उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- सहयोग।


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 19/08/2024, सोमवार*
*पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष,*
*श्रावण*
(समाप्ति काल)

तिथि———- पूर्णिमा 23:54:51 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———– श्रवण 08:09:28
नक्षत्र———– धनिष्ठा 29:44:22
योग———— शोभन 24:45:53
करण——- विष्टि भद्र 13:31:48
करण————– बव 23:54:51
वार———————- सोमवार
माह————————श्रावण
चन्द्र राशि—– मकर 18:58:51
चन्द्र राशि—————– कुम्भ
सूर्य राशि——————- सिंह
रितु————————– वर्षा
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————– 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————— 05:53:09
सूर्यास्त————— 18:51:52
दिन काल————- 12:58:43
रात्री काल————- 11:01:46
चंद्रास्त—————- 06:12:21
चंद्रोदय—————- 18:52:38
लग्न—- सिंह 2°20′ , 122°20′
सूर्य नक्षत्र——————– मघा
चन्द्र नक्षत्र—————— श्रवण
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

खो—- श्रवण 08:09:28

गा—- धनिष्ठा 13:34:43

गी—- धनिष्ठा 18:58:51

गु—- धनिष्ठा 24:22:01

गे—- धनिष्ठा 29:44:22

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= सिंह 02°05, मघा 1 मा
चन्द्र= मकर 21°30 , श्रवण 4 खो
बुध =सिंह 02°53′ मघा 1 मा
शु क्र= सिंह 22°05, पू o फाo’ 3 टी
मंगल=वृषभ 5°30 ‘ मृगाशीर्षा’ 1 वे
गुरु=वृषभ 23°30 रोहिणी , 4 वु
शनि=कुम्भ 23°10 ‘ पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 14°24 उo भा o, 4 ञ
केतु= (व)कन्या 14°24 हस्त 2 ष

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 07:31 – 09:08 अशुभ
यम घंटा 10:45 – 12:23 अशुभ
गुली काल 13:59 – 15: 37अशुभ
अभिजित 11:57 – 12:48 शुभ
दूर मुहूर्त 12:48 – 13:40 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:24 – 16:16 अशुभ
वर्ज्यम 11:46 – 13:13 अशुभ
प्रदोष 18:52 – 21:06. शुभ

🚩पंचक 18:59 – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
अमृत 05:53 – 07:31 शुभ
काल 07:31 – 09:08 अशुभ
शुभ 09:08 – 10:45 शुभ
रोग 10:45 – 12:23 अशुभ
उद्वेग 12:23 – 13:59 अशुभ
चर 13:59 – 15:37 शुभ
लाभ 15:37 – 17:15 शुभ
अमृत 17:15 – 18:52 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 18:52 – 20:15 शुभ
रोग 20:15 – 21:37 अशुभ
काल 21:37 – 23:00 अशुभ
लाभ 23:00 – 24:23* शुभ
उद्वेग 24:23* – 25:45* अशुभ
शुभ 25:45* – 27:08* शुभ
अमृत 27:08* – 28:31* शुभ
चर 28:31* – 29:54* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 05:53 – 06:58
शनि 06:58 – 08:03
बृहस्पति 08:03 – 09:08
मंगल 09:08 – 10:13
सूर्य 10:13 – 11:18
शुक्र 11:18 – 12:23
बुध 12:23 – 13:27
चन्द्र 13:27 – 14:32
शनि 14:32 – 15:37
बृहस्पति 15:37 – 16:42
मंगल 16:42 – 17:47
सूर्य 17:47 – 18:52

🚩होरा, रात
शुक्र 18:52 – 19:47
बुध 19:47 – 20:42
चन्द्र 20:42 – 21:37
शनि 21:37 – 22:32
बृहस्पति 22:32 – 23:28
मंगल 23:28 – 24:23
सूर्य 24:23* – 25:18
शुक्र 25:18* – 26:13
बुध 26:13* – 27:08
चन्द्र 27:08* – 28:03
शनि 28:03* – 28:59
बृहस्पति 28:59* – 29:54

