उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग-सेवा धर्म ही असली भक्ति*


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:- 05/07/2024, शुक्रवार*
*अमावस्या, कृष्ण पक्ष,*
*आषाढ*
(समाप्ति काल)

तिथि——– अमावस्या 28:26:18 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र———– आर्द्रा 28:05:21
योग————- ध्रुव 27:47:14
करण——— चतुष्पद 16:38:19
करण———— नाग 28:26:18
वार———————– शुक्रवार
माह———————– आषाढ
चन्द्र राशि—————– मिथुन
सूर्य राशि—————— मिथुन
रितु————————– वर्षा
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) —————कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत——————-1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————— 05:30:23
सूर्यास्त—————- 19:17:17
दिन काल————–13:46:53
रात्री काल————- 10:13:31
चंद्रोदय—————- 05:49:35
चंद्रास्त—————- 19:09:54
लग्न—- मिथुन 19°17′ , 79°17′
सूर्य नक्षत्र——————–आर्द्रा
चन्द्र नक्षत्र——————- आर्द्रा
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

कु—- आर्द्रा 09:53:59

घ—- आर्द्रा 15:56:02

ङ—- आर्द्रा21:59:48

छ—- आर्द्रा 28:05:21

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मिथुन 19°10, आर्द्रा 4 छ
चन्द्र=मिथुन 07°30 , आर्द्रा 1 कु
बुध =कर्क 09°53′ पुष्य 2 हे
शु क्र= मिथुन 27°05, पुनर्वसु ‘ 3 हा
मंगल=मेष 24°30 ‘ भरणी ‘ 4 लो
गुरु=वृषभ 14°30 रोहिणी , 2 वा
शनि=कुम्भ 25°10 ‘ पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 17°50 रेवती , 1 दे
केतु=(व) कन्या 16°50 हस्त , 3 ण

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 10:40 – 12:24 अशुभ
यम घंटा 15:51 – 17:34 अशुभ
गुली काल 07:14 – 08: 57अशुभ
अभिजित 11:56 – 12:51 शुभ
दूर मुहूर्त 08:16 – 09:11 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:51 – 13:47 अशुभ
वर्ज्यम 12:19 – 13:55 अशुभ
प्रदोष 19:17 – 21:21 शुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 05:30 – 07:14 शुभ
लाभ 07:14 – 08:57 शुभ
अमृत 08:57 – 10:40 शुभ
काल 10:40 – 12:24 अशुभ
शुभ 12:24 – 14:07 शुभ
रोग 14:07 – 15:51 अशुभ
उद्वेग 15:51 – 17:34 अशुभ
चर 17:34 – 19:17 शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 19:17 – 20:34 अशुभ
काल 20:34 – 21:51 अशुभ
लाभ 21:51 – 23:07 शुभ
उद्वेग 23:07 – 24:24* अशुभ
शुभ 24:24* – 25:41* शुभ
अमृत 25:41* – 26:57* शुभ
चर 26:57* – 28:14* शुभ
रोग 28:14* – 29:31* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 05:30 – 06:39
बुध 06:39 – 07:48
चन्द्र 07:48 – 08:57
शनि 08:57 – 10:06
बृहस्पति 10:06 – 11:15
मंगल 11:15 – 12:24
सूर्य 12:24 – 13:33
शुक्र 13:33 – 14:42
बुध 14:42 – 15:51
चन्द्र 15:51 – 16:59
शनि 16:59 – 18:08
बृहस्पति 18:08 – 19:17

🚩होरा, रात
मंगल 19:17 – 20:08
सूर्य 20:08 – 20:59
शुक्र 20:59 – 21:51
बुध 21:51 – 22:42
चन्द्र 22:42 – 23:33
शनि 23:33 – 24:24
बृहस्पति 24:24* – 25:15
मंगल 25:15* – 26:06
सूर्य 26:06* – 26:57
शुक्र 26:57* – 27:49
बुध 27:49* – 28:40
चन्द्र 28:40* – 29:31

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मिथुन > 03:22 से 05:38 तक
कर्क > 05:38 से 07:52 तक
सिंह > 07:52 से 10:02 तक
कन्या > 10:02 से 12:16 तक
तुला > 12:16 से 14: 42 तक
वृश्चिक > 14:42 से 16:46 तक
धनु > 16:46 से 18:52 तक
मकर > 18:52 से 20:40 तक
कुम्भ > 20:40 से 22:10 तक
मीन > 22:10 से 23:38 तक
मेष > 23:38 से 01:14 तक
वृषभ > 01:14 से 03:16 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 15 + 6 + 1 = 37 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*अमावस्या*

