धर्म-कर्मराशिफल

आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग सच्चा न्याय।


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:- 16/04/2027,मंगलवार*
*अष्टमी, शुक्ल पक्ष,*
*चैत्र*
(समाप्ति काल)

तिथि———– अष्टमी 13:23:25 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र————- पुष्य 29:14:52
योग————– धृति 23:15:18
करण————– बव 13:23:25
करण———– बालव 26:14:20
वार———————- मंगलवार
माह————————— चैत्र
चन्द्र राशि——————- कर्क
सूर्य राशि——————– मेष
रितु————————- वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————- क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————– कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत——————-1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————— 05:54:41
सूर्यास्त—————- 18:43:28
दिन काल————- 12:48:46
रात्री काल————- 11:10:13
चंद्रोदय—————- 12:06:57
चंद्रास्त—————- 26:20:15
लग्न—- मेष 2°19′ , 2°19′
सूर्य नक्षत्र—————– अश्विनी
चन्द्र नक्षत्र——————- पुष्य
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

हु—- पुष्य 09:33:40

हे—- पुष्य 16:05:13

हो—- पुष्य 22:39:00

ड—- पुष्य 29:14:52

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मेष 02:10, अश्विनी 1 चू
चन्द्र=कर्क 04:30 , पुष्य 1 हु
बुध =मीन 25:53′ रेवती 3 च
शु क्र= मीन 19°05, रेवती ‘ 1 दे
मंगल=कुम्भ 24°30 ‘ पूoभाo’ 2 सो
गुरु=मेष 26°30 भरणी , 4 लो
शनि=कुम्भ 21°50 ‘ पू o भा o ,1 से
राहू=(व) मीन 21°05 रेवती , 2 दो
केतु=(व) कन्या 21°05 हस्त , 4 ठ

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 15:31 – 17:07 अशुभ
यम घंटा 09:07 – 10:43 अशुभ
गुली काल 12:19 – 13: 55अशुभ
अभिजित 11:53 – 12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 08:28 – 09:20 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:12 – 24:03* अशुभ
वर्ज्यम 11:44 – 13:28 अशुभ
प्रदोष 18:43 – 20:59 शुभ

🚩गंड मूल 29:15* – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
रोग 05:55 – 07:31 अशुभ
उद्वेग 07:31 – 09:07 अशुभ
चर 09:07 – 10:43 शुभ
लाभ 10:43 – 12:19 शुभ
अमृत 12:19 – 13:55 शुभ
काल 13:55 – 15:31 अशुभ
शुभ 15:31 – 17:07 शुभ
रोग 17:07 – 18:43 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
काल 18:43 – 20:07 अशुभ
लाभ 20:07 – 21:31 शुभ
उद्वेग 21:31 – 22:55 अशुभ
शुभ 22:55 – 24:19* शुभ
अमृत 24:19* – 25:42* शुभ
चर 25:42* – 27:06* शुभ
रोग 27:06* – 28:30* अशुभ
काल 28:30* – 29:54* अशुभ

💮होरा, दिन
मंगल 05:55 – 06:59
सूर्य 06:59 – 08:03
शुक्र 08:03 – 09:07
बुध 09:07 – 10:11
चन्द्र 10:11 – 11:15
शनि 11:15 – 12:19
बृहस्पति 12:19 – 13:23
मंगल 13:23 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:31
शुक्र 15:31 – 16:35
बुध 16:35 – 17:39
चन्द्र 17:39 – 18:43

🚩होरा, रात
शनि 18:43 – 19:39
बृहस्पति 19:39 – 20:35
मंगल 20:35 – 21:31
सूर्य 21:31 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:23
बुध 23:23 – 24:19
चन्द्र 24:19* – 25:14
शनि 25:14* – 26:10
बृहस्पति 26:10* – 27:06
मंगल 27:06* – 28:02
सूर्य 28:02* – 28:58
शुक्र 28:58* – 29:54

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मेष > 05:00 से 06:38 तक
वृषभ > 06:38 से 08:38 तक
मिथुन > 08:38 से 10:56 तक
कर्क > 10:56 से 13:26 तक
सिंह > 13:26 से 15:30 तक
कन्या > 15:30 से 17:46 तक
तुला > 17:46 से 19:36 तक
वृश्चिक > 19:36 से 22:00 तक
धनु > 22:00 से 00:00 तक
मकर > 00:00 से 02:02 तक
कुम्भ > 02:02 से 03:28 तक
मीन > 03:28 से 04:56 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

8 + 3 + 1 = 12 ÷ 4 = 0शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

8 + 8 + 5 = 21 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*नवरात्रि अष्टम दिवस (माता महागौरी पूजन)*

*दुर्गाष्टमी*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 29:15 से*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

