धर्म-कर्मराशिफल

आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- ईश्वर का न्याय।


*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:- 19/04/2024, शुक्रवार*
*एकादशी, शुक्ल पक्ष,*
*चैत्र*
समाप्ति काल)

तिथि———– एकादशी 20:04:10 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——————- मघा 10:55:41
योग—————— वृद्वि 25:43:24
करण—————– वणिज 06:46:24
करण————— विष्टि भद्र 20:04:10
वार————————– शुक्रवार
माह————————– चैत्र
चन्द्र राशि——————– सिंह
सूर्य राशि——————— मेष
रितु————————– वसंत
आयन———————– उत्तरायण
संवत्सर———————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ———– कालयुक्त
विक्रम संवत—————— 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय——————— 05:51:43
सूर्यास्त——————— 18:45:06
दिन काल——————- 12:53:22
रात्री काल——————- 11:05:40
चंद्रोदय——————— 14:53:08
चंद्रास्त———————- 27:54:05
लग्न—- मेष 5°15′, 5°15′
सूर्य नक्षत्र——————- अश्विनी
चन्द्र नक्षत्र——————- मघा
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

मे—- मघा 10:55:41

मो—- पूर्वा फाल्गुनी 17:42:18

टा—- पूर्वा फाल्गुनी 24:29:12

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मेष 05:10, अश्विनी 2 चे
चन्द्र=सिंह 10:30 , मघा 4 मे
बुध =मीन 23:53′ रेवती 3 च
शु क्र= मीन 22°05, रेवती ‘ 2 दो
मंगल=कुम्भ 26°30 ‘ पूoभाo’ 2 सो
गुरु=मेष 26°30 कृतिका , 1 अ
शनि=कुम्भ 21°50 ‘ पू o भा o ,1 से
राहू=(व) मीन 20°50 रेवती , 2 दो
केतु=(व) कन्या 20°50 हस्त , 4 ठ

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 10:42 – 12:18 अशुभ
यम घंटा 15:32 – 17:08 अशुभ
गुली काल 07:28 – 09: 05अशुभ
अभिजित 11:53 – 12:44 शुभ
दूर मुहूर्त 08:26 – 09:18 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:44 – 13:36 अशुभ
वर्ज्यम 19:58 – 21:46 अशुभ
प्रदोष 18:45 – 20:59 शुभ

🚩गंड मूल 05:52 – 10:56 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 05:52 – 07:28 शुभ
लाभ 07:28 – 09:05 शुभ
अमृत 09:05 – 10:42 शुभ
काल 10:42 – 12:18 अशुभ
शुभ 12:18 – 13:55 शुभ
रोग 13:55 – 15:32 अशुभ
उद्वेग 15:32 – 17:08 अशुभ
चर 17:08 – 18:45 शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 18:45 – 20:08 अशुभ
काल 20:08 – 21:32 अशुभ
लाभ 21:32 – 22:55 शुभ
उद्वेग 22:55 – 24:18* अशुभ
शुभ 24:18* – 25:41* शुभ
अमृत 25:41* – 27:04* शुभ
चर 27:04* – 28:28* शुभ
रोग 28:28* – 29:51* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 05:52 – 06:56
बुध 06:56 – 08:01
चन्द्र 08:01 – 09:05
शनि 09:05 – 10:10
बृहस्पति 10:10 – 11:14
मंगल 11:14 – 12:18
सूर्य 12:18 – 13:23
शुक्र 13:23 – 14:27
बुध 14:27 – 15:32
चन्द्र 15:32 – 16:36
शनि 16:36 – 17:41
बृहस्पति 17:41 – 18:45

🚩होरा, रात
मंगल 18:45 – 19:41
सूर्य 19:41 – 20:36
शुक्र 20:36 – 21:32
बुध 21:32 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:22
शनि 23:22 – 24:18
बृहस्पति 24:18* – 25:13
मंगल 25:13* – 26:09
सूर्य 26:09* – 27:04
शुक्र 27:04* – 27:59
बुध 27:59* – 28:55
चन्द्र 28:55* – 29:51

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

मेष > 04:48 से 06:26 तक
वृषभ > 06:26 से 08:26 तक
मिथुन > 08:26 से 10:44 तक
कर्क > 10:44 से 13:14 तक
सिंह > 13:14 से 15:18 तक
कन्या > 15:18 से 17:34 तक
तुला > 17:34 से 19:24 तक
वृश्चिक > 19:24 से 21:48 तक
धनु > 21:48 से 23:48 तक
मकर > 23:48 से 01:54 तक
कुम्भ > 01:54 से 03:16 तक
मीन > 03:16 से 04:44 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें।
लाभ में व्यापार करें।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें।

*💮दिशा शूल ज्ञान—————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते हैl
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु चलl*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय:ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं।।*
*महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत्।।*

11 + 6 + 1 = 18 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक हैl

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभा रूढ़ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 06:47 से रात्रि 20:04 तक

