उत्तराखंड

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग – उल्लू के हक में फैसला*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 10/11/2024, रविवार*
*नवमी, शुक्ल पक्ष,*
*कार्तिक*
(समाप्ति काल)

तिथि———– नवमी 21:00:39 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———– धनिष्ठा 10:58:42
योग————- ध्रुव 25:40:44
करण———- बालव 09:56:35
करण———– कौलव 21:00:39
वार———————– रविवार
माह———————- कार्तिक
माह———————- कार्तिक
चन्द्र राशि—————- कुम्भ
सूर्य राशि—————— तुला
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत——————1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————– 06:37:40
सूर्यास्त————— 17:28:16
दिन काल———— 10:50:36
रात्री काल————- 13:10:09
चंद्रोदय————– 13:49:38
चंद्रास्त————— 25:22:47
लग्न—-तुला 23°56′ , 203°56′
सूर्य नक्षत्र————— विशाखा
चन्द्र नक्षत्र—————– धनिष्ठा
नक्षत्र पाया——————- ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

गे—- धनिष्ठा 10:58:42

गो—- शतभिषा 16:41:44

सा—- शतभिषा 22:22:50

सी—- शतभिषा 28:02:01

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= तुला 23°45, विशाखा 1 ती
चन्द्र=कुम्भ 20°30 , श्रवण 4 खो
बुध =वृश्चिक 14°52 ‘ अनुराधा 4 ने
शु क्र= धनु 03°05, मूल’ 1 ये
मंगल=कर्क 07°30 ‘ पुष्य ‘ 2 हे
गुरु=वृषभ 25°30 मृगशिरा, 1 वे
शनि=कुम्भ 18°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 10°05 उo भा o, 3 झ
केतु= (व)कन्या 10°05 हस्त 1 पू

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 16:07 – 17:28 अशुभ
यम घंटा 12:03 – 13:24 अशुभ
गुली काल 14:46 – 16: 07अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 16:02 – 16:45 अशुभ
वर्ज्यम 17:50 – 19:21 अशुभ
प्रदोष 17:28 – 20:09 शुभ

🚩पंचक ¹ अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 06:38 – 07:59 अशुभ
चर 07:59 – 09:20 शुभ
लाभ 09:20 – 10:42 शुभ
अमृत 10:42 – 12:03 शुभ
काल 12:03 – 13:24 अशुभ
शुभ 13:24 – 14:46 शुभ
रोग 14:46 – 16:07 अशुभ
उद्वेग 16:07 – 17:28 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
शुभ 17:28 – 19:07 शुभ
अमृत 19:07 – 20:46 शुभ
चर 20:46 – 22:25 शुभ
रोग 22:25 – 24:03* अशुभ
काल 24:03* – 25:42* अशुभ
लाभ 25:42* – 27:21* शुभ
उद्वेग 27:21* – 28:59* अशुभ
शुभ 28:59* – 30:38* शुभ

💮होरा, दिन
सूर्य 06:38 – 07:32
शुक्र 07:32 – 08:26
बुध 08:26 – 09:20
चन्द्र 09:20 – 10:15
शनि 10:15 – 11:09
बृहस्पति 11:09 – 12:03
मंगल 12:03 – 12:57
सूर्य 12:57 – 13:51
शुक्र 13:51 – 14:46
बुध 14:46 – 15:40
चन्द्र 15:40 – 16:34
शनि 16:34 – 17:28

🚩होरा, रात
बृहस्पति 17:28 – 18:34
मंगल 18:34 – 19:40
सूर्य 19:40 – 20:46
शुक्र 20:46 – 21:52
बुध 21:52 – 22:58
चन्द्र 22:58 – 24:03
शनि 24:03* – 25:09
बृहस्पति 25:09* – 26:15
मंगल 26:15* – 27:21
सूर्य 27:21* – 28:27
शुक्र 28:27* – 29:33
बुध 29:33* – 30:38

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

तुला > 03:50 से 06: 02 तक
वृश्चिक > 06:02 से 08:28 तक
धनु > 08:28 से 10:40 तक
मकर > 10:40 से 13:32 तक
कुम्भ > 13:32 से 14: 00 तक
मीन > 14:00 से 15:32 तक
मेष > 15:32 से 16:56 तक
वृषभ > 16:56 से 19:00 तक
मिथुन > 19:00 से 21:08 तक
कर्क > 21:08 से 23:40 तक
सिंह > 23:40 से 01:36 तक
कन्या > 01:36 से 03:48 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौंजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

9 + 1 + 1 = 11 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शुक्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

9 + 9 + 5 = 23 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*अक्षय नवमी (आंवला नवमी)*

*श्री सर्वेश्वर प्रभु प्राकट्य दिवस पुष्कर जी*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

मूर्खा यत्र न पुज्यन्ते धान्यं यत्र सुसञ्चितम् ।
दाम्पत्ये कलहो नास्ति तत्र श्रीः स्वयमागता ।।
।। चा o नी o।।

धन की देवी लक्ष्मी स्वयं वहां चली आती है जहाँ …
१. मूर्खो का सम्मान नहीं होता.
२. अनाज का अचछे से भणडारण किया जाता है.
३.पति, पत्नी मे आपस मे लड़ाई बखेड़ा नहीं होता है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

अनादिमध्यान्तमनन्तवीर्यमनन्तबाहुं शशिसूर्यनेत्रम्‌ ।,

पश्यामि त्वां दीप्तहुताशवक्त्रंस्वतेजसा विश्वमिदं तपन्तम्‌ ॥,

आपको आदि, अंत और मध्य से रहित, अनन्त सामर्थ्य से युक्त, अनन्त भुजावाले, चन्द्र-सूर्य रूप नेत्रों वाले, प्रज्वलित अग्निरूप मुखवाले और अपने तेज से इस जगत को संतृप्त करते हुए देखता हूँ॥,19॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
मेहमानों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मसम्मान बढ़ेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यापार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अपने काम से काम रखें। दूसरों के विश्वास में न आएं। परिवार में तनावपूर्ण माहौल रह सकता है।

