उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -विद्या बड़ी या बुद्धि*


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:- 08/04/2024, सोमवार*
*अमावस्या, कृष्ण पक्ष,*
*चैत्र*
(समाप्ति काल)

तिथि——– अमावस्या 23:49:51 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र– उत्तराभाद्रपदा10:11:41
योग———– ऐन्द्र 18:12:38
करण——- चतुष्पद 13:34:26
करण———– नाग 23:49:51
माह———————– चैत्र
चन्द्र राशि—————– मीन
सूर्य राशि—————– मीन
रितु———————– वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————- शोभकृत
संवत्सर (उत्तर)————— पिंगल
विक्रम संवत————– 2080
गुजराती संवत———— 2080
शक संवत—————- 1945
कलि संवत————— 5124
सूर्योदय————— 06:03:00
सूर्यास्त—————- 18:39:12
दिन काल————- 12:36:12
रात्री काल———— 11:22:43
चंद्रोदय—————- 06:22:12
चंद्रास्त—————- 18:22:13
लग्न—- मीन 24°29′ , 354°29′
सूर्य नक्षत्र—————— रेवती
चन्द्र नक्षत्र——— उत्तरा भाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

ञ—- उत्तरा भाद्रपदा 10:11:41

दे—-रेवती 15:30:39

दो—- रेवती 20:50:07

च—- रेवती 26:10:12

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मीन 24:10, रेवती 3 च
चन्द्र=मीन 14:30 , उ o भा o 4 ञ
बुध =मेष 01:53′ अश्विनी 1 चू
शु क्र= मीन 09°05, उ o भाo ‘ 2 थ
मंगल=कुम्भ 18°30 ‘ शतभिषा’ 4 सू
गुरु=मेष 24°30 भरणी , 4 लो
शनि=कुम्भ 20°50 ‘ शतभिषा ,4 सू
राहू=(व) मीन 21°35 रेवती , 2 दो
केतु=(व) कन्या 21°35 हस्त , 4 ठ

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 07:38 – 09:12 अशुभ
यम घंटा 10:47 – 12:21 अशुभ
गुली काल 13:56 – 15: 30अशुभ
अभिजित 11:56 – 12:46 शुभ
दूर मुहूर्त 12:46 – 13:37 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:18 – 16:08 अशुभ
वर्ज्यम 20:50 – 22:15 अशुभ
प्रदोष 18:39 – 20:57 शुभ

💮गंड मूल 10:12 – अहोरात्र अशुभ

🚩पंचक ⁴ अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:03 – 07:38 शुभ
काल 07:38 – 09:12 अशुभ
शुभ 09:12 – 10:47 शुभ
रोग 10:47 – 12:21 अशुभ
उद्वेग 12:21 – 13:56 अशुभ
चर 13:56 – 15:30 शुभ
लाभ 15:30 – 17:05 शुभ
अमृत 17:05 – 18:39 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 18:39 – 20:05 शुभ
रोग 20:05 – 21:30 अशुभ
काल 21:30 – 22:55 अशुभ
लाभ 22:55 – 24:21* शुभ
उद्वेग 24:21* – 25:46* अशुभ
शुभ 25:46* – 27:11* शुभ
अमृत 27:11* – 28:37* शुभ
चर 28:37* – 30:02* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 06:03 – 07:06
शनि 07:06 – 08:09
बृहस्पति 08:09 – 09:12
मंगल 09:12 – 10:15
सूर्य 10:15 – 11:18
शुक्र 11:18 – 12:21
बुध 12:21 – 13:24
चन्द्र 13:24 – 14:27
शनि 14:27 – 15:30
बृहस्पति 15:30 – 16:33
मंगल 16:33 – 17:36
सूर्य 17:36 – 18:39

🚩होरा, रात
शुक्र 18:39 – 19:36
बुध 19:36 – 20:33
चन्द्र 20:33 – 21:30
शनि 21:30 – 22:27
बृहस्पति 22:27 – 23:24
मंगल 23:24 – 24:21
सूर्य 24:21* – 25:17
शुक्र 25:17* – 26:14
बुध 26:14* – 27:11
चन्द्र 27:11* – 28:08
शनि 28:08* – 29:05
बृहस्पति 29:05* – 30:02

