*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- नेवला या मेंढक प्रवित्ती?*
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कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि………………………..दक्षिणायन
मास……………………………..अश्विन
पक्ष………………………………कृष्ण
तिथी………………………अमावस्या
रात्रि 12.18 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
सूर्योदय …प्रातः 06.18.18 पर
सूर्यास्त …संध्या 06.13.47 पर
सूर्य राशि………………………कन्या
चन्द्र राशि……………………..कन्या
गुरु राशि……………………….वृषभ
नक्षत्र……………….उत्तराफाल्गुनी
दोप 12.17 पर्यंत पश्चात हस्त
योग……………………………..ब्रह्मा
रात्रि 03.11 पर्यंत पश्चात इंद्र
करण………………………..चतुष्पद
प्रातः 10.59 पर्यंत पश्चात नाग
ऋतु………………………(इष) शरद
दिन…………………………..बुधवार
💮 *आंग्ल मतानुसार* :-
02 अक्तूबर सन 2024 ईस्वी ।
👁🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.15 से 01.44 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कन्या*
05:15:39 07:26:18
*तुला*
07:26:18 09:40:56
*वृश्चिक*
09:40:56 11:57:06
*धनु*
11:57:06 14:02:43
*मकर*
14:02:43 15:49:49
*कुम्भ*
15:49:49 17:23:22
*मीन*
17:23:22 18:54:34
*मेष*
18:54:34 20:35:19
*वृषभ*
20:35:19 22:33:58
*मिथुन*
22:33:58 24:47:40
*कर्क*
24:47:40 27:03:50
*सिंह*
27:03:50 29:15:39
🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक……………………3
🔯 शुभ रंग……………………..हरा
💮 *चौघडिया :-*
प्रात: 07.49 से 09.18 तक अमृत
प्रात: 10.46 से 12.14 तक शुभ
दोप 03.11 से 04.40 तक चंचल
सायं 04.40 से 06.08 तक लाभ
रात्रि 07.40 से 09.11 तक शुभ ।
💮 *आज का मंत्र* :-
॥ ॐ गौरीतनयाय नम: ॥
*संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (नवमोऽध्यायः – राजविद्याराजगुह्ययोग:) -*
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते ।
तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम् ॥९- २२॥
जो अनन्यप्रेमी भक्तजन मुझ परमेश्वर को निरंतर चिंतन करते हुए निष्कामभाव से भजते हैं, उन नित्य-निरंतर मेरा चिंतन करने वाले पुरुषों का योगक्षेम (भगवत्स्वरूप की प्राप्ति का नाम ‘योग’ है और भगवत्प्राप्ति के निमित्त किए हुए साधन की रक्षा का नाम ‘क्षेम’ है) मैं स्वयं प्राप्त कर देता हूँ॥22॥
🍃 *आरोग्यं :*-
मुनक्का (बड़ी दाख) के औषधीय उपयोग इस
प्रकार हैं-
– शाम को सोते समय लगभग 10 या 12 मुनक्का को धोकर पानी में भिगो दें। इसके बाद सुबह उठकर मुनक्का के बीजों को निकालकर इन मुनक्कों को अच्छी तरह से चबाकर खाने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा मुनक्का खाने से खून साफ होता है और नाक से बहने वाला खून भी बंद हो जाता है। मुनक्का का सेवन 2 से 4 हफ्ते तक करना चाहिए।
– 250 ग्राम दूध में 10 मुनक्का उबालें फिर दूध में एक चम्मच घी व खांड मिलाकर सुबह पीएं। इससे वीर्य के विकार दूर होते हैं। इसके उपयोग से हृदय, आंतों और खून के विकार दूर हो जाते हैं। यह कब्जनाशक है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
किसी भी निर्णय को लेने में विवेक का प्रयोग करें। परिवार के साथ जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। व्ययवृद्धि होगी। विवाद को बढ़ावा न दें। दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त हो सकती है। लंबे समय से रुके कार्य पूर्ण होने के योग हैं। बड़ा लाभ हो सकता है। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। शत्रुओं से सावधानी आवश्यक है। हानि पहुंचाने के प्रयास करेंगे। प्रसन्नता रहेगी।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
रुका हुआ पैसा मिलने के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। राजकीय सहयोग मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। आशंका-कुशंका रहेगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। आलस्य न करें।
🦀*राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
कोर्ट व कचहरी के काम से छुटकारा मिल सकता है। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। लाभ होगा। भाग्य की अनुकूलता रहेगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। वरिष्ठ व्यक्तियों का मार्गदर्शन लाभ में वृद्धि करेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। निवेशादि मनोनुकूल रहेंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी।
🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। आत्मसम्मान बना रहेगा। कोई बड़ा काम तथा बाहर जाने का मन बनेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभदायक रहेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। धनागम होगा।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
