*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -गाय औऱ बाघ*
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कलियुगाब्द………………………5125
विक्रम संवत्……………………..2080
शक संवत्………………………..1945
मास………………………………..पौष
पक्ष……………………………….कृष्ण
तिथी……………………………..दशमी
रात्रि 12.37 पर्यंत पश्चात एकादशी
रवि………………………….दक्षिणायन
सूर्योदय (इंदौर)……प्रातः 07.08.03 पर
सूर्यास्त…………..संध्या 05.56.26 पर
सूर्य राशि……………………………धनु
चन्द्र राशि………………………….तुला
गुरु राशी……………………………मेष
नक्षत्र…………………………….स्वाति
रात्रि 09.12 पर्यंत पश्चात विशाखा
योग………………………………..धृति
दुसरे दिन प्रातः 06.05 पर्यंत पश्चात शूल
करण……………………………वणिज
दोप 12.16 पर्यंत पश्चात विष्टि
ऋतु……………………..(सहस्य) हेमंत
दिन…………………………….शनिवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
06 जनवरी सन 2024 ईस्वी ।
☸ शुभ अंक………………………6
🔯 शुभ रंग…………………….नीला
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.10 से 12.53 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 09.52 से 11.12 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त -*
*धनु*
05:41:33 07:50:34
*मकर*
07:50:34 09:34:23
*कुम्भ*
09:34:23 11:07:50
*मीन*
11:07:50 12:39:02
*मेष*
12:39:02 14:19:46
*वृषभ*
14:19:46 16:18:25
*मिथुन*
16:18:25 18:32:07
*कर्क*
18:32:07 20:48:17
*सिंह*
20:48:17 23:00:06
*कन्या*
23:00:06 25:10:46
*तुला*
25:10:46 27:25:23
*वृश्चिक*
27:25:23 29:41:33
🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा – यदि आवश्यक हो तो अदरक या उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.31 से 09.51 तक शुभ
दोप. 12.31 से 01.51 तक चर
दोप. 01.51 से 03.11 तक लाभ
दोप. 03.11 से 04.31 तक अमृत
संध्या 05.51 से 07.31 तक लाभ
रात्रि 09.11 से 10.51 तक शुभ ।
📿 *आज का मंत्र :-*
।। ॐ नारायणाय नम: ।।
📢 *संस्कृत सुभाषितानि -*
*श्रीमद्भगवतगीता (चतुर्थोऽध्यायः – ज्ञानकर्मसंन्यासयोगः) -*
सर्वाणीन्द्रियकर्माणि प्राणकर्माणि चापरे।
आत्मसंयमयोगाग्नौ जुह्वति ज्ञानदीपिते॥४-२७॥
अर्थात :
दूसरे योगी इन्द्रियों और प्राणों की सभी क्रियाओं को ज्ञान से प्रकाशित आत्म-संयम योग की अग्नि में हवन करते हैं ॥27॥
🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*लौंग की चाय पीने के लाभ -*
4. प्रतिरक्षा स्तर को बढ़ाने में सहायक लौंग की चाय आपके ज्वर को कम कर सकता है।
5. लौंग की चाय पीने से पेट की समस्याओं में निजात मिलता है। यदि आप खाना खाने से पहले लौंग की चाय पीते हैं तो लार के उत्पादन की प्रक्रिया तेज होती है और एसिडिटी की समस्या भी दूर हो जाती हैं तथा पेट दर्द भी कम हो जाता है।
6. बदबूदार सांसों और खासी के लिए लौंग को कारगर घरेलू उपचार माना गया है। इसके लिए आप लौंग से बनी गुनगुनी चाय से कुल्ला करें। आपको फायदा होगा।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर होगी। करियर बनाने के अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। पारिवारिक सहयोग से कार्य में आसानी होगी। जीवनसाथी से कहासुनी हो सकती है। दूसरों के कार्य में दखल न दें। प्रमाद से बचें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ होगा। आशंका-कुशंका के चलते कार्य की गति धीमी रह सकती है। घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
बुद्धि का प्रयोग करें। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। लाभ होगा।प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में विशेषकर स्त्रियां सावधानी रखें। कार्यों की गति धीमी रहेगी। निराशा हावी रहेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
नई आर्थिक नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। पुरानी व्याधि से परेशानी हो सकती है। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। समाजसेवा में रुझान रहेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। भाइयों का सहयोग मिलेगा। समय अनुकूल है। लाभ लें। प्रमाद न करें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