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*कामदा एकादशी व्रत (सर्वेषां)*

*फूलडोल एकादशी*

*ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ (निरयण)*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

बन्धाय विषयासङ्गं मुक्त्यै निर्विषयं मनः।
मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः।।
।। चा o नी o।।

यदि विषय बहुत प्रिय है तो वो बंधन में डालते है. विषय सुख की अनासक्ति से मुक्ति की और गति होती है. इसीलिए मुक्ति या बंधन का मूल मन ही है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: कर्मसन्यास योग अo-05

न कर्तृत्वं न कर्माणि लोकस्य सृजति प्रभुः।,
न कर्मफलसंयोगं स्वभावस्तु प्रवर्तते।,

परमेश्वर मनुष्यों के न तो कर्तापन की, न कर्मों की और न कर्मफल के संयोग की रचना करते हैं, किन्तु स्वभाव ही बर्त रहा है॥,14॥

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
मित्रों तथा संबंधियों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्य पूर्ण होंगे। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। नए काम मिलेंगे। आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। नए लोगों से परिचय होगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। घर-परिवार की चिंता रहेगी।

🐂वृष
बड़ों की सलाह मानें, लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कानूनी अड़चन से सामना हो सकता है। हड़बड़ी न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। चिंता बनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से हानि होगी।

👫मिथुन
यात्रा लाभदायक रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्ति के योग हैं, प्रयास करें। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। उत्साह तथा प्रसन्नता से काम कर पाएंगे। थकान व कमजोरी रह सकती है। व्यस्तता रहेगी। जीवन सुखमय बीतेगा।

🦀कर्क
आशंका-कुशंका के चलते निर्णय लेने की क्षमता कम हो सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति के योग हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। नौकरी में पदोन्नति संभव है। धन प्राप्ति सुगम होगी। उत्साह से काम कर पाएंगे। अच्‍छी खबरें प्राप्त होंगी।

🐅सिंह
घर में मेहमानों का आगमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में चैन रहेगा। नए मित्र बनेंगे। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम न लें।

🙍‍♀️कन्या
स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों से सहयोग प्राप्त होगा। कोई कारोबारी बड़ा सौदा लाभ दे सकता है। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। जल्दबाजी न करें।

⚖️तुला
चोट व दुर्घटना से हानि तथा पीड़ा का योग बनता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें, क्लेश हो सकता है। पार्टनरों से मतभेद हो सकता है। शारीरिक‍ शिथिलता रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न उठाएं।

🦂वृश्चिक
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ प्राप्त होगा। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। काम में मन लगेगा। नौकरी में कोई नया काम कर पाएंगे। प्रमाद न करें। शत्रु परास्त होंगे।

🏹धनु
बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। उत्साह में कमी रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। दौड़धूप अधिक रहेगी। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। अपने काम पर ध्यान दें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी।

🐊मकर
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में अधिकारी वर्ग प्रसन्नता जाहिर करेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश इत्यादि मनोनुकूल लाभ देंगे। पारिवारिक सहयोग मिलने से प्रसन्नता, उत्साह व संतुष्टि रहेंगे। कुसंगति से बचें। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। कानूनी अड़चन दूर होगी।

🍯कुंभ
व्यापार-व्यवसाय में लाभ के योग हैं। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। नौकरी मे प्रभाव बढ़ेगा। उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उत्साह वृद्धि होगी। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। धनार्जन सुगम होगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।

🐟मीन
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। बुद्धि का प्रयोग करें। प्रमाद से बचें। रोजगार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होगी।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*🌳 ईश्वर का न्याय 🌳*

एक दिन मार्ग में एक महात्मा जी अपने शिष्य के साथ भ्रमण पर निकले।

गुरुजी को ज्यादा इधर-उधर की बातें करना पसंद नहीं था, कम बोलना और शांतिपूर्वक अपना कर्म करना ही गुरू जी को प्रिय था।

परन्तु शिष्य बहुत चपल था, उसे सदैव इधर-उधर की बातें ही सूझती, उसे दूसरों की बातों में बड़ा ही आनंद आता था।

चलते हुए जब वो तालाब से होकर गुजर रहे थे, तो उन्होंने देखा कि एक धीवर नदी में जाल डाले हुए है।

शिष्य यह सब देख खड़ा हो गया और धीवर को ‘अहिंसा परमोधर्म’ का उपदेश देने लगा।

किन्तु धीवर कहाँ समझने वाला था, पहले उसने टालमटोल करनी चाही और बात जब बहुत बढ़ गयी तो शिष्य और धीवर के बीच झगड़ा शुरू हो गया।

यह झगड़ा देख गुरूजी जो उनसे बहुत आगे बढ़ गए थे, लौटे और शिष्य को अपने साथ चलने को कहा एवं शिष्य को पकड़कर ले चले।

गुरूजी ने अपने शिष्य से कहा- बेटा हम जैसे साधुओं का काम सिर्फ समझाना है, लेकिन ईश्वर ने हमें दंड देने के लिए धरती पर नहीं भेजा है !

