उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- शब्दों में क्या रखा है*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक :- 25/09/2024, बुधवार*
*अष्टमी, कृष्ण पक्ष,*
*आश्विन*
(समाप्ति काल)

तिथि———– अष्टमी 12:10:07 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र———- आर्द्रा 22:22:38
योग———- वरियान 24:16:25
करण———– कौलव 12:10:07
करण———– तैतुल 24:12:19
वार———————– बुधवार
माह———————- आश्विन
चन्द्र राशि—————– मिथुन
सूर्य राशि—————— कन्या
रितु————————- शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————–कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2080
शक संवत—————–1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————– 06:10:16
सूर्यास्त—————18:10:45
दिन काल————-12:00:28
रात्री काल————-11:59:59
चंद्रास्त—————13:49:36
चंद्रोदय————— 24:03:13
लग्न—- कन्या 8°15′ , 158°15′
सूर्य नक्षत्र——– उत्तरा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र—————— आर्द्रा
नक्षत्र पाया—————— रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

घ—- आर्द्रा 10:02:37

ङ—- आर्द्रा 16:11:19

छ—- आर्द्रा 22:22:38

के—- पुनर्वसु 28:36:30

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कन्या 08°05, उ oफाo 4 पी
चन्द्र= मिथुन 11°30 , आर्द्रा 2 घ
बुध =कन्या 03°53′ उ o फाo 3 पा
शु क्र= तुला 08°05, स्वाति’ 1 रू
मंगल=मिथुन 17°30 ‘ आर्द्रा ‘ 4 छ
गुरु=वृषभ 26°30 मृगशिरा , 2 वो
शनि=कुम्भ 20°50 ‘ पू o भा o ,1 से
राहू=(व) मीन 12°35 उo भा o, 3 झ
केतु= (व)कन्या 12°35 हस्त 1 पू

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 12:11 – 13:41 अशुभ
यम घंटा 07:40 – 09:10 अशुभ
गुली काल 10:40 – 12: 11अशुभ
अभिजित 11:47 – 12:35 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:47 – 12:35 अशुभ
वर्ज्यम 06:23 – 08:00 अशुभ
प्रदोष 18:11 – 20:37 शुभ

💮चोघडिया, दिन
लाभ 06:10 – 07:40 शुभ
अमृत 07:40 – 09:10 शुभ
काल 09:10 – 10:40 अशुभ
शुभ 10:40 – 12:11 शुभ
रोग 12:11 – 13:41 अशुभ
उद्वेग 13:41 – 15:11 अशुभ
चर 15:11 – 16:41 शुभ
लाभ 16:41 – 18:11 शुभ

🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 18:11 – 19:41 अशुभ
शुभ 19:41 – 21:11 शुभ
अमृत 21:11 – 22:41 शुभ
चर 22:41 – 24:11* शुभ
रोग 24:11* – 25:41* अशुभ
काल 25:41* – 27:11* अशुभ
लाभ 27:11* – 28:41* शुभ
उद्वेग 28:41* – 30:11* अशुभ

💮होरा, दिन
बुध 06:10 – 07:10
चन्द्र 07:10 – 08:10
शनि 08:10 – 09:10
बृहस्पति 09:10 – 10:10
मंगल 10:10 – 11:10
सूर्य 11:10 – 12:11
शुक्र 12:11 – 13:11
बुध 13:11 – 14:11
चन्द्र 14:11 – 15:11
शनि 15:11 – 16:11
बृहस्पति 16:11 – 17:11
मंगल 17:11 – 18:11

🚩होरा, रात
सूर्य 18:11 – 19:11
शुक्र 19:11 – 20:11
बुध 20:11 – 21:11
चन्द्र 21:11 – 22:11
शनि 22:11 – 23:11
बृहस्पति 23:11 – 24:11
मंगल 24:11* – 25:11
सूर्य 25:11* – 26:11
शुक्र 26:11* – 27:11
बुध 27:11* – 28:11
चन्द्र 28:11* – 29:11
शनि 29:11* – 30:11

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कन्या > 04:40 से 06:54 तक
तुला > 06:54 से 09: 02 तक
वृश्चिक > 09:02 से 11:28 तक
धनु > 11:28 से 13:38 तक
मकर > 13:38 से 16:32 तक
कुम्भ > 16:32 से 16:58 तक
मीन > 16:58 से 18:30 तक
मेष > 18:30 से 19:54 तक
वृषभ > 19:54 से 22:02 तक
मिथुन > 22:02 से 00:14 तक
कर्क > 00:14 से 02:44 तक
सिंह > 02:44 से 04:50 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 8 + 4 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

23 + 23 + 5 = 51 ÷ 7 = 2शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*अष्टमी श्राद्ध*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

आलस्योपगता विद्या परहस्तगतं धनम् ।
अल्पबीजं हतं क्षेत्रं हतं सैन्यमनायकम् ।।
।। चा o नी o।।

खाली बैठने से अभ्यास का नाश होता है. दुसरो को देखभाल करने के लिए देने से पैसा नष्ट होता है. गलत ढंग से बुवाई करने वाला किसान अपने बीजो का नाश करता है. यदि सेनापति नहीं है तो सेना का नाश होता है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विभूतियोग अo-10