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

सिंह > 04:54 से 07:08 तक
कन्या > 07:08 से 09:18 तक
तुला > 09:18 से 11: 34 तक
वृश्चिक > 11:34 से 13:52 तक
धनु > 13:52 से 15:58 तक
मकर > 15:58 से 18:50 तक
कुम्भ > 18:50 से 19:18 तक
मीन > 19:18 से 20:46 तक
मेष > 20:46 से 22:18 तक
वृषभ > 22:18 से 00:32 तक
मिथुन > 00:32 से 02:38 तक
कर्क > 02:38 से 04:50 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 2 + 1 = 18 ÷ 4 = 2 शेष
आकाशलोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चन्द्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

15 + 15 + 5 = 35 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 13:31 तक समाप्त

पाताल लोक = धनलाभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*श्रावणी कर्म भद्रोपरांत*

*रक्षाबंधन पर्व भद्रोपरांत*

*श्रावणी पूर्णिमा*

*सत्य पूर्णिमा व्रत*

*श्रावण अंतिम सोमवार व्रत*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

यत्रोदकस्तत्र वसन्ति हंसा-
स्तथव शुष्कं परिवर्जयन्ति ।
नहंतुल्येन नरेण भाव्यं
पुनस्त्यजन्तः पुनराश्र यन्तः ।।
।। चा o नी o।।

हंस वहा रहते है जहा पानी होता है. पानी सूखने पर वे उस जगह को छोड़ देते है. आप किसी आदमी को ऐसा व्यवहार ना करने दे की वह आपके पास आता जाता रहे.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: राजविद्याराज ह्य योग अo-09

न च मां तानि कर्माणि निबध्नन्ति धनञ्जय।,
उदासीनवदासीनमसक्तं तेषु कर्मसु ॥,

हे अर्जुन! उन कर्मों में आसक्तिरहित और उदासीन के सदृश (जिसके संपूर्ण कार्य कर्तृत्व भाव के बिना अपने आप सत्ता मात्र ही होते हैं उसका नाम ‘उदासीन के सदृश’ है।,) स्थित मुझ परमात्मा को वे कर्म नहीं बाँधते॥,9॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
दूसरों से अपेक्षा न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। थकान रहेगी। जोखिम न लें। विवाद से बचें। राजकीय सहयोग मिलेगा एवं इस क्षेत्र के व्यक्तियों से संबंध बढ़ेंगे। विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। वाणी पर संयम रखें।

🐂वृष
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कामकाज में धैर्य रखने से सफलता मिल सकेगी। योजनाएं फलीभूत होंगी। मित्रों में आपका वर्चस्व बढ़ेगा। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें।

👫मिथुन
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। समाज में प्रसिद्धि के कारण सम्मान में बढ़ौत्री होगी। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे। परिवार की समस्याओं को अनदेखा न करें।

🦀कर्क
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय काम बनेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता रहेगी। जोखिम न उठाएं। संतान से मदद मिलेगी। आर्थिक स्थिति में प्रगति की संभावना है। अचानक धन की प्राप्ति के योग हैं। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें।

🐅सिंह
समय ठीक नहीं है। वाहन, मशीनरी व अग्नि के प्रयोग में सावधानी रखें। लेन-देन में सावधानी रखें। विवाद न करें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के योग आएंगे। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाए रखें।

🙍‍♀️कन्या
धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बुद्धि एवं तर्क से कार्य में सफलता के योग बनेंगे। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। अतः उसका परित्याग करें। व्यापार लाभप्रद रहेगा।

⚖️तुला
नए अनुबंध होंगे। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। झंझटों में न पड़ें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। कार्य की प्रवृत्ति में यथार्थता व व्यावहारिकता का समावेश आवश्यक है। व्यापार में नई योजनाओं पर कार्य नहीं होंगे। जीवनसाथी का ध्यान रखें।

🦂वृश्चिक
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय बढ़ेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करना चाहिए। व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें। आर्थिक स्थिति मध्यम रहेगी।

