ होगा। स्वास्थ्य कमजोर होगा। किसी बाहरी व्यक्ति पर भरोसा न करें।
🦀कर्क
दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। प्रियजनों के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अपरिचितों पर अंधविश्वास न करें। कारोबार ठीक चलेगा। आय होगी। धैर्य रखें।
🐅सिंह
स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा, साक्षात्कार व करियर संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। जोखिम न उठाएं। थकान महसूस होगी।
🙍♀️कन्या
शैक्षणिक व शोध इत्यादि कार्यों के परिणाम सुखद रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। नौकरी कार्य में उत्साह व प्रसन्नता से सफलता प्राप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेशादि लाभदायक रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। जल्दबाजी न करें।
⚖️तुला
यात्रा लाभदायक रहेगी। काफी समय से रुका हुआ धन प्राप्ति के आसार हैं। भरपूर प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। जल्दबाजी न करें।
🦂वृश्चिक
राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। धार्मिक कृत्यों में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। थकान महसूस होगी। किसी लंबे प्रवास की योजना बनेगी। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा।
🏹धनु
बेरोजगारी दूर होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। प्रतिद्वंद्वी पस्त होंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई रुका हुआ कार्य पूर्ण होने के योग हैं।
🐊मकर
घर में अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। लंबे प्रवास की योजना बनेगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। कारोबार में अनुकूलता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से बचें।
🍯कुंभ
नई योजना बनेगी। पुराने किए गए निर्णयों का लाभ अब प्राप्त होगा। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। नए कार्यकारी अनुबंध हो सकते हैं। नौकरी में चैन रहेगा। घर में तनाव रह सकता है। चिंता में वृद्धि होगी।
🐟मीन
किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। फालतू खर्च होगा। असमंजस रहेगा। निर्णय लेने की क्षमता कम होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। अशुभ समय।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*भय मृत्यु का*
*एक बार की बात है एक संत अपने आश्रम में बैठे हुए थे तभी उनका एक शिष्य, जो स्वभाव से थोड़ा क्रोधी था उनके समक्ष आया और बोला-*
*गुरु जी, आप कैसे अपना व्यवहार इतना मधुर बनाये रहते हैं, ना आप किसी पे क्रोध करते हैं और ना ही किसी को कुछ भला-बुरा कहते हैं? कृपया अपने इस अच्छे व्यवहार का रहस्य बताइए?*
*संत बोले- मुझे अपने रहस्य के बारे में तो नहीं पता, पर मैं तुम्हारा रहस्य जानता हूँ !*
*“मेरा रहस्य! वह क्या है गुरु जी?” शिष्य ने आश्चर्य से पूछा।*
*”तुम अगले एक हफ्ते में मरने वाले हो !” संत दुखी होते हुए बोले।*
*कोई और कहता तो शिष्य ये बात ऐसे ही मजाक में टाल सकता था। पर स्वयं गुरु जी के मुख से निकली बात को कोई कैसे काट सकता था?*
*शिष्य उदास हो गया और गुरु जी का आशीर्वाद ले वहां से चला गया।*
*उस समय से शिष्य का स्वभाव बिलकुल बदल सा गया। वह हर किसी से प्रेम से मिलता और कभी किसी पे क्रोध न करता, अपना अधिकतर समय ध्यान और पूजा में लगाता। वह उनके पास भी जाता जिससे उसने कभी गलत व्यवहार किया था और उनसे क्षमा मांगता। और देखते-देखते संत की भविष्यवाणी को एक हफ्ते पूरे होने को आये।*
*शिष्य ने सोचा चलो एक अन्तिम बार गुरु जी के दर्शन कर आशीर्वाद ले लेते हैं वह उनके समक्ष पहुँचा और बोला-*
*गुरुजी, मेरा समय पूरा होने वाला है, कृपया मुझे आशीर्वाद दीजिये!”*
*“मेरा आशीर्वाद सदैव तुम्हारे साथ है पुत्र। अच्छा, ये बताओ कि पिछले सात दिन कैसे बीते? क्या तुम पहले की तरह ही लोगों से नाराज हुए, उन्हें अपशब्द कहे?” गुरु जी ने प्रश्न किया।*
*“नहीं-नहीं, बिलकुल नहीं मेरे पास जीने के लिए केवल सात दिन थे, मैं इसे बेकार की बातों में कैसे गँवा सकता था? मैं तो सबसे प्रेम से मिला, और जिन लोगों का कभी दिल दुखाया था उनसे क्षमा भी माँगी” शिष्य तत्परता से बोला।*
*”गुरु जी मुस्कुराए और बोले, “बस यही तो मेरे अच्छे व्यवहार का रहस्य है।” मैं जानता हूँ कि मैं कभी भी मर सकता हूँ, इसलिए मैं हर किसी से प्रेमपूर्ण व्यवहार करता हूँ, और यही मेरे अच्छे व्यवहार का रहस्य है।*
*शिष्य समझ गया कि गुरु जी ने उसे जीवन का यह पाठ पढ़ाने के लिए ही मृत्यु का भय दिखाया था।*
*वास्तव में हमारे पास भी सात दिन ही बचें हैं। रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि, आठवाँ दिन तो बना ही नहीं है। तो आइये हम भी अपने में परिवर्तन कर प्रेमपूर्ण व्यवहार आरंभ करें*