भेंट व उपहार की प्राप्ति हो सकती है। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कोई बड़ा काम हो सकता है। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड आदि में सोच-समझकर निवेश करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
कोई बड़ी परेशानी आ सकती है। भागदौड़ अधिक होगी। शोक समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। आय होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। पुराना रोग उभर सकता है। बेवजह नकारात्मकता रहेगी। आलस्य हावी रहेगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। नौकरी में कोई नया काम कर पाएंगे। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त हो सकता है। निवेश में जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। दुष्टजन हानि पहुंचाने का प्रयत्न करेंगे। प्रसन्नता रहेगी।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आलस्य हावी रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि हो सकती है। भ्रम की स्थिति बन सकती है। किसी व्यक्ति के व्यवहार से मन को ठेस पहुंच सकती है। जल्दबाजी न करें। विवाद की स्थिति नहीं बनने दें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पार्टनरों से सहयोग प्राप्त होगा। निवेश लाभदायक रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। पूजा-पाठ में मन लगेगा। माता की सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी।
🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
आर्थिक उन्नति के लिए नई नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। लंबे समय से रुके कार्य पूर्ण होने के योग हैं, प्रयास करते रहें। आय में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी न करें।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
*🛕जय श्री राम🙏*
*💐नेवला या मेंढक प्रवित्ती?💐*
सुरेश बहुत परेशान था। पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक उसे किसी न किसी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। कभी ऑफिस में बॉस के साथ बहस हो जाती तो कभी घर पर वाइफ से तो कभी उसे किसी कलीग की बात ठेस पहुंचा दे रही थी।
उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे इसलिए वो एक आश्रम में अपने गुरु जी के पास पहुंचा और अपनी समस्या बता दी।
गुरु जी ने उसकी बात सुनी और कहने लगे-
“क्या तुम जानते हो नेवले सांप को मारकर खा जाते हैं?”
“क्या?”
“कितना अद्भुत है, ये छोटे से नेवले इतने ज़हरीले कोबरा सांप तक को मारकर खा जाते हैं। ऐसा लगता है कि इन नेवलों को साँपों ने इतनी बार काटा है कि उनके अन्दर एक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गयी है और अब उनके ऊपर इस ज़हर का कोई असर नहीं होता!”
“क्या?”,सुरेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि गुरूजी क्या बात कर रहे हैं।
“और क्या तुम जानते हो, जंगली इलाकों में एक प्रजाति के छोटे-छोटे मेंढक होते हैं जो बेहद जहरीले होते हैं। वे पैदाइशी ऐसे नहीं होते, वे रोज थोड़ा-थोड़ा कर के ऐसा खाना खाते हैं कि उनके पूरे शरीर में ज़हर भर जाता है और लोग उनसे दूर ही रहते हैं।
ये सुनकर सुरेश से रहा नहीं गया, और वह झल्लाहट में बोला, ” मुझे समझ नहीं आता कि मैंने आपसे अपनी लाइफ की एक प्रॉब्लम शेयर की और आप मुझे जंतु विज्ञान का पाठ पढ़ा रहे हैं!”
गुरु जी मुस्कुराए।
बेटा, जब तुम ज़हर रुपी दर्द या परेशानी को अनुभव करो तो तुम्हारे पास दो विकल्प होते हैं। तुम नेवले की तरह उस अनुभव को ज़हर के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में प्रयोग कर सकते हो यानि कि तुम विपरीत परिस्थितियों का सामना करके खुद को और मजबूत बना सकते हो… या तुम उन मेंढकों की तरह बन सकते हो जो ज़हर को अपने शरीर का हिस्सा बनाते जाते हैं और इसी वजह से से हर कोई उनसे दूरी बना कर रखना चाहता है।
ऐसा कोई इंसान नहीं जिसके साथ कभी कुछ बुरा नहीं होता, ऐसा होने पर कोई कैसे प्रितिक्रिया करता है ये उसके ऊपर है!
बताओ तुम कैसे बनना चाहोगे…नेवले की तरह या मेंढक के जैसे?
जीवन में कटु अनुभव को टाला नहीं जा सकता। जो किया जा सकता है वो ये कि हम इन अनुभवों को कैसे लेते हैं…हम खुद पे इनका क्या असर होने देते हैं। किसी खट्टे अनुभव की वजह से खुद में खटास ला देना आसान ज़रूर है पर ऐसा करना हमें उन मेंढकों की तरह ज़हरीला बना देता है और धीरे-धीरे हमारे मित्रों, रिश्तेदारों और सम्बंधियों को हमसे दूर करने लगता हैं…लेकिन अगर हम उस कटु अनुभव को सकारात्म रूप से लेते हैं और खुद को मजबूत बनाते हैं तो हम उन नेवलों की तरह सशक्त हो जाते हैं और फिर बड़ी से बड़ी बाधाओं को पार करना सीख जाते हैं। इसलिए चलिए प्रयास करें कि जीवन में आने वाली बाधाओं की वजह से हम उनसे पार पाना सीखें ना कि खुद ही समस्या बन जाएं!