*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -कुंदन काका की कुल्हाड़ी*
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📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5126
विक्रम संवत्……………………2081
शक संवत्………………………1946
मास…………………………….कार्तिक
पक्ष………………………………..शुक्ल
तिथी…………………………..प्रतिपदा
रात्रि 08.19 पर्यंत पश्चात द्वितीया
रवि…………………………दक्षिणायन
सूर्योदय ………..प्रातः 06.21.00 पर
सूर्यास्त………..संध्या 05.48.57 पर
सूर्य राशि………………………….तुला
चन्द्र राशि…………………………तुला
गुरु राशी…………………………वृषभ
नक्षत्र………………………….विशाखा
दुसरे दिन प्रातः 05.51 पर्यंत पश्चात अनुराधा
योग………………………….आयुष्मान
प्रातः 11.15 पर्यंत पश्चात सौभाग्य
करण…………………………..किस्तुघं
प्रातः 07.21 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु…………………………(उर्ज) शरद
दिन……………………………..शनिवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
02 नवम्बर सन 2024 ईस्वी ।
*तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
*गोवर्धन पूजा :: अन्नकूट :: धोक पड़वा :: भाई दूज :: चित्रगुप्त जयंती :: यम द्वितीया-*
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। गोवर्धन को ‘अन्नकूट पूजा’ भी कहा जाता है। दिवाली के अगले दिन पड़ने वाले त्योहार पर लोग घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं और परिक्रमा लगाते हैं। इस दिन भगवान को अन्नकूट का भोग लगाकर सभी को प्रसाद दिया जाता है।
गोवर्धन पूजा की कथा…
श्री कृष्ण ने देखा कि सभी बृजवासी इंद्र की पूजा कर रहे थे। जब उन्होंने अपनी मां को भी इंद्र की पूजा करते हुए देखा तो सवाल किया कि लोग इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? उन्हें बताया गया कि वह वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती और हमारी गायों को चारा मिलता है। तब श्री कृष्ण ने कहा ऐसा है तो सबको गोर्वधन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गायें तो वहीं चरती हैं।
उनकी बात मान कर सभी ब्रजवासी इंद्र की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। देवराज इन्द्र ने इसे अपना अपमान समझा और प्रलय के समान मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। तब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा कर ब्रजवासियों की भारी बारिश से रक्षा की थी। इसके बाद इंद्र को पता लगा कि श्री कृष्ण वास्तव में विष्णु के अवतार हैं और अपनी भूल का एहसास हुआ। बाद में इंद्र देवता को भी भगवान कृष्ण से क्षमा याचना करनी पड़ी। इन्द्रदेव की याचना पर भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और सभी ब्रजवासियों से कहा कि अब वे हर साल गोवर्धन की पूजा कर अन्नकूट पर्व मनाए। तब से ही यह पर्व गोवर्धन के रूप में मनाया जाता है।
☸ शुभ अंक……………………..2
🔯 शुभ रंग…………………….नीला
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.47 से 12.32 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 09.22 से 10.46 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त -*
*तुला*
05:28:02 07:42:36
*वृश्चिक*
07:42:36 09:58:50
*धनु*
09:58:50 12:04:26
*मकर*
12:04:26 13:51:33
*कुम्भ*
13:51:33 15:25:05
*मीन*
15:25:05 16:56:17
*मेष*
16:56:17 18:37:02
*वृषभ*
18:37:02 20:35:41
*मिथुन*
20:35:41 22:49:24
*कर्क*
22:49:24 25:05:34
*सिंह*
25:05:34 27:17:22
*कन्या*
27:17:22 29:28:02
🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा – यदि आवश्यक हो तो अदरक या उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.58 से 09.22 तक शुभ
दोप. 12.09 से 01.32 तक चर
दोप. 01.32 से 02.56 तक लाभ
दोप. 02.56 से 04.20 तक अमृत
संध्या 05.43 से 07.20 तक लाभ
रात्रि 08.56 से 10.33 तक शुभ ।
💮 *आज का मंत्र :-*
।। ॐ गोविन्दाय नम: ।।
📢 *संस्कृत सुभाषितानि -*
*श्रीमद्भगवतगीता (राजविद्याराजगुह्ययोग:) -*
वक्तुमर्हस्यशेषेण दिव्या ह्यात्मविभूतयः ।
याभिर्विभूतिभिर्लोका-निमांस्त्वं व्याप्य तिष्ठसि ॥१०- १६॥
अर्थात :
इसलिए आप ही उन अपनी दिव्य विभूतियों को संपूर्णता से कहने में समर्थ हैं, जिन विभूतियों द्वारा आप इन सब लोकों को व्याप्त करके स्थित हैं॥16॥
🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*रूसी को जड़ से खत्म करने के आयुर्वेदिक उपचार :-*
*बेसन और दही :*
दही की एक छोटे कटोरी में दो चम्मच बेसन को मिलाएं। फिर इसमें आधा चम्मच नींबू मिलाएं। इसके बाद अपने सिर पर इस मिश्रण को लगाएं और इसे तीस मिनट के लिए छोड़ दें। दही और बेसन सबसे अच्छे हेयर क्लींजर है। यह स्कैल्प की सफाई में सहायता करते हैं।
