*ऋषिकेश- गौ माता को महाराष्ट्र में राज्यमाता का दर्जा मिलने के बाद ऋषिकेश में संतों की हुई बैठक-सरकार से की मांग यहां भी हो घोषित*
देव भूमि जे के न्यूज,01/10/2024-ऋषिकेश : अखिल भारतीय संत समिति ,विरक्त वैष्णो मंडल संत समाज ने एक बैठक आयोजित कर महाराष्ट्र में गौ माता को राज्य माता का दर्जा देने के फैसले का स्वागत किया है। संतों ने चर्चा कर उत्तराखंड में भी गौ माता का दर्जा देने की मांग की है उत्तराखंड सरकार से।
संतों ने बैठक में खासतौर पर देसी गाय के विलुप्त होने और उनकी बदतर स्थिति को देखते हुए और उत्तराखंड के पहाड़ों में जो बद्री गाय हैं उसके लुप्त होने को लेकर चिंता जाहिर की और इनके संरक्षण के लिए राज्य सरकार से तत्काल प्रभाव से इस पर अमल करने की मांग की है। इस अवसर पर तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में जल्द से जल्द गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिया जाना चाहिए यह सबसे पहले होना चाहिए था लेकिन महाराष्ट्र सरकार के फैसले का हम स्वागत करते हैं लेकिन उत्तराखंड जैसे देवभूमि से राज्य माता का दर्जा देना देने की जो फैसला अगर आता है तो यह अच्छी बात होगी और संत समाज इसका स्वागत करेगा और जल्दी ही इस मामले पर हम मुख्यमंत्री से मिलने भी जाएंगे। उत्तराखंड मैं जो देसी गाय का पालन पोषण करता है उसको सरकार के द्वारा संरक्षित और योजना के माध्यम से उसको लाभान्वित भी करे।
इस अवसर पर बैठक पर बोलते हुए
माता ज्योतिरमयानन्द सरस्वती ने मांग की गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हम यह मांग करते हैं। महाराष्ट्र सरकार का फैसला काबिले तारीफ है।
साध्वी जूनागढ़ कौशिकी गिरी मां निर्वाणी पंचायती अखाड़े से संबंध रखती हैं उन्होंने मांग की है कि उत्तराखंड में जल्द से जल्द इसको गौ माता का दर्जा दिया जाए महाराष्ट्र सरकार के फैसले का हम स्वागत करते हैं।
महंत उमेशांन्द महाराज ने मांग की है कि उत्तराखंड में सबसे पहले होना चाहिए था यह फैसला ।गो वंश की सुरक्षा और उसको संरक्षण के लिए राज्य सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए।
समाजसेविका बीना गुप्ता ने मांग की है कि विद्यालयों में वह छोटे बच्चों को गाय के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जाए युवाओं को खासतौर पर इसको समझने की जरूरत है गाय का दूध और गए कितनी महत्वपूर्ण है समझ में।
इस मौके पर तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि पर प्रपन्नाचार्य महाराज स्वामी उमेश आनंद महाराज, साध्वी कौशिकी गिरी, साध्वी ज्योतिर्म्यानन्द सरस्वती व अन्य मौजूद रहे।
महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, महामंडलेश्वर बिंद्रावन दास महाराज, युवराज संत गोपालाचार्य, जगत गुरु उत्त्तराखण्ड पीठाधीश्वर कृष्णाचार्य जी महाराज, आलोक हरि, करुणा शरण आदि ने महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर हर्ष ब्यक्त किया है।