धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- “तीन कुत्ते”*


📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5125
विक्रम संवत्……………………2080
शक संवत्………………………1945
रवि…………………………दक्षिणायन
मास…………………………..कार्तिक
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी…………………………..पूर्णिमा
दुसरे दिन प्रातः 05.50 पर्यंत पश्चात दशमी
सूर्योदय………….प्रातः 06.47.00 पर
सूर्यास्त………….संध्या 05.41.20 पर
सूर्य राशि……………………….वृश्चिक
चन्द्र राशि………………………..वृषभ
गुरु राशि…………………………..मेष
नक्षत्र………………………….कृत्तिका
दोप 01.36 पर्यंत पश्चात रोहिणी
योग……………………………….शिव
रात्रि 11.33 पर्यंत पश्चात सिद्ध
करण………………………………बव
दोप 02.49 पर्यंत पश्चात गरज
ऋतु………………………..(उर्ज) शरद
दिन……………………………सोमवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
27 नवम्बर सन 2023 ईस्वी ।

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.52 से 12.35 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 08.11 से 09.32 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*वृश्चिक*
06:07:01 08:23:16
*धनु*
08:23:16 10:28:49
*मकर*
10:28:49 12:15:55
*कुम्भ*
12:15:55 13:49:28
*मीन*
13:49:28 15:20:40
*मेष*
15:20:40 17:01:25
*वृषभ*
17:01:25 19:00:03
*मिथुन*
19:00:03 21:13:46
*कर्क*
21:13:46 23:29:56
*सिंह*
23:29:56 25:41:44
*कन्या*
25:41:44 27:52:24
*तुला*
27:52:24 30:07:01

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक…………………8
🔯 शुभ रंग………………सफ़ेद

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 06.36 से 07.59 तक अमृत
प्रात: 09.23 से 10.46 तक शुभ
दोप. 01.32 से 02.55 तक चंचल
अप. 02.55 से 04.18 तक लाभ
सायं 04.18 से 05.41 तक अमृत
सायं 05.41 से 07.18 तक चंचल
रात्रि 10.32 से 12.09 तक लाभ |

📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ पशुपतये नमः ॥

📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (चतुर्थोऽध्यायः – ज्ञानकर्मसंन्यासयोगः) -*
स एवायं मया तेऽद्य योगः प्रोक्तः पुरातनः।
भक्तोऽसि मे सखा चेति रहस्यं ह्येतदुत्तमम्॥४-३॥
अर्थात :
वही यह पुरातन योग आज मैंने तुमसे कहा है क्योंकि तुम मेरे भक्त और प्रिय सखा हो । यह बड़ा ही उत्तम रहस्य है॥3॥

🍃 *आरोग्यं :-*
*आंखों के नीचे सूजन को कम करने के तरीके -*

*5. नारियल का तेल -*
नारियल तेल में एंटी- इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता हैं। यह त्वचा को आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करता है। नारियल तेल का नियमित रूप से इस्तेमाल आपको आंखों के सूजन को खत्म करने में मदद करेगा। इसके लिए आप हाथ को साफ करके कुछ मिनट के लिए नारियल तेल से क्लॉकवाइज और एंटी-क्लॉकवाइज मसाज कीजिए और इसे पूरी रात छोड़ दीजिए। रात में सोने से पहले आप इसे रोजाना करें। आपको बहुत ही जल्दी लाभ मिलेगा।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। यात्रा व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। कानूनी मामलों में लापरवाही न करें। सम्मान व कीर्ति में वृद्धि होगी। व्यापार में नए प्रस्तावों से लाभ मिलने के योग हैं।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक जिम्मेदारी का पूर्ण ध्यान रखें। रचनात्मक कार्यों का प्रतिफल प्राप्त होगा। व्यापार में उन्नति होगी। कानूनी विवादों का निपटारा होगा।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
बुरी खबर मिल सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दौड़धूप अधिक होगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। मकान व जमीन संबंधी कार्य बनेंगे। संतान पर अनावश्यक रोक न लगाएँ। धन लाभ होने की भी संभावना है। सामाजिक कार्यों में सीमित रहें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
मेहनत का फल मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। निवेश, यात्रा व नौकरी लाभ देंगे। अपने प्रयासों से उन्नति पथ प्रशस्त करेंगे। इच्छित काम पूर्ण हो सकेंगे। स्वास्थ्य की समस्या सुलझेगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
अतिथियों का आगमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। स्वाभिमान रहेगा। प्रमाद न करें। बुद्धि चातुर्य से कठिन कार्य भी आसानी से बनेंगे। वैवाहिक अड़चनें समाप्त होंगी। आय-व्यय में असंतुलन की स्थिति बन सकती है। विरोधी परास्त होंगे।

