*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- कक्षीवान एवं प्रियमेघ*
⚜️ आज का राशिफल, 25 मई 2024 , शनिवार*
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आप अपने आत्मविश्वास व कार्य क्षमता द्वारा स्थितियों को और अधिक बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे और सफलता भी हासिल होगी। जीवनसाथी का मन जीत पाएंगे । आत्मविश्वास आपको सफल बनाएगा। धर्म रखें सफलता अवश्य मिलेगी।किसी निकट संबंधी से चल रही गलतफहमी भी आज दूर होगी। गुस्सा त्याग दें। संतान के लिए समय नहीं निकाल पाएंगे। थकान हो सकती है । स्वास्थ्य लाभ की उम्मीद है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
आज आपका दिन सामान्य रहेगा। व्यवसायिक गतिविधियां भी सामान्य ही रहेंगी। रखरखाव संबंधी कार्यों में खर्च बढ़ सकता है। आय होने के साथ-साथ खर्चे भी रहेंगे। नौकरी पेशा व्यक्तियों को आज घर पर भी ऑफिस का काम करना पड़ सकता है। तबीयत में सुधार होगा।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज दिन का अधिकतर समय धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थाओं या कार्यो में व्यतीत होगा। आप मानसिक रूप से बहुत अधिक सुकून महसूस करेंगे। आपका कोई महत्वपूर्ण कार्य भी संपन्न हो सकता है। युवा वर्ग अपनी मेहनत के अनुरूप परिणाम मिलने से खुशी महसूस करेंगे। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपका दिन मान सम्मान में वृद्धि करेगा । मन साफ व पवित्र विचार धारा की और अग्रसर होगा । मार्केटिंग संबंधी गतिविधियों में ज्यादा ध्यान दें। तथा संपर्क सूत्रों को भी और अधिक मजबूत करें। इस समय व्यापार से संबंधित विज्ञापन करने की आवश्यकता है। प्रभावशाली लोगों की मदद से कोई महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होगा। सेहत सही रहेगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपका दिन उदारवादी रहेगा । जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा। अपनी पिछली गलतियों से सीखकर अपने वर्तमान को बेहतर बनाएंगे। इस समय अधिकतर कार्य आपके मन मुताबिक तरीके से संपन्न होंगे। भाइयों के साथ चल रहा कोई वाद-विवाद आपसी सूझबूझ से हल हो जाएगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आपका दिन मिला जुला रहेगा । धार्मिक कार्यों में प्रवृत्ति बढ़ेगी । कार्यक्षेत्र की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। किसी के हस्तक्षेप द्वारा आपकी योजनाएं व कार्य बिगड़ सकते हैं। बेहतर होगा कि अपनी कार्यप्रणाली संबंधी गतिविधियों को किसी के साथ शेयर ना करें। इस समय किसी भी प्रकार की व्यवसायिक यात्रा को स्थगित रखना उचित रहेगा। सेहत सही रहेगी।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आपकी संतुलित दिनचर्या की वजह से अधिकतर काम समय पर पूरे होते जाएंगे। किसी धार्मिक व्यक्ति से मुलाकात आपकी विचारधारा में सकारात्मक परिवर्तन लाएगी। मान सम्मान में बढोतरी होगी। विद्यार्थियों को भी इंटरव्यू व करियर संबंधी परीक्षा में सफलता मिलने की पूरी संभावना है। तबीयत ठीक रहेगी।
