उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- स्वास्थ्य “शरीर” पर नहीं “मन” पर निर्भर है*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 20/10/2024, रविवार*
*तृतीया, कृष्ण पक्ष,*
*कार्तिक*
(समाप्ति काल)

तिथि———– तृतीया 06:45:38 तक
तिथि—– चतुर्थी 28:16:29 (क्षय )
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र——— कृत्तिका 08:30:35
योग———- व्यतिपत 14:10:27
करण——- विष्टि भद्र 06:45:39
करण————– बव 17:26:21
करण———- बालव 28:16:29
वार———————– रविवार
माह——————— कार्तिक
चन्द्र राशि—————– वृषभ
सूर्य राशि——————- तुला
रितु————————- शरद
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर (उत्तर)———— कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2080
शक संवत—————- 1946
कलि संवत————— 5125
सूर्योदय————– 06:23:25
सूर्यास्त————– 17:43:58
दिन काल———— 11:20:33
रात्री काल————–12:40:03
चंद्रास्त————– 09:28:10
चंद्रोदय—————- 19:54:52
लग्न—- तुला 2°55′ , 182°55′
सूर्य नक्षत्र—————— चित्रा
चन्द्र नक्षत्र—————- कृत्तिका
नक्षत्र पाया—————— लोहा

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

ए—-कृत्तिका 08:30:35

ओ—- रोहिणी 14:01:46

वा—- रोहिणी 19:35:12

वी—- रोहिणी 25:11:03

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= तुला 02°45, चित्रा 3 रा
चन्द्र=वृषभ 08°30 , कृतिका 4 ए
बुध =तुला 15°53′ स्वाति 3 रो
शु क्र= वृश्चिक 08°05, अनुराधा’ 2 नी
मंगल=मिथुन 29°30 ‘ पुनर्वसु’ 3 हा
गुरु=वृषभ 26°30 मृगशिरा , 2 वो
शनि=कुम्भ 19°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 11°15 उo भा o, 3 झ
केतु= (व)कन्या 11°15 हस्त 1 पू

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 16:19 – 17:44 अशुभ
यम घंटा 12:04 – 13:29 अशुभ
गुली काल 14:54 – 16: 19अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:26 शुभ
दूर मुहूर्त 16:13 – 16:59 अशुभ
वर्ज्यम 23:19 – 24:49* अशुभ
प्रदोष 17:44 – 20:18 शुभ

💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 06:23 – 07:48 अशुभ
चर 07:48 – 09:14 शुभ
लाभ 09:14 – 10:39 शुभ
अमृत 10:39 – 12:04 शुभ
काल 12:04 – 13:29 अशुभ
शुभ 13:29 – 14:54 शुभ
रोग 14:54 – 16:19 अशुभ
उद्वेग 16:19 – 17:44 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
शुभ 17:44 – 19:19 शुभ
अमृत 19:19 – 20:54 शुभ
चर 20:54 – 22:29 शुभ
रोग 22:29 – 24:04* अशुभ
काल 24:04* – 25:39* अशुभ
लाभ 25:39* – 27:14* शुभ
उद्वेग 27:14* – 28:49* अशुभ
शुभ 28:49* – 30:24* शुभ

💮होरा, दिन
सूर्य 06:23 – 07:20
शुक्र 07:20 – 08:17
बुध 08:17 – 09:14
चन्द्र 09:14 – 10:10
शनि 10:10 – 11:07
बृहस्पति 11:07 – 12:04
मंगल 12:04 – 13:00
सूर्य 13:00 – 13:57
शुक्र 13:57 – 14:54
बुध 14:54 – 15:51
चन्द्र 15:51 – 16:47
शनि 16:47 – 17:44

🚩होरा, रात
बृहस्पति 17:44 – 18:47
मंगल 18:47 – 19:51
सूर्य 19:51 – 20:54
शुक्र 20:54 – 21:57
बुध 21:57 – 23:01
चन्द्र 23:01 – 24:04
शनि 24:04* – 25:07
बृहस्पति 25:07* – 26:11
मंगल 26:11* – 27:14
सूर्य 27:14* – 28:17
शुक्र 28:17* – 29:21
बुध 29:21* – 30:24

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

तुला > 05:10 से 07: 26 तक
वृश्चिक > 07:26 से 09:48 तक
धनु > 09:48 से 12:04 तक
मकर > 12:04 से 14:56 तक
कुम्भ > 14:56 से 15:20 तक
मीन > 15:20 से 16:56 तक
मेष > 16:56 से 18:16 तक
वृषभ > 18:16 से 20:24 तक
मिथुन > 20:24 से 22:32 तक
कर्क > 22:32 से 01:06 तक
सिंह > 01:06 से 02:56 तक
कन्या > 02:56 से 05:06 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 3 + 1 + 1 = 20 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

18 + 18 + 5 = 41 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक , कष्ट कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

प्रातः 06:46 तक समाप्त

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*करवा चौथ व्रत चन्द्रोदय रात्रि 19:54*

*रोहिणी व्रत*

*चतुर्थी क्षय*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

अग्निर्देवो द्विजातीनां मुनीनां हृदि दैवतम् ।
प्रतिमा त्वल्पबुध्दीनां सर्वत्र समदर्शिनाम् ।।
।। चा o नी o।।

द्विज अग्नि में भगवान् देखते है.
भक्तो के ह्रदय में परमात्मा का वास होता है.
जो अल्प मति के लोग है वो मूर्ति में भगवान् देखते है.
लेकिन जो व्यापक दृष्टी रखने वाले लोग है, वो यह जानते है की भगवान सर्व व्यापी है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विभूतियोग अo-10

