उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- कर्म.


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 15/09/2024, रविवार*
*द्वादशी, शुक्ल पक्ष,*
*भाद्रपद*
(समाप्ति काल)

तिथि——— द्वादशी 18:11:39 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———–श्रवण 18:48:09
योग———- अतिगंड 15:12:26
करण————– बव 07:30:52
करण———– बालव 18:11:39
करण———– कौलव 28:44:13
वार———————– रविवार
माह———————- भाद्रपद
चन्द्र राशि—– मकर 29:43:39
चन्द्र राशि—————— कुम्भ
सूर्य राशि—————— सिंह
रितु————————– शरद
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर———————क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)———— कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2080
शक संवत—————- 1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————– 06:05:42
सूर्यास्त————— 18:22:23
दिन काल———— 12:16:41
रात्री काल————- 11:43:45
चंद्रोदय————– 16:43:05
चंद्रास्त—————- 27:46:41
लग्न—- सिंह 28°28′ , 148°28′
सूर्य नक्षत्र———उत्तरा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र—————— श्रवण
नक्षत्र पाया——————- ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

खू—- श्रवण 07:44:28

खे—- श्रवण 13:17:24

खो—-श्रवण 18:48:09

गा—- धनिष्ठा 24:16:51

गी—- धनिष्ठा 29:43:39

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= सिंह 28°05, उ oफाo 1 टे
चन्द्र= मकर 15°30 , श्रवण 2 खु
बुध =सिंह 15°53′ पू o फाo 1 मो
शु क्र= कन्या 25°05, चित्रा’ 1 पे
मंगल=मिथुन 11°30 ‘ आर्द्रा ‘ 2 घ
गुरु=वृषभ 26°30 मृगशिरा , 1 वे
शनि=कुम्भ 21°50 ‘ पू o भा o ,1 से
राहू=(व) मीन 13°05 उo भा o, 3 झ
केतु= (व)कन्या 13°05 हस्त 1 पू

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 16:50 – 18:22 अशुभ
यम घंटा 12:14 – 13:46 अशुभ
गुली काल 15:18 – 16: 50अशुभ
अभिजित 11:49 – 12:39 शुभ
दूर मुहूर्त 16:44 – 17:33 अशुभ
वर्ज्यम 22:28 – 23:55 अशुभ
प्रदोष 18:22 – 20:45. शुभ

🚩पंचक ¹ 29:44* – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 06:06 – 07:38 अशुभ
चर 07:38 – 09:10 शुभ
लाभ 09:10 – 10:42 शुभ
अमृत 10:42 – 12:14 शुभ
काल 12:14 – 13:46 अशुभ
शुभ 13:46 – 15:18 शुभ
रोग 15:18 – 16:50 अशुभ
उद्वेग 16:50 – 18:22 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
शुभ 18:22 – 19:50 शुभ
अमृत 19:50 – 21:18 शुभ
चर 21:18 – 22:46 शुभ
रोग 22:46 – 24:14* अशुभ
काल 24:14* – 25:42* अशुभ
लाभ 25:42* – 27:10* शुभ
उद्वेग 27:10* – 28:38* अशुभ
शुभ 28:38* – 30:06* शुभ

💮होरा, दिन
सूर्य 06:06 – 07:07
शुक्र 07:07 – 08:08
बुध 08:08 – 09:10
चन्द्र 09:10 – 10:11
शनि 10:11 – 11:13
बृहस्पति 11:13 – 12:14
मंगल 12:14 – 13:15
सूर्य 13:15 – 14:17
शुक्र 14:17 – 15:18
बुध 15:18 – 16:20
चन्द्र 16:20 – 17:21
शनि 17:21 – 18:22

🚩होरा, रात
बृहस्पति 18:22 – 19:21
मंगल 19:21 – 20:20
सूर्य 20:20 – 21:18
शुक्र 21:18 – 22:17
बुध 22:17 – 23:16
चन्द्र 23:16 – 24:14
शनि 24:14* – 25:13
बृहस्पति 25:13* – 26:12
मंगल 26:12* – 27:10
सूर्य 27:10* – 28:09
शुक्र 28:09* – 29:08
बुध 29:08* – 30:06