*नारियल तेल के साथ कपूर :*
नारियल तेल और कपूर के बहुत ही फायदे हैं। इसे सिर में लगाने से डैंड्रफ की समस्या दूर होती है। इसके लिए कपूर और नारियल तेल को मिलाकर एक बोतल में स्टोर करें और बिस्तर पर जाने से पहले प्रत्येक रात को इसे लगाएं। कपूर आपके सिर को शांत करता है और रूसी को कम करने में मदद करता है।
*दही और नींबू :*
एक कटोरी दही में दो नींबू को छिड़कना स्वच्छ और साफ़ स्कैल्प पाने के लिए सबसे अच्छे आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है। नींबू एक अच्छा डैंड्रफ किलर है तथा दही एक मॉइस्चराइज़र के रूप में कार्य करता है और आपके सिर को शांत रखता है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। लाभ के मौके बार-बार प्राप्त होंगे। विवेक का प्रयोग करें। बेकार बातों में समय नष्ट न करें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में तरक्की के योग हैं। व्यापार की गति बढ़ेगी। लाभ में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
कोई बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। किसी विशेष क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने की इच्छा रहेगी। प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। कोई पुरानी व्याधि परेशानी का कारण बनेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। चोट व रोग से बचें। सेहत का ध्यान रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। कोर्ट व कचहरी के अटके कामों में अनुकूलता आएगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। ऐसा कोई कार्य न करें जिससे बाद में पछताना पड़े। जोखिम न लें। बोलचाल में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। प्रतिद्वंद्विता कम होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। सभी काम पूर्ण होंगे। जल्दबाजी न करें। कोर्ट व कचहरी में लंबित कार्य पूरे होंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा।
👩🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
संचित कोष में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझ्कर निवेश करें। संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। झंझटों से दूर रहें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। रोजगार में वृद्धि तथा बेरोजगारी दूर होगी। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। व्यापार मनोनुकूल रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। प्रमाद न करें। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा लाभदायक रहेगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में कमी रह सकती है। दु:खद समाचार की प्राप्ति संभव है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। बेवजह विवाद की स्थिति बन सकती है। दूसरों के उकसाने में न आकर महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं लें, लाभ होगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। प्रमाद न करें। जल्दबाजी में कोई काम न करें। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में मनोनुकूल लाभ होगा। प्रमाद न करें। किसी भी निर्णय को लेने में जल्दबाजी न करें। भ्रम की स्थिति बन सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। थकान व कमजोरी महसूस होगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
घर-बाहर सहयोग प्राप्त होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। बेरोजगारी दूर होगी। अचानक कहीं से लाभ के आसार नजर आ सकते हैं। किसी बड़ी समस्या से निजात मिलेगी। निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है।
🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
आज किसी से भी मजाक न करें, वर्ना मामला गड़बड़ हो सकता है। नकारात्मकता रहेगी। अकारण क्रोध होगा। फालतू खर्च होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। जोखिम न लें। आंखों को चोट व रोग से बचाएं। कीमती वस्तु गुम हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
*🛕जय श्री राम🙏*
*💐कुंदन काका की कुल्हाड़ी💐*
कुंदन काका एक फैक्ट्री में पेड़ काटने का काम करते थे. फैक्ट्री मालिक उनके काम से बहुत खुश रहता और हर एक नए मजदूर को उनकी तरह कुल्हाड़ी चलाने को कहता. यही कारण था कि ज्यादातर मजदूर उनसे जलते थे.
एक दिन जब मालिक काका के काम की तारीफ कर रहे थे तभी एक नौजवान हट्टा-कट्टा मजदूर सामने आया और बोला, “मालिक! आप हमेशा इन्ही की तारीफ़ करते हैं, जबकि मेहनत तो हम सब करते हैं… बल्कि काका तो बीच-बीच में आराम भी करने चले जाते हैं, लेकिन हम लोग तो लगातार कड़ी मेहनत करके पेड़ काटते हैं.
