धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- वृद्धसेवा का कर्म*

*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-24/12/2023, रविवार*
*त्रयोदशी, शुक्ल पक्ष,*
*मार्गशीर्ष*
(समाप्ति काल)

तिथि——— त्रयोदशी 29:54:26 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——— कृत्तिका 21:18:17
योग————– सिद्ध 07:16:08
योग———— साध्य 29:40:23
करण———– कौलव 18:06:35
करण———– तैतुल 29:54:26
वार———————– रविवार
माह———————- मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि—————– वृषभ
सूर्य राशि——————- धनु
रितु———————— शिशिर
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————— शोभकृत
संवत्सर (उत्तर) ——————-पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 07:07:59
सूर्यास्त—————- 17:29:18
दिन काल————- 10:21:18
रात्रि काल————- 13:39:08
चंद्रोदय————— 15:08:03
चंद्रास्त—————- 29:28:52
लग्न—- धनु 7°46′ , 247°46′
सूर्य नक्षत्र——————– मूल
चन्द्र नक्षत्र—————- कृत्तिका
नक्षत्र पाया——————- लोहा

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

ई—-कृत्तिका 09:15:49

उ—- कृत्तिका 15:16:28

ए—- कृत्तिका 21:18:17

ओ—- रोहिणी 27:21:18

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= धनु 07:30, मूल 3 भा
चन्द्र=वृषभ 02:30 , कृतिका 2 ई
बुध =धनु 04:53′ मूल 2 यो
शु क्र=तुला 28°05, विशाखा’ 3 ते
मंगल=वृश्चिक 27 °30 ‘ ज्येष्ठा’ 4 यू
गुरु=मेष 11°30 ‘ अश्विनी , 4 ला
शनि=कुम्भ 08°40 ‘ शतभिषा ,1 गो
राहू=(व) मीन 27°10 रेवती , 4 ची
केतु=(व) कन्या 27°10 चित्रा , 2 पो

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 16:12 – 17:29 अशुभ
यम घंटा 12:19 – 13:36 अशुभ
गुली काल 14:54 – 16: 12अशुभ
अभिजित 11:58 – 12:39 शुभ
दूर मुहूर्त 16:06 – 16:48 अशुभ
वर्ज्यम 09:16 – 10:52 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 07:08 – 08:26 अशुभ
चर 08:26 – 09:43 शुभ🚩
लाभ 09:43 – 11:01 शुभ
अमृत 11:01 – 12:19 शुभ
काल 12:19 – 13:36 अशुभ
शुभ 13:36 – 14:54 शुभ
रोग 14:54 – 16:12 अशुभ
उद्वेग 16:12 – 17:29 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
शुभ 17:29 – 19:12 शुभ
अमृत 19:12 – 20:54 शुभ
चर 20:54 – 22:36 शुभ
रोग 22:36 – 24:19* अशुभ
काल 24:19* – 26:01* अशुभ
लाभ 26:01* – 27:44* शुभ
उद्वेग 27:44* – 29:26* अशुभ
शुभ 29:26* – 31:08* शुभ

💮होरा, दिन
सूर्य 07:08 – 07:59
शुक्र 07:59 – 08:52
बुध 08:52 – 09:43
चन्द्र 09:43 – 10:35
शनि 10:35 – 11:27
बृहस्पति 11:27 – 12:19
मंगल 12:19 – 13:10
सूर्य 13:10 – 14:02
शुक्र 14:02 – 14:54
बुध 14:54 – 15:46
चन्द्र 15:46 – 16:38
शनि 16:38 – 17:29

🚩होरा, रात
बृहस्पति 17:29 – 18:38
मंगल 18:38 – 19:46
सूर्य 19:46 – 20:54
शुक्र 20:54 – 22:02
बुध 22:02 – 23:11
चन्द्र 23:11 – 24:19
शनि 24:19* – 25:27
बृहस्पति 25:27* – 26:35
मंगल 26:35* – 27:44
सूर्य 27:44* – 28:52
शुक्र 28:52* – 30:00
बुध 30:00* – 31:08

