*ऋषिकेश-आर एस एस ने नए कानून को लेकर आयोजित किया अधिवक्ताओं व बुद्धि जीवियों का सम्मेलन*
देव भूमि जे के न्यूज,ऋषिकेश,18 जुलाई।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संपर्क विभाग ने नये कानून को लेकर अधिवक्ता व बुद्धिजीवी सम्मेलन का आयोजन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर,आदर्श नगर, ऋषिकेश में किया । चौधरी ओमकार सिंह अधिवक्ता की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान हरिद्वार से पंहुचे मुख्य वक्ता एडवोकेट उत्तम सिंह चौहान ने उपस्थिति को नए कानून के संबंध में सम्बोधित करते हुए कहा कि 1 जुलाई से लागू हुए 3 नए कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय दण्ड संहिता, भारतीय साक्ष्य संहिता, के विषय में समाज में जागरूकता लाना जरूरी है।
कार्यक्रम के संयोजक दीपक तायल जिला संपर्क प्रमुख, ऋषिकेश जिला के द्वारा सभी अतिथियों का परिचय करवाया गया।जिसके उपरांत विभाग संघचालक अनिल मित्तल ने संघ का परिचय देते हुए पिछले 99 वर्षों की संघ यात्रा को विस्तार से रखते हुए संपर्क विभाग का परिचय कराते हुए संघ के शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन का उल्लेख किया।
मुख्य वक्ता अधिवक्ता उत्तम सिंह चौहान ने बताया कि देश 1947 में स्वतंत्र हो गया था, किंतु उसके बाद भी अंग्रेजों के समय के 1860 के कानून, जो कि राजसत्ता द्वारा भारत पर थोपे गए थे, लागू रहे।
वर्तमान सरकार ने सोचा कि उधार के कानून के स्थान पर स्वयं के कानून होने चाहिए 1 जुलाई से नए कानून प्रभाव में आ गए।
IPC और CrPC में अनेक कमियां थीं , जिनके कारण आज न्याय के लिए वर्षों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है, जेलें अपराधियों से भरी पड़ी है। 1973 में CrPC में कुछ सुधार हुए किंतु फिर भी अधिक लाभ नहीं हुआ।
राजनीतिक विपक्ष द्वारा भारतीय न्याय संहिता के भारत शब्द पर आपत्ति जताते हुए बहिष्कार किया गया।
124 धारा (राजद्रोह) जो पहले लागू थी, उसको चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में केस किया गया। सरकार ने इसको हटाने के लिए अपनी सहमति दी। अब उसे आतंकवाद के अन्तर्गत लाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान कानून में भी सामाजिक सेवा को सजा के रूप में पुनर्स्थापित किया है।अनुपस्थिति में भी केस चलेगा।
नए कानून में पुरुष, महिला के साथ-2 तृतीय लिंग को भी सम्मिलित किया गया है।
भारतीय साक्ष्य संहिता के अंतर्गत पकड़े गए सामान की वीडियो रिकोर्डिंग होगी, जिससे सजा मिलने की संभावना बढ़ेंगी,IPC में सजा मिलने का प्रतिशत बहुत कम था। नए कानून में 3 साल में ट्रायल पूरा होना है, इससे न्यायालय पर बोझ कम होगा।
IPC में ट्रायल लगभग 5 साल में लेता था, किन्तु अपील 20-20 साल तक चलती थीं।
प्राथमिकी दर्ज कराना भी आसान हो गया है। मोब लांचिंग और आतंकवाद के लिए भी अच्छे प्रावधान हैं।
उन्होंने कहा कि करत -करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान
नए कानून भी शीघ्र ही याद हो जाएंगे ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष अधिवक्ता चौधरी ओमकार सिंह ने बताया कि नए कानूनों में सभी के लिए पारदर्शिता बढ़ी है। तकनीक का प्रयोग बढ़ा है। न्यायालयों के लिए समय बचेगा, जनता को परेशान कम होना पड़ेगा। एडवोकेट बंधुओं को नए कानूनों के लिए जनता को विश्वास दिलाना चाहिए, ये हितकर हैं।
अंत में अविनाश अग्रवाल अधिवक्ता ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम में नगर संघचालक भारत भूषण कुंदनानी, जिला कार्यवाह हरीश रावत, नगर कार्यवाह श्याम बिहारी मौर्य,अधिवक्तागणों मैं अमित वत्स,शरद कुमार,लक्ष्मी प्रकाश बहुगुणा,चंद्र वल्लभ हटवाल,सुनील नवानी,भूपेंद्र शर्मा,दिनेश पैन्यूली,भूपेंद्र कुकरेती, लाल सिंह मटेला, आदित्य अग्रवाल, आरती मित्तल,खुशबू अंथवाल, अंजू, बुद्धिजीवी वर्ग मैं भाजपा जिलाध्यक्ष रविंद्र राणा, एम सी त्रिवेदी, विनोद जुगलांन, राजेंद्र पांडेय,विपिन गर्ग,पंकज गुप्ता, राजीव अग्रवाल ,गुरु प्रसाद उनियाल ,शिवकुमार गौतम, हेमंत गुप्ता, शंभू पासवान, विकास तेवतिया, तनु तेवतिया,संपर्क विभाग, अधिवक्ता परिषद के सभी अधिकारी गण, अन्य अधिवक्ता साथी, तथा समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।