धर्म-कर्म में मन लगेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रभावशाली व्यक्तियों से परिचय होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। राजकीय अवरोध दूर होंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🙎🏻♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता रहेगी। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बनेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। समय अनुकूल है। प्रसन्नता रहेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। दूर से अच्छी खबर प्राप्त हो सकती है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। कोई बड़ा काम करने की योजना बनेगी। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर में अतिथियों पर व्यय होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। स्वास्थ्य पर बड़ा खर्च हो सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। आय में कमी रहेगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। यात्रा में जल्दबाजी न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। लाभ में वृद्धि होगी। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट से कार्य में रुकावट होगी। निवेश में जल्दबाजी न करें। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। जरूरी वस्तु गुम हो सकती है।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। विवेक का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। कोई बड़ी बाधा से सामना हो सकता है। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। रुका हुआ धन मिल सकता है। किसी अपने के व्यवहार से दु:ख होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी का ध्यान खुद की तरफ खींच पाएंगे।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
किसी पारिवारिक आनंदोत्सव में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ के असवर हाथ आएंगे। यात्रा में सावधानी रखें। शत्रु पस्त होंगे। विवाद न करें। बेचैनी रहेगी।
🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
व्यवसाय ठीक चलेगा। मातहतों का सहयोग नहीं मिलेगा। कोई बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। पारिवारिक चिंताएं रहेंगी। मेहनत अधिक तथा लाभ कम होगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। कुसंगति से बचें, हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी। प्रमाद न करें।
*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳*
*💐💐गाय औऱ बाघ💐💐*
एक गाय घास चरने के लिए एक जंगल में चली गई। शाम ढलने के करीब थी। उसने देखा कि एक बाघ उसकी तरफ दबे पांव बढ़ रहा है।
वह डर के मारे इधर-उधर भागने लगी। वह बाघ भी उसके पीछे दौड़ने लगा। दौड़ते हुए गाय को सामने एक तालाब दिखाई दिया। घबराई हुई गाय उस तालाब के अंदर घुस गई।
वह बाघ भी उसका पीछा करते हुए तालाब के अंदर घुस गया। तब उन्होंने देखा कि वह तालाब बहुत गहरा नहीं था। उसमें पानी कम था और वह कीचड़ से भरा हुआ था।
उन दोनों के बीच की दूरी काफी कम थी। लेकिन अब वह कुछ नहीं कर पा रहे थे। वह गाय उस कीचड़ के अंदर धीरे-धीरे धंसने लगी। वह बाघ भी उसके पास होते हुए भी उसे पकड़ नहीं सका। वह भी धीरे-धीरे कीचड़ के अंदर धंसने लगा। दोनों ही करीब करीब गले तक उस कीचड़ के अंदर फंस गए।
दोनों हिल भी नहीं पा रहे थे। गाय के करीब होने के बावजूद वह बाघ उसे पकड़ नहीं पा रहा था।
थोड़ी देर बाद गाय ने उस बाघ से पूछा, क्या तुम्हारा कोई गुरु या मालिक है?
बाघ ने गुर्राते हुए कहा, मैं तो जंगल का राजा हूं। मेरा कोई मालिक नहीं। मैं खुद ही जंगल का तन्विक(राजा) हूं।
गाय ने कहा, लेकिन तुम्हारी उस शक्ति का यहां पर क्या उपयोग है?
उस बाघ ने कहा, तुम भी तो फंस गई हो और मरने के करीब हो। तुम्हारी भी तो हालत मेरे जैसी ही है।
गाय ने मुस्कुराते हुए कहा,…. बिलकुल नहीं। मेरा मालिक जब शाम को घर आएगा और मुझे वहां पर नहीं पाएगा तो वह ढूंढते हुए यहां जरूर आएगा और मुझे इस कीचड़ से निकाल कर अपने घर ले जाएगा। पर तुम्हें कौन ले जाएगा?
थोड़ी ही देर में सच में ही एक आदमी वहां पर आया और गाय को कीचड़ से निकालकर अपने घर ले गया।
जाते समय गाय और उसका मालिक दोनों एक दूसरे की तरफ कृतज्ञता पूर्वक देख रहे थे। वे चाहते हुए भी उस बाघ को कीचड़ से नहीं निकाल सकते थे, क्योंकि उनकी जान के लिए वह खतरा था।
*गाय —-समर्पित ह्रदय का प्रतीक है।*
*बाघ —-अहंकारी मन है।*
*और मालिक—- ईश्वर/रब का प्रतीक है।*
कीचड़—- यह संसार है।और यह संघर्ष—- अस्तित्व की लड़ाई है।
*💐💐शिक्षा💐💐*
किसी पर निर्भर नहीं होना अच्छी बात है, लेकिन मैं ही सब कुछ हूं, मुझे किसी के सहयोग की आवश्यकता नहीं है, यही अहंकार है, और यहीं से विनाश का बीजारोपण हो जाता है।
ईश्वर से बड़ा इस दुनिया में सच्चा हितैषी कोई नहीं होता, क्यौंकि वही अनेक रूपों में हर क्षण हमारी रक्षा करते है।