*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -बुराई पर अच्छाई की जीत*
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कलियुगाब्द…………………….5125
विक्रम संवत्……………………2080
शक संवत्………………………1945
रवि…………………………..उत्तरायण
मास……………………………फाल्गुन
पक्ष……………………………….शुक्ल
तिथी……………………………..नवमी
रात्रि 10.53 पर्यंत पश्चात दशमी
सूर्योदय………….प्रातः 06.32.48 पर
सूर्यास्त………….संध्या 06.37.12 पर
सूर्य राशि………………………….मीन
चन्द्र राशि……………………….मिथुन
गुरु राशि…………………………..मेष
नक्षत्र…………………………….आर्द्रा
संध्या 06.12 पर्यंत पश्चात पुनर्वसु
योग…………………………..सौभाग्य
दोप 04.38 पर्यंत पश्चात शोभन
करण……………………………बालव
प्रातः 10.18 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु……………………(तपस्य) शिशिर
दिन……………………………सोमवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
18 मार्च सन 2024 ईस्वी ।
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.10 से 12.58 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 08.05 से 09.35 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मीन*
06:24:12 07:55:10
*मेष*
07:55:10 09:35:55
*वृषभ*
09:35:55 11:34:34
*मिथुन*
11:34:34 13:48:16
*कर्क*
13:48:16 16:04:26
*सिंह*
16:04:26 18:16:15
*कन्या*
18:16:15 20:26:54
*तुला*
20:26:54 22:41:32
*वृश्चिक*
22:41:32 24:57:42
*धनु*
24:57:42 27:03:19
*मकर*
27:03:19 28:50:25
*कुम्भ*
28:50:25 30:24:12
🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक………………..9
🔯 शुभ रंग………………सफ़ेद
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 06.35 से 08.04 तक अमृत
प्रात: 09.34 से 11.04 तक शुभ
दोप. 02.03 से 03.33 तक चंचल
अप. 03.33 से 05.03 तक लाभ
सायं 05.03 से 06.32 तक अमृत
सायं 06.32 से 08.02 तक चंचल
रात्रि 11.03 से 12.33 तक लाभ |
📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ ईशानाय नमः ॥
📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (चतुर्थोऽध्यायः – ज्ञानकर्मसंन्यासयोगः) -*
न कर्तृत्वं न कर्माणि लोकस्य सृजति प्रभुः।
न कर्मफलसंयोगं स्वभावस्तु प्रवर्तते॥५-१४॥
अर्थात :
आत्मा मनुष्य के न तो कर्तापन की, न कर्मों की और न कर्मफल के संयोग की रचना करता है, किन्तु इसमें स्वभाव (प्रकृति ) ही कारण है ॥14॥
🍃 *आरोग्यं :-*
*खाने से जुड़ी इन जरूरी बातों का रखें ध्यान -*
– सब्जियों को पकाने में अधिक समय न लगाएं। ध्यान रखें, सब्जियां न तो ज्यादा पकी हों और न ही कच्ची
– चीनी की जगह शहद या गुड़, मैदे की जगह चोकरयुक्त आटा और दलिया खाएं।
– अदरक का एक छोटा-सा टुकड़ा (हाथ के अंगूठे के नाखून के तीसरे हिस्से के बराबर) लें और उसे तवे पर भून लें। इस टुकड़े के ठंडा होने के बाद इस पर थोड़ा-सा सेंधा नमक लगाएं। अब इस टुकड़े को खाना खाने से करीब पांच मिनट पहले खा लें। इससे भूख बढ़ती है और पाचन सही रहता है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। प्रसन्नता तथा संतुष्टि रहेगी। यात्रा मनोरंजक हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय में नए प्रयोग किए जा सकते हैं। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धन प्राप्ति सुगम होगी। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। कार्यभार व अधिकार में वृद्धि हो सकती है।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
विवाद को बढ़ावा न दें। बेवजह कहासुनी हो सकती है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। थकान व कमजोरी रह सकते हैं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। धनहानि की आशंका है। व्यापार-व्यवसाय में धीमापन रह सकता है। आय में निश्चितता रहेगी। समय शीघ्र सुधरेगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