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मीन > 04:02 से 05:28 तक
मेष > 05:28 से 08:20 तक
वृषभ > 08:20 से 09:14 तक
मिथुन > 09:14 से 11:24 तक
कर्क > 11:24 से 13:54 तक
सिंह > 13:54 से 15:58 तक
कन्या > 15:58 से 18:14 तक
तुला > 18:14 से 20:04 तक
वृश्चिक > 20:04 से 22:28 तक
धनु > 22:28 से 00:28 तक
मकर > 00:28 से 02:30 तक
कुम्भ > 02:30 से 03:56 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-सोम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 15 + 2 + 1 = 33 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*सूर्य ग्रहण (भारत में अमान्य)*

*सोमवती अमावस्या*

*देवपितृकार्य अमावस्या*

*संवत्सर समाप्त (सनातन वर्ष समाप्त)*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

वयसः परिणामेऽपि यः खलः खलः एव सः ।
सम्पक्वमपि माधुर्यं नापयातीन्द्रवारुणम् ।।
।। चा o नी o।।

जो व्यक्ति अपने बुढ़ापे में भी मुर्ख है वह सचमुच ही मुर्ख है. उसी प्रकार जिस प्रकार इन्द्र वरुण का फल कितना भी पके मीठा नहीं होता.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: कर्मसन्यास योग अo-05

सन्न्यासः कर्मयोगश्च निःश्रेयसकरावुभौ ।,
तयोस्तु कर्मसन्न्यासात्कर्मयोगो विशिष्यते ॥,

श्री भगवान बोले- कर्म संन्यास और कर्मयोग- ये दोनों ही परम कल्याण के करने वाले हैं, परन्तु उन दोनों में भी कर्म संन्यास से कर्मयोग साधन में सुगम होने से श्रेष्ठ है॥,2॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। जल्दबाजी न करें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। भाइयों से कहासुनी हो सकती है। आय बनी रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। नौकरी में सहकर्मी विरोध कर सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, धैर्य रखें।

🐂वृष
कोर्ट व कचहरी में लाभ की स्थिति बनेगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। पिछले लंबे समय से रुके कार्य बनेंगे। प्रसन्नता रहेगी। दूसरों से अपेक्षा न करें। घर-परिवार की चिंता रहेगी। अज्ञात भय सताएगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। व्यापार लाभदायक रहेगा। प्रयास करें।

👫मिथुन
भूमि व भवन संबंधित कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यापार अच्‍छा चलेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। मातहतों का सहयोग मिलेगा। कर्ज की रकम चुका पाएंगे। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। आलस्य न करें। निवेश शुभ रहेगा।

🦀कर्क
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। शत्रु परास्त होंगे। व्यापार ठीक चलेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर संयम रखें। अनहोनी की आशंका रहेगी। पारिवारिक जीवन सुख-शांति से बीतेगा। प्रसन्नता रहेगी।

🐅सिंह
बेवजह दौड़धूप रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कोई शोक समाचार मिल सकता है। अपेक्षित कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद संभव है। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। आय बनी रहेगी। दूसरों को कार्य में हस्तक्षेप न करें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं।

🙍‍♀️कन्या
सामाजिक कार्य करने का मन बनेगा। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। नए काम करने की इच्छा बनेगी। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। मनोरंजन का वक्त मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

⚖️तुला
पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। मित्रों तथा पारिवारिक सदस्यों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। शत्रुओं का पराभव होगा। प्रमाद न करें।

🦂वृश्चिक
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। रोजगार प्राप्ति होगी। किसी बड़ी समस्या का हल निकलेगा। प्रसन्नता रहेगी। भाग्य अनुकूल है। लाभ लें। प्रमाद न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🏹धनु
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। यात्रा में कोई चीज भूलें नहीं। फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। लापरवाही न करें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। विवेक का प्रयोग करें। लाभ होगा। लाभ में कमी रह सकती है। नौकरी में कार्यभार रहेगा। आलस्य न करें।