जीवन्तं मृतवन्मन्ये देहिनं धर्मवर्जितम् ।
मृतो धर्मेण संतुक्तो दीर्घजीवी न संशयः ।।
।। चा o नी o।।

मेरी नजरो में वह आदमी मृत है जो जीते जी धर्म का पालन नहीं करता. लेकिन जो धर्म पालन में अपने प्राण दे देता है वह मरने के बाद भी बेशक लम्बा जीता है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: कर्मसन्यास योग अo-05

कायेन मनसा बुद्धया केवलैरिन्द्रियैरपि ।,
योगिनः कर्म कुर्वन्ति संग त्यक्त्वात्मशुद्धये ॥,

कर्मयोगी ममत्वबुद्धिरहित केवल इन्द्रिय, मन, बुद्धि और शरीर द्वारा भी आसक्ति को त्याग कर अन्तःकरण की शुद्धि के लिए कर्म करते हैं॥,11॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
कार्यस्थल पर सुधार होगा। योजना फलीभूत होगी। पूछ-परख रहेगी। निवेश लाभदायक रहेगा। सामाजिक कार्य करेंगे। पत्नी से आश्वासन मिलेगा। आपकी मिलनसारिता एवं धैर्य आपको परिवार एवं समाज में आदर-सम्मान दिलाएँगे। आय से अधिक व्यय न करें।

🐂वृष
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। प्रसन्नता बनी रहेगी। अधिकारी सहयोग करेंगे। व्यापार के विस्तार हेतु प्रयास अधिक करना होंगे। शुभ कार्यों पर व्यय होगा। दूसरों के काम में हस्तक्षेप नहीं करें।

👫मिथुन
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। भाग्योन्नति होगी। प्रमाद न करें। पराक्रम क्षमता के कारण आपको यश की प्राप्ति होगी। मानसिक संतोष, प्रसन्नता रहने से कार्यक्षमता बढ़ेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा।

🦀कर्क
वाणी संयम रखते हुए कार्य करें। आजीविका के क्षेत्र में प्रगति के योग हैं। व्यापार, नौकरी में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। यात्रा न करें। आकस्मिक खर्च अधिक होंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। कुसंगति से बचें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।

🐅सिंह
अच्‍छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। धनार्जन होगा। थकान रहेगी। आजीविका में परिवर्तन अथवा नवीन अवसर प्राप्त हो सकेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। दांपत्य जीवन सुखद। आडंबरों से दूर रहें। आगंतुकों पर व्यय होगा।

🙍‍♀️कन्या
रुके कार्य पूर्ण होंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें। प्रसन्नता व आशाजनक वातावरण के कारण प्रयास सार्थक होंगे। भेंट-उपहार आदि की प्राप्ति संभव है। अर्थ संबंधी सुख मिलेगा।

⚖️तुला
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल व पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। सही निर्णय ले पाएँगे। मित्रों से मदद प्राप्त होगी। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। पूर्व में किए गए कार्यों के शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। वाहन सावधानी से चलाएँ।

🦂वृश्चिक
पुराना रोग उभर सकता है। नकारात्मकता रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। झंजटों में न पड़ें। धैर्य रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। जोखिम के कार्यों से दूर रहना चाहिए। दिन मिश्र फलदायी रहेगा। आर्थिक तंगी होगी। संतान के व्यवहार से दुःख होगा। व्यय बढ़ेंगे।

🏹धनु
यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के योग आएँगे। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएँ रखें। मित्रों में वर्चस्व बढ़ेगा। आजीविका में नए प्रस्ताव मिलेंगे।

🐊मकर
आर्थिक चिंता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय सामान्य चलेगा। जोखिम उठाने व जल्दबाजी से बचें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। पुराना रोग उभर सकता है, धैर्य रखें। निजीजनों में असंतोष का वातावरण रहेगा। भूमि-आवास की समस्याओं में वृद्धि होगी।

🍯कुंभ
परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। प्रमाद न करें। ईश्वर पर आस्था बढ़ेगी। साहस, पराक्रम में वृद्धि होगी। व्यापार में नए प्रस्तावों से लाभ की संभावना है। शीत संबंधी विकार हो सकते हैं।

🐟मीन
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। लाभ होगा। बुद्धि एवं तर्क से कार्य के प्रति सफलता के योग बनेंगे। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। धनार्जन होगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। राजकीय सहयोग मिलेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। व्यापार-व्यवसाय सामान्य चलेगा।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*🌷सच्चा न्याय🌷*

