*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -चिंतन के पल…*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 11/12/2024, बुधवार*
*एकादशी, शुक्ल पक्ष,*
*मार्गशीर्ष*
(समाप्ति काल)
तिथि———एकादशी 25:08:56 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———– रेवती 11:46:59
योग———- वरियान 18:46:26
करण———- वणिज 14:27:12
करण——- विष्टि भद्र 25:08:56
वार———————– बुधवार
माह———————-मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि—— मीन 11:46:59
चन्द्र राशि—————— मेष
सूर्य राशि—————– वृश्चिक
रितु————————– हेमंत
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————- 2081
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————– 07:01:02
सूर्यास्त————— 17:24:14
दिन काल———— 10:23:12
रात्री काल————–13:37:26
चंद्रोदय————– 14:04:15
चंद्रास्त—————- 27:29:28
लग्न—-वृश्चिक 25°18′ , 235°18′
सूर्य नक्षत्र—————– ज्येष्ठा
चन्द्र नक्षत्र—————— रेवती
नक्षत्र पाया—————— स्वर्ण
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
ची—- रेवती 11:46:59
चु—- अश्विनी 17:19:10
चे—- अश्विनी 22:50:37
चो—- अश्विनी 28:21:25
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= वृश्चिक 25°45, ज्येष्ठा 3 यी
चन्द्र=कुम्भ 27°30 , रेवती 4 ची
बुध =वृश्चिक 14°52 ‘ अनुराधा 4 ने
शु क्र= मकर 10°05, श्रवण’ 1 खी
मंगल=कर्क 11°30 ‘ पुष्य ‘ 3 हो
गुरु=वृषभ 21°30 रोहिणी, 4 वू
शनि=कुम्भ 19°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 08°25 उo भा o, 2 थ
केतु= (व)कन्या 08°25 उ o फा o 4 पी
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 12:13 – 13:31 अशुभ
यम घंटा 08:19 – 09:37 अशुभ
गुली काल 10:55 – 12:13
अभिजित 11:52 – 12:33 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:52 – 12:33 अशुभ
वर्ज्यम 30:12* – 31:40* अशुभ
प्रदोष 17:24 – 20:11 शुभ
💮गंड मूल अहोरात्र अशुभ
🚩पंचक ⁵ 07:01 – 11:47 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
लाभ 07:01 – 08:19 शुभ
अमृत 08:19 – 09:37 शुभ
काल 09:37 – 10:55 अशुभ
शुभ 10:55 – 12:13 शुभ
रोग 12:13 – 13:31 अशुभ
उद्वेग 13:31 – 14:48 अशुभ
चर 14:48 – 16:06 शुभ
लाभ 16:06 – 17:24 शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 17:24 – 19:06 अशुभ
शुभ 19:06 – 20:49 शुभ
अमृत 20:49 – 22:31 शुभ
चर 22:31 – 24:13* शुभ
रोग 24:13* – 25:55* अशुभ
काल 25:55* – 27:37* अशुभ
लाभ 27:37* – 29:20* शुभ
उद्वेग 29:20* – 31:02* अशुभ
💮होरा, दिन
बुध 07:01 – 07:53
चन्द्र 07:53 – 08:45
शनि 08:45 – 09:37
बृहस्पति 09:37 – 10:29
मंगल 10:29 – 11:21
सूर्य 11:21 – 12:13
शुक्र 12:13 – 13:05
बुध 13:05 – 13:57
चन्द्र 13:57 – 14:48
शनि 14:48 – 15:40
बृहस्पति 15:40 – 16:32
मंगल 16:32 – 17:24
🚩होरा, रात
सूर्य 17:24 – 18:32
शुक्र 18:32 – 19:40
बुध 19:40 – 20:49
चन्द्र 20:49 – 21:57
शनि 21:57 – 23:05
बृहस्पति 23:05 – 24:13
मंगल 24:13* – 25:21
सूर्य 25:21* – 26:29
शुक्र 26:29* – 27:37
बुध 27:37* – 28:45
चन्द्र 28:45* – 29:54
शनि 29:54* – 31:02
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
वृश्चिक > 03:54 से 06:32 तक
धनु > 06:32 से 08:44 तक
मकर > 08:44 से 11:32 तक
कुम्भ > 11:32 से 12:04 तक
मीन > 12:04 से 13:36 तक
मेष > 13:36 से 15:00 तक
वृषभ > 15:00 से 17:08 तक
मिथुन > 17:08 से 19:20 तक
कर्क > 19:20 से 21:48 तक
सिंह > 21:48 से 23:38 तक
कन्या > 23:38 से 01:54 तक
तुला > 01:54 से 04:04 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
11 + 4 + 1 = 16 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