,*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

धनु > 05:32 से 07:42 तक
मकर > 07:42 से 09:30 तक
कुम्भ > 09:30 से 10:56 तक
मीन > 10:56 से 12:26 तक
मेष > 12:26 से 14:08 तक
वृषभ > 14:08 से 16:06 तक
मिथुन > 16:06 से 18:18 तक
कर्क > 18:18 से 20:36 तक
सिंह > 20:36 से 22:50 तक
कन्या > 22:50 से 01:04 तक
तुला > 01:04 से 03:10 तक
वृश्चिक > 03:10 से 05:28 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

13 + 1 + 1 = 15 ÷ 4 = 3शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

13 + 13 + 5 = 31 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*शिव प्रदोष व्रत (शिव पूजन)*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

सा भार्या या शुचिर्दक्षा सा भार्या या पतिव्रता ।
सा भार्या या पतिप्रीता साभार्या सत्यवादिनो ।।
।। चा o नी o।।

वही अच्छी पत्नी है जो शुचिपूर्ण है, पारंगत है, शुद्ध है, पति को प्रसन्न करने वाली है और सत्यवादी है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: सांख्ययोग अo-02

अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च ।,
नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः ॥,

क्योंकि यह आत्मा अच्छेद्य है, यह आत्मा अदाह्य, अक्लेद्य और निःसंदेह अशोष्य है तथा यह आत्मा नित्य, सर्वव्यापी, अचल, स्थिर रहने वाला और सनातन है॥,24॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
दूसरों के काम में कमियाँ न निकालें। आप निर्णय लेने में थोड़ी बहुत चूक कर सकते हैं। परिवार के लोगों से अपने सम्बन्ध अच्छे रखें। पति-पत्नी के बीच सम्बन्धों में दबाव महसूस होगा। समय रहते हुये मामलों को सुलझा लें। जरूरी काम लम्बित हो सकते हैं।

🐂वृषभ
कारोबारियों के लिये दिन बहुत शुभ है। नौकरीपेशा लोगों को आधिकारिक यात्रा करनी पड़ सकती है। समाज में आपकी योग्यता की प्रशंसा होगी। कार्यक्षेत्र में आपके प्रदर्शन में सुधार होगा। कम समय में उच्चतम गुणवत्ता का काम करेंगे।

👫मिथुन
मित्रों के स्वभाव में आया अचानक बदलाव आपको दुखी करेगा। अपनी गुप्त बातें किसी से शेयर न करें। परिवार की इच्छाओं के लिये आपको त्याग करना पड़ सकता है। अत्यधिक काम के कारण आपको आराम नहीं मिलेगा जिसके कारण थकान महसूस हो सकती है। जल्दबाज़ी में कोई बड़ा निर्णय न लें।

🦀कर्क
व्यवसाय में कुछ धीमेपन के बाद अच्छी गति रहेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिन्ता हो सकती है। शेयर मार्केट में आप बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। विद्यार्थियों के लिये दिन बहुत अच्छा है। आप परोपकार के कार्यों में लगे रहेंगे। उधार दिया हुआ धन आपको वापस मिल सकता है।

🐅सिंह
आय के नये स्रोत बन सकते हैं। अवसरों का लाभ उठाने में चूक न करें। परिजनों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। राजनीति से जुड़े लोग अपनी कूटनीतिक क्षमता का परिचय देंगे। पैतृक व्यवसाय में तेजी आयेगी। पुरानी यादें दोबारा ताजा हो सकती है।

🙎‍♀️कन्या
छोटी-छोटी बातों पर विचलित होने से बचें। युवा प्रेम सम्बन्धों को लेकर सावधान रहें। माता-पिता की अवहेलना न करें। बनते कार्यों में रुकावटे आने की आशंका है। मन में नकारात्मक विचार जन्म ले सकते हैं। छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा करने से बचें।