💁‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भौतिक विकास के कार्यों को बल मिलेगा। भागीदारी के प्रस्ताव आएँगे। दिनचर्या नियमित रहेगी। रिश्तेदारों से भेंट हो सकेगी। दूसरों की आलोचना, निंदा से दूर रहें। फालतू खर्च होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
क्रोध पर नियंत्रण रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों पर अतिविश्वास न करें। नई योजनाओं का सूत्रपात होगा। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। व्यावसायिक समस्याओं का हल आपके माध्यम से हो सकेगा। दूसरों से व्यर्थ में न उलझें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
लेन-देन में सावधानी रखें। पुरानी लेनदारी वसूल होगी। यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। व्यवहार-कुशलता से समस्या का समाधान संभव है। व्यापारिक निर्णय लेने में देरी नहीं करना चाहिए। लाभ होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
योजना फलीभूत होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। अधूरे पड़े कार्य पूरे होंगे। जीवनसाथी से संबंधों में मधुरता आएगी। प्रयास व सहयोग से अनुकूलता आएगी। पिता से व्यापार के विषय में मतभेद हो सकते हैं।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। नए प्रस्ताव प्राप्त होंगे। सुखद यात्रा के योग हैं। रचनात्मक काम होंगे। आलस्य को त्यागकर कार्यों को समय पर करने से सफलता प्राप्त हो सकती है।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। सोच-समझकर व्यय करें। व्यापार लाभप्रद रहेगा। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। विवाद समाप्त होने से शांति एवं सुख बढ़ेगा। व्यापार अच्छा चलेगा।

🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। कानूनी बाधा दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। परोपकारी स्वभाव होने से दूसरों की मदद कर पाएँगे। काम के प्रति लापरवाही न करें। प्रयत्न एवं दूरदर्शिता से सहयोग व समर्थन मिलेगा। लाभ होगा।

*”तीन कुत्ते”*

*एक बार एक गाँव में पंचायत लगी थी। वहीं थोड़ी दूरी पर एक सन्त ने अपना बसेरा किया हुआ था। जब पंचायत किसी निर्णय पर नहीं पहुच सकी तो किसी ने कहा कि क्यों न हम महात्मा जी के पास अपनी समस्या को लेकर चलें, अतः सभी सन्त के पास पहुँचे।*
*जब सन्त ने गांव के लोगों को देखा तो पुछा कि कैसे आना हुआ ? तो लोगों ने कहा, “महात्मा जी गाँव भर में एक ही कुआँ हैं और कुँए का पानी हम नहीं पी सकते, बदबू आ रही है।”*
*सन्त ने पुछा- हुआ क्या ? पानी क्यों नहीं पी सकते हो ?*
*लोग बोले- तीन कुत्ते लड़ते लड़ते उसमें गिर गये थे। बाहर नहीं निकले, मर गये उसी में। अब जिसमें कुत्ते मर गए हों, उसका पानी कैसे पिये महात्मा जी ?*
*सन्त ने कहा – ‘एक काम करो, उसमें गंगाजल डलवाओ।*
*कुएं में गंगाजल भी आठ दस बाल्टी छोड़ दिया गया। फिर भी समस्या जस की तस रही। लोग फिर से सन्त के पास पहुँचे। अब सन्त ने कहा, “भगवान की कथा कराओ।”*
*लोगों ने कहा, “ठीक है।” कथा हुई, फिर भी समस्या जस की तस। लोग फिर सन्त के पास पहुँचे। अब सन्त ने कहा, उसमें सुगंधित द्रव्य डलवाओ। सुगंधित द्रव्य डाला गया, नतीजा फिर वही। ढाक के तीन पात। लोग फिर सन्त के पास, अब सन्त खुद चलकर आये।*
*लोगों ने कहा- महाराज ! वही हालत है, हमने सब करके देख लिया। गंगाजल भी डलवाया, कथा भी करवायी, प्रसाद भी बाँटा और उसमें सुगन्धित पुष्प और बहुत चीजें डालीं।*
*अब सन्त आश्चर्यचकित हुए और पूछा- कि तुमने और सब तो किया, वे तीन कुत्ते जो मरे पड़े थे, उन्हें निकाला कि नहीं ?*
*लोग बोले – उसके लिए न आपने कहा था न हमने निकाला, बाकी सब किया। वे तो वहीं के वहीं पड़े हैं।*
*सन्त बोले – “जब तक उन्हें नहीं निकालोगे, इन उपायों का कोई प्रभाव नहीं होगा।”*

*ऐसी ही कथा हमारे जीवन की भी है। इस शरीर नामक गाँव के अंतःकरण के कुएँ में ये काम, क्रोध और लोभ के तीन कुत्ते लड़ते झगड़ते गिर गये हैं।*
*हम उपाय पूछते हैं तो लोग बताते हैं, तीर्थयात्रा कर लो, गंगा स्नान कर लो, थोड़ा पूजा करो, थोड़ा पाठ।*
*सब करते हैं, पर बदबू उन्हीं दुर्गुणों की आती रहती है। तो पहले इन्हें निकाल कर बाहर करें तभी जीवन उपयोगी होगा*

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