दोपहर 14:25 से रात्रि 25:09 तक
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*मोक्षदा एकादशी व्रत (स्मार्त)*
*गीता जयंती*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
वरयेत्कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम् ।
रूपशीलां न नीचस्य विवाहः सद्रॄशे कुले ।।
।। चा o नी o।।
एक बुद्धिमान व्यक्ति को किसी इज्जतदार घर की अविवाहित कन्या से किस वयंग होने के बावजूद भी विवाह करना चाहिए। उसे किसी हीन घर की अत्यंत सुन्दर स्त्री से भी विवाह नहीं करनी चाहिए। शादी-विवाह हमेशा बराबरी के घरो मे ही उिचत होता है।
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
दृष्ट्वेदं मानुषं रूपं तव सौम्यं जनार्दन।,
इदानीमस्मि संवृत्तः सचेताः प्रकृतिं गतः॥,
अर्जुन बोले- हे जनार्दन! आपके इस अतिशांत मनुष्य रूप को देखकर अब मैं स्थिरचित्त हो गया हूँ और अपनी स्वाभाविक स्थिति को प्राप्त हो गया हूँ॥,51॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। किसी अपरिचित की बातों में न आएं। धनहानि हो सकती है। थोड़े प्रयास से ही काम सफल रहेंगे। मित्रों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।
🐂वृष
व्यवसाय धीमा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी की नाराजी झेलनी पड़ सकती है। परिवार में मनमुटाव हो सकता है। सुख के साधनों पर व्यय सोच-समझकर करें। निवेश करने से बचें। व्यापार ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शारीरिक कष्ट संभव है।
👫मिथुन
परिवार की आवश्यकताओं के लिए भागदौड़ तथा व्यय की अधिकता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में विशेष सावधानी की आवश्यकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। कार्य की गति धीमी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। निवेश करने का समय नहीं है। नौकरी में मातहतों से अनबन हो सकती है, धैर्य रखें।
🦀कर्क
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। अचानक लाभ के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। व्यापार में वृद्धि से संतुष्टि रहेगी। नौकरी में जवाबदारी बढ़ सकती है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। उत्साह से काम कर पाएंगे। किसी की बातों में न आएं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे।
🐅सिंह
कोई राजकीय बाधा हो सकती है। जल्दबाजी में कोई भी गलत कार्य न करें। विवाद से बचें। काफी समय से अटका हुआ पैसा मिलने का योग है, प्रयास करें। यात्रा लाभदायक रहेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। वस्तुएं संभालकर रखें।
🙎♀️कन्या
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेने की स्थिति बन सकती है। पुराना रोग बाधा का कारण बन सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। व्ययसाय लाभप्रद रहेगा। कार्य पर ध्यान दें।
⚖️तुला
तरक्की के अवसर प्राप्त होंगे। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ बाहर जाने की योजना बनेगी। रोजगार प्राप्ति के योग हैं। परिवार व स्नेहीजनों के साथ विवाद हो सकता है। शत्रुता में वृद्धि होगी। अज्ञात भय रहेगा। थकान महसूस होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।
🦂वृश्चिक
कष्ट, भय, चिंता व तनाव का वातावरण बन सकता है। जीवनसाथी पर अधिक मेहरबान होंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूलता रहेगी। लाभ में वृद्धि होगी। पारिवारिक प्रसन्नता तथा संतुष्टि रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यय होगा। मित्रों से मेलजोल बढ़ेगा। नए संपर्क बन सकते हैं। धनार्जन होगा।
🏹धनु