🏹धनु
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। विवाद न करें। यात्रा में अपनी वस्तुओं को संभालकर रखें। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें। अधीनस्थों की ओर ध्यान दें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।

🐊मकर
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न लें। व्यावसायिक चिंता दूर हो सकेगी। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएंगे। योजनाएं फलीभूत होंगी।

🍯कुंभ
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। मान बढ़ेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। अपनी बुद्धिमत्ता से आप सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे। विकास की योजनाएं बनेंगी। निजीजनों में असंतोष हो सकता है। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।

🐟मीन
मेहनत का फल मिलेगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। थकान रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। भूमि, आवास की समस्या रह सकती है। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेगा। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। संतान से कष्ट रहेगा।

*सहयोग*

एक बार परमपिता परमात्मा ने सभी को भोजन के लिए निमन्त्रण दिया। भोजन में ५६ प्रकार के पकवान और १०८ प्रकार के फल आदि रखे हुए थे।

जिनको निमन्त्रण मिला सारे लोग तमो गुणी संस्कार वाले व्यक्ति थे और भोजन एक नियम से खाना था। तो सभी भोजन कक्ष में जाये उसके पहले उनके दोनों हाथों में तीन फुट की लकड़ी का डण्डा बाँध दिया गया, जिससे उनके हाथ मुड़ न सके।

सभी मेहमान भोजन कक्ष में गये और इतना स्वादिष्ट भोजन और फल देख कर सब के मुँह में पानी आ गया और सब ने अपने मुख की तरफ हाथ मोड़ा तो लकड़ी के कारण हाथ नहीं मुड़ सका और भोजन पीछेवाली पंक्ति में बैठे मेहमानों के ऊपर अथवा आगे की पंक्ति में बैठे मेहमानों के ऊपर गिरा। सबके कपड़े आदि ख़राब हो गये।

जिससे वे क्रोधित होकर आपस में लड़ने लगे, एक – दूसरे को अपशब्द बोलने लगे और कोई कोई तो हाथपाई भी शुरू कर दी। भोजन कक्ष बदल कर संग्राम का मैदान हो गया था, सभी जगह भोजन बिखर गया था और सभी मेहमान भूखे ही रह गये। ये सब आत्माये तमो गुणी संस्कारवाली होने के कारण भोजन कक्ष संग्राम कक्ष बना।

अब परमात्मा ने सोचा चलो एक और बार प्रयोग करके देखते है। फिर परमात्मा ने अपने दूतों को भेज कर भोजन कक्ष खाली करवाया। और दूसरे दिन दूसरे समुदाय को बुला कर उसी तरह हाथ बाँधकर भोजन कक्ष में भेज दिया।

सुंदर स्वादिष्ट भोजन को देख कर उनको भी खाने कि इच्छा होने लगी परन्तु खाये कैसे ? इस पर सोच चलने लगा। ये सभी सतो प्रधान संस्कारों वाले व्यक्ति थे, इस लिए उन्होंने धैर्य से विचार किया। उनका हाथ अपने मुँह की तरफ तो मुड़ ही नही सकता था परन्तु दूसरे की तरफ तो बिना मोड़े ही जा सकता था। इस लिए उन्होंने प्रेम और स्नेह से, सहयोग भावना से अपने हाथ में चम्मच लेकर एक – दूसरे को खिलाना शुरू किया और सभी ने अपने को तृप्त किया।

उनकी सहयोग भावना से न तो भोजन ख़राब हुआ और न ही भोजन कक्ष ख़राब हुआ और सभी भोजन खाकर तृप्त भी हुए।

*जीवन में सुख पाने के लिए एक दूसरे का सहयोग चाहिए और जीवन को सफल बनाने के लिए भी हम सब को एक दूसरे को सहयोग देना और लेना चाहिए।*
इसलिए किसी ने ठीक ही कहा है *सहयोग से होगा सर्वोदय, सहयोग करो  सहयोग करो..!!*

आप सभी को देव भूमि जे के न्यूज की ओर से रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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