उत्तराखंड

*स्वामी समर्पण आश्रम में शारदीय नवरात्रि पर हुआ अनेकों धार्मिक आयोजन*

देव भूमि जे के न्यूज ऋषिकेश,2024
लक्ष्मण झूला स्थित घुघतानी ग्राम में स्वामी समर्पण आश्रम, तपोवन के अध्यक्ष स्वामी समर्पणानन्द सरस्वती जी द्वारा कई वर्षों से शारदीय नवरात्रि पर योग और नवरात्री का प्रचार प्रसार करते आ रहे है. स्वामी जी ने अपने आश्रम में देश-विदेश से आए योग प्रेमियों को योग,प्राणायाम, भारतीय संस्कृति, ध्यान से साक्षात्कार कराने का काम कर रहे हैं।

स्वामिजी ने कहा कि सम्पूर्ण मानवता और विश्व शांति के लिए योग गुरु, ऋषि-मुनियों द्वारा प्राचीन योग पद्धति और नवरात्री जैसे संस्कृति को सिखाना चाहिए।
आइए यह गुरु परंपरा आगे बढ़ाते है साथ ही साथ स्वस्थ जीवन के लिए हम योग, ध्यान और प्राणायाम अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और दूसरों को भी योग करने के लिए प्रेरित करें योग अभ्यास और माध्यम से विश्व शांति सम्भव है और भारत विश्व गुरु बन सकता है।

स्वामी जी ने कहा, सम्पूर्ण मानवता और विश्व शांति के लिए योग गुरु, ऋषि-मुनियों द्वारा प्राचीन नवरात्रि मे माँ दुर्गा की आराधना की जाती है।

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से होती है और आखिरी दिन विजया“विजयादशमी (दशहरा) के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भगवान राम ने लंकापति रावण को और देवी दुर्गा ने महिषासुर को मारकर विजय प्राप्त की थी. एक कथा के अनुसार, माता भगवती देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर के साथ नौ दिन तक युद्ध किया उसके बाद नवमी की रात्रि को उसका वध किया. उस समय से देवी माता को ‘महिषासुरमर्दिनी’ के नाम से जाना जाता है। तभी से मां दुर्गा की शक्ति को समर्पित नवरात्रि का व्रत करते हुए इनके 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है।

नवरात्रि साधना का मुख्य उद्देश्य हमारे अंदर की पशुता को बिंदुरूप कर विराट देवत्व की प्रतिस्थापना है। भारतीय गृहस्थ जीवन शक्तिपूजन, व्यक्तित्व संवर्धन एवं आध्यात्मिक चेतना जाग्रत करने का एक विराट संकल्प है। मां दुर्गा की पूजन से हमारे समाज में स्त्रियों को माता, देवी एवं पूज्य का स्थान प्राप्त होता है।

इस अवसर पर स्वामी श्री समर्पणानंद आश्रम में अश्विन मास के शुभ नवरात्रि में आचार्य पुरुषोत्तम जी महाराज जी के पावन सानिध्य में नौ दिन का नवरात्रि पाठ एवं कन्या पुजन सम्पन्न हुआ इस शुभ अवसर पर आश्रम के समस्त सन्त एवं भक्तगण मौजूद रहे।

Devbhumi jknews

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