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

सिंह > 02:58 से 05:20 तक
कन्या > 05:20 से 07:30 तक
तुला > 07:30 से 09: 42 तक
वृश्चिक > 09:42 से 12:04 तक
धनु > 12:04 से 14:14 तक
मकर > 14:14 से 17:08 तक
कुम्भ > 17:08 से 17:34 तक
मीन > 17:34 से 19:06 तक
मेष > 19:06 से 20:30 तक
वृषभ > 20:30 से 22:38 तक
मिथुन > 22:38 से 00:50 तक
कर्क > 00:50 से 03:20 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

12 + 1 + 1 = 14 ÷ 4 = 2 शेष
मृत्यु लोक पर आकाश वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*प्रदोष व्रत (शिव पूजन)*

*श्री वामन जयंती*

*भुवनेश्वरी देवी जयंती*

*ओणम (केरल)*

*इंजीनियर दिवस*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

गूढमैथुनचारित्वं काले काले च संग्रहम् ।
अप्रमत्तमविश्वासं पञ्च शिक्षेच्च वायसात् ।।
।। चा o नी o।।

कौवे से ये पाच बाते सीखे… १. अपनी पत्नी के साथ एकांत में प्रणय करे. २. नीडरता ३. उपयोगी वस्तुओ का संचय करे. ४. सभी ओर दृष्टी घुमाये. ५. दुसरो पर आसानी से विश्वास ना करे.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विभूतियोग अo-10

न मे विदुः सुरगणाः प्रभवं न महर्षयः ।,
अहमादिर्हि देवानां महर्षीणां च सर्वशः ॥,

मेरी उत्पत्ति को अर्थात्‌ लीला से प्रकट होने को न देवता लोग जानते हैं और न महर्षिजन ही जानते हैं, क्योंकि मैं सब प्रकार से देवताओं का और महर्षियों का भी आदिकारण हूँ॥,2॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
पुराने संगी-साथी व रिश्तेदारों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे। अच्‍छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। कार्यों में गति आएगी। विवेक का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। मित्रों के सहयोग से किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी।

🐂वृष
मेहनत सफल रहेगी। बिगड़े काम बनेंगे। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने के अवसर मिलेंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धनार्जन होगा।

👫मिथुन
लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। शोक संदेश मिल सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी के उकसाने में न आएं। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🦀कर्क
मेहनत का फल पूरा नहीं मिलेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पारिवारिक मांगलिक कार्य हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे।

🐅सिंह
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स के लिए सुनहरा मौका साबित हो सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार में वृद्धि के योग हैं। स्वास्थ्‍य कमजोर रहेगा। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे।

🙍‍♀️कन्या
शत्रुओं का पराभव होगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कोई बड़ा कार्य करने की योजना बन सकती है। कार्यसिद्धि होगी। सुख के साधनों पर व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।

⚖️तुला
वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग से हानि की आशंका है, सावधानी रखें। दूसरों के झगड़ों में हस्तक्षेप न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्षोभ होगा। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। व्यापार ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

🦂वृश्चिक
तीर्थदर्शन हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण व लाभदायक रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। शेयर मार्केट में जोखिम न लें। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। ध्यान रखें।

🏹धनु
आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य कर पाएंगे। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जोखिम न लें। भाइयों का सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।

🐊मकर
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लंबी यात्रा हो सकती है। लाभ होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। प्रशंसा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रमाद न करें।

🍯कुंभ
व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। किसी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। विवाद से बचें। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। व्यापार ठीक चलेगा। आय होगी। विवेक का प्रयोग करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।

🐟मीन
रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य हो जाने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश लाभदायक रहेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद से बचें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*🛕जय श्री राम🙏*

*💐💐कर्म💐💐*

एक राजा अपनी प्रजा का भरपूर ख्याल रखता था. राज्य में अचानक चोरी की शिकायतें बहुत आने लगीं. कोशिश करने से भी चोर पकड़ा नहीं गया।

हारकर राजा ने ढींढोरा पिटवा दिया कि जो चोरी करते पकडा जाएगा उसे मृत्युदंड दिया जाएगा. सभी स्थानों पर सैनिक तैनात कर दिए गए. घोषणा के बाद तीन-चार दिनों तक चोरी की कोई शिकायत नही आई।