🐂वृष
कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। थकान रहेगी। परिवार एवं समाज में आपके कामों को महत्व एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। वाणी पर संयम आवश्यक है। व्यापार-व्यवसाय में लाभ होगा।

👫मिथुन
चोट व रोग से हानि संभव है। कुसंगति से हानि होगी। विवाद न करें। फालतू खर्च बढ़ेंगे। आवास संबंधी समस्या का समाधान संभव है। आवेश में कोई कार्य नहीं करें। सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी। व्यापार अच्छा रहेगा।

🦀कर्क
सुख के साधन जुटेंगे। रुका हुआ धन मिलेगा। अधूरे काम समय पर सफलता से होने पर उत्साह बढ़ेगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में सावधानी रखें।

🐅सिंह
लेन-देन में सावधानी रखें। रोजगार मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अचानक लाभ होगा। धन संबंधी कार्यों में विलंब से चिंता हो सकती है। लाभदायक समाचार मिलेंगे। कार्य के विस्तार की योजना बनेगी। संत-समागम होगा।

🙎‍♀️कन्या
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। आय बढ़ेगी। भोग-विलास में रुचि बढ़ेगी। जीवनसाथी से संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। स्थायी संपत्ति के मामले उलझेंगे। कार्य में मित्रों की मदद मिलेगी। आर्थिक मनोबल बढ़ेगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं।

⚖️तुला
कम प्रयास से काम बनेंगे। धनार्जन होगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। परिवार से संबंध घनिष्ठ होंगे। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें। भूल करने से विरोधी बढ़ेंगे। रुके धन की प्राप्ति में अड़चनें आएंगी।

🦂वृश्चिक
पुराना रोग उभर सकता है। बेचैनी रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। कानूनी बाधा दूर होगी। रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा। कार्य में भागीदार सहयोग करेंगे। विकास की योजनाएं बनेंगी। दांपत्य जीवन में गलतफहमी आ सकती है।

🏹धनु
घर-परिवार की चिंता रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। जोखिम न लें। अचानक यात्रा के भी अच्छे फल मिलेंगे। आमदनी में वृद्धि होगी। प्रसिद्धि एवं सम्मान में इजाफा होगा। नौकरी में उन्नति के योग हैं।

🐊मकर
चोरी, चोट व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धनार्जन होगा। भागदौड़, बाधाओं व सतर्कता के बाद सफलता मिलेगी। पारिवारिक सुख, संतोष बढ़ेगा। उपहार मिलने के योग हैं। अधिक व्यय न करें। खर्चों में कमी करें।

🍯कुंभ
भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बेरोजगारी दूर होगी। आपका सामाजिक क्षेत्र बढ़ेगा। लाभदायक सौदे होंगे। विपरीत परिस्थितियों का सफलता से सामना कर सकेंगे। जीवनसाथी से आर्थिक मतभेद हो सकते हैं। घर-परिवार की चिंता रहेगी।

🐟मीन
शत्रु परास्त होंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। किसी नए कार्य में भाग लेने के योग हैं। विद्वानों के साथ रहने का अवसर मिलेगा। व्यापार में भागीदार सहयोग करेंगे।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
प्रेरक प्रसंग –
*समाज ताकतवर के साथ खडा दिखता है कमजोर चाहे उसी समाज का हो गलती उसकी न भी हो पर हमेशा उसको ही दबाया जाता है*??

*ये कहानी आपको झकझोर देगी 2 मिनट में एक अच्छी सीख अवश्य पढ़ेंऔर विचार करे….*

*एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये!*

*हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ??*

*यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !*

*भटकते-भटकते शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज की रात बीता लो, सुबह हम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे !*

*रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे, उस पर एक उल्लू बैठा था।*

*वह जोर से चिल्लाने लगा।*

*हंसिनी ने हंस से कहा- अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते।*

*ये उल्लू चिल्ला रहा है।*

*हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ??*

*ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।*

*पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था।*

*सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई, मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ करदो।*

*हंस ने कहा- कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद!*

*यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा*

*पीछे से उल्लू चिल्लाया, अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो।*

*हंस चौंका- उसने कहा, आपकी पत्नी ??*

*अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है,मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है!*

*उल्लू ने कहा- खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है।*

*दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग एकत्र हो गये।*

*कई गावों की जनता बैठी। पंचायत बुलाई गयी।*

*पंचलोग भी आ गये!*

*बोले- भाई किस बात का विवाद है ??*

*लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है!*

*लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पंच लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।*

*हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है।*

*इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना चाहिए!*

*फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों की जाँच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है!*

*यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया।*

*उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली!*

*रोते- चीखते जब वह आगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई – ऐ मित्र हंस, रुको!*

*हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ??*

*पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ?*

*उल्लू ने कहा- नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी!*

*लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है!*

*मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है।*

*यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पंच रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं!*

*मित्रों शायद इतने साल की आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने उम्मीदवार की योग्यता न देखते हुए, हमेशा ये हमारी जाति का है. ये हमारी पार्टी का है के आधार पर अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है, देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैँ!*

*”कहानी” अच्छी लगे तो आगे भी बढ़ा दें……तो…..मेहरबानी…..आपकी ।*
*लगभग यही हाल है हमारे पूरे समाज का और पूरे भारत का..ताकतवर के साथ सब खडे है कमजोर के साथ एकाध ही खड़ा है।

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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