शिष्य ने पुछा- महाराज को न तो बहुत से दण्डों के बारे में पता है और न ही हमारे राज्य के राजा बहुतों को दण्ड देते हैं. तो आखिर इसको दण्ड कौन देगा ?

शिष्य की इस बात का उत्तर देते हुए गुरूजी ने कहा- बेटा ! तुम निश्चिंत रहो इसे भी दण्ड देने वाली एक अलौकिक शक्ति इस दुनिया में है जिसकी पहुँच सभी जगह है… ईश्वर की दृष्टि चारो और है और वो सब जगह पहुँच जाते हैं।

इसलिए अभी तुम चलो, इस झगड़े में पड़ना गलत होगा, इसलिए इस झगड़े से दूर रहो..!

शिष्य गुरुजी की बात सुनकर संतुष्ट हो गया और उनके साथ चल दिया।

इस बात को ठीक दो वर्ष ही बीते थे कि एक दिन गुरूजी और शिष्य दोनों उसी तालाब से होकर गुजरे, शिष्य भी अब दो साल पहले की वह धीवर वाली घटना भूल चूका था..

उन्होंने उसी तालाब के पास देखा कि एक चुटीयल साँप बहुत कष्ट में था उसे हजारों चीटियाँ नोच-नोच कर खा रही थीं.

शिष्य ने यह दृश्य देखा और उससे रहा नहीं गया, दया से उसका ह्रदय पिघल गया था।

वह सर्प को चींटियों से बचाने के लिए जाने ही वाला था कि गुरूजी ने उसके हाथ पकड़ लिए और उसे जाने से मना करते हुए कहा-बेटा ! इसे अपने कर्मों का फल भोगने दो..

यदि अभी तुमने इसे रोकना चाहा तो इस बेचारे को फिर से दुसरे जन्म में यह दुःख भोगने होंगे क्योंकि कर्म का फल अवश्य ही भोगना पड़ता है |

शिष्य ने गुरूजी से पुछा- गुरूजी इसने कौन-सा कर्म किया है जो इस दुर्दशा में यह फँसा है ?

गुरू महाराज बोले- यह वही धीवर है जिसे तुम दो वर्ष पूर्व इसी स्थान पर मछली न मारने का उपदेश दे रहे थे और वह तुम्हारे साथ लड़ने के लिए आग-बबूला हुआ जा रहा था।

वे मछलियाँ ही चींटी है जो इसे नोच-नोचकर खा रही है..

यह सुनते ही बड़े आश्चर्य से शिष्य ने कहा- गुरूजी, यह तो बड़ा ही विचित्र न्याय है।

गुरुजी ने कहा- बेटा ! इसी लोक में स्वर्ग-नरक के सारे दृश्य मौजूद हैं, हर क्षण तुम्हें ईश्वर के न्याय के नमूने देखने को मिल सकते हैं।

चाहे तुम्हारे कर्म शुभ हो या अशुभ उसका फल तुम्हें भोगना ही पड़ता है।

इसलिए ही वेद में भगवान ने उपदेश देते हुए कहा है- अपने किये कर्म को हमेशा याद रखो,

यह विचारते रहो कि तुमने क्या किया है, क्योंकि ये सच है कि तुमको वहाँ भोगना पड़ेगा..

जीवन का हर क्षण कीमती है इसलिए इसे बुरे कर्म के साथ व्यर्थ जाने मत दो. अपने खाते में सदैव अच्छे कर्मों की बढ़ोत्तरी करो क्योंकि तुम्हारे अच्छे कर्मों का परिणाम बहुत सुखद रूप से मिलेगा।

इसका उल्टा भी उतना ही सही है, तुम्हारे बुरे कर्मों का फल भी एक दिन बुरे तरीके से भुगतना पड़ेगा. इसलिए कर्मों पर ध्यान दो क्योंकि वो ईश्वर हमेशा न्याय ही करता है..
.
शिष्य गुरुजी की बात स्पष्ट रूप से समझ चूका था…
.
दोस्तों, हम चाहे इस बात पर विश्वास करें या नहीं लेकिन यह शत्-प्रतिशत सच है कि ईश्वर हमेशा सही न्याय करते हैं।

और उनके न्याय करने का सीधा सम्बन्ध हमारे अपने कर्मों से है. यदि हमने अपने जीवन में बहुत अच्छे कर्म किये हैं या अच्छे कर्म कर रहे हैं तो उसी के अनुरूप ईश्वर हमारे साथ न्याय करेंगे।

यह जीवन हमें इसलिए मिला है ताकि हम कुछ ऐसे कार्य करें जिसको देखकर ईश्वर की आँखों में भी हमारे प्रति प्रेम छलक उठे !!!

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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