इस पर मालिक बोले, “भाई! मुझे इससे मतलब नहीं है कि कौन कितना आराम करता है, कितना काम करता है, मुझे तो बस इससे मतलब है कि दिन के अंत में किसने सबसे अधिक पेड़ काटे….और इस मामले में काका आप सबसे 2-3 पेड़ आगे ही रहते हैं…जबकि उनकि उम्र भी हो चली है.”
मजदूर को ये बात अच्छी नहीं लगी.
वह बोला-
अगर ऐसा है तो क्यों न कल पेड़ काटने की प्रतियोगिता हो जाए. कल दिन भर में जो सबसे अधिक पेड़ काटेगा वही विजेता बनेगा.
मालिक तैयार हो गए.
अगले दिन प्रतियोगिता शुरू हुई. मजदूर बाकी दिनों की तुलना में इस दिन अधिक जोश में थे और जल्दी-जल्दी हाथ चला रहे थे.
लेकिन कुंदन काका को तो मानो कोई जल्दी न हो. वे रोज की तरह आज भी पेड़ काटने में जुट गए.
सबने देखा कि शुरू के आधा दिन बीतने तक काका ने 4-5 ही पेड़ काटे थे जबकि और लोग 6-7 पेड़ काट चुके थे. लगा कि आज काका हार जायेंगे.
ऊपर से रोज की तरह वे अपने समय पर एक कमरे में चले गए जहाँ वो रोज आराम करने जाया करते थे.
सबने सोचा कि आज काका प्रतियोगिता हार जायेंगे.
बाकी मजदूर पेड़ काटते रहे, काका कुछ देर बाद अपने कंधे पर कुल्हाड़ी टाँगे लौटे और वापस अपने काम में जुट गए.
तय समय पर प्रतियोगिता ख़त्म हुई.
अब मालिक ने पेड़ों की गिनती शुरू की.
बाकी मजदूर तो कुछ ख़ास नहीं कर पाए थे लेकिन जब मालिक ने उस नौजवान मजदूर के पेड़ों की गिनती शुरू की तो सब बड़े ध्यान से सुनने लगे…
1..2…3…4…5…6..7…8…9..10…और ये 11!
सब ताली बजाने लगे क्योंकि बाकी मजदूरों में से कोई 10 पेड़ भी नहीं काट पाया था.
अब बस काका के काटे पेड़ों की गिनती होनी बाकी थी…
मालिक ने गिनती शुरू कि…1..2..3..4..5..6..7..8..9..10 और ये 11 और आखिरी में ये बारहवां पेड़….मालिक ने ख़ुशी से ऐलान किया…
कुंदन काका प्रतियोगिता जीत चुके थे…उन्हें 1000 रुपये इनाम में दिए गए…तभी उस हारे हुए मजदूर ने पूछा, “काका, मैं अपनी हार मानता हूँ..लेकिन कृपया ये तो बताइये कि आपकी शारीरिक ताकत भी कम है और ऊपर से आप काम के बीच आधे घंटे विश्राम भी करते हैं, फिर भी आप सबसे अधिक पेड़ कैसे काट लेते हैं?”
इस पर काका बोले-
बेटा बड़ा सीधा सा कारण है इसका जब मैं आधे दिन काम करके आधे घंटे विश्राम करने जाता हूँ तो उस दौरान मैं अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज कर लेता हूँ, जिससे बाकी समय में मैं कम मेहनत के साथ तुम लोगों से अधिक पेड़ काट पाता हूँ.
सभी मजदूर आश्चर्य में थे कि सिर्फ थोड़ी देर धार तेज करने से कितना फर्क पड़ जाता है.
दोस्तों, आप जिस क्षेत्र में भी हों…. आपकी योग्यता आपकी कुल्हाड़ी है जिससे आप अपने पेड़ काटते हैं… यानी अपना काम पूरा करते हैं…. शुरू में आपकी कुल्हाड़ी जितनी भी तेज हो…समय के साथ उसकी धार मंद पड़ती जाती है…
उदाहरण के लिए- भले ही आप कम्प्यूटर साइंस के अग्रणी रहे हों…लेकिन अगर आप नयी तकनीक, नयी भाषा नहीं सीखेंगे तो कुछ ही सालों में आप पुराने हो जायेंगे आपकी आपकी धार मंद पड़ जायेगी.
इसीलिए हर एक व्यक्ति को कुंदन काका की तरह समय-समय पर अपनी धार तेज करनी चाहिए…अपने उद्योग से जुड़ी नयी बातों को सीखना चाहिए, नयी विधि को प्राप्त करना चाहिए और तभी सैकड़ों-हज़ारों लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बना पायेंगे, आप अपने क्षेत्र के विजेता बन पायेंगे!
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*