*श्रीराम ने शिव धनुष तोड़ रचाया सीता से ब्याह*
देव भूमि जे के न्यूज,ऋषिकेश 07 अक्टूबर 2024*
वर्ष 1955 से स्थापित पौराणिक सुभाष बनखंडी श्री रामलीला में चौथे दिन भगवान श्री रामचंद्र जी शंकर भगवान का पुराना धनुष तोड़ माता सीता से विवाह रचाया। यह दृश्य देख राम भक्तों ने आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया।
सुभाष बनखंडी में आयोजित रामलीला मैदान में चौथे दिन की लीला सीता स्वयंवर में रावण बाणासुर संवाद और लक्ष्मण परशुराम संवाद की लीला का मंचन किया गया। अध्यक्ष विनोद पाल ने बताया कि राजा जनक के बुलावे पर विश्वामित्र अपने साथ श्री राम और लक्ष्मण को लेकर स्वयंवर देखने के लिए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि स्वयंवर में रावण भी पहुंचता है। मगर, धनुष उठाने के लिए पाताल लोक का राजा वाणासुर उसे मना करते हुए रहस्यमयी आकाशवाणी करता है, जिस पर रावण को स्वयंबर से जाना पड़ता है। उधर, धनुष को उठा तक न पाने से चिंतित राजा जनक निराश हो जाते हैं और क्षत्रिय वंश को चुनौती दे देते है। यह सुन लक्ष्मण क्रोधित हो जाते है। इसके बाद श्रीराम लक्ष्मण को समझाते हैं।
इसी बीच मुनि विश्वामित्र श्री राम को धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने की आज्ञा देते हैं जिसे मानकर श्री राम से धनुष पर प्रत्यंचा चलाते वक्त टूट जाता है इसके बाद श्री राम और माता सीता का विवाह होता है। इस दौरान राम भक्तों में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है। तभी अचानक भरे स्वयंवर में परशुराम आ पहुंचते हैं और शिव के धनुष को टूटा देख आग बबूला हो जाते हैं जिस पर लक्ष्मण उनके गुस्से को और भी बढ़ा देते हैं उसके बाद श्री राम परशुराम को यह बताते हैं कि शिव का धनुष उन्हीं के द्वारा तोड़ा गया है। परशुराम इसका परीक्षण भी करते हैं।
इस दौरान आतिशबाजी कर मिष्ठान वितरण किया गया। इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष विनोद पाल, महामंत्री हरीश तिवाडी, हुकुमचंद, रोहतास पाल, सुरेंद्र कुमार, राजेश कुमार, बाली पाल, अशोक मौर्य, सतीश पाल, पवन पाल, लविश पाल, दीपक जोशी, राकेश जैन, मयंक शर्मा, विनायक कुमार आदि सैकड़ो की संख्या में रामभक्त मौजूद रहे।