⚖️तुला
नकारात्मक बातों पर ज्यादा ध्यान न दें। आज आपका मन कुछ अप्रसन्न रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपका प्रदर्शन कमजोर रहेगा। स्वास्थ्य को लेकर परेशानी हो सकती है। अपनी दिनचर्या को सन्तुलित रखें। गैरकानूनी कार्यों की तरफ रुचि लेना उचित नहीं है।

🦂वृश्चिक
पैतृक सम्पत्ति प्राप्त होने के योग बन रहे हैं। व्यापारिक गतिविधियाँ शानदार रहेंगी। घर के सभी सदस्य आपके ऊपर काफी प्रसन्न रहने वाले हैं। उच्च अधिकारी आपकी काफी प्रशंसा करेंगे। प्रेम सम्बन्धों में प्रगाढ़ता बढ़ेगी। अपनी रुचि के अनुसार काम करने से आप प्रसन्न होंगे।

🏹धनु
सम्पत्ति के क्रय-विक्रय से बड़ा धन लाभ होगा। घर में निकट सम्बन्धी और रिश्तेदार आ सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण अनुबन्ध होने के योग बन रहे हैं। दिल की बजाय दिमाग से काम लें। परिवार में आपसी प्रेम और स्नेह बढ़ेगा। जॉब में उच्च पद प्राप्त होगा।

🐊मकर
नयी नौकरी की शुरुआत करने के लिये दिन अच्छा है। कार्यक्षेत्र में प्रतिद्वंदिता के कारण परेशानी होगी। व्यर्थ की गतिविधियों में धन खर्च न करें। पढ़ाई में थोड़ी परेशानी होगी। खानपान में संयम रखें। नसों में खिंचाव और दर्द की शिकायत हो सकती है।

🍯कुम्भ
व्यवसाय में बड़ी डील को लेकर परेशानी हो सकती है। जॉब में आपका मन नहीं लगेगा। निजी मामलों को लेकर बाहरी लोगों से सलाह न लें। योग और व्यायाम करने से आप स्वस्थ रहेंगे। कोर्ट-कचहरी के मामलों को लेकर लापरवाही न करें। शत्रु आपके विरुद्ध सक्रिय रहेंगे।

🐟मीन
अविवाहित लड़कियों का विवाह तय हो सकता है। बीमार लोगों के स्वास्थ्य में सुधार होगा। व्यवसाय को लेकर बड़ा निर्णय ले सकते हैं। परिजनों के साथ बहुत अच्छा समय बितायेंगे। मीडिया से जुड़े लोगों के लिये दिन विशेष रूप से शुभ है। मांगलिक कार्यक्रमों में सम्मिलित हो सकते हैं।

