*बिना जरुरत के एंटीबायोटिक दवाओं को इस्तेमाल खतरनाक*
देव भूमि जे के न्यूज, ऋषिकेश 23/112023-
एम्स,ऋषिकेश जनरल मेडिसिन विभाग के तत्वावधान में आयोजित वर्ल्ड एंटीमिक्रोबियल अवेरनेस वीक के अंतर्गत विभिन्न जनजागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए गए,जिसमें मरीजों, उनके तीमारदारों व आम नागरिकों को एंटीबायोटिक दवाओं के सही इस्तेमाल की जानकारी दी गई और बिना जरुरत के एंटीबायोटिक दवाओं को इस्तेमाल करने से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया गया।
वर्ल्ड एंटीमिक्रोबियल अवेयरनेस वीक के तहत संस्थान के कम्युनिटी आउटरीच सेंटर चंद्रेश्वरनगर में सीएफएम के अंतर्गत संचालित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंटीबायोटिक्स जागरुकता के लिए पैनल डिस्कसन का आयोजन किया गया। जिसमें एम्स संस्थान की वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ प्रो. अनुपमा बहादुर, डा. राजलक्ष्मी मूंदड़ा, इन्फेक्सेस डिजिज के फिजिशियन डॉ. प्रसन कुमार पंडा तथा सोशल आउटरीच सेल के नोडल ऑफिसर डॉ. संतोष कुमार ने दवाओं व एंटीबायोटिक के संदर्भ में पूछे गए जन सामान्य के प्रश्नों का जवाब दिया।
एंटीबायटिक्स का उपयोग कब करना चाहिए सवाल पर एम्स के विशेषज्ञ ने बताया कि किसी भी बीमारी में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के बाद ही करनी चाहिए, मरीज को अपने मन मुताबिक व फार्मासिस्ट को मरीज को बिना चिकित्सकीय राय के एंटीबायोटिक नहीं देनी चाहिए।
क्या खांसी, जुकाम बुखार में एंटीबायोटिक लिया जा सकता है सवाल के जवाब में विशेषज्ञ ने बताया कि खांसी जुकाम, बुखार, कॉमन कोल्ड वायरल संक्रमण से होता है, जो कि सामान्यत: तीन से चार दिन में ठीक हो जाता है,लिहाजा ऐसी स्थिति में पैरासेटामोल लें, पानी का अधिक प्रयोग करें और पूर्णत: आराम करें, एंटीबायोटिक्स हरगिज नहीं लें।
शरीर में खुजली होने पर बाजार से क्रीम खरीदकर लगाना क्या ठीक है, सवाल के जवाब में बताया गया कि किसी को भी एलर्जी या फंगल इंफेक्शन से खुजली हो सकती है। साफ सफाई की ओर ध्यान नहीं देने वाले व्यक्तियों को फंगल इन्फेक्शन हो सकता है, ऐसे में बाजार में उपलब्ध स्टोरॉयड तथा एंटीफंगल मिश्रित क्रीम को लगाने से यह क्षणिक भर के लिए समाप्त होता है, पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाता। लिहाजा फंगल इंफेक्शन-एलर्जी होने पर किसी भी क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
महिलाओं व युवतियों में पीरियड्स अनियमित होने के कारण क्या होते हैं, सवाल के जवाब में विशेषज्ञ ने बताया कि इसकी वजह हार्मोनल हो सकती है, मगर यदि पीरियड्स लंबे समय तक अनियमित रहते हैं तो थायरॉयड या पीसीओडी की भी समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है। इस दौरान पीजी कॉलेज,ऋषिकेश के मेडिकल लैब विभाग में अध्ययनरत विद्यार्थी भी मौजूद रहे।
उधर, अवेरनेस वीक के अंतर्गत आयोजित जनजागरुकता कार्यक्रमों की श्रंखला में एम्स के कॉलेज ऑफ नर्सिंग की बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्राओं ने ओपीडी एरिया में वेक्सीनेशन जनजागरुकता के लिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। इस दौरान मरीजों व उनके तीमारदारों को टीकाकरण की आवश्यकता व सही प्रभाव को लेकर जागरुक किया गया। कार्यक्रम में काफी संख्या में मरीजों व उनके तीमारदारों ने प्रतिभाग किया और विशेषज्ञों से वेक्सीनेशन को लेकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान जाना।
इस दौरान जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रविकांत ने लोगों को समय समय पर वेक्सीनेशन कराने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्हें एम्स में उपलब्ध वेक्सीनेशन सुविधाओं से अवगत कराया। नर्सिंग फेकल्टी डॉ. राखी मिश्रा समन्वयन में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में डॉ. प्रसन कुमार पंडा,प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्रो. स्मृति अरोड़ा, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. मनीष शर्मा, डीएनएस वंदना, कल्पना, इंचार्ज यूपीएचसी डॉक्टर सिद्धि कोटियाल व नर्सिंग ट्यूटर्स मौजूद थे।