उस राज्य में एक चोर था जिसे चोरी के सिवा कोई काम आता ही नहीं था. उसने सोचा मेरा तो काम ही चोरी करना है. मैं अगर ऐसे डरताk रहा तो भूखा मर जाउंगा. चोरी करते पकडा गया तो भी मरुंगा, भूखे मरने से बेहतर है चोरी की जाए।

वह उस रात को एक घर में चोरी करने घुसा. घर के लोग जाग गए. शोर मचाने लगे तो चोर भागा. पहरे पर तैनात सैनिकों ने उसका पीछा किया. चोर जान बचाने के लिए नगर के बाहर भागा।

उसने मुडके देखा तो पाया कि कई सैनिक उसका पीछा कर रहे हैं. उन सबको चमका देकर भाग पाना संभव नहीं होगा. भागने से तो जान नहीं बचने वाली, युक्ति सोचनी होगी।

चोर नगर से बाहर एक तालाब किनारे पहुंचा. सारे कपडे उतारकर तालाब मे फेंक दिया और अंधेरे का फायदा उठाकर एक बरगद के पेड के नीचे पहुंचा।

बरगद पर बगुलों का वास था. बरगद की जड़ों के पास बगुलों की बीट पड़ी थी. चोर ने बीट उठाकर उसका तिलक लगा लिया ओर आंख मूंदकर ऐसे स्वांग करने बैठा जैसे साधना में लीन हो।k

खोजते-खोजते थोडी देर मे सैनिक भी वहां पहुंच गए पर उनको चोर कहीं नजर नहीं आ रहा था. खोजते खोजते उजाला हो रहा था ओर उनकी नजर बाबा बने चोर पर पडी।

सैनिकों ने पूछा- बाबा इधर किसी को आते देखा है. पर ढोंगी बाबा तो समाधि लगाए बैठा था. वह जानता था कि बोलूंगा तो पकडा जाउंगा सो मौनी बाबा बन गया और समाधि का स्वांग करता रहा।

सैनिकों को कुछ शंका तो हुई पर क्या करें। कही सही में कोई संत निकला तो ? आखिरकार उन्होंने छुपकर उसपर नजर रखना जारी रखा. यह बात चोर भांप गया। जान बचाने के लिए वह भी चुपचाप बैठा रहा।

एक दिन, दो दिन, तीन दिन बीत गए बाबा बैठा रहा. नगर में चर्चा शुरू हो गई की कोई सिद्ध संत पता नही कितने समय से बिना खाए-पीए समाधि लगाए बैठै हैं. सैनिकों को तो उनके अचानक दर्शऩ हुए हैं।

नगर से लोग उस बाबा के दर्शन को पहुंचने लगे। भक्तों की अच्छी खासी भीड़ जमा होने लगी. राजा तक यह बात पहुंच गई। राजा स्वयं दर्शन करने पहुंचे. राजा ने विनती की आप नगर मे पधारें और हमें सेवा का सौभाग्य दें।

चोर ने सोचा बचने का यही मौका है. वह राजकीय अतिथि बनने को तैयार हो गया. सब लोग जयघोष करते हुए नगर में लेजा कर उसकी सेवा सत्कार करने लगे।

लोगों का प्रेम और श्रद्धा भाव देखकर ढोंगी का मन परिवर्तित हुआ. उसे आभास हुआ कि यदि नकली में इतना मान-संम्मान है तो सही में संत होने पर कितना सम्मान होगा. उसका मन पूरी तरह परिवर्तित हो गया और चोरी त्यागकर संन्यासी हो गया।

*💐शिक्षा💐*
संगति, परिवेश और भाव इंसान में अभूतपूर्व बदलाव ला सकता है। रत्नाकर डाकू को गुरू मिल गए तो प्रेरणा मिली और वह आदिकवि हो गए। असंत भी संत बन सकता है, यदि उसे राह दिखाने वाला मिल जाए।

अपनी संगति को शुद्ध रखिए, विकारों का स्वतः पलायन आरंभ हो जाएगा।

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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