मित्रों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। यात्रा सफल रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी दूसरे व्यक्ति के काम में हस्तक्षेप न करें। विवाद होगा।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों व संबंधियों से मुलाकात होगी। कारोबार में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। प्रमाद न करें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति हो सकती है। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देगा। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
💁♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। आय में कमी होगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। बेकार बातों पर बिलकुल ध्यान न दें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नया काम मिलेगा। नए अनुबंध होंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। समय की अनुकूलता रहेगी, लाभ लें। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
कार्यस्थल पर सुधार व परिवर्तन हो सकता है। योजना फलीभूत होगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रुके कार्यों में गति आएगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। प्रमाद न करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
अध्यात्म में रुझान रहेगा। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति लाभदायक बनेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। आसपास का वातावरण सुखद रहेगा। पार्टनरों तथा भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। विवेक का प्रयोग करें। प्रमाद न करें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि की आशंका बनती है, सावधानी आवश्यक है। लेन-देन में जल्दबाजी से बचें। आय बनी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार-व्यवसाय की गति धीमी रहेगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। धनहानि भी आशंका है।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
भूमि-भवन व मकान-दुकान इत्यादि की खरीद-फरोख्त मनोनुकूल लाभ देगी। बेरोजगारी दूर होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। चारों तरफ से सफलता मिलेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। उत्साह बना रहेगा। चिंता तथा तनाव कम होंगे।
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
*_🛕जय श्री राम🙏_*
*💐💐बुराई पर अच्छाई की जीत💐💐*
*श्री प्रेमानंद जी महाराज का एकांतिक वार्तालाप जरूर सुने-*
प्रबुद्ध नाम का बटेर था जो कि स्वभाव से बड़ा दयालु और परोपकारी था | वह हर एक जीव को अपने समान ही मानता है और इसलिए कभी किसी कीट – पतंग को मारकर अपना भोजन नहीं बनाता था तथा दूसरे पशु – पक्षियों को भी ऐसा करने से मना किया करता था |
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वह प्रतिदिन पक्षियों को उपदेश भी देता था कि किसी जीव – जंतु को मारकर पेट भरना अच्छा नहीं है | ईश्वर ने पेट भरने के लिए तरह – तरह के फल और अनाज दिए है तो क्यों न हम उनसे अपना पेट भरे |
बटेर का उपदेश दूसरे पक्षियों को तो बहुत अच्छा लगता था, पर चील को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था | वह मन ही मन बटेर से जला करती थी और उसको नुकसान पहुचाने की दृष्टि से बाकि पक्षियों से उसकी बुराई किया करती थी |
बटेर जानता था कि चील उससे जलती है और उसके विरुद्ध पक्षियों को भड़काती है | किन्तु फिर भी वह उसकी बातों का बुरा नहीं मानता था और न ही अच्छाई का साथ छोड़ता |