सर्वमेतदृतं मन्ये यन्मां वदसि केशव ।,
न हि ते भगवन्व्यक्तिं विदुर्देवा न दानवाः ॥,

हे केशव! जो कुछ भी मेरे प्रति आप कहते हैं, इस सबको मैं सत्य मानता हूँ।, हे भगवन्‌! आपके लीलामय (गीता अध्याय 4 श्लोक 6 में इसका विस्तार देखना चाहिए) स्वरूप को न तो दानव जानते हैं और न देवता ही॥,14॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
घर के सदस्यों के स्वास्थ्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी सहयोग करेंगे।

🐂वृष
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बेवजह कहासुनी हो सकती है। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

👫मिथुन
किसी अपने के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। शारीरिक कष्ट संभव है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल होंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी।

🦀कर्क
शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। धैर्य रखें।

🐅सिंह
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कुबुद्धि हावी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों से संबंध सुधरेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है।

🙍‍♀️कन्या
शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधन जुटेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। लंब समय से रुके कार्य सहज रूप से पूर्ण होंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। शेयर मार्केट में सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शुभ समय।

⚖️तुला
घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। अज्ञात भय रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा।

🦂वृश्चिक
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी अप‍रिचित पर अतिविश्वास न करें। विवाद से क्लेश होगा। दूसरों के उकसाने में न आएं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। कोई बड़ी समस्या आ सकती है। धैर्य रखें।

🏹धनु
आंखों का ख्याल रखें। अज्ञात भय सताएगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन आ सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। लॉटरी व सट्टे से दूर रहें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन प्राप्त हो सकता है। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

🐊मकर
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग परेशानी का कारण रह सकता है। दूसरों के कार्य में दखल न दें। बड़ों की सलाह मानें। लाभ होगा। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। धैर्य रखें।

🍯कुंभ
शारीरिक कष्ट संभव है तथा तनाव रहेंगे। सुख के साधन प्राप्त होंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

🐟मीन
आराम तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। यश बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी जिसका तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। प्रमाद न करें। चोट व रोग से परेशानी संभव है।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*शब्दों में क्या रखा है*

एक बार स्वामी विवेकानंद प्रवचन दे रहे थे। उनका विषय था – ” भगवान की नाम की महिमा।” श्रोतागण भाव – विभोर होकर सुन रहे थे। तभी एक व्यक्ति खड़ा हुआ और बोला – ” स्वामी जी ! शब्दों में क्या रखा है ? उन्हें कहने से क्या लाभ वह व्यक्ति अपने को तार्किक समझता था।

स्वामी विवेकानंद ने उसे प्रेम से समझाने की कोशिश की , लेकिन वह व्यक्ति कुतर्क करता रहा। तब अंत में स्वामी जी ने उस व्यक्ति के प्रति अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कहा – तुम मूर्ख हो, तुम्हें कोई समझ नहीं है। तुम्हारे जैसे बेवकूफ एवं नालायक ही इस तरह की बातें किया करते हैं। ”

भरी सभा में अपने प्रति यह संबोधन सुनकर वह तार्किक आगबबूला हो गया और स्वामी जी से कहा – आप जैसे महान संन्यासी के मुख में ऐसे वचन शोभा नहीं देते। आपके शब्दों से मुझे बहुत चोट लगी है। ” उस व्यक्ति के कथन को सुनकर स्वामी जी हंसने लगे। सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए कि स्वामी जी को क्या हो गया है !

तब स्वामी जी ने हंसते हुए उस व्यक्ति से कहा – बंधु ! मैंने जो कहा , वे तो शब्दमात्र थे। शब्दों में क्या रखा है ? मैंने कोई पत्थर तो तुम्हें नहीं मारे थे , जो तुम इतने क्रोधित हो गए ? उस तार्किक व्यक्ति का क्रोध शांत हो गया और स्वामी जी से क्षमा याचना करने लगा कि प्रवचन देते समय स्वामी जी को उसके द्वारा टोकना उचित नहीं था।

तार्किक व्यक्ति के साथ-साथ उस सभा में उपस्थित सभी श्रोताओं को भी यह समझ में आ गया कि जब अपशब्द क्रोध का कारण बन सकता है , तो प्रिय शब्द आशीर्वाद क्यों नहीं दिलवा सकता ? प्रिय शब्द अंतःकरण में भक्ति के भाव क्यों नहीं जगा सकता ?

इस प्रकार हम देखते हैं कि ” शब्द ” में शक्ति होती है। शब्द एक ओर जहां अंतःकरण में स्थित विकारों को बाहर निकाल सकता है , वहीं दूसरी ओर हृदय में निहित भक्ति भाव को प्रस्फुटित भी कर सकता है। यह यह अपने पर निर्भर करता है कि हम किस प्रकार के शब्दों के नाम का स्मरण करते हैं – विकारों को उत्पन्न करने वाला या भक्ति-भाव को सुदृढ़ करने वाला।

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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