*वृद्धसेवा का कर्म*

माथे का पसीना अपने दुपट्टे से पोंछती हुई ,नियति किचन से निकल कर आई और लिविंग रूम में रखे सोफे पर, धम्म से बैठ गई। थकान से पूरा शरीर दर्द कर रहा था उसका। सितंबर का महीना था और पितृपक्ष चल रहे थे। आज उसके ससुर जी का श्राद्ध था। बस थोड़ी देर पहले ही पण्डित जी और कुछ रिश्तेदार भोजन ग्रहण कर घर से गए थे।
सबने उसके हाथ के बनाए भोजन की खूब तारीफ़ की थी,खासकर उसकी बनाई हुई खीर सबको खूब पसंद आई थी। सभी मेहमान तृप्त होकर गए थे। इस बात की संतुष्टि साफ झलक रही थी नियति के चेहरे पर।
कहते है यदि पितृ श्राद्ध में भोजन करने वाले लोग तृप्त होकर जाएं तो समझ लीजिए आपके पितृ भी तृप्त हो गए।
“चलो ज़रा खीर चखी जाए । मैं भी तो देखूं कैसी बनी है खीर, जो सब इतनी तारीफ कर रहे थे।”
बुदबुदाते हुए नियति, एक कटोरी में थोड़ी सी खीर लिए वापस लिविंग रूम में आ गई। ड्राई फ्रूट्स से भरी हुई खीर वाकई बहुत स्वदिष्ट बनी थी।
वैसे नियति को मीठा ज्यादा पसंद नही था। पति और बच्चे भी मीठे से ज्यादा ,चटपटे व्यंजन पसंद करते थे तो खीर घर में कभी कभार ही बनती थी।
पर एक व्यक्ति थे घर में ,जो खीर के दीवाने थे। वो थे नियति के ससुर , स्वर्गीय मणिशंकर जी। वे अक्सर अपनी पत्नी ,उमा से खीर बनाने को कहा करते और उमा जी भी ,खूब प्रेम से उनके लिए खीर बनाया करती किंतु उमा जी के स्वर्गवास के बाद सब बदल गया।
एक बार मणि शंकर जी ने नियति से कहा ” बहु थोड़ी खीर बना दे ,आज बहुत जी कर रहा है खीर खाने को।”
इतना सुनते ही नियति उन पर बरस पड़ी थी
” क्या पिता जी, आपको पता है ना घर में आपके अलावा और कोई खीर नहीं खाता। अब मैं स्पेशियली आपके लिए खीर नहीं बना सकती और भी बहुत काम रहते है मुझे घर पर ,और बुढ़ापे में इतना चटोरापन अच्छा नहीं। ”
बहु से इस तरह के व्यवहार की कल्पना भी नहीं की थी मणिशंकर जी ने। दिल को बहुत ठेस पहुंची थी उनके। उस दिन वे अपनी स्वर्गवासी पत्नी को याद कर, खूब रोए। बस उस दिन से उन्होंने नियति से कुछ भी कहना बंद कर दिया।कभी कभी बहुत इच्छा होती उन्हें खीर खाने की। पर बहु के डर से उन्होंने अपनी इस इच्छा को भी दबा दिया।
कुछ दिन बाद मणि शंकर जी भी इस संसार को छोड़ चले गए। परंतु खीर खाने की इच्छा उनके मन में ही रह गई।
कहते हैं श्राद्ध में पितरों का मनपसंद भोजन यदि
पंडितों को खिला दो तो पितृ देव प्रसन्न हो जाते हैं इसीलिए तो आज नियति ने खीर बनाई थी।
” चलो आज बाबूजी की आत्मा को भी तृप्ति मिल गई होगी। उनकी मनपसंद खीर जो बनाई थी आज ।” नियति मुस्कुराते हुए बुदबुदाई और बची हुई खीर खाने लगी।
तभी उसके कानो में एक आवाज सुनाई दी ” बहु थोड़ी खीर खिला दे आज बहुत जी कर रहा है खीर खाने का।”
एक बार, दो बार, कई बार ये आवाज नियति के कानों में गूंजने लगी।
ये उसके ससुरजी की आवाज़ थी। नियति थर थर कांपने लगी। उसने सुना था कि पितृ पक्ष में पितृ धरती पर विचरण करते है। डर के मारे नियति के हाथ से खीर की कटोरी छटक कर ज़मीन पर गिर गई।
उसने दोनो हाथ अपने कानों पर रख दिए। उसे अपने ससुर जी से किया हुआ दुर्व्यवहार याद आ गया। अनायास ही उसके आंखों से पश्ताचाप की अश्रु धारा फूट पड़ी।
अब कमरे में एक अजीब सी शांति थी। सब कुछ एक दम शांत । अशांत था तो बस, नियति का मन। वो अब ये जान गई थी कि जो तृप्ति आप एक मनुष्य को उसके जीते जी दे सकते है, वो तृप्ति आप उसके मरणोपरांत, हजारों दान पुण्य या पूजा पाठ से कभी नहीं दे सकते इसलिये बुजुर्गों की जीते जी सेवा मरणोपरांत श्राद्ध कर्म से बहुत बेहतर है।

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