एक दिन दोपहर के समय सभी पक्षी दाने – चारे के लिए बाहर चले गए | घोसले में केवल उनके अंडे और छोटे – छोटे बच्चे रह गए थे | उस वक्त बटेर भी अपने घोंसले में आराम कर रहा था | तभी सहसा उसके कानों में चीखने और चिल्लाने की आवाज सुनाई पड़ी | वह तुरंत अपने घोंसले से बाहर निकला और इधर – उधर देखने लगा |
वह यह देखकर स्तब्ध हो गया कि चील के घोंसले की ओर धीरे – धीरे एक काला साप बढ़ रहा है | बच्चे उसी को देखकर चीख – चिल्ला रहे है |
बटेर तीव्र गति से उड़कर नाग के पास जा पहुंचा और बोला, “अपनी कुशलता चाहते हो तो भाग जाओ ! अगर घोंसले के अंदर घुसने की कोशिश की तो मैं शोर मचा दूंगा और तब तुम्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है |”
नाग ने उत्तर दिया, “चील तुम्हारे साथ इतना बुरा व्यवहार करती है फिर भी तुम उसके बच्चों की रक्षा कर रहे हो | जाओं तूप आराम करों | मुझे चील के बच्चों को खाने दो क्योंकि चील बड़ी दुष्ट प्रकृति की है |”
बटेर ने कहा, “चील मेरी बुराई चाहती है तो चाहने दो लेकिन मैं तो केवल भला करना चाहता हूँ | चील अपना काम करती है, और मैं अपना काम करूँगा | मेरे रहते तुम चील के बच्चों को नहीं खा सकते | इसके लिए मुझे अपने प्राण ही क्यों न देने पड़े, पर मैं चील के बच्चों की रक्षा अवश्य करूँगा |
बटेर की बात सुनकर नाग क्रुद्ध हो उठा | वह फुफकारता हुआ बोला, “ मुझसे बैर मोल ले रहे हो, तुम्हे पछताना पड़ सकता है | एक बार फिर सोच लो |”
बटेर ने उत्तर दिया, “सोच लिया है | बहुत करोगो, काट ही लोगो न | मरना तो एक दिन है ही ! अच्छा है, बुराई को मार कर मरू | तुम्हें जो कुछ करना है कर लेना मगर मैं तुम्हे चील के बच्चों को खाने नहीं दूंगा |”
हार मानकार नाग को वहां से जाना पड़ा | संध्या होने पर जब चील अपने घोंसले में वापस लौटी तो उसके बच्चों ने बटेर की बड़ी प्रसंशा करते हुए बोले अगर आज बटेर चाचा न होते तो दुष्ट नाग हम लोगों को निगल जाता |
अपने बच्चों के मुंह से बटेर की तारीफ सुनकर चील क्रुद्ध हो बोली उसकी इतनी हिम्मत कि वह मेरे घोंसले तक आ पहुंचा | मैं उस बटेर से इसका बदला ले कर रहूंगी |
चील कई दिनों तक मन – ही – मन सोच विचार करती रही | आखिर उसे बटेर से बदला लेने का एक उपाय सूझा कि क्यों न गिद्ध को ही बटेर के खिलाफ भड़का दे तो वह जरुर मेरी मदद करेगा |
चील एक दिन गिद्ध के घर गई और थोड़ी देर इधर – उधर की बाते करने के बाद बोली – हे गिद्धराज ! बटेर इस तरह का प्रचार कर रहा है कि किसी को भी जीव की हत्या नहीं करनी चाहिए | लेकिन महाराज अगर उसका प्रचार सफल हो गया तो आपको भूखा मरना पड़ेगा | क्योंकि जीवों को मारे बिना आप का काम नहीं चल सकता |
चील की बात सुनकर गिद्ध आवेश में आ गया और बोला, “अच्छा बटेर ऐसा कहता है तब तो उसका प्रबंध करना ही पड़ेगा ।”
चील और गिद्ध ने बटेर को मार डालने का निश्चय किया। दोनों ने तय किया कि कल अर्धरात्रि में जब सभी पक्षी सोते रहेंगे, तो वे दोनों बटेर के घोंसले पर हमला कर उसे मार देंगे।
दूसरे दिन अर्धरात्रि को जब सभी पक्षी अपने – अपने घोंसले में सो रहे थे तब गिद्ध और चील दबे पांव बटेर के घोंसले के पास जा पहुंचे, दोनों ने बड़े आश्चर्य के साथ देखा कि उनसे पहले ही एक काला नाग धीरे – धीरे बटेर के घोंसले की ओर बढ़ रहा था। यह वही काला नाग था जिसे बटेर ने चील के बच्चों को खाने से रोका था। संयोग की बात, वह भी उसी वक्त बटेर से बदला लेने के लिए आया था ।
चुकि चील, गिद्ध और नाग की पहले से ही शत्रुता है | अत: जैसे ही उन्होंने एक दूसरे को देखा तो बटेर को हानि पहुंचना भूल गए और तीनों आपस में ही लड़ने लगे।
तीनों की चीख – पुकार सुनकर सभी पक्षी अपने – अपने घोंसले से बाहर आ गए | लड़ाई इतना भयंकर था कि कोई भी उन्हें बचा न सका और तीनो आपस में लड़कर मर गए।