धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग एक और एक ग्यारह*


📜««« *आज का पंचांग*»»»📜
कलियुगाब्द……………………5125
विक्रम संवत्…………………..2080
शक संवत्……………………..1945
मास…………………………..कार्तिक
पक्ष……………………………..कृष्ण
तिथी………………………..एकादशी
प्रातः 10.40 पर्यंत पश्चात द्वादशी
रवि……………………….दक्षिणायन
सूर्योदय………..प्रातः 06.35.01 पर
सूर्यास्त………..संध्या 05.45.54 पर
सूर्य राशि………………………..तुला
चन्द्र राशि………………………कन्या
गुरु राशि………………………….मेष
नक्षत्र………………….उत्तराफाल्गुनी
रात्रि 09.49 पर्यंत पश्चात हस्त
योग…………………………….वैधृति
दोप 04.35 पर्यंत पश्चात
करण…………………………..बालव
प्रातः 10.40 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु………………………(उर्ज) शरद
दिन……………………………गुरुवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :–*
09 नवम्बर सन 2023 ईस्वी ।

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
प्रातः 11.48 से 12.32 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
दोपहर 01.33 से 02.55 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*तुला*
04:59:25 07:14:09
*वृश्चिक*
07:14:09 09:30:13
*धनु*
09:30:13 11:35:50
*मकर*
11:35:50 13:22:57
*कुम्भ*
13:22:57 14:56:30
*मीन*
14:56:30 16:27:42
*मेष*
16:27:42 18:08:26
*वृषभ*
18:08:26 20:07:05
*मिथुन*
20:07:05 22:20:47
*कर्क*
22:20:47 24:36:57
*सिंह*
24:36:57 26:48:46
*कन्या*
26:48:46 28:59:25

🚦 *दिशाशूल :-*
दक्षिणदिशा – यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक……………………9
🔯 शुभ रंग………………….पीला

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 10.46 से 12.09 तक चंचल
दोप. 12.09 से 01.32 तक लाभ
दोप. 01.32 से 02.54 तक अमृत
सायं 04.17 से 05.40 तक शुभ
सायं 05.40 से 07.17 तक अमृत
रात्रि 07.17 से 08.55 तक चंचल

📿 *आज का मंत्र :-*
|। ॐ बृं बृहस्पतये नम: ।|

📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (तृतीयोऽध्यायः – कर्मयोगः) -*
अर्जुन उवाच –
अथ केन प्रयुक्तोऽयं पापं चरति पूरुषः।
अनिच्छन्नपि वार्ष्णेय बलादिव नियोजितः॥३-३६॥
अर्थात :
अर्जुन बोले- हे कृष्ण! तो फिर यह मनुष्य स्वयं न चाहता हुआ भी बलात्‌ लगाए हुए की भाँति किससे प्रेरित होकर पाप का आचरण करता है॥36॥॥

🍃 *आरोग्यं :-*
*बच्चों की खांसी के लिए घरेलू उपचार -*

*5. सेब का सिरका -*
सेब के सिरके में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं और यह शरीर में रोगजनकों को मार सकता है। यह सिरका रोगाणुओं को मार सकता है जो संक्रमण और गले में दर्द का कारण बनता है। यह सुखी खांसी के लिए एक प्रभावी नेचुरल उपाय है। इसके लिए आप एक चम्मच सिरका में एक चौथाई चम्मच अदरक और शहद डालकर बच्चे को दे सकते हैं।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
रोजगार में वृद्धि होगी। संपत्ति के बड़े सौदे हो सकते हैं। बड़ा लाभ होगा। जल्दबाजी न करें। प्रमाद से बचें। दूरदर्शिता एवं बुद्धिमानी से कई रुके हुए काम पूरे होने की संभावना है। खर्चों में कमी करना होगी। व्यापार में सही निर्णय नहीं लेने से हानि हो सकती है।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
राजकीय सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। थकान रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद से बचें। नए कार्यों में लाभ होने की संभावना है। परिवार की तरक्की होगी। आपको अपने कर्म पर विश्वास रखते हुए कार्य करना चाहिए।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। दिन प्रतिकूल रह सकता है। सामाजिक स्तर में परिवर्तन एवं प्रतिष्ठा को लेकर चिंतित रहेंगे। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा। अधिक लोभ-लालच न करें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
शोक समाचार मिल सकता है। भागदौड़ अधिक होगी। थकान रहेगी। वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। माता-पिता का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। दिन प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। व्यापार में लाभ की स्थिति बनेगी। रुका पैसा प्राप्त होने के योग हैं।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
रुके कार्य पूर्ण होंगे। मेहनत सफल रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। नई योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। बड़े लोगों से भेंट होगी, जिसका लाभ भविष्य में मिलेगा। शत्रु परास्त होंगे। आलस्य से बचकर रहें।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। जोखिम न लें। आवास संबंधी समस्या रहेगी। रचनात्मक कामों का प्रतिफल मिलेगा। पूर्व में किए गए कार्यों का शुभ फल प्राप्त हो सकेगा। स्वाध्याय में रुचि बढ़ेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखना चाहिए। श्रम अधिक करना होगा। आपके कार्यों की समाज एवं परिवार में आलोचना हो सकती है। व्यापार सामान्य चलेगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें। आर्थिक समस्या रह सकती है। नए कामों में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। खर्च का बोझ बढ़ेगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। अच्‍छी खबरें मिलेंगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। पारिवारिक वातावरण सहयोगात्मक रहेगा। आपकी बुद्धिमानी से समस्याओं का समाधान संभव है। सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
योजना फलीभूत होगी। घर-बाहर पूछ-परख बढ़ेगी। कार्यसिद्धि होगी। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। आत्मविश्वास बढ़ने से व्यापारिक लाभ अधिक होने के योग हैं। यात्रा में सावधानी रखें। जल्दबाजी एवं लापरवाही से कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
राजकीय सहयोग मिलेगा। रुके कार्य पूर्ण होंगे। अध्यात्म में रुचि रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। राज्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में उचित लाभ हो सकेगा। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। जीवनसाथी की उन्नति सामाजिक सम्मान को बढ़ाएगी।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
फालतू खर्च होगा। तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, बाकी सामान्य रहेगा। आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी। मित्रों की मदद से महत्वपूर्ण कार्य पूरे होने के आसार हैं। साझेदारी में नए प्रस्ताव मिलेंगे।

*!! एक और एक ग्यारह !!*

*एक बार की बात है वनगिरी के घने जंगल में एक उन्मुत्त हाथी ने भारी उत्पात मचा रखा था. वह अपनी ताकत के नशे में चूर होने के कारण किसी को कुछ नहीं समझता था. वनगिरी में ही एक पेड़ पर एक चिड़िया व चिड़े का छोटा-सा सुखी परिवार रहता था. चिड़िया अंडों पर बैठी नन्हें-नन्हें प्यारे बच्चों के निकलने के सुनहरे सपने देखती रहती. एक दिन क्रूर हाथी गरजता, चिंघाड़ता हुआ पेड़ों को तोड़ता-मरोड़ता उसी ओर आया. देखते ही देखते उसने चिड़िया के घोंसले वाला पेड़ भी तोड़ डाला. घोंसला नीचे आ गिरा और अंडों पर हाथी का पैर पड़ा, जिससे वो चकनाचूर हो गए. चिड़िया और चिड़ा चीखने चिल्लाने के अलावा कुछ न कर सके. हाथी के जाने के बाद चिड़िया छाती पीट-पीटकर रोने लगी. तभी वहां कठफोड़वी आई. वह चिड़िया की अच्छी दोस्त थी. कठफोड़वी ने उनके रोने का कारण पूछा, तो चिड़िया ने पूरी कहानी बताई. कठफोड़वी बोली, “इस प्रकार दुख में डूबे रहने से कुछ नहीं होगा. उस हाथी को सबक सिखाने के लिए हमें कुछ करना होगा.” चिड़िया ने निराश होकर कहा, “हम छोटे-मोटे जीव उस बलशाली हाथी से कैसे टक्कर ले सकते हैं?” कठफोड़वी ने समझाया, “एक और एक मिलकर ग्यारह बनते हैं. हम अपनी शक्तियां जोड़ेंगे. “कैसे?” चिड़िया ने पूछा. “ एक भंवरा मेरा मित्र है. हमें उससे सलाह लेनी चाहिए.” चिड़िया और कठफोड़वी भंवरे से मिलीं. भंवरा गुनगुनाया, “यह तो बहुत बुरा हुआ. मेरा एक मेंढक मित्र है आओ, उससे सहायता मांगें.” अब तीनों उस सरोवर के किनारे पहुंचे, जहां मेंढक रहता था. भंवरे ने उसे सारी बात बताई. मेंढक गंभीर स्वर में बोला, “आप लोग धैर्य से ज़रा यहीं मेरी प्रतीक्षा करें. मैं गहरे पानी में बैठकर सोचता हूं.” ऐसा कहकर मेंढक पानी में कूद गया. आधे घंटे बाद वह पानी से बाहर आया तो उसकी आंखें चमक रही थी. वह बोला “दोस्तों! उस हत्यारे हाथी को नष्ट करने के लिए मेरे दिमाग़ में एक बहुत अच्छी योजना आई है. उसमें सभी का सहयोग चाहिए.” मेंढक ने जैसे ही अपनी योजना बताई, सब ख़ुशी से उछल पड़े. योजना सचमुच ही अदभुत थी. मेंढक ने बारी-बारी से सबको अपना-अपना रोल समझाया.*
*कुछ ही दूरी पर वह उन्मत्त हाथी तोड़फोड़ मचाकर व पेट भरकर कोंपलों वाली शाखाएं खाकर मस्ती में खड़ा झूम रहा था. पहला काम भंवरे का था. वह हाथी के कान के पास जाकर मधुर राग गुंजाने लगा. राग सुनकर हाथी मस्त होकर आंखें बंद करके झूमने लगा. तभी कठफोड़वी ने अपना काम कर दिखाया. उसने अपनी सुई जैसी नुकीली चोंच से तेज़ी से हाथी की दोनों आंखें फोड़ दी. अंधा होकर हाथी तड़पता हुआ इधर-उधर भागने लगा. जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा था, हाथी का ग़ुस्सा भी बढ़ता जा रहा था. आंखों से नज़र न आने के कारण ठोकरों और टक्करों से उसका शरीर ज़ख्मी हो गया. जिससे वह और ज़ोर से चिल्लाने लगा. चिड़िया कृतज्ञ स्वर में मेंढक से बोली, “मैं आजीवन तुम्हारी आभारी रहूंगी. तुमने मेरी बहुत मदद की है.” मेंढक ने कहा, “आभार मानने की ज़रूरत नहीं है. मित्र ही मित्र के काम आता है.” एक तो आंखों में जलन और ऊपर से चिल्लाते-चिंघाड़ते हाथी का गला सूख गया. उसे तेज़ प्यास लगने लगी. अब उसे एक ही चीज़ की तलाश थी, पानी. मेंढक ने अपने बहुत से बंधु-बांधवों को इकट्ठा किया और उन्हें ले जाकर दूर बहुत बड़े गड्ढे के किनारे बैठकर टर्राने के लिए कहा. सारे मेंढक टर्राने लगे. मेंढक की टर्राहट सुनकर हाथी के कान खड़े हो गए. वह यह जानता था कि मेंढक पानी के पास ही रहते हैं, तो उनकी आवाज़ सुनकर वह उसी दिशा में चल पड़ा. टर्राहट और तेज़ होती जा रही थी. प्यासा हाथी और तेज़ भागने लगा. जैसे ही हाथी गड्ढे के निकट पहुंचा, मेंढकों ने पूरा ज़ोर लगाकर टर्राना शुरू किया. हाथी आगे बढा और विशाल पत्थर की तरह गड्ढे में गिर पड़ा और इस तरह अंहकार में डूबे हाथी का अंत हो गया.*

सीख- अहंकारी का देर-सबेर अंत होना निश्‍चित है.

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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