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वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपका दिन मनोनुकूल रहेगा । नवीन कार्य प्रणाली संबंधी योजनाएं बनेगी तथा सफल भी होंगी। आध्यात्मिक उन्नति होगी । परिवार का सहयोग मिलेगा । इस समय कोई बड़ा अनुबंध मिलने की संभावना है। दैनिक आय में भी वृद्धि होगी। इस समय शेयर और स्टॉक मार्केट से संबंधित कार्यों में रुचि ना लें। सेहत बढिया रहेगी।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आपका दिन भाग्यशाली रहेगा । किस्मत का सितारा बुलन्द रहेगा । धर्म-कर्म और अध्यात्म से जुड़े कार्यों में रुचि रहेगी। अगर इस समय पैतृक संपत्ति संबंधी कोई विवाद चल रहा है तो वह किसी की मध्यस्थता से आसानी से हल होने की संभावना है। घर के बड़े बुजुर्गों की सेवा व देखभाल करने से आपको आत्मिक शांति महसूस होगी। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आपका दिन मिलाजुला रहेगा । बुजुर्गों का आशीर्वाद फलदायी होगा । जीवनसाथी का सहयोग सफलता दिलाएगा ।व्यवसाय के विस्तार संबंधी कार्यों को आज स्थगित रखें। टैक्स संबंधी अपनी फाइलों को पूरी तरह व्यवस्थित रखें। दूसरों के सुझाव पर भी गंभीरता से विचार करें। सेहत बेहतर रहेगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपका दिन मनोहारी व लाभकारी रहेगा । किसी शुभ समाचार के मिलने से घर-परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। अनुभवी तथा वरिष्ठ लोगों की सलाह व सहयोग आपके व्यक्तित्व को और अधिक निखारेंगे। जिससे आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी। घर पर किसी धार्मिक आयोजन की भी योजना बनेगी। स्वास्थ्य लाभ होगा।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपका दिन मध्यम रहेगा । कोई भी व्यवसायिक डील फाइनल करते समय समझदारी व सूझबूझ की आवश्यकता है। जल्दबाजी में निर्णय न लें तो बेहतर रहेगा। किसी को पैसा उधार ना दें। पारिवारिक वातावरण सकारात्मक व सहयोगात्मक रहेगा। जीवनसाथी पर भरोसा रखें। प्रेमी से बात होंगी। स्वास्थ्य सही रहेगा।
*_🛕जय श्री राम🙏_*
*💐कक्षीवान एवं प्रियमेघ💐*
पौराणिक काल में एक विद्वान ऋषि कक्षीवान हुए जो हर प्रकार के शास्त्र और वेद में निपुर्ण थे। एक बार वे ऋषि प्रियमेध से मिलने गए जो उनके सामान ही विद्वान और सभी शास्त्रों के ज्ञाता थे। दोनों सहपाठी भी थे और जब भी वे दोनों मिलते तो दोनों के बीच एक लम्बा शास्त्रार्थ होता था जिसमे कभी कक्षीवान तो कभी प्रियमेघ विजय होते थे।
उस दिन भी ऋषि कक्षीवान ने प्रियमेध से शास्त्रार्थ में एक प्रश्न पूछा कि ऐसी कौन सी चीज है जिसे यदि जलाये तो उस से ताप तो उत्पन्न हो किन्तु तनिक भी प्रकाश ना फैले?
प्रियमेध ने बहुत सोच-विचार किया परन्तु वे इस पहेली के उत्तर दे पाने असमर्थ रहे। उन्होंने उसका उत्तर बाद में देने की बात कही पर उत्तर ढूढ़ने के उधेड़बुन में उनकी जिंदगी बीत गयी। चाहे कैसा भी पदार्थ हो पर जलाने पर वो थोड़ा प्रकाश तो करता ही है।
जब प्रियमेध ऋषि का अंत समय नजदीक आया तो उन्होंने कक्षीवान ऋषि को संदेश भेजा की मैं आपकी पहेली का उत्तर ढूंढ पाने में असमर्थ रहा किन्तु मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे वंश में ऐसा विद्वान जरूर जन्म लेगा जो आपके इस प्रश्न का उत्तर दे पायेगा। किन्तु तुम मुझे वचन दो कि जब तक कोई मेरे कुल का विद्वान तुम्हारे प्रश्न का उत्तर ना दे दे, तुम इस पृथ्वी को छोड़ कर नहीं जाओगे।