*शुक्र उदय पश्चिमे प्रातः 08:10 पर*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 28:05 से*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

यथा धेनुसहस्त्रेषु वत्सो गच्छति मातरम् ।
तथा यच्च कृतं कर्म कर्तारमनुगच्छाति ।।
।। चाo नी o।।

जिस प्रकार एक गाय का बछड़ा, हजारो गायो में अपनी माँ के पीछे चलता है उसी तरह कर्म आदमी के पीछे चलते है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: ज्ञानविज्ञानयोग अo-07

उदाराः सर्व एवैते ज्ञानी त्वात्मैव मे मतम्‌ ।,
आस्थितः स हि युक्तात्मा मामेवानुत्तमां गतिम्‌ ॥,

ये सभी उदार हैं, परन्तु ज्ञानी तो साक्षात्‌ मेरा स्वरूप ही है- ऐसा मेरा मत है क्योंकि वह मद्गत मन-बुद्धिवाला ज्ञानी भक्त अति उत्तम गतिस्वरूप मुझमें ही अच्छी प्रकार स्थित है॥,18॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य में राहत मिलेगी। चिंता दूर होगी। नौकरी में रुतबा बढ़ेगा।

🐂वृष
धनहानि की आशंका है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है। व्यापार व व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

👫मिथुन
यात्रा में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। हंसी-मजाक में हल्कापन न हो, ध्यान रखें। कीमती वस्तुएं इधर-उधर हो सकती हैं, संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

🦀कर्क
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़े काम की रुकावट दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें।

🐅सिंह
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। थकान रहेगी। किसी कार्य की चिंता रहेगी।

🙍‍♀️कन्या
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई बड़ा काम करने की इच्‍छा जागृत होगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। प्रमाद न करें।

⚖️तुला
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगा।

🦂वृश्चिक
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश मनोनकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। किसी कार्य के प्रति चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है।

🏹धनु
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। घर में अतिथियों का आगमन होगा। प्रसन्नता तथा उत्साह बने रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। आलस्य हावी रहेगा। प्रमाद न करें। विवेक का प्रयोग करें।

🐊मकर
प्रयास सफल रहेंगे। पराक्रम वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। लाभ होगा।

🍯कुंभ
दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। दूसरे आपसे अधिक की अपेक्षा करेंगे व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।

🐟मीन
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। नए विचार दिमाग में आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*🌳 सेवा धर्म ही असली भक्ति 🌳*

एक शहर में अमीर सेठ रहता था। वह बहुत फैक्ट्रियों का मालिक था।

एक शाम अचानक उसे बहुत बैचेनी होने लगी। डॉक्टर को बुलाया गया सारी जाँचें करवा ली, परन्तु कुछ भी नहीं निकला। उसकी बैचेनी बढ़ती गयी।

उसके समझ में नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है। रात हुई, नींद की गोलियां भी खा ली पर न नींद आने को तैयार और ना ही बैचेनी कम होने का नाम ले।

वो रात को उठकर तीन बजे घर के बगीचे में घूमने लगा। घूमते -घूमते उसे लगा कि बाहर थोड़ा सा सुकून है तो वह बाहर सड़क पर पैदल निकल पड़ा।

चलते- चलते हजारों विचार मन में चल रहे थे। अब वो घर से बहुत दूर निकल आया था। और थकान की वजह से एक चबूतरे पर बैठ गया।
.
उसे थोड़ी शान्ति मिली तो वह आराम से बैठ गया।

इतने में एक कुत्ता आया और उसकी चप्पल उठाकर ले गया। सेठ ने देखा तो वह दूसरी चप्पल उठाकर कुत्ते के पीछे भागा।

कुत्ता पास ही बनी झुग्गी-झोपडि़यों में घुस गया। सेठ भी उसके पीछे था, सेठ को करीब आता देखकर कुत्ते ने चप्पल वहीं छोड़ दी और चला गया।

सेठ ने राहत की सांस ली और अपनी चप्पल पहनने लगा। इतने में उसे किसी के रोने की आवाज सुनाई दी।

