उत्तराखंड

*ऋषिकेश- योगनगरी स्टेशन पर उज्जैनी एक्सप्रेस में मिले शव के टुकड़ों का सच आया सामने- 60 साल के हवस के दरिंदे ने बेकसूर महिला का कत्ल कर वारदात को दिया था अंजाम*

डेस्क – उत्तराखंड के ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर उज्जैन ट्रेन में महिला की कटी कोई हाथ पैर इंदौर में ट्रेन में मिले महिला के टुकड़े वाली गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। जीआरपी पुलिस ने उज्जैन से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसने महिला के फोन में सिम डाली तो पुलिस ने उसे ट्रेस कर लिया। उसने पहले गला दबाकर महिला को मारा था, फिर धारदार हथियार से शव के टुकड़े कर दिए थे।
ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले भारत के दो राज्यों की ट्रेन में तीन भागों में महिला का शव जीआरपी पुलिस द्वारा बरामद किया गया था। एक काले बैग और ठेले में इंदौर जीआरपी पुलिस ने सिर को बरामद किया था। वहीं महिला के हाथ-पैर के अंग उत्तराखंड के ऋषिकेश की ट्रेन में बरामद हुए थे। इसके हाथों पर लिखे हुए नाम के आधार पर पुलिस तलाश करते हुए रतलाम पहुंची थी। इस मामले के अंधे क़त्ल के तार उज्जैन से जोड़े जा रहे थे जिसमें पुलिस ने खुलासा करते हुए कमलेश नामक एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने बताया कि उज्जैन में दुष्कर्म में नाकाम रहने पर एक महिला की हत्या के बाद उसके शव के टुकड़े अलग-अलग यात्री ट्रेनों में रखने के आरोप में रविवार को 60 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.

महिला के हाथ पर लिखे नाम के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की थी। जांच में शुरू से ही उज्जैन का कनेक्शन दिख रहा था। महिला की पहचान होने के बाद महिला के पति सहित अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही थी। जीआरपी एसपी संतोष कोरी के मुताबिक महिला अपने पति से नाराज होकर मथुरा जाने के लिए अपने घर से निकली थी लेकिन जब वह उज्जैन रेलवे स्टेशन पहुंची तो वहां मथुरा जाने वाली ट्रेन निकल चुकी थी। जिस कारण महिला स्टेशन पर बैठ गई। जहां आरोपी कमलेश महिला के पास आकर पूछताछ कर आत्मीयता दिखाई।

कमलेश ने उसकी मजबूरी का फायदा उठाकर उसे बहला फुसलाकर कहा कि अभी कोई ट्रेन नहीं है। मेरे घर चलो खाना खाकर ट्रेन आने पर बैठा दूंगा। जिसके बाद महिला आरोपी के साथ चली गई। अगले दिन आरोपी कमलेश ने शारीरिक संबध बनाने के लिये मृतिका को नींद की गोली खाने मे मिलाकर खिला दिया। जिससे मृतिका को बेहोशी आने लगी जिसका फायदा उठाकर आरोपी कमलेश ने मृतिका के साथ शारीरिक संबध बनाने का प्रयास करने लगा।

महिला पूरी तरह से बेहोश नहीं हुई थी जिस कारण वह विरोध करने लगी और चिल्लाने लगी। जिसके बाद आरोपी ने लोहे के बडे नट से उसके मुंह पर वार कर दिया। जिससे वह बेहोश हो गई। उसके बाद आरोपी कमलेश ने रस्सी से गला घोटकर मीरा बाई की हत्या कर दी। उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिये उसने बाजार से एक छुरा खरीदा फिर शरीर के 6 टुकड़े कर बैग तथा बोरियों में भरकर अलग-अलग तीन पैकिंग की। उसके बाद अलग-अलग ट्रेनों में रख दिया।

रोचक बात है कि आरोपी कमलेश ने महिला की हत्या के बाद उसके मोबाइल में अपनी सिम डाली थी। इसी सिम को ट्रेस करते हुए पुलिस आरोपी तक पहुंच गई।
जीआरपी को 8 जून को रेलवे स्टेशन इंदौर के यार्ड में खड़ी महू इंदौर पैसेंजर ट्रेन के एक कोच की सीट के नीचे एक काले रंग का ट्रॉली बैग मिला था. जब इस बैग को खोलकर देखा तो प्लास्टिक की बोरी में एक महिला का शव लिपटा मिला. शव के हाथ-पैर नहीं थे. इस शव के कटे हुए हाथ-पैर 10 जून को ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर इंदौर से ऋषिकेश जाने वाली योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस ट्रेन के दो कोच के बीच कपलिंग में प्लास्टिक की बोरी से बंधे हुए मिले थे.

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