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*उत्तराखंड -चार दिनों से उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 40 लोगों के इस समय ताज़ा हालात-सरकार द्वारा की गई कार्रवाई -पढे़ पूरी खबर*

देवभूमि जेके न्यूज 15 नवंबर 2023-

जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य के समीप निर्माणाधीन लगभग 4531 मीटर लंबी सुरंग सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मी निर्माण हो चुका है। उक्त सुरंग में दिनांक 12 नवंबर 2023 की प्रातः 8:45 पर सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अंदर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलवा सुरंग में गिरने के कारण 40 व्यक्ति फंस गए थे। कार्यदाई संस्था एन एच आई डी सी एल द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार फंसे हुए व्यक्तियों में से दो उत्तराखंड के ,एक हिमाचल के चार बिहार के ,तीन पश्चिम बंगाल के ,आठ उत्तर प्रदेश के, पांच उड़ीसा के 15 झारखंड के एवं दो असम के है। सुरंग के अंदर कंप्रेसर के माध्यम से निरंतरता में ऑक्सीजन प्रवाहित की जा रही है और दबाव युक्त हवा के साथ भोजन सामग्री के छोटे-छोटे पैकेट भी फंसे हुए व्यक्तियों तक पहुंचाए जा रहे हैं। फंसे हुए व्यक्तियों के साथ वॉकी-टॉकी के माध्यम से बातचीत की जा रही है और प्राप्त सूचना के अनुसार सभी व्यक्ति सुरक्षित है ।

संबंधित विशेषज्ञों से विचार विमर्श कर एन एच ए आई आर बी एन एल एन एल एल एंड टीटीएचडीसी बीआर ओ एवं एनएचआईडीसीएल के स्सेतर उपलब्ध कराए गए तकनीकी एवं अन्य उपकरणों व संसाधनों के द्वारा सुरंग के अंदर आए मलबे को युद्ध स्तर पर हटाए जाने का कार्य किया जा रहा है, तथा साथ-साथ सुरंग की दीवार पर शॉर्ट ग्रीटिंग का कार्य भी किया जा रहा है ।इसके साथ ही उपस्थिति विशेषज्ञों के परामर्श पर फंसे हुए मजदूर तक पहुंचाने के लिए मालवा हटाकर सेट्रिंग प्लेट लगाकर उन्हें निकालने के लिए सुरक्षित मार्ग तैयार किए जाने के प्रयास भी किया जा रहे हैं। परंतु सुरंग के ऊपरी भाग से आ रहे मलबे के कारण इस कार्य में लगातार बाधा पहुंच रही है।

मलवे के बीच स्टील पाइपों को धकेलना के लिए स्थापित की गई ड्रिलिंग मशीन के स्थान पर एक हाई पावर ड्रिलिंग मशीन को नई दिल्ली से नजदीकी एयरवेज चिनियालिसौंड़ तक पहुंचाया जा रहा है। साइट पर सभी व्यवस्थाएं की जा रही है और हाई पावर मशीन को शीघ्र ही स्थापित और संचालित किया जाएगा।

विशेषज्ञों के द्वारा 900 मीटर के स्टील पाइप को मलबे के आर पार स्थापित किए जाने का परामर्श दिया गया है ।वंचित संख्या में एमएस स्टील पाइप घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं जिन्हें सुरंग के अंदर स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है 900ma पाइप दो ट्रेन में कुल 8 पाइप तथा 800 एम ए पाइप एक ट्रक में कुल पांच पाइप जिनकी कुल लंबाई 30 मीटर एवं एक अन्य ट्रक में 6 पाइप घटनास्थल पर पहुंचाएं जा चुके हैं।

घटनास्थल पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया है जहां पर वर्टिकल ड्रिल मशीन होरिजेंटल ड्रिल मशीन वह शॉर्टकीट मशीन उपलब्ध है साथ ही सुरंग के बाहर तीन पोकलैंड दो जेसीबी 6 ट्रक एक हाइड्रो दो लोडर तैनात है तथा सुरंग के अंदर चार पोकलैंड 300 शाटक्रिटिंग मशीन दो बूमर दो हाइड्रा वह दो ट्रक कार्य कर रहे हैं।
पेयजल विभाग की विशेषज्ञ टीम स्टील पाइप को सफलता पूर्वक स्थापित किए जाने में सहायता के लिए परियोजना स्थल पर उपस्थित है ।खोज बचाव कार्य हेतु पुलिस ,एनडीआरएफ ,एसडीआरएफ, आईटीबीटी, सीमा सड़क संगठन, स्वास्थ्य विभाग ,व त्वरित कार्यवाही दल के सदस्य सहित कुल 160 राहत कर्मी घर घटनास्थल पर तैयार किए गए हैं।

त्वरित कार्रवाई की दृष्टिगत घटना स्थल से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्यालाना के पास अस्थाई हेलीपैड का निर्माण किया गया है तथा चिन्यालीसौड़ हेलीपैड को भी राहत कार्य हेतु चिन्हित किया गया है।

सुरंग में फंसे हुए व्यक्तियों के परिजनों की सुविधा हेतु आशंकाओं के निवारण एवं उनकी स्थिति की सही जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य जनपद प्रशासन के द्वारा इस घटना विशेष के लिए हेल्पलाइन की व्यवस्था की गई है जिसका नंबर है 01374 222 722 एवं 222 126 एवं 7500 3 37 269 जनपद आपातकालीन परिचालन केंद्र व मोबाइल नंबर 745599 12 23 एवं 7 81 80666 867 सिल्कवारा में स्थापित स्थलीय परिचालन केंद्र से संपर्क कर वहां की ताजा तरीन हालात पर जानकारी परिजन ले सकते हैं। सुरंग में से व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के उपरांत उन्हें तत्काल चिकित्सा लिए सुविधा उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीम विशेषज्ञ व उचित उपकरण औषधि एंबुलेंस सहित टनल गेट पर तैनात किए गए हैं। किसी भी विपरीत परिस्थिति में कार्रवाई हेतु निकटवर्ती जनपदों के चिकित्सालय के साथ ही एम्स ऋषिकेश को हाई अलर्ट पर रखा गया है, तथा ऑक्सीजन की निर्वाध आपूर्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन सिलेंडरों का बंदोबस्त भी किया गया है।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी मुख्य विकास अधिकारी पुलिस अधीक्षक अपर जिला अधिकारी उप जिला अधिकारी टुंडा और बड़कोट एनएचआईडीसीएल के मुख्य प्रबंधक एवं राजस्व टीम मौके पर मौजूद है ।

इस घटना के कारणों की जांच एवं तद् संबंधित आख्या तैयार कर उपलब्ध कराए जाने हेतु निदेशक उत्तराखंड भूसखलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित तकनीकी समिति जिसमें वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी की संस्थान केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग, भूगर्भ एवं खनिकर्म इकाई तथा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेषज्ञ सम्मिलित है उनके द्वारा घटनास्थल का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है।

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