एक बार एक राजा शिकार खेलने गया उसका तीर लगने से जंगलवासियों में से किसी का बच्चा मर गया । बच्चे की माँ विधवा थी और यह बच्चा उसका एकमात्र सहारा था । रोती-पीटती विधवा न्यायधीश के पास पहुंची और उससे फरियाद की ।
जब न्यायधीश को पता चला कि बालक राजा के तीर से मरा है, तो उनकी समझ में नहीं आया कि वह इंसाफ कैसे करें, अगर उसने विधवा के हक में फैसला दिया तो राजा को सजा सुनानी होगी यदि विधवा के साथ अन्याय किया, तो ईश्वर को क्या जवाब देगा।

काफी सोच विचार कर वह फरियाद सुनने को राजी हुआ । उसने विधवा को दूसरे दिन अदालत में बुलवाया।विधवा की फरियाद सुनने के पश्चात राजा को भी अदालत में बुलवाना आवश्यक था, वह राजा के पास यह सूचना किसी दूत से भेज सकता था उसने अपने एक सहायक को राजा के पास भेजा कि वह अदालत में हाजिर हो।

सहायक किसी प्रकार हिम्मत करके न्यायधीश का संदेश राजा को सुनाने पहुंचा । वह हाथ जोड़कर राजा के समक्ष उपस्थित हुआ तथा न्यायधीश का संदेश सुनाया।

राजा ने कहा कि वह दूसरे दिन अदालत में अवश्य हाजिर होगा।

दूसरे दिन सुबह राजा न्यायधीश की अदालत में हाजिर हुआ वह जाते समय कुछ सोचकर अपने वस्त्रों के नीचे तलवार छिपाकर ले गया।

न्यायधीश की अदालत भीड़ से खचा-खच भरी हुयी थी । इस फैसले को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आये थे । राजा अदालत में आया तो प्रत्येक व्यक्ति उसके सम्मान में खड़ा हो गया लेकिन न्यायधीश अपने स्थान पर बैठा रहा वह खड़ा नहीं हुआ । उसने विधवा को आवाज लगायी तो वह अंदर आयी । न्यायधीश ने उससे फरियाद करने को कहा।

विधवा ने सबके सामने अपने बेटे के मरने की कहानी कह सुनायी ।

अब न्यायधीश ने राजा से कहा – “ महाराज! इस विधवा का बेटा आपके तीर से मारा गया है आप पर उसको मारने का आरोप है । इस विधवा की यह हानि किसी भी स्थिति में पूरी नहीं हो सकती । मैं आदेश देता हूं कि किसी भी हालत में इसका नुकसान पूरा करें।

राजा ने उस विधवा से क्षमा मांगी और कहा – “ मैं तुम्हारे इस नुकसान को पूरा नहीं कर सकता; किंतु इसकी भरपाई के लिए मैं पुत्र के रूप में तुम्हारी सेवा करने का वचन देता हूं ।
तथा पूरी उम्र तुम्हारे परिवार का सारा खर्च उठाने की जिम्मेदारी लेता हूँ जिससे तुम्हारी जिंदगी सुख-चैन से कट सके।”

विधवा राजी हो गयी । न्यायाधीश अपने स्थान से उठ खड़ा हुआ तथा उसने अपनी जगह राजा के लिए खाली कर दी।

राजा बोला – “ न्यायाधीश जी! अगर आप ने फैसला करने में मेरा पक्ष लिया होता तो मैं तलवार से आपकी गर्दन काट देता कहकर उसने अपने वस्त्रों में छिपी तलवार बाहर निकालकर सब को दिखाई।”

न्यायाधीश सिर झुकाकर बोला – “ महाराज! अगर आप ने मेरा आदेश मानने में जरा भी टाल-मटोल की होती तो मैं हंटर से आप की खाल उधड़वा देता।”

इतना कहकर उसने भी अपने वस्त्रों के अंदर से एक चमड़े का हंटर निकालकर सामने रख दिया।

राजा न्यायधीश की बात से बड़ा प्रसन्न हुआ और उसने उसे अपनी बाहों में भर लिया।

दोस्तो कहानी के माध्यम से राजा और न्यायाधीश का चरित्र कितना निष्पक्ष दिखाया गया है। समय आज का हो या कल का या फिर कल का था *… मनुष्य का चरित्र हमेशा सीधा व सरल ही होना चाहिए*

*लेकिन आज के दौर में लोगों को हर काम में अपना स्वार्थ , फ़ायदा निकालना होता है ज्यादातर इंसान सिर्फ अपने मतलब के लिए काम करता है और उसके लिए वह कई/प्रकार के हथकंडे अपनाता है जिसमें से चालाकी, स्वार्थ, धोखेबाजी आदि आते हैं वस्तुतः न्याय को भी अपने पक्ष में करवा लेता है। हमेशा एक बात ध्यान में रखकर चलना चाहिये कि कितना भी अपने को बचा ले लेकिन ईश्वर के न्यायालय में कोई नहीं बच सकता।*

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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