वह और करीब गया तो एक झोपड़ी में से आवाज आ रहीं थीं।

उसने झोपड़ी के फटे हुए बोरे में झाँक कर देखा तो वहाँ एक औरत फटेहाल मैली सी चादर पर दीवार से सटकर रो रही हैं।

और ये बोल रही है, हे भगवान मेरी मदद कर ओर रोती जा रहीं है।

सेठ के मन में आया कि यहाँ से चले जाओ, कहीं कोई गलत ना सोच लें।

वो थोड़ा आगे बढ़ा तो उसके दिल में ख़्याल आया कि आखिर वो औरत क्यों रो रहीं हैं, उसको तकलीफ क्या है ?

और उसने अपने दिल की सुनी और वहाँ जाकर दरवाजा खटखटाया।

उस औरत ने दरवाजा खोला और सेठ को देखकर घबरा गयी। सेठ ने हाथ जोड़कर कहा तुम घबराओं मत, मुझे तो बस इतना जानना है कि तुम रो क्यों रही हो।

औरत की आखों से आँसू टपकने लगे और उसने पास ही गुदड़ी में लिपटी हुई 7-8 साल की बच्ची की ओर इशारा किया।

और रोते -रोते कहने लगी कि मेरी बच्ची बहुत बीमार है उसके इलाज में बहुत खर्चा आएगा।

मैं तो घरों में जाकर झाड़-ूपोछा करके जैसे-तैसे हमारा पेट पालती हूँ। मैं कैसे इलाज कराऊं इसका ?

सेठ ने कहा, तो किसी से माँग लो। इसपर औरत बोली मैने सबसे माँग कर देख लिया खर्चा बहुत है कोई भी देने को तैयार नहीं।

सेठ ने कहा तो ऐसे रात को रोने से मिल जायेगा क्या ?

औरत ने कहा कल एक संत यहाँ से गुजर रहे थे तो मैने उनको मेरी समस्या बताई तो उन्होंने कहा बेटा…

तुम सुबह 4 बजे उठकर अपने ईश्वर से माँगो। बोरी बिछाकर बैठ जाओ और रो -गिड़गिड़ा के उससे मदद माँगो वो सबकी सुनता है तो तुम्हारी भी सुनेगा।

मेरे पास इसके अलावा कोई चारा नहीं था। इसलिए मैं उससे माँग रही थीं और वो बहुत जोर से रोने लगी।

ये सब सुनकर सेठ का दिल पिघल गया और उसने तुरन्त फोन लगाकर एम्बुलेंस बुलवायी और उस लड़की को एडमिट करवा दिया।

डॉक्टर ने डेढ़ लाख का खर्चा बताया तो सेठ ने उसकी जवाबदारी अपने ऊपर ले ली, और उसका इलाज कराया।

उस औरत को अपने यहाँ नौकरी देकर अपने बंगले के सर्वेन्ट क्वाटर में जगह दी और उस लड़की की पढ़ाई का जिम्मा भी ले लिया।

सेठ कर्म प्रधान तो था पर नास्तिक था।अब उसके मन में सैकड़ो सवाल चल रहे थे।

क्योंकि उसकी बैचेनी तो उस वक्त ही खत्म हो गयी थी जब उसने एम्बुलेंस को बुलवाया था।

वह यह सोच रहा था कि आखिर कौन सी ताकत है जो मुझे वहाँ तक खींच ले गयीं ?क्या यही ईश्वर हैं ?

और यदि ये ईश्वर है तो सारा संसार आपस में धर्म, जात -पात के लिये क्यों लड़ रहा है क्योंकि ना मैने उस औरत की जात पूछी और ना ही ईश्वर ने जात -पात देखी।

बस ईश्वर ने तो उसका दर्द देखा और मुझे इतना घुमाकर उस तक पहुंचा दिया।

अब सेठ समझ चुका था कि कर्म के साथ सेवा भी कितनी जरूरी है क्योंकि इतना सुकून उसे जीवन में कभी भी नहीं मिला था !

मानव और प्राणी मात्र की सेवा का धर्म ही असली भक्ति हैं। यदि ईश्वर की कृपा पाना चाहते हो तो सेवाधर्म अपना लो और समय-समय पर उन सबकी मदद करो जो लाचार या बेबस है। क्योंकि ईश्वर इन्हीं के आस -पास रहता हैं।।

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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