ऐसा कहकर उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। कक्षीवान को उनकी मृत्यु का बड़ा दुःख हुआ किन्तु उससे भी अधिक दुःख उन्हें इस बात का हुआ कि उनके प्रश्न के कारण प्रियमेघ ने असंतोष में प्राण त्यागे।
प्रियमेघ की मृत्यु के पश्चात उनके पुत्र ने इस प्रश्न के उत्तर का दायित्व लिया किन्तु वो भी वह इस प्रश्न का उत्तर ढूढ़ पाने में असमर्थ रहा और एक दिन उसकी भी मृत्यु हो गयी। इसी प्रकार एक के बाद एक प्रियमेघ की आठ पीढ़ियाँ कक्षीवान के उस प्रश्न के उत्तर को ढूढ़ने के प्रयास में काल के गाल में समा गयीं।
कक्षीवान अपने पहेली का हल पाने के लिए जिन्दा रहे। कक्षीवान को वरदान स्वरुप देवराज इंद्र से एक थैली मिली थी जो नेवले के चमड़े से बनी थी। उसमे चावल के दानें भरे थे और उन्हें वरदान था कि जब तक चावल के दानें समाप्त ना हो जाएँ, वे जीवित रहेंगे।
प्रत्येक वर्ष वे उसमे से एक दाना निकालकर फेक देते थे और अपने प्रश्न के उत्तर के लिए जिए जा रहे थे।
प्रियमेघ की नवीं पीढ़ी में साकमश्व नाम का बालक पैदा हुआ जो बचपन से ही बहुत विद्वान था। बालपन में ही उसने असंख्य शास्त्राथों में भाग लिया था और सदैव विजय रहा था। साकमश्व जब बड़ा हुआ तो उसे एक बात चुभने लगी की एक पहेली का उत्तर उसकी पूरी ८ पीढ़िया देने में असमर्थ रही हैं और ऋषि कक्षीवान अपने प्रश्न का उत्तर पाने के लिए ही जीवित हैं।
उसने निश्चय किया की वह इस प्रश्न का उत्तर ढूँढ कर अपने परिवार के कलंक को मिटाएगा और ऋषि कक्षीवान को इस जीवन चक्र से मुक्त करवाएगा। एक दिन वो इस प्रश्न के विषय में सोच रहा था कि उसे सामवेद का एक श्लोक याद आया और वो भाव-विभोर होकर उसे मधुर स्वर में गाने लगा। इसी के साथ ही उसे अपने प्रश्न का उत्तर भी मिल गया।
वह तुरंत कक्षीवान के आश्रम की ओर भागा और वहाँ पहुँच कर उन्हें प्रणाम किया। कक्षीवान उसे देखते ही जान गए की उन्हें आज उनके प्रश्न का उत्तर मिल जायेगा। साकमश्व ने कहा कि हे गुरुदेव, जो मनुष्य ऋग्वेद की ऋचा के बाद सामवेद का साम का भी गायन करता हो वो गायन उस अग्नि के सामान होता है जिससे ताप भी उत्पन्न होता है और प्रकाश भी।
किन्तु जो मनुष्य केवल ऋग्वेद की ऋचा गाता है, सामवेद का साम नही, वह गायन साक्षात अग्नि के समान ही है किन्तु ये वो अग्नि है जिससे ताप तो उत्पन्न होता है किन्तु प्रकाश नहीं।
साकमश्व का उत्तर सुनकर कक्षीवान की आँखों से आँसू बहने लगे। उन्होंने भरे स्वर में कहा कि “हे पुत्र! तुम धन्य हो। मेरे द्वारा अनजाने में पूछे गए एक प्रश्न ने मेरे प्रिय मित्र प्रियमेघ को मुझसे छीन लिया। ये नहीं, उसकी अनेक पीढ़ियों को भी मैं अपने सामने काल के गाल में समाते देखता रहा।
किन्तु आज तुमने इस प्रश्न का उत्तर देकर ना केवल अपने पूर्वजों का कल्याण किया बल्कि मुझे भी इस जीवन रूपी चक्र से मुक्त कर दिया।” ऐसा कह कर उन्होंने साकमश्व को अपनी थैली दी और कहा कि वो बचे हुए चावल के दाने बिखरा दे ताकि वे परलोक गमन कर सकें।
उनकी आज्ञा पाकर साकमश्व ने सारे चावल के दानों को पृथ्वी पर फेंक दिया और फिर कक्षीवान ने अपने शरीर का त्याग कर दिया..!!
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*