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श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में नन्हें मुन्ने बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति।

देवभूमि जेके न्यूज ऋषिकेश 25 अगस्त 2024

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर धर्म नगरी ऋषिकेश में धार्मिक आयोजनों की रही धूम विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति देकर लोगों को किया भाव विभोर।

इसी परिपेक्ष में जन्माष्टमी के अवसर पर ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल एवं ऋषिकेश के विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा शीशम झाड़ी स्थित मां कात्यानी के प्रांगण में अपनी मनमोहक प्रस्तुति देकर लोगों की तालियां बटोरी।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि देशी गौरक्षाशाला के संस्थापक अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास जी महाराज, महामंडलेश्वर प्रकाशानंद जी महाराज, पूर्व राज्य मंत्री संदीप गुप्ता ,वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार जैन द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास जी महाराज ने श्री कृष्ण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की संस्कृति को अभिसिंचित करने और आगे बढ़ाने में भगवान श्री कृष्ण का महान योगदान है। कृष्ण जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की याद में मनाया जाने वाला त्योहार है।

भारत की प्राचीन संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है कृष्ण जन्माष्टमी। यह त्योहार भारतीय संस्कृति और धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है, और इसे भारत और नेपाल सहित कई देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी आज के समय में भी भारतीय समाज और संस्कृति में उतने ही महत्वपूर्ण है जितने पहले थे।

इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य भगवान कृष्ण के जीवन और उनके उपदेशों का समर्पण है, जिसमें धर्म, कर्म, भक्ति, और प्रेम के महत्वपूर्ण संदेश शामिल हैं। यह त्योहार भारतीय संस्कृति और परंपराओं के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है।कृष्ण हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। उन्हें विष्णु के आठवें अवतार के रूप में माना जाता है। कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, जो उस समय कंस के शासन में था। कंस अत्याचारी शासक था, जिसने कृष्ण के जन्म से पहले ही उनकी मां देवकी और उनके सभी भाई-बहनों को मार डाला था। कृष्ण के जन्म के बाद, उन्हें नंदबाबा और यशोदा की गोद में पालन-पोषण दिया गया था।

कृष्ण ने अपने जीवन में कई चमत्कार किए और दुष्टों का संहार किया। उन्होंने कंस का वध करके पृथ्वी को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया। वह ज्ञानी, प्रेमी, शासक, महान योद्धा थे, जिन्होंने अनेक युद्धों में विजय प्राप्त की और समाज की सेवा की।

कृष्ण के जीवन से हमें कई प्रेरणादायक सीखें मिलती हैं। उन्होंने हमें प्रेम, करुणा, न्याय और सद्भाव का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने हमें बताया कि हम कैसे अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं और सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम दिया गया और कृष्ण के बाल रूप से लेकर सभी रूपों का जो प्रस्तुति दिया गया निश्चित रूप से सराहनीय और प्रशंसनीय है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से मां कात्यानी मंदिर एवं ज्ञान करतार पब्लिक स्कूल के संस्थापक अध्यक्ष गुरविंदर सिंह सलूजा, नमिता सलूजा के साथ ही सत्येंद्र कुमार शर्मा, समाजसेवी कमल सिंह राणा, योगेश पाहवा ,ब्रह्माकुमार शर्मा ,मदन मोहन शर्मा, राम चौबे ,जसवंत शर्मा, हरीश आनंद, हरकिशन सिंह ,विवेक गोस्वामी, सरिता पैनूली, ममता असवाल उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पश्चात सभी बच्चों को संस्था द्वारा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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