दण्डो दमयतामस्मि नीतिरस्मि जिगीषताम्‌ ।,
मौनं चैवास्मि गुह्यानां ज्ञानं ज्ञानवतामहम्‌ ॥,

मैं दमन करने वालों का दंड अर्थात्‌ दमन करने की शक्ति हूँ, जीतने की इच्छावालों की नीति हूँ, गुप्त रखने योग्य भावों का रक्षक मौन हूँ और ज्ञानवानों का तत्त्वज्ञान मैं ही हूँ॥,38॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
यात्रा मनोनुकूल रहेगी। कारोबार से संतुष्टि रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। प्रयास सफल रहेंगे। बुद्धि का प्रयोग करें। प्रमाद न करें। निवेश से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा। व्यापार-व्यवसाय में उत्साह से काम कर पाएंगे। भाग्य अनुकूल है, जल्दबाजी न करें। प्रसन्नता रहेगी।

🐂वृष
आंखों का विशेष ध्यान रखें। चोट व रोग से बचाएं। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। आय बनी रहेगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। थकान महसूस होगी। सहकर्मी सहयोग नहीं करेंगे। चिंता रहेगी।

👫मिथुन
व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। रोजगार मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट मनोनुकूल लाभ देगा। बुद्धि का प्रयोग करें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई अनहोनी होने की आशंका रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा।

🦀कर्क
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। बिछड़े मित्र व संबंधी मिलेंगे। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में सहकर्मी सहयोग करेंगे। लाभ होगा। जल्दबाजी व लापरवाही से हानि होगी। राजकीय कोप भुगतना पड़ सकता है। विवाद न करें।

🐅सिंह
आय में निश्चितता रहेगी। शत्रु शांत रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय से लाभ होगा। बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। दौड़धूप की अधिकता का स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा। थकान व कमजोरी रह सकती है। वाणी में कड़े शब्दों के इस्तेमाल से बचें। दूसरों की बातों में नहीं आएं।

🙍‍♀️कन्या
किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा पाएंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। लेन-देन में सावधानी रखें। लाभ होगा।

⚖️तुला
स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। मनपसंद रोजगार मिलेगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कर्ज समय पर चुका पाएंगे। बैंक-बैलेंस बढ़ेगा। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। शेयर मार्केट से लाभ होगा। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। तनाव रहेगा।

🦂वृश्चिक
आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। बनते कामों में बाधा उत्पन्न होगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। काम में मन नहीं लगेगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश से लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेंगे।

🏹धनु
वाहन, मशीनरी व अग्नि के प्रयोग में सावधानी रखें। विशेषकर गृहिणियां लापरवाही न करें। आवश्यक वस्तुएं गुम हो सकती हैं। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे।

🐊मकर
धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश लाभ देगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जल्दबाजी से हानि संभव है।

🍯कुंभ
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। व्यापार में वृद्धि होगी। स्त्री वर्ग से समयानुकूल सहायता प्राप्त होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। वाणी में शब्दों का प्रयोग सोच-समझकर करें। प्रतिद्वंद्विता में कमी होगी।

🐟मीन
बिगड़े काम बनेंगे। निवेश मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। कोई पुराना रोग बाधा का कारण हो सकता है। सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। विरोध होगा। आर्थिक नीति में परिवर्तन होगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। तत्काल लाभ नहीं होगा।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*आयु स्वास्थ्य मनस्य्*

*स्वास्थ्य “शरीर” पर नहीं “मन” पर निर्भर है*

*यूनान के प्रसिद्ध प्राचीन चिकित्सा शास्त्री और संत इब्नेसिया से किसी ने पूछा कि “मृत्यु पर्यंत “युवा” और “स्वस्थ” रहने के लिए हमें क्या करना चाहिए ? इब्नेसिया ने जो उत्तर दिया वह बहुत ही साधारण था । उन्होंने कहा – आजीवन “युवा” और “स्वस्थ” रहने के लिए किसी कठिन या विशेष उपाय की आवश्यकता नहीं है । आवश्यकता इस बात की है कि हम अपनी भूलों को सुधार लें और भ्रांतियों से छुटकारा पा लें।*

*क्या हैं वे भूलें, जो असमय ही बुढ़ापा ला देती हैं और क्या हैं वे भ्रांतियां जो रोग और बीमारियों को निमंत्रण देती हैं ? इसका उत्तर भी साधारण सा ही है कि मनुष्य अपने आहार – विहार और आचार – विचार को न जाने क्यों इतना बिगाड़ लेता है कि स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो जाता है? वस्तुत: किसी को स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टरों से सलाह लेने और मल्टीविटामिन, टॉनिकों के सेवन की आवश्यकता नहीं है, डॉक्टर की सलाह और औषधियों का सेवन तो तब आवश्यक है जब बीमार पड़ा जाए ।
प्रश्न उठता है कि अस्वस्थ हुआ ही क्यों जाए ? स्वस्थ रहना अपने हाथ की बात है तो रोगी होना भी अपनी ही इच्छा पर निर्भर है ।चाहें तो स्वस्थ रहें, चाहें बीमार पड़ें ।

भोजन का असंयम, दिनचर्या की अनियमितता, श्रम – विश्राम का असंतुलन और कृत्रिम अप्राकृतिक जीवन ही वे कारण हैं जो मनुष्य के स्वास्थ्य को चौपट करते हैं। अन्यथा भोजन में सादगी और संयम रखा जाए, नियमित दिनचर्या बनाकर रहा जाए, पर्याप्त श्रम और पर्याप्त विश्राम किया जाए तो शरीर यंत्र के किसी कलपुर्जे को बिगड़ने- गड़बड़ाने की स्थिति ही नहीं आती और लंबे समय तक स्वस्थ, निरोग और शक्तिशाली रहा जा सकता है।

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