🐊मकर
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा लाभदायक रहेगी। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। व्यवसाय में अधिक ध्यान देना पड़ेगा। किसी अपने का व्यवहार दु:ख पहुंचाएगा। कानूनी समस्या हो सकती है।

🍯कुंभ
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। योजना फलीभूत होगी। किसी बड़ी समस्या का हल एकाएक हो सकता है। प्रसन्नता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। आय में वृद्धि होगी। सुख के साधनों पर व्यय होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। प्रमाद न करें।

🐟मीन
कानूनी सहयोग मिलेगा। लाभ में वृद्धि होगी। रुके कार्यों में गति आएगी। तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। शेयर मार्केट से लाभ होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यापार में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ रहेगा। थकान महसूस हो सकती है। आलस्य हावी रहेगा।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

*!! विद्या बड़ी या बुद्धि !!*
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किसी ब्राह्मण के चार पुत्र थे। उनमें परस्पर गहरी मित्रता थी। चारों में से तीन शास्त्रों में पारंगत थे, लेकिन उनमें बुद्धि का अभाव था। चौथे ने शास्त्रों का अध्ययन तो नहीं किया था, लेकिन वह था बड़ा बुद्धिमान।

एक बार चारों भाइयों ने परदेश जाकर अपनी-अपनी विद्या के प्रभाव से धन अर्जित करने का विचार किया। चारों पूर्व के देश की ओर चल पड़े।

रास्ते में सबसे बड़े भाई ने कहा- ‘हमारा चौथा भाई तो निरा अनपढ़ है। राजा सदा विद्वान व्यक्ति का ही सत्कार करते हैं। केवल बुद्धि से तो कुछ मिलता नहीं। विद्या के बल पर हम जो धन कमाएँगे, उसमें से इसे कुछ नहीं देंगे। अच्छा तो यही है कि यह घर वापस चला जाए।’

दूसरे भाई का विचार भी यही था। किंतु तीसरे भाई ने उनका विरोध किया। वह बोला-‘हम बचपन से एक साथ रहे हैं, इसलिए इसको अकेले छोड़ना उचित नहीं है। हम अपनी कमाई का थोड़ा-थोड़ा हिस्सा इसे भी दे दिया करेंगे।’ अतः चौथा भाई भी उनके साथ लगा रहा।

रास्ते में एक घना जंगल पड़ा। वहाँ एक जगह हड्डियों का पंजर था। उसे देखकर उन्होंने अपनी-अपनी विद्या की परीक्षा लेने का निश्चय किया। उनमें से एक ने हड्डियों को सही ढंग से एक स्थान पर एकत्रित कर दिया। वास्तव में ये हड्डियाँ एक मरे हुए शेर की थीं।

दूसरे ने बड़े कौशल से हड्डियों के पंजर पर मांस एवं खाल का अवरण चढ़ा दिया। उनमें उसमें रक्त का संचार भी कर दिया। तीसरा उसमें प्राण डालकर उसे जीवित करने ही वाला था कि चौथे भाई ने उसको रोकते हुए कहा, ‘तुमने अपनी विद्या से यदि इसे जीवित कर दिया तो यह हम सभी को जान से मार देगा।’

तीसरे भाई ने कहा, ‘तू तो मूर्ख है!’मैं अपनी विद्या का प्रयोग अवश्य करुँगा और उसका फल भी देखूँगा।’ चौथे भाई ने कहा, ‘तो फिर थोड़ी देर रुको। मैं इस पेड़ पर चढ़ जाऊँ, तब तुम अपनी विद्या का चमत्कार दिखाना।’ यह कहकर चौथा भाई पेड़ पर चढ़ गया।

तीसरे भाई ने अपनी विद्या के बल पर जैसे ही शेर में प्राणों का संचार किया, शेर तड़पकर उठा और उन पर टूट पड़ा। उसने पलक झपकते ही तीनों अभिमानी विद्वानों को मार डाला और गरजता हुआ चला गया। उसके दूर चले जाने पर चौथा भाई पेड़ से उतरकर रोता हुआ घर लौट आया।

*शिक्षा:-*
इसीलिए कहा गया है कि विद्या से बुद्धि श्रेष्ठ होती है।

*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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