किसी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। भागदौड़ रहेगी। बोलचाल में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। पुराना रोग उभर सकता है। व्यापार में अधिक ध्यान देना पड़ेगा। जोखिम न उठाएं। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। बजट बिगड़ेगा। दूर से शोक समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें।
🐊मकर
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। परिवार व मित्रों के साथ समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। शारीरिक कष्ट संभव है, सावधान रहें। निवेश शुभ रहेगा। तीर्थयात्रा की योजना बन सकती है।
🍯कुंभ
यात्रा सफल रहेगी। शारीरिक कष्ट हो सकता है। बेचैनी रहेगी। नई योजना बनेगी। लोगों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। काफी समय से अटके काम पूरे होने के योग हैं। भरपूर प्रयास करें। आय में मनोनुकूल वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा।
🐟मीन
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार में लाभ होगा। निवेश शुभ रहेगा। संतान पक्ष से आरोग्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। हानि संभव है। भाइयों का साथ मिलेगा।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*चिंतन के पल…*
*एक मक्खी एक हाथी के ऊपर बैठ गयी। हाथी को पता न चला मक्खी कब बैठी।*
*मक्खी बहुत भिनभिनाई आवाज की, और कहा, ‘भाई! तुझे कोई तकलीफ हो तो बता देना।.वजन मालूम पड़े तो खबर कर देना, मैं हट जाऊंगी।’ लेकिन हाथी को कुछ सुनाई न पड़ा। फिर *हाथी एक पुल पर से गुजरने लगा बड़ी पहाड़ी नदी थी, भयंकर गङ्ढ था, मक्खी ने कहा कि ‘देख, दो हैं, कहीं पुल टूट न जाए! अगर ऐसा कुछ डर लगे तो मुझे बता देना। मेरे पास पंख हैं, मैं उड़ जाऊंगी।’*
*हाथी के कान में थोड़ी-सी कुछ भिनभिनाहट पड़ी, पर उसने कुछ ध्यान न दिया। *फिर मक्खी के बिदा होने का वक्त आ गया। उसने कहा, ‘यात्रा बड़ी सुखद हुई, साथी-संगी रहे, मित्रता बनी, अब मैं जाती हूं, कोई काम हो, तो मुझे कहना, तब मक्खी की आवाज थोड़ी हाथी को सुनाई पड़ी, उसने कहा, ‘तू कौन है कुछ पता नहीं, कब तू आयी, कब तू मेरे शरीर पर बैठी, कब तू उड़ गयी, इसका मुझे कोई पता नहीं है।* *लेकिन मक्खी तब तक जा चुकी थी सन्त कहते हैं, ‘हमारा होना भी ऐसा ही है। इस बड़ी पृथ्वी पर हमारे होने, ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता।*
*हाथी और मक्खी के अनुपात से भी कहीं छोटा, हमारा और ब्रह्मांड का अनुपात है। हमारे ना रहने से क्या फर्क पड़ता है? लेकिन हम बड़ा शोरगुल मचाते हैं। वह शोरगुल किसलिये है? वह मक्खी क्या चाहती थी? वह चाहती थी हाथी स्वीकार करे, तू भी है; तेरा भी अस्तित्व है, वह पूछ चाहती थी। *हमारा अहंकार अकेले तो नहीं जी सक रहा है। दूसरे उसे मानें, तो ही जी सकता है।* *इसलिए हम सब उपाय करते हैं कि किसी भांति दूसरे उसे मानें, ध्यान दें, हमारी तरफ देखें; उपेक्षा न हो।*
*सन्त विचार- हम वस्त्र पहनते हैं तो दूसरों को दिखाने के लिये, स्नान करते हैं सजाते-संवारते हैं ताकि दूसरे हमें सुंदर समझें। धन इकट्ठा करते, मकान बनाते, तो दूसरों को दिखाने के लिये। दूसरे देखें और स्वीकार करें कि तुम कुछ विशिष्ट हो, ना की साधारण।*
*तुम मिट्टी से ही बने हो और फिर मिट्टी में मिल जाओगे, तुम अज्ञान के कारण खुद को खास दिखाना चाहते हो वरना तो तुम बस एक मिट्टी के पुतले हो और कुछ नहीं। अहंकार सदा इस तलाश में है–वे आंखें मिल जाएं, जो मेरी छाया को वजन दे दें।*
*याद रखना आत्मा के निकलते ही यह मिट्टी का पुतला फिर मिट्टी बन जाएगा इसलिए अपना अहंकार छोड़ दो और सब का सम्मान करो क्योंकि जीवों में परमात्मा का अंश आत्मा है..!!
*जय जय श्री राम।