धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग-बुढ़ापे का बचपन*


📜««« *आज का पंचांग*»»»📜
कलियुगाब्द……………………5125
विक्रम संवत्…………………..2080
शक संवत्……………………..1945
रवि………………………..दक्षिणायण
मास………………………….मार्गशीर्ष
पक्ष……………………………..कृष्ण
तिथी……………………………नवमी
रात्रि 03.02 पर्यंत पश्चात दशमी
सूर्योदय (इंदौर)….प्रातः 06.53.25 पर
सूर्यास्त (इंदौर)…संध्या 05.42.02 पर
सूर्य राशि………………………वृश्चिक
चन्द्र राशि………………………..सिंह
गुरु राशि………………………….मेष
नक्षत्र………………….उत्तराफाल्गुनी
दुसरे दिन प्रातः 06.22 पर्यंत पश्चात हस्त
योग……………………………..प्रीती
रात्रि 11.26 पर्यंत पश्चात आयुष्मान
करण…………………………..तैतिल
दोप 01.51 पर्यंत पश्चात गरज
ऋतु………………………(सह:) हेमंत
दिन……………………………बुधवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
06 दिसम्बर सन 2023 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.17 से 01.37 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*वृश्चिक*
05:31:33 07:48:08
*धनु*
07:48:08 09:53:20
*मकर*
09:53:20 11:40:27
*कुम्भ*
11:40:27 13:13:59
*मीन*
13:13:59 14:45:11
*मेष*
14:45:11 16:25:56
*वृषभ*
16:25:56 18:24:35
*मिथुन*
18:24:35 20:38:17
*कर्क*
20:38:17 22:54:27
*सिंह*
22:54:27 25:06:15
*कन्या*
25:06:15 27:16:55
*तुला*
27:16:55 29:31:33

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक……………………..6
🔯 शुभ रंग……………………..हरा

💮 *चौघडिया :-*
प्रात: 08.16 से 09.36 तक अमृत
प्रात: 10.56 से 12.16 तक शुभ
दोप 02.56 से 04.16 तक चंचल
सायं 04.16 से 05.36 तक लाभ
रात्रि 07.16 से 08.56 तक शुभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
॥ ॐ हृषीकेशाय नम: ॥

📯 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (चतुर्थोऽध्यायः – ज्ञानकर्मसंन्यासयोगः) -*
जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्त्वतः।
त्यक्त्वा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन॥४-९॥
अर्थात :
हे अर्जुन! जो मनुष्य मेरे जन्म और कर्म को तत्त्व से दिव्य जान लेता है, वह शरीर त्याग कर फिर जन्म नहीं लेता, किन्तु मुझे ही प्राप्त होता है॥9॥

🍃 *आरोग्यं :*-
*पाचन को ठीक करने के उपाय -*

*5. खाना चबाकर खाएं -*
पाचन को ठीक करने के लिए आप खाने को अच्छे तरीके से चबाकर खाएं। जब आप भोजन को अच्छी तरह से चबाकर खाते हैं, तो यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इससे खाना पचने में दिक्कत नहीं आती है। इसलिए अपने भोजन को ठीक से और धीरे-धीरे चबाएं। भोजन खत्म करने की जल्दी में न रहें क्योंकि इससे अपचन हो सकता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। बुरे लोगों से दूर रहें। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शुभ समय। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। परिवार का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ बढ़ेगा। दूर से सुखद सूचना मिल सकती है। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बड़ा काम करने का मन बनेगा।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय बढ़ेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। नए मित्र बनेंगे। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बन सकती है। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। आय बनी रहेगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। थकान महसूस होगी। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय भावना में बहकर न करें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
रुका हुआ पैसा मिलने का योग है। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रशंसा प्राप्त होगी। समय अनुकूल है। मित्रों के सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। परिवार तथा मित्रों के साथ कोई मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। आलस्य त्यागकर प्रयास करें।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
योजना फलीभूत होगी। व्यापार में मनोनुकूल लाभ होगा। उत्साह व प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्‍य उत्तम रहेगा। शुभ समय। कारोबार में वृद्धि पर विचार हो सकता है। नौकरी में अधिकारीगण प्रसन्न रहेंगे। मातहतों का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन सहायता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति में बाधाएं दूर होंगी। किसी धार्मिक स्थल की यात्रा की आयोजना हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय हो सकता है। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। लापरवाही न करें। किसी व्यक्ति से व्यर्थ विवाद हो सकता है। मानसिक क्लेश होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। बाहर जाने की योजना बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग कार्य में आसानी देगा। नौकरी में चैन रहेगा। जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे तथा समस्या बढ़ सकती है। विरोध होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार ठीक चलेगा। लोगों से अधिक अपेक्षा न करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में कमी हो सकती है। भूमि, भवन, दुकान, शोरूम व फैक्टरी इत्यादि की खरीद-फरोख्त हो सकती है। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें। कुसंगति से बचें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। शरीर कष्ट से बचें। बनते कामों में देरी होगी। दूसरे से अधिक अपेक्षा करेंगे। मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
कोई मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी। जल्दबाजी से काम में बाधा उत्पन्न होगी। दौड़धूप अधिक रहेगी। बुरी सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳*

*💐💐बुढ़ापे का बचपन💐💐*

मोहन बेटा ! मैं तुम्हारे काका के घर जा रहा हूँ।

क्यों पिताजी ?*और आप आजकल काका के घर बहुत जा रहे हो …? तुम्हारा मन मान रहा हो तो चले जाओ … पिताजी !  लो ये पैसे रख लो, काम आएंगे।

पिताजी का मन भर आया . उन्हें आज अपने बेटे को दिए गए संस्कार लौटते नजर आ रहे थे।
जब मोहन स्कूल जाता था … वह पिताजी से जेब खर्च लेने में हमेशा हिचकता था, क्यों कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पिताजी मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से घर चला पाते थे … पर माँ फिर भी उसकी जेब में कुछ सिक्के डाल देती थी … जबकि वह बार-बार मना करता था।
मोहन की पत्नी का स्वभाव भी उसके पिताजी की तरफ कुछ खास अच्छा नहीं था। वह रोज पिताजी की आदतों के बारे में कहासुनी करती थी … उसे ये बडों  की टोका टाकी पसन्द नही थी … बच्चे भी दादा के कमरे में नहीं जाते, मोहन को भी देर से आने के कारण बात करने का समय नहीं मिलता।
एक दिन पिताजी का पीछा किया … आखिर पिताजी को काका के घर जाने की इतनी जल्दी क्यों रहती है ? वह यह देख कर हैरान रह गया कि पिताजी तो काका के घर जाते ही नहीं हैं ! !!
वह तो स्टेशन पर एकान्त में शून्य एक पेड़ के सहारे घंटों बैठे रहते थे। तभी पास खड़े एक बजुर्ग, जो यह सब देख रहे थे, उन्होंने कहा … बेटा…! क्या देख रहे हो ?

जी….! वो ।

अच्छा, तुम उस बूढ़े आदमी को देख रहे हो….? वो यहाँ अक्सर आते हैं और घंटों पेड़ तले बैठ कर सांझ ढले अपने घर लौट जाते हैं . किसी अच्छे सभ्रांत घर के लगते हैं।

बेटा …! ऐसे एक नहीं अनेकों बुजुर्ग माएँ बुजुर्ग पिता तुम्हें यहाँ आसपास मिल जाएंगे !

जी, मगर क्यों ?

बेटा …! जब घर में बड़े बुजुर्गों को प्यार नहीं मिलता…. उन्हें बहुत अकेलापन महसूस होता है, तो वे यहाँ वहाँ बैठ कर अपना समय काटा करते हैं !

वैसे क्या तुम्हें पता है…. बुढ़ापे में इन्सान का मन बिल्कुल बच्चे जैसा हो जाता है । उस समय उन्हें अधिक प्यार और सम्मान की जरूरत पड़ती है , पर परिवार के सदस्य इस बात को समझ नहीं पाते।

वो यही समझते हैं कि इन्होंने अपनी जिंदगी जी ली है फिर उन्हें अकेला छोड देते हैं . कहीं साथ ले जाने से कतराते हैं . बात करना तो दूर अक्सर उनकी राय भी उन्हें कड़वी लगती है। जब कि वही बुजुर्ग अपने बच्चों को अपने अनुभवों से आने वाले संकटों और परेशानियों से बचाने के लिए सटीक सलाह देते है।

घर लौट कर मोहन ने किसी से कुछ नहीं कहा। जब पिताजी लौटे, मोहन घर के सभी सदस्यों को देखता रहा l

किसी को भी पिताजी  की चिन्ता नहीं थी।पिताजी से कोई बात नहीं करता, कोई हंसता खेलता नहीं था . जैसे पिताजी का घर में कोई अस्तित्व ही न हो ! ऐसे परिवार में पत्नी बच्चे सभी पिताजी  को इग्नोर करते हुए दिखे !

सबको राह दिखाने के लिऐ आखिर  मोहन ने भी अपनी पत्नी और बच्चों से बोलना बन्द कर दिया … वो काम पर जाता और वापस आता किसी से कोई बातचीत नही …! बच्चे पत्नी बोलने की कोशिश भी करते , तो वह भी इग्नोर कर काम मे डूबे रहने का नाटक करता ! !! तीन दिन मे सभी परेशान हो उठे… पत्नी, बच्चे इस उदासी का कारण जानना चाहते थे।

मोहन ने अपने परिवार को अपने पास बिठाया। उन्हें प्यार से समझाया कि मैंने तुम से चार दिन बात नहीं की तो तुम कितने परेशान हो गए ? अब सोचो तुम पिताजी के साथ ऐसा व्यवहार करके उन्हें कितना दुख दे रहे हो ?
मेरे पिताजी मुझे जान से प्यारे हैं। जैसे तुम्हें तुम्हारी माँ ! और फिर पिताजी के अकेले स्टेशन जाकर घंटों बैठकर रोने की बात बताई। सभी को अपने बुरे व्यवहार का खेद था l

उस दिन जैसे ही पिताजी शाम को घर लौटे, तीनों बच्चे उनसे चिपट गए …! दादा जी ! आज हम आपके पास बैठेंगे…! कोई किस्सा कहानी सुनाओ ना।

पिताजी की आँखें भीग आई। वो बच्चों को लिपटकर उन्हें प्यार करने लगे। और फिर जो किस्से कहानियों का दौर शुरू हुआ वो घंटों चला . इस बीच मोहन की पत्नी उनके लिए फल तो कभी चाय नमकीन लेकर आती lपिताजी बच्चों और मोहन के साथ स्वयं भी खाते और बच्चों को भी खिलाते। अब घर का माहौल पूरी तरह बदल गया था ! !!

एक दिन मोहन बोला ,  पिताजी…! क्या बात है ! आजकल काका के घर नहीं जा रहे हो …? नहीं बेटा ! अब तो अपना घर ही स्वर्ग लगता है …! !!आज सभी में तो नहीं, लेकिन अधिकांश परिवारों के बुजुर्गों की यही कहानी है . बहुधा आस पास के बगीचों में , बस अड्डे पर , नजदीकी रेल्वे स्टेशन पर परिवार से तिरस्कृत भरे पूरे परिवार में एकाकी जीवन बिताते हुए ऐसे कई बुजुर्ग देखने को मिल जाएंगे I

आप भी कभी न कभी अवश्य बूढ़े होंगे l आज नहीं तो कुछ वर्षों बाद होंगे . जीवन का सबसे बड़ा संकट है बुढ़ापा ! घर के बुजुर्ग ऐसे बूढ़े वृक्ष हैं , जो बेशक फल न देते हों पर छाँव तो देते ही हैं !अपना बुढापा खुशहाल बनाने के लिए बुजुर्गों को अकेलापन महसूस न होने दीजिये , उनका सम्मान भले ही न कर पाएँ , पर उन्हें तिरस्कृत मत कीजिये . उनका खयाल रखिये।

और ध्यान रखियेगा की आपके बच्चे भी आपसे ही सीखेंगे अब ये आपके ऊपर निर्भर है कि आप उन्हें क्या सिखाना पसन्द करेंगे…I

●▬▬๑۩